हरियाणा के चरखी दादरी जिले के रिटायर्ड कर्नल को 22.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने में CBI की टीम को 7 दिन लगे। पहले राजस्थान के शिकायतकर्ता और अस्पताल संचालक के कपड़ों में बॉडी रिकॉर्डर छिपाया गया और फिर दोनों की बातचीत रिकॉर्ड की। फिर, शिकायतकर्ता को रकम देकर रिटायर्ड कर्नल के फार्महाउस पर भेजकर रुपए लेते वक्त गिरफ्तार किया गया। CBI अफसरों के मुताबिक रिटायर्ड कर्नल के साथी हिसार ECHS क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है। यह अधिकारी भी हाल ही में नायब सूबेदार रिटायर हुआ है। वहीं, बताया जा रहा है कि रिटायर कर्नल के 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 बेटी और 1 बेटा है। बेटा नेवी में लेफ्टिनेंट है, जबकि एक बेटी डॉक्टर है। एक दामाद यूपी के बरेली में IPS अधिकारी तो दूसरा सेना में मेजर है। कैसे CBI की गिरफ्त में आया रिटायर्ड कर्नल, अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़े … 16 अप्रैल को दी थी शिकायत
मेहता मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल राजगढ़, राजस्थान के डायरेक्टर डॉ. राकेश ने 16 अप्रैल 2025 को CBI चंडीगढ़ को इस संबंध में शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि उनका अस्पताल अप्रैल 2019 से 15 मार्च 2025 तक ECHS पैनल में है। कुछ दिन पहले 3 व्यक्तियों की एक टीम ने अस्पताल का दौरा किया और तीनों ने खुद को ECHS अधिकारी बताया। यह टीम 20 से ज्यादा ECHS कार्ड अपने साथ ले गई, जो रिटायर्ड सर्विसमैन इन कार्डों को अस्पताल में छोड़ गए थे। मगर, इस संबंध में उन्हें केस की कोई रसीद या दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। 25 लाख रिश्वत की मांग की
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि बाद में उसने रिटायर्ड कर्नल अमरजीत सिंह से कार्ड ले जाने के बारे में पूछा। उसे बताया गया कि इनमें बड़ी गड़बड़ी है। मामला सुलझाना चाहते हो तो 25 लाख रुपए देने होंगे। अमरजीत सिंह ने उसे बताया कि उसकी ECHS क्षेत्रीय केंद्र हिसार में कार्यरत मुकेश से बातचीत हो गई है। यदि 25 लाख रुपए की रिश्वत दोगे तो मामला सुलझा दिया जाएगा। आरोप है कि धमकी दी कि यदि राशि नहीं दी गई तो उनका अस्पताल ECHS पैनल से हटा दिया जाएगा। 22.5 लाख में तय हुई डील
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि इस संबंध में वह अमरजीत सिंह के कहने पर 2-3 बार मुकेश से मिलने के लिए हिसार भी गया। अमरजीत सिंह ने ही मुकेश के साथ उसकी मीटिंग करवाई और 25 लाख की जगह 22.50 लाख रुपए में डील तय हो गई। अमरजीत ने उसे आश्वासन दिलाया कि ये राशि देने पर संबंधित अधिकारी से मिलवाकर उसका काम करवा देंगे। शिकायतकर्ता का कहना है कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए वह बार-बार टाल रहा था। मगर, आरोपी रिश्वत देने का दबाव बना रहा था। इसके चलते उसने CBI से शिकायत की। ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाकर भेजा
शिकायत मिलने के बाद CBI की एंटी करप्शन टीम ने गुप्त रूप से जानकारी जुटाई कि रिटायर्ड कर्नल अमरजीत सिंह चरखी दादरी के फार्महाउस पर है। आरोपों की सच्चाई जानने के लिए टीम शिकायतकर्ता के साथ बाढड़ा पहुंची और गाड़ियों को लोहारू रोड पर हनुमान मंदिर के समीप पार्क कर दिया। इसके बाद टीम ने शिकायतकर्ता डॉ. राकेश को अमरजीत के फार्महाउस में भेजा। डॉ. राकेश का भिवानी जिले के लोहारू में भी अस्पताल है, जिनकी देखभाल डॉ. सुनील गोस्वामी करते है। डॉ. सुनील गोस्वामी को डॉ. राकेश के साथ भेजा गया। इससे पहले डॉ. राकेश के शरीर पर ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाया गया, ताकि सबूत के साथ अमरजीत को गिरफ्तार किया जा सके। करीब 3 घंटे बाद लौटे
शाम करीब 6 बजकर 54 मिनट पर बाढड़ा में हनुमान मंदिर के समीप से डॉ. राकेश और उसके साथी डॉ. सुनील गोस्वामी को रिटायर्ड कर्नल के फार्महाउस भेजा गया। रात करीब 9 बजकर 52 मिनट पर वे वापस लौटे। पूछने पर शिकायतकर्ता ने बताया कि बैठक के दौरान अमरजीत सिंह ने अपने मोबाइल को स्पीकर मोड पर रखकर दूसरे मुकेश कुमार उर्फ कुमार साहब को भी फोन किया। इस बातचीत के दौरान मुकेश कुमार ने उसके मेहता मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, राजगढ़, राजस्थान से ECHS कार्ड जब्त किए जाने के मामले के साथ-साथ कुछ अन्य मामलों पर भी चर्चा की। शिकायतकर्ता डॉ. राकेश के अनुसार रिटायर्ड कर्नल ने बिल पास करवाने के लिए उससे पहले भी रिश्वत की डिमांड की थी, लेकिन उस दौरान उसने रिश्वत नहीं दी थी। रिश्वत के लिए बुलाया फॉर्महाउस
मुकेश कुमार ने कॉल के दौरान आश्वासन दिया कि वह डॉ. राकेश कुमार (शिकायतकर्ता) के पक्ष में निर्णय सुनिश्चित करेंगे। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि बैठक के दौरान अमरजीत सिंह से ECHS कार्ड जब्त करने के मामले को निपटाने के लिए साढ़े 22 लाख की रिश्वत मांगी। रिश्वत मांगने से संबंधित तथ्य मिलने पर CBI ने आगे की कार्रवाई के लिए केस दर्ज किया गया। बाद में रिश्वत की राशि का प्रबंध किया गया। इसके बाद 22 अप्रैल को राकेश ने फोन से अमरजीत सिंह से बात की तो उसने कहा कि वह शहर से बाहर है। उसने रिश्वत की राशि देने के लिए 23 अप्रैल शाम को अपने फार्म हाउस आने के लिए कहा। इसके बाद डॉ. राकेश कुमार रिश्वत के रुपए लेकर वहां पहुंचा तो सीबीआई टीम ने अमरजीत को रंगे हाथ पकड़ लिया। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के रिटायर्ड कर्नल को 22.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने में CBI की टीम को 7 दिन लगे। पहले राजस्थान के शिकायतकर्ता और अस्पताल संचालक के कपड़ों में बॉडी रिकॉर्डर छिपाया गया और फिर दोनों की बातचीत रिकॉर्ड की। फिर, शिकायतकर्ता को रकम देकर रिटायर्ड कर्नल के फार्महाउस पर भेजकर रुपए लेते वक्त गिरफ्तार किया गया। CBI अफसरों के मुताबिक रिटायर्ड कर्नल के साथी हिसार ECHS क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है। यह अधिकारी भी हाल ही में नायब सूबेदार रिटायर हुआ है। वहीं, बताया जा रहा है कि रिटायर कर्नल के 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 बेटी और 1 बेटा है। बेटा नेवी में लेफ्टिनेंट है, जबकि एक बेटी डॉक्टर है। एक दामाद यूपी के बरेली में IPS अधिकारी तो दूसरा सेना में मेजर है। कैसे CBI की गिरफ्त में आया रिटायर्ड कर्नल, अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़े … 16 अप्रैल को दी थी शिकायत
मेहता मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल राजगढ़, राजस्थान के डायरेक्टर डॉ. राकेश ने 16 अप्रैल 2025 को CBI चंडीगढ़ को इस संबंध में शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि उनका अस्पताल अप्रैल 2019 से 15 मार्च 2025 तक ECHS पैनल में है। कुछ दिन पहले 3 व्यक्तियों की एक टीम ने अस्पताल का दौरा किया और तीनों ने खुद को ECHS अधिकारी बताया। यह टीम 20 से ज्यादा ECHS कार्ड अपने साथ ले गई, जो रिटायर्ड सर्विसमैन इन कार्डों को अस्पताल में छोड़ गए थे। मगर, इस संबंध में उन्हें केस की कोई रसीद या दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। 25 लाख रिश्वत की मांग की
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि बाद में उसने रिटायर्ड कर्नल अमरजीत सिंह से कार्ड ले जाने के बारे में पूछा। उसे बताया गया कि इनमें बड़ी गड़बड़ी है। मामला सुलझाना चाहते हो तो 25 लाख रुपए देने होंगे। अमरजीत सिंह ने उसे बताया कि उसकी ECHS क्षेत्रीय केंद्र हिसार में कार्यरत मुकेश से बातचीत हो गई है। यदि 25 लाख रुपए की रिश्वत दोगे तो मामला सुलझा दिया जाएगा। आरोप है कि धमकी दी कि यदि राशि नहीं दी गई तो उनका अस्पताल ECHS पैनल से हटा दिया जाएगा। 22.5 लाख में तय हुई डील
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि इस संबंध में वह अमरजीत सिंह के कहने पर 2-3 बार मुकेश से मिलने के लिए हिसार भी गया। अमरजीत सिंह ने ही मुकेश के साथ उसकी मीटिंग करवाई और 25 लाख की जगह 22.50 लाख रुपए में डील तय हो गई। अमरजीत ने उसे आश्वासन दिलाया कि ये राशि देने पर संबंधित अधिकारी से मिलवाकर उसका काम करवा देंगे। शिकायतकर्ता का कहना है कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए वह बार-बार टाल रहा था। मगर, आरोपी रिश्वत देने का दबाव बना रहा था। इसके चलते उसने CBI से शिकायत की। ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाकर भेजा
शिकायत मिलने के बाद CBI की एंटी करप्शन टीम ने गुप्त रूप से जानकारी जुटाई कि रिटायर्ड कर्नल अमरजीत सिंह चरखी दादरी के फार्महाउस पर है। आरोपों की सच्चाई जानने के लिए टीम शिकायतकर्ता के साथ बाढड़ा पहुंची और गाड़ियों को लोहारू रोड पर हनुमान मंदिर के समीप पार्क कर दिया। इसके बाद टीम ने शिकायतकर्ता डॉ. राकेश को अमरजीत के फार्महाउस में भेजा। डॉ. राकेश का भिवानी जिले के लोहारू में भी अस्पताल है, जिनकी देखभाल डॉ. सुनील गोस्वामी करते है। डॉ. सुनील गोस्वामी को डॉ. राकेश के साथ भेजा गया। इससे पहले डॉ. राकेश के शरीर पर ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाया गया, ताकि सबूत के साथ अमरजीत को गिरफ्तार किया जा सके। करीब 3 घंटे बाद लौटे
शाम करीब 6 बजकर 54 मिनट पर बाढड़ा में हनुमान मंदिर के समीप से डॉ. राकेश और उसके साथी डॉ. सुनील गोस्वामी को रिटायर्ड कर्नल के फार्महाउस भेजा गया। रात करीब 9 बजकर 52 मिनट पर वे वापस लौटे। पूछने पर शिकायतकर्ता ने बताया कि बैठक के दौरान अमरजीत सिंह ने अपने मोबाइल को स्पीकर मोड पर रखकर दूसरे मुकेश कुमार उर्फ कुमार साहब को भी फोन किया। इस बातचीत के दौरान मुकेश कुमार ने उसके मेहता मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, राजगढ़, राजस्थान से ECHS कार्ड जब्त किए जाने के मामले के साथ-साथ कुछ अन्य मामलों पर भी चर्चा की। शिकायतकर्ता डॉ. राकेश के अनुसार रिटायर्ड कर्नल ने बिल पास करवाने के लिए उससे पहले भी रिश्वत की डिमांड की थी, लेकिन उस दौरान उसने रिश्वत नहीं दी थी। रिश्वत के लिए बुलाया फॉर्महाउस
मुकेश कुमार ने कॉल के दौरान आश्वासन दिया कि वह डॉ. राकेश कुमार (शिकायतकर्ता) के पक्ष में निर्णय सुनिश्चित करेंगे। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि बैठक के दौरान अमरजीत सिंह से ECHS कार्ड जब्त करने के मामले को निपटाने के लिए साढ़े 22 लाख की रिश्वत मांगी। रिश्वत मांगने से संबंधित तथ्य मिलने पर CBI ने आगे की कार्रवाई के लिए केस दर्ज किया गया। बाद में रिश्वत की राशि का प्रबंध किया गया। इसके बाद 22 अप्रैल को राकेश ने फोन से अमरजीत सिंह से बात की तो उसने कहा कि वह शहर से बाहर है। उसने रिश्वत की राशि देने के लिए 23 अप्रैल शाम को अपने फार्म हाउस आने के लिए कहा। इसके बाद डॉ. राकेश कुमार रिश्वत के रुपए लेकर वहां पहुंचा तो सीबीआई टीम ने अमरजीत को रंगे हाथ पकड़ लिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
