सोलन जिले के अर्की स्थित अस्पताल में करीब ढाई महीनों से फेक्टर-8 इंजेक्शन की आपूर्ति पूरी तरह बंद है। इससे हीमोफीलिया के 8 मरीज प्रभावित हैं। इनमें 6 छोटे बच्चे और 2 व्यस्क शामिल हैं। इन मरीजों को हर सप्ताह एक या दो बार यह इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इसके लिए उनको सोलन या फिर शिमला जाना पड़ रहा है। मरीजों के तीमारदारों के अनुसार, समय पर इंजेक्शन नहीं लगने से उनकी जान को खतरा है। खून का थक्का न जमने से आंतरिक रक्तस्राव की आशंका रहती है। इंजेक्शन की कमी के कारण मरीजों को सोलन या शिमला के आईजीएमसी अस्पताल जाना पड़ रहा है। इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से अर्की अस्पताल में फेक्टर-8 इंजेक्शन की आपूर्ति जल्द शुरू करने की मांग की है। इससे मरीजों को दूर के अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। सीएमओ सोलन डॉ. राकेश प्रताप ने बताया कि वे हाल ही में पद पर आए हैं। वे इस मामले की जानकारी जुटा रहे हैं। उन्होंने जल्द ही मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सोलन जिले के अर्की स्थित अस्पताल में करीब ढाई महीनों से फेक्टर-8 इंजेक्शन की आपूर्ति पूरी तरह बंद है। इससे हीमोफीलिया के 8 मरीज प्रभावित हैं। इनमें 6 छोटे बच्चे और 2 व्यस्क शामिल हैं। इन मरीजों को हर सप्ताह एक या दो बार यह इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इसके लिए उनको सोलन या फिर शिमला जाना पड़ रहा है। मरीजों के तीमारदारों के अनुसार, समय पर इंजेक्शन नहीं लगने से उनकी जान को खतरा है। खून का थक्का न जमने से आंतरिक रक्तस्राव की आशंका रहती है। इंजेक्शन की कमी के कारण मरीजों को सोलन या शिमला के आईजीएमसी अस्पताल जाना पड़ रहा है। इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से अर्की अस्पताल में फेक्टर-8 इंजेक्शन की आपूर्ति जल्द शुरू करने की मांग की है। इससे मरीजों को दूर के अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। सीएमओ सोलन डॉ. राकेश प्रताप ने बताया कि वे हाल ही में पद पर आए हैं। वे इस मामले की जानकारी जुटा रहे हैं। उन्होंने जल्द ही मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
