उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। लखनऊ के शक्ति भवन मुख्यालय पर चल रहे सात दिवसीय अनशन के तीसरे दिन संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जानकारी मिलते ही मौके पर ACP सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंच गए। बिजलीकर्मियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य भर के कर्मचारियों से लखनऊ पहुंचने की अपील की है। अनशनकारी कर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार निजीकरण पर ठोस आश्वासन नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा। सरकार समझौते का पालन करे शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारी संघर्ष समिति से बातचीत करने के बजाय फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले कंसल्टेंट्स के साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2018 और 2020 में हुए समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि इनकी शर्तों के अनुसार बिना कर्मचारियों की सहमति के निजीकरण नहीं किया जा सकता। 3 मई से अनशन पर बैठे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि सरकार तत्काल निजीकरण की प्रक्रिया को रोके और पूर्व समझौतों का पालन करे। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। लखनऊ के शक्ति भवन मुख्यालय पर चल रहे सात दिवसीय अनशन के तीसरे दिन संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जानकारी मिलते ही मौके पर ACP सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंच गए। बिजलीकर्मियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य भर के कर्मचारियों से लखनऊ पहुंचने की अपील की है। अनशनकारी कर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार निजीकरण पर ठोस आश्वासन नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा। सरकार समझौते का पालन करे शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारी संघर्ष समिति से बातचीत करने के बजाय फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले कंसल्टेंट्स के साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2018 और 2020 में हुए समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि इनकी शर्तों के अनुसार बिना कर्मचारियों की सहमति के निजीकरण नहीं किया जा सकता। 3 मई से अनशन पर बैठे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि सरकार तत्काल निजीकरण की प्रक्रिया को रोके और पूर्व समझौतों का पालन करे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बिजली निजीकरण के विरोध में कर्मियों का अनशन:संघर्ष समिति संयोजक की तबीयत बिगड़ी, पुलिस बल के साथ ACP पहुंचे
