शिक्षा निदेशालय में आग लगी या लगाई गई?:1500 शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों से जुड़ी फाइलें राख; CCTV नहीं तो DVR क्यों सील किया?

शिक्षा निदेशालय में आग लगी या लगाई गई?:1500 शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों से जुड़ी फाइलें राख; CCTV नहीं तो DVR क्यों सील किया?

प्रयागराज के उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय में आग लगी या लगाई गई? इसका जवाब हर कोई जानना चाहता है। आग लगने से 2000 से ज्यादा ऐसी फाइलें जलकर राख हो गईं जो एडेड कॉलेजों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति से जुड़ी थीं। वहीं, कुछ ऐसी महत्वपूर्ण फाइलें भी जल गईं, जिसकी जांच CBCID कर रही थी। इसमें बलिया, आजमगढ़ की कई महत्वपूर्ण फाइलें शामिल हैं। आग लगने के बाद निदेशालय के AD माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया- CCTV के DVR सील किए गए हैं। जबकि हकीकत यह है कि जहां आग लगी, वहां CCTV लगे ही नहीं थे। ऐसे में जिम्मेदार अफसर अपने ही सवालों के घेरे में फंसते जा रहे हैं। वहीं, एक साल पहले ही निदेशालय के अंदर पूरी नई वायरिंग कराई गई है, ऐसे में शार्ट सर्किट होना भला कैसे संभव है? निदेशालय में लगी आग से किसको फायदा होगा? ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम निदेशालय के उस सेक्शन में पहुंची जहां पर आग लगी थी। पढ़िए रिपोर्ट… कर्मचारी बोले- इस सेक्शन में कोई CCTV है ही नहीं
शिक्षा निदेशालय के ग्राउंड फ्लोर पर जिस कमरे में आग लगी। वहां 3 अनुभाग हैं। पहला- सामान्य एक प्रथम, दूसरा- सामान्य एक द्वितीय, तीसरा- केंद्रीय रिसीट अनुभाग। सोमवार को हम यहां पहुंचे। कमरे के सभी दरवाजों के बाहर कुर्सी मेज लगाकर सील किया गया था। साथ ही गेट पर पट्टियां लगाई गईं थीं। कुछ फाइलें दरवाजे के बाहर जमीन पर पड़ी थीं। यहां कमरे के सामने से निदेशालय के कर्मचारी आ-जा रहे थे। हमने कर्मचारियों से इसका कारण पूछा। उन्होंने बताया कि आग के मामले में ही AD माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी समेत निदेशालय के सभी सीनियर अधिकारियों को लखनऊ में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने तलब किया है। पूछने पर नाम ना छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि यहां किसी भी सेक्शन में CCTV है ही नहीं। अग्निकांड में क्या-कुछ जला, ये समझिए… 20 साल से ज्यादा पुराने करप्शन से जुड़ी फाइलें जली
निदेशालय में जिस अनुभाग में आग भड़की, उस कमरे के बाहर कई अधजली फाइलें बिखरी थीं। हमने उन्हें ही देखना शुरू किया। इसमें एक फाइल बलिया के जेबी कृपलानी इंटर कॉलेज, जमालपुर की थी। यह फाइल लेक्चरर रणजीत कुमार सिंह और सहायक अध्यापक योगेंद्र नाथ सिंह से जुड़ी थी। इन दोनों की जांच CBCID द्वारा भी चल रही थी। इसी तरह, दूसरी अधजली फाइल भी बलिया से जुड़ी थी, जो अध्यापक मिहिर सिंह के नाम से थी। इसमें यह स्पष्ट लिखा था हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में जन्मतिथि में फेरबदल कर इनकी नियुक्ति की गई है। एक कर्मचारी ने बताया कि इसी तरह 1500 से ज्यादा शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति से जुड़ी फाइलें इसमें जलकर राख हो गई हैं। 4 प्वाइंट जो आग लगाए जाने की तरफ इशारा करते हैं… ACS ने पूछा- आखिर कैसे लगी आग, क्या जला?
शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना के दूसरे दिन सोमवार को अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने निदेशालय के अफसरों को तलब किया। लखनऊ स्थित कार्यालय में काफी देर तक पूछताछ की गई। उन्होंने पूछा आखिर महत्वपूर्ण सेक्शन में आग कैसे लगी और आग से क्या नुकसान हुए हैं? उन्होंने जली हुई फाइलों सहित अन्य मामले में काफी देर तक अलग-अलग वरिष्ठ शिक्षा अफसरों से पूछताछ किया। उन्होंने यह भी पूछा कि संबंधित अनुभाग के अलावा अन्य अनुभागों की फाइलें उस अनुभाग में कैसे पहुंची? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अफसरों का एक ही जवाब था कि संबंधित बाबू ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे सकते हैं। उस अनुभाग में दूसरे मामलों की फाइलें क्यों रखी गईं थी, हम लोग फाइलें देखने के बाद कार्रवाई के लिए फाइलें बाबू को ही देते हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से दिए गए ये जवाब शिक्षक नेता बोले- जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा- निदेशालय के महत्वपूर्ण सेक्शन में आग लगना यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। आग कैसे लगी? किन कारणों से लगी? इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पता चला है कि आग लगने से एडेड कॉलेजों और शिक्षकों से जुड़ी अहम महत्वपूर्ण फाइलें जली हैं। साक्ष्य मिटने की वजह से शिक्षकों पर कोई आंच न आए, इसलिए जांच जरूरी है। आग की घटना के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले दिनों में इस तरह की लापरवाही न होने पाए। ……………………. यह भी पढ़ें :
आग से लखनऊ समेत चार मंडल की सभी फाइलें राख:प्रयागराज के शिक्षा निदेशालय में आग लगने पर सवाल, उच्चस्तरीय कमेटी करेगी जांच प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय में संडे को लगी आग पर सवाल उठ रहे हैं। आग शार्ट सर्किट से लगी या लगाई गई, इसकी जांंच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बना दी गई है। जिस सेक्शन में आ लगी है उसे सील कर दिया गया है। इसके साथ ही उसमें लगी CCTV की DVR को भी सील कर दिया गया है। वहीं आग की घटना के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा, कि आग लगी है या लगाई गई है, इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। आग की घटना के बाद कई सवाल उठा रहे हैं। (पढ़ें पूरी खबर) प्रयागराज के उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय में आग लगी या लगाई गई? इसका जवाब हर कोई जानना चाहता है। आग लगने से 2000 से ज्यादा ऐसी फाइलें जलकर राख हो गईं जो एडेड कॉलेजों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति से जुड़ी थीं। वहीं, कुछ ऐसी महत्वपूर्ण फाइलें भी जल गईं, जिसकी जांच CBCID कर रही थी। इसमें बलिया, आजमगढ़ की कई महत्वपूर्ण फाइलें शामिल हैं। आग लगने के बाद निदेशालय के AD माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया- CCTV के DVR सील किए गए हैं। जबकि हकीकत यह है कि जहां आग लगी, वहां CCTV लगे ही नहीं थे। ऐसे में जिम्मेदार अफसर अपने ही सवालों के घेरे में फंसते जा रहे हैं। वहीं, एक साल पहले ही निदेशालय के अंदर पूरी नई वायरिंग कराई गई है, ऐसे में शार्ट सर्किट होना भला कैसे संभव है? निदेशालय में लगी आग से किसको फायदा होगा? ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम निदेशालय के उस सेक्शन में पहुंची जहां पर आग लगी थी। पढ़िए रिपोर्ट… कर्मचारी बोले- इस सेक्शन में कोई CCTV है ही नहीं
शिक्षा निदेशालय के ग्राउंड फ्लोर पर जिस कमरे में आग लगी। वहां 3 अनुभाग हैं। पहला- सामान्य एक प्रथम, दूसरा- सामान्य एक द्वितीय, तीसरा- केंद्रीय रिसीट अनुभाग। सोमवार को हम यहां पहुंचे। कमरे के सभी दरवाजों के बाहर कुर्सी मेज लगाकर सील किया गया था। साथ ही गेट पर पट्टियां लगाई गईं थीं। कुछ फाइलें दरवाजे के बाहर जमीन पर पड़ी थीं। यहां कमरे के सामने से निदेशालय के कर्मचारी आ-जा रहे थे। हमने कर्मचारियों से इसका कारण पूछा। उन्होंने बताया कि आग के मामले में ही AD माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी समेत निदेशालय के सभी सीनियर अधिकारियों को लखनऊ में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने तलब किया है। पूछने पर नाम ना छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि यहां किसी भी सेक्शन में CCTV है ही नहीं। अग्निकांड में क्या-कुछ जला, ये समझिए… 20 साल से ज्यादा पुराने करप्शन से जुड़ी फाइलें जली
निदेशालय में जिस अनुभाग में आग भड़की, उस कमरे के बाहर कई अधजली फाइलें बिखरी थीं। हमने उन्हें ही देखना शुरू किया। इसमें एक फाइल बलिया के जेबी कृपलानी इंटर कॉलेज, जमालपुर की थी। यह फाइल लेक्चरर रणजीत कुमार सिंह और सहायक अध्यापक योगेंद्र नाथ सिंह से जुड़ी थी। इन दोनों की जांच CBCID द्वारा भी चल रही थी। इसी तरह, दूसरी अधजली फाइल भी बलिया से जुड़ी थी, जो अध्यापक मिहिर सिंह के नाम से थी। इसमें यह स्पष्ट लिखा था हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में जन्मतिथि में फेरबदल कर इनकी नियुक्ति की गई है। एक कर्मचारी ने बताया कि इसी तरह 1500 से ज्यादा शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति से जुड़ी फाइलें इसमें जलकर राख हो गई हैं। 4 प्वाइंट जो आग लगाए जाने की तरफ इशारा करते हैं… ACS ने पूछा- आखिर कैसे लगी आग, क्या जला?
शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना के दूसरे दिन सोमवार को अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने निदेशालय के अफसरों को तलब किया। लखनऊ स्थित कार्यालय में काफी देर तक पूछताछ की गई। उन्होंने पूछा आखिर महत्वपूर्ण सेक्शन में आग कैसे लगी और आग से क्या नुकसान हुए हैं? उन्होंने जली हुई फाइलों सहित अन्य मामले में काफी देर तक अलग-अलग वरिष्ठ शिक्षा अफसरों से पूछताछ किया। उन्होंने यह भी पूछा कि संबंधित अनुभाग के अलावा अन्य अनुभागों की फाइलें उस अनुभाग में कैसे पहुंची? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अफसरों का एक ही जवाब था कि संबंधित बाबू ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे सकते हैं। उस अनुभाग में दूसरे मामलों की फाइलें क्यों रखी गईं थी, हम लोग फाइलें देखने के बाद कार्रवाई के लिए फाइलें बाबू को ही देते हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से दिए गए ये जवाब शिक्षक नेता बोले- जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा- निदेशालय के महत्वपूर्ण सेक्शन में आग लगना यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। आग कैसे लगी? किन कारणों से लगी? इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पता चला है कि आग लगने से एडेड कॉलेजों और शिक्षकों से जुड़ी अहम महत्वपूर्ण फाइलें जली हैं। साक्ष्य मिटने की वजह से शिक्षकों पर कोई आंच न आए, इसलिए जांच जरूरी है। आग की घटना के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले दिनों में इस तरह की लापरवाही न होने पाए। ……………………. यह भी पढ़ें :
आग से लखनऊ समेत चार मंडल की सभी फाइलें राख:प्रयागराज के शिक्षा निदेशालय में आग लगने पर सवाल, उच्चस्तरीय कमेटी करेगी जांच प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय में संडे को लगी आग पर सवाल उठ रहे हैं। आग शार्ट सर्किट से लगी या लगाई गई, इसकी जांंच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बना दी गई है। जिस सेक्शन में आ लगी है उसे सील कर दिया गया है। इसके साथ ही उसमें लगी CCTV की DVR को भी सील कर दिया गया है। वहीं आग की घटना के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा, कि आग लगी है या लगाई गई है, इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। आग की घटना के बाद कई सवाल उठा रहे हैं। (पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर