<p style=”text-align: justify;”><strong>Kartarpur Corridor News:</strong> करतारपुर कॉरिडोर पर सिख तीर्थयात्रियों की संख्या में 50 फीसदी तक की कमी देखी गई है. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान के नरोवाल जिले में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल श्री दरबार साहिब जाने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों की संख्या में ये कमी आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>23 अप्रैल को भारत सरकार ने आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला किया था. 22 अप्रैल को <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>व्यापार बंद लेकिन करतारपुर कॉरिडोर खुला रखा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अमृतसर जिले में अटारी-वाघा बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के माध्यम से व्यापार को तत्काल उपाय के रूप में निलंबित कर दिया गया था, जबकि भारत और पाकिस्तान ने भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक शहर से 4.5 किमी दूर ऐतिहासिक गुरुद्वारा जाने की अनुमति देने के लिए करतारपुर कॉरिडोर को खुला रखा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>करतारपुर कॉरिडोर पर तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आतंकवादी हमले के एक दिन बाद सीमा पार करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 408 थी. जबकि रोजाना ये औसत संख्या 425 के करीब थी. 24 अप्रैल से यह संख्या घटनी शुरू हो गई, जब 493 तीर्थयात्रियों को आधिकारिक मंजूरी दी गई, लेकिन केवल 333 ही गलियारे से गुजरे. अगले दिन, अनुमति प्राप्त करने वालों की संख्या वही रही, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए सीमा पार वीजा-मुक्त पहुंच का लाभ उठाने के लिए केवल 308 तीर्थयात्री ही पहुंचे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 26 अप्रैल को यह संख्या घटकर 208, 27 अप्रैल को 239, 28 अप्रैल को 133, 29 अप्रैल को 223 और 30 अप्रैल को 152 रह गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’तनाव के बावजूद तीर्थयात्रा सुचारू रूप से चल रही'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डेरा बाबा नानक स्थित गुरु नानक के वंशज बाबा सुखदीप सिंह बेदी ने श्रद्धालुओं की संख्या में आई गिरावट को स्वाभाविक बताते हुए कहा, “यह समग्र घबराहट को दर्शाता है. हालांकि, तनाव के बावजूद तीर्थयात्रा सुचारू रूप से चल रही है. द्विपक्षीय समझौते के अनुसार गलियारे के अपने प्रोटोकॉल हैं और दोनों देश उनका पालन कर रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बॉर्डर के दोनों ओर गलियारे पर पर्याप्त सुरक्षा-प्रताप सिंह</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तीर्थयात्रियों को आस्था बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के सचिव प्रताप सिंह ने कहा, “सिखों को डरना नहीं चाहिए. चिंता की कोई बात नहीं है. सीमा के दोनों ओर गलियारे पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है.” इस गलियारे का उद्घाटन प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और तत्कालीन पाकिस्तान के पीएम <a title=”इमरान खान” href=”https://www.abplive.com/topic/imran-khan” data-type=”interlinkingkeywords”>इमरान खान</a> ने 9 नवंबर, 2019 को गुरु नानक की 550वीं जयंती पर किया था, जिससे भारतीय सिख समुदाय की ऐतिहासिक गुरुद्वारे के खुले दर्शन-दीदार की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई थी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kartarpur Corridor News:</strong> करतारपुर कॉरिडोर पर सिख तीर्थयात्रियों की संख्या में 50 फीसदी तक की कमी देखी गई है. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान के नरोवाल जिले में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल श्री दरबार साहिब जाने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों की संख्या में ये कमी आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>23 अप्रैल को भारत सरकार ने आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला किया था. 22 अप्रैल को <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>व्यापार बंद लेकिन करतारपुर कॉरिडोर खुला रखा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अमृतसर जिले में अटारी-वाघा बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के माध्यम से व्यापार को तत्काल उपाय के रूप में निलंबित कर दिया गया था, जबकि भारत और पाकिस्तान ने भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक शहर से 4.5 किमी दूर ऐतिहासिक गुरुद्वारा जाने की अनुमति देने के लिए करतारपुर कॉरिडोर को खुला रखा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>करतारपुर कॉरिडोर पर तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आतंकवादी हमले के एक दिन बाद सीमा पार करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 408 थी. जबकि रोजाना ये औसत संख्या 425 के करीब थी. 24 अप्रैल से यह संख्या घटनी शुरू हो गई, जब 493 तीर्थयात्रियों को आधिकारिक मंजूरी दी गई, लेकिन केवल 333 ही गलियारे से गुजरे. अगले दिन, अनुमति प्राप्त करने वालों की संख्या वही रही, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए सीमा पार वीजा-मुक्त पहुंच का लाभ उठाने के लिए केवल 308 तीर्थयात्री ही पहुंचे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 26 अप्रैल को यह संख्या घटकर 208, 27 अप्रैल को 239, 28 अप्रैल को 133, 29 अप्रैल को 223 और 30 अप्रैल को 152 रह गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’तनाव के बावजूद तीर्थयात्रा सुचारू रूप से चल रही'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डेरा बाबा नानक स्थित गुरु नानक के वंशज बाबा सुखदीप सिंह बेदी ने श्रद्धालुओं की संख्या में आई गिरावट को स्वाभाविक बताते हुए कहा, “यह समग्र घबराहट को दर्शाता है. हालांकि, तनाव के बावजूद तीर्थयात्रा सुचारू रूप से चल रही है. द्विपक्षीय समझौते के अनुसार गलियारे के अपने प्रोटोकॉल हैं और दोनों देश उनका पालन कर रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बॉर्डर के दोनों ओर गलियारे पर पर्याप्त सुरक्षा-प्रताप सिंह</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तीर्थयात्रियों को आस्था बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के सचिव प्रताप सिंह ने कहा, “सिखों को डरना नहीं चाहिए. चिंता की कोई बात नहीं है. सीमा के दोनों ओर गलियारे पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है.” इस गलियारे का उद्घाटन प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और तत्कालीन पाकिस्तान के पीएम <a title=”इमरान खान” href=”https://www.abplive.com/topic/imran-khan” data-type=”interlinkingkeywords”>इमरान खान</a> ने 9 नवंबर, 2019 को गुरु नानक की 550वीं जयंती पर किया था, जिससे भारतीय सिख समुदाय की ऐतिहासिक गुरुद्वारे के खुले दर्शन-दीदार की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई थी.</p> पंजाब श्रमिकों के साथ कंधे से कधा मिलाकर चल रही योगी सरकार, यूपी में इन सुविधाओं का मिल रहा लाभ
करतारपुर कॉरिडोर पर सिख तीर्थयात्रियों की संख्या में 50 फीसदी की कमी, पहलगाम हमले का असर
