पंजाब के जालंधर में नकोदर हाईवे पर प्रतापपुरा के पास बिजली और पानी न मिलने से परेशान लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। कई बार मामले की शिकायत भी की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिसके चलते लोगों ने यह कदम उठाया। हाईवे जाम होने से दोनों तरफ से यातायात ठप हो गया। हाईवे जाम करने वाले लोग प्रतापपुरा के आसपास के इलाके की बी कॉलोनियों और गांवों के रहने वाले हैं। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल हैं। पहले पुलिस बैरिकेड्स लगाकर हाईवे जाम किया गया और फिर कुछ महिलाएं सड़क पर बैठ गईं। ग्रामीणों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की गई। पुलिस ग्रामीणों से बातचीत कर किसी तरह यातायात खुलवाने का प्रयास कर रही है। हाईवे से गुजरते हैं रोजाना हजारों वाहन प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर हाईवे जाम किया गया है, वह जालंधर का प्रवेश द्वार है। उक्त हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। जालंधर से नकोदर, शाहकोट, मोगा, धर्मकोट व कई अन्य जिलों को जाने वाला मार्ग उक्त हाईवे से होकर गुजरता है। हाईवे जाम होने से अब लोगों को परेशानी हो रही है। सिटी व देहात पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पंजाब के जालंधर में नकोदर हाईवे पर प्रतापपुरा के पास बिजली और पानी न मिलने से परेशान लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। कई बार मामले की शिकायत भी की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिसके चलते लोगों ने यह कदम उठाया। हाईवे जाम होने से दोनों तरफ से यातायात ठप हो गया। हाईवे जाम करने वाले लोग प्रतापपुरा के आसपास के इलाके की बी कॉलोनियों और गांवों के रहने वाले हैं। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल हैं। पहले पुलिस बैरिकेड्स लगाकर हाईवे जाम किया गया और फिर कुछ महिलाएं सड़क पर बैठ गईं। ग्रामीणों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की गई। पुलिस ग्रामीणों से बातचीत कर किसी तरह यातायात खुलवाने का प्रयास कर रही है। हाईवे से गुजरते हैं रोजाना हजारों वाहन प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर हाईवे जाम किया गया है, वह जालंधर का प्रवेश द्वार है। उक्त हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। जालंधर से नकोदर, शाहकोट, मोगा, धर्मकोट व कई अन्य जिलों को जाने वाला मार्ग उक्त हाईवे से होकर गुजरता है। हाईवे जाम होने से अब लोगों को परेशानी हो रही है। सिटी व देहात पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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माफीनामे के बाद फिर एक्टिव हुए अकाली दल अध्यक्ष:सुखबीर बादल की अध्यक्षता में वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू, पार्टी रणनीति पर किया विचार शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल बागी गुट के माफीनाम और श्री अकाल तख्त साहिब पर दिए गए स्पष्टीकरण के बाद एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं। सुखबीर सिंह बादल की तरफ से चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में नई गठित की गई वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। जिसमें अकाली दल के समक्ष आ रही मुश्किलों पर चर्चा की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में बागी गुट पर चर्चा की जा रही है। इसके अलावा उनकी तरफ से सौंपे गए माफीनामे से पार्टी को नुकसान और उसे दूर करने के लिए पार्टी रणनीति पर विचार किया गया है। इस बैठक में सुखबीर बादल के अलावा वर्किंग कमेटी के सभी चयनित सदस्य मौजूद हैं। कोर कमेटी में शामिल सदस्य नई कोर कमेटी में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, परमजीत सिंह सरना, बलविंदर सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल, गुलजार सिंह राणिके, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत चीमा, जनमेजा सिंह सेखों, अनिल जोशी, शराणजीत सिंह ढिल्लों, बिक्रम सिंह मजीठिया, हीरा सिंह गाबड़िया, परमजीत सिंह सरना, मंजीत सिंह जीके, इकबाल सिंह झूंदा, प्रो विरसा सिंह वल्टोहा, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, डा सुखविंदर सुक्खी, लखबीर सिंह लोधीनंगल, एनके शर्मा, मनतार सिंह बराड़, हरमीत सिंह संधू, सोहन सिंह ठंडल और बलदेव सिंह खेहरा का नाम शामिल है।
लुधियाना में ED ने दायर की आशू मामले में PC:घोटाले में पूर्व मंत्री समेत 31 लोग शामिल, अब इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घोटाले पर जल्द होगा खुलासा
लुधियाना में ED ने दायर की आशू मामले में PC:घोटाले में पूर्व मंत्री समेत 31 लोग शामिल, अब इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घोटाले पर जल्द होगा खुलासा पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू सहित 31 लोगों पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले में केस दर्ज है। इस केस में अब ED प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर घोटाले में धन शोधन निवारण (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 26.09.2029 को विशेष न्यायालय (पीएमएलए) में आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत PC (प्रोसिक्यूशन कंप्लेन) दायर की है। विशेष न्यायालय ने 19 अक्टूबर को पीसी का संज्ञान लिया है। ED ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग में ‘टेंडर घोटाले’ से संबंधित आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत सतर्कता ब्यूरो, पंजाब द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि अब ED जल्द ही इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट स्केम पर भी खुलासा हो सकता है। ED की जांच में पता चला है कि पंजाब सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के तत्कालीन मंत्री भारत भूषण आशु ने टेंडर आवंटन में चुनिंदा ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया और उन्हें अधिक लाभ का वादा किया, जिसके लिए उन्होंने राजदीप सिंह नागरा, राकेश कुमार सिंगला और पंजाब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के कुछ सरकारी अधिकारियों सहित अन्य व्यक्तियों के माध्यम से उनसे रिश्वत ली। रिश्वत के पैसे को फर्जी संस्थाओं के नेटवर्क के माध्यम से चल और अचल संपत्तियां खरीदने के लिए आगे बढ़ाया गया। 28 जगहों पर ED ने दी थी दबिश
इससे पहले, ED ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों में 28 स्थानों पर 24 अगस्त 2023 और 4 सितंबर 2024 को दो तलाशी ली थीं। इसके अलावा, जांच के दौरान, भारत भूषण शर्मा उर्फ आशु और उनके करीबी सहयोगी राजदीप सिंह नागरा को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में क्रमशः 1 अगस्त और 4 सितंबर 2024 को पीएमएलए, 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया और दोनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। 22.8 करोड़ रुपए की संपत्ती हो चुकी कुर्क ED ने अस्थायी रूप से 22.8 करोड़ रुपए (लगभग) मूल्य की संपत्तियां कुर्क की थीं, जिनमें लुधियाना, मोहाली, खन्ना और पंजाब के अन्य हिस्सों में स्थित अचल संपत्तियां और एफडीआर, स्वर्ण आभूषण, बुलियन और बैंक खातों के रूप में चल संपत्तियां शामिल हैं।
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।