भास्कर न्यूज |लुधियाना थाना डाबा की पुलिस ने एक युवक को 315 बोर की पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। आरोपी की पहचान जतिंदर सिंह के रूप में हुई है। जांच अधिकारी विशाखा सिंह ने बताया कि पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि सिमरन पैलेस के पास एक संदिग्ध युवक अवैध हथियार के साथ घूम रहा है। सूचना के आधार पर मौके पर दबिश दी गई, जहां से आरोपी को काबू किया गया। उसके पास से 315 बोर की पिस्तौल बरामद हुई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। भास्कर न्यूज |लुधियाना थाना डाबा की पुलिस ने एक युवक को 315 बोर की पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। आरोपी की पहचान जतिंदर सिंह के रूप में हुई है। जांच अधिकारी विशाखा सिंह ने बताया कि पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि सिमरन पैलेस के पास एक संदिग्ध युवक अवैध हथियार के साथ घूम रहा है। सूचना के आधार पर मौके पर दबिश दी गई, जहां से आरोपी को काबू किया गया। उसके पास से 315 बोर की पिस्तौल बरामद हुई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बलवंत सिंह राजोआना मामले में आज सुनवाई:29 साल से जेल में बंद; मौत की सजा माफी पर विचार 15 सालों से पेंडिंग
बलवंत सिंह राजोआना मामले में आज सुनवाई:29 साल से जेल में बंद; मौत की सजा माफी पर विचार 15 सालों से पेंडिंग पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सज़ा पर आज दोबारा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। राजोआना ने “असाधारण” और “अनुचित देरी” के आधार पर अपनी मौत की सज़ा माफ़ करने की अपील की है। याचिका में तर्क दिया गया है कि भारत सरकार ने उसकी दया याचिका पर फ़ैसला करने में काफ़ी समय लगाया है। वह लगभग 29 साल से जेल में है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि राजोआना की मौत की सजा का मामला तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे के कार्यकाल से लंबित है। उन्होंने कहा कि राजोआना 15 साल से मौत की सजा का सामना कर रहे हैं और पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद हैं। उन्होंने तर्क दिया कि अब उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। जिस पर मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस बी.आर. गवई ने कहा था- या तो आप निर्णय लें, अन्यथा हम इस मामले की मेरिट पर सुनवाई करेंगे। लेकिन हर मामला एक जैसा नहीं होता। कैद-ताउम्र की सजा का विकल्प भी होता है। जानें इससे पहले क्या हुआ जस्टिस बी.आर. गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई की। 18 नवंबर को कोर्ट ने अनुरोध किया था कि राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिका पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर निर्धारित समय सीमा में दया याचिका पर विचार नहीं किया गया, तो वह अंतरिम राहत देने के लिए याचिका पर विचार करेगा। हालांकि, ओपन कोर्ट में आदेश पारित करने के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तत्काल अपील की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे में “संवेदनशीलता” शामिल है और अनुरोध किया कि आदेश को हस्ताक्षरित और अपलोड न किया जाए। कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए आदेश को अंतिम रूप देने और अपलोड करने से परहेज किया। कोर्ट में यह दलीलें रखी गई वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (राजोआना के लिए) ने दया याचिका पर फैसला करने में देरी को “चौंकाने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति आज तक 29 वर्षों से लगातार हिरासत में है। मूल रूप से उसे 1996 में बम विस्फोट के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। रोहतगी की बात पूरी होने से पहले, न्यायमूर्ति गवई ने पंजाब के वकील से पूछा कि क्या जारी किए गए नोटिस के खिलाफ कोई जवाब दाखिल किया गया है। वकील ने जवाब दिया कि वे छुट्टी के कारण रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकते। इस पर गवई ने कहा कि न्यायालय पंजाब राज्य को जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय देने को तैयार है। 6 महीने में रिहा करने का दिया तर्क इसके बाद रोहतगी ने अंतरिम राहत के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि 29 साल बीत से जेल में है। उसकी दया याचिका निपटारा नहीं किया है, जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य लोगों को आजीवन कारावास में बदल दिया है। उसकी याचिका मई 2023 में पीठ द्वारा यह कहते हुए निपटा दी गई थी कि वे (संबंधित अधिकारी) नीयत समय में दया याचिका पर कार्रवाई करेंगे। डेढ़ साल बीत चुके हैं। एक आदमी जो अब 29 साल जेल में है, उसे 6 महीने या 3 महीने के लिए रिहा कर दिया जाए। वह एक समाप्त व्यक्ति है। कम से कम, उसे यह देखने दें कि बाहर क्या है….आप उसके अनुच्छेद 21 का पूर्ण उल्लंघन नहीं कर सकते। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राजोआना को किसी भी अंतरिम राहत का पुरजोर विरोध किया। याचिका में इस आधार पर उसकी रिहाई की भी मांग की गई है कि उसने अब तक कुल 28 वर्ष और 08 महीने की सजा काट ली है, जिसमें से 17 वर्ष उसने 8” x 10” की मृत्यु दंड सेल में मृत्यु दंड के दोषी के रूप में काटे हैं, जिसमें 2.5 वर्ष एकांत कारावास में काटे गए हैं। बेअंत सिंह कत्ल का आरोपी राजोआना पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का कत्ल 31 अगस्त 1995 को कर दिया गया था। बलवंत सिंह राजोआना के बयान के अनुसार, उसने और पंजाब पुलिस मुलाजिम दिलावर सिंह ने बेअंत सिंह को ह्यूमन बम से उड़ा दिया था। दिलावर सिंह ने ह्यूमन बम बनकर बेअंत सिंह पर हमला किया था। साजिश इस तरह रची गई थी कि अगर दिलावर फेल हो जाता तो राजोआना की तरफ से हमला किया जाना था। कोर्ट ने राजोआना को फांसी की सजा सुनाई थी।

ख़ालिस्तान समर्थक MP अमृतपाल पर बयान देकर फंसे जालंधर सांसद:कांग्रेस लीडरशिप का किनारा, कहा-ये चन्नी का व्यक्तिगत विचार, ना की कांग्रेस का
ख़ालिस्तान समर्थक MP अमृतपाल पर बयान देकर फंसे जालंधर सांसद:कांग्रेस लीडरशिप का किनारा, कहा-ये चन्नी का व्यक्तिगत विचार, ना की कांग्रेस का पंजाब की जालंधर लोकसभा सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल पर दिए गए बयानों पर फंसते हुए नजर आ रहे हैं। उनके उक्त बयान पर कांग्रेस की ही वरिष्ठ लीडरशिप द्वारा किनारा कर लिया गया है और सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद भी इस पर चुप्पी साध ली है। बता दें कि पंजाब में पहले से ही कांग्रेस में कलह चल रही है। ऐसे में एमपी चन्नी द्वारा दिए गए बयान को उक्त कलह से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश द्वारा कल यानी गुरुवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की गई। जिसमें उन्होंने लिखा कि “अमृतपाल सिंह पर सांसद चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं और किसी भी तरह से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को नहीं दर्शाते हैं।” जयराम रमेश द्वारा दिए गए इस बयान पर पंजाब में सियासत गरमा गई है। जयराम रमेश द्वारा दिए गए बयान के बाद वह अपनी ही पार्टी में अलग थलग होते हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि पार्टी ने अमृतपाल को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। चन्नी अपने इस बयान पर घिरे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने गुरुवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बीजेपी आपातकाल को जिम्मेदार ठहराती है। लेकिन देश में अभी भी अघोषित आपातकाल लागू है। उन्होंने कहा कि यह एक आपातकालीन स्थिति है कि संसद के एक निर्वाचित सदस्य पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जेल में डाल दिया गया। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं है। मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का मुद्दा उठाया सांसद चन्नी ने सदन में मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का अहम मुद्दा चंद शब्दों में उठाया। चन्नी ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है। गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाकर उन्हें अंदर रखा गया है। वह यहां अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं, यह इमरजेंसी है। उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर किसान अपने हक की बात करते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है। पहले भी विवादों में रहे चुके सांसद चरणजीत सिंह चन्नी बता दें कि ये पहली बार नहीं हुआ है कि कांग्रेस के लीडरशिप द्वारा चन्नी के बयान पर किनारा किया है। चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा पहले भी कई बार विवादित बयान दिए गए हैं। 1. लोकसभा चुनाव के दौरान चन्नी ने एक बयान दिया था कि पुंछ में हुआ हमला बीजेपी का स्टंट है। मगर फिर उन्होंने अपने उक्त बयान पर स्पष्टीकरण जारी किया था। 2. लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट न मिलने पर चौधरी परिवार द्वारा चन्नी का खुलकर विरोध किया गया था। इस दौरान फिल्लौर से विधायक बिक्रमजीत सिंह चौधरी के हलके में चन्नी के कुछ आपत्तिजनक पोस्टर वायरल हो गए थे। जिसमें वह एक महिला के पीछे से उंगली उठाकर छेड़ते हुए नजर आ रहे थे। 3. लोकसभा चुनाव के दौरान अकाली दल की वरिष्ठ नेत्री बीबी जागीर कौर की ठोढ़ी को छूते हुए का चन्नी का एक वीडियो वायरल हुआ था। बता दें कि नामांकन भरने के दौरान उक्त घटनाक्रम हुआ था, मगर बाद में चन्नी ने वीडियो जारी कर स्पष्टीकरण दिया था। 4. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते में चन्नी ने एक बयान दिया था कि उनकी सरकार अगर सत्ता में आती है तो वह पाकिस्तान बॉर्डर खोलेंगे। जिससे ड्रेड हो सके। 5. इससे पहले चन्नी मीटू केस में भी फंस चुके हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की सरकार के दौरान चन्नी ने एक महिला आईएएस अधिकारी को अश्लील मैसेज भेज दिया था। जिसके बाद उन्होंने उक्त मैसेज को लेकर माफी भी मांगी थी।

नवांशहर में CM के दौरे पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष नजरबंद:उद्घाटन कार्यक्रम में जाने से रोका, मंगपुर बोले- स्कूल कांग्रेस सरकार का प्रोजेक्ट
नवांशहर में CM के दौरे पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष नजरबंद:उद्घाटन कार्यक्रम में जाने से रोका, मंगपुर बोले- स्कूल कांग्रेस सरकार का प्रोजेक्ट पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर में कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय मंगपुर को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के दौरे के दौरान वे जिले की समस्याएं उठाना चाहते थे। मुख्यमंत्री मान जिले में ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ का उद्घाटन करने पहुंचे थे। मंगपुर ने कहा कि यह स्कूल पिछली कांग्रेस सरकार के समय से चल रहा है। इसके लिए फंड भी उसी समय मंजूर हुआ था। मंगपुर ने जिले की कई समस्याओं की ओर ध्यान खींचा। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सड़कों की हालत खराब है। पशु अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। सहयोगियों को भी मिलने से रोका पुलिस ने मंगपुर को उनके घर में नजरबंद कर दिया। उनके सहयोगियों को भी मिलने से रोका गया। मंगपुर ने कहा कि उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, लेकिन आवाज नहीं दबा सकते। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि फंड का इस्तेमाल बच्चों की शिक्षा के लिए करें, न कि फिजूल के उद्घाटनों पर। मंगपुर ने कहा कि विज्ञापन वाली सरकार के पास कम समय बचा है। जनता चुनाव में इस तानाशाही का जवाब देगी।