हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव गाजी गोपालपुर में एक युवक की लाठी-डंडों से पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA-2) और जाटूसाना थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 2 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान गांव मांढैया खुर्द निवासी आर्शीवाद तथा गाजी गोपालपुर निवासी बादल के रूप में हुई हैं। दोनों को कोर्ट में पेश कर 2 दिन के रिमांड पर लिया गया है। दोनों पर रेवाड़ी जिले के अलग-अलग थानों में 8 मामले दर्ज है। जानकारी के अनुसार, गांव परखोत्तमपुर निवासी प्रदीप उर्फ सोनू अपने साथी गांव डालियाकी निवासी दयाराम, गांव परखोत्तमपुर निवासी गोवर्धन व जितेन्द्र के साथ 1 मई की रात जाटूसाना स्थित चिलिंग सेंटर के पास एक दुकान पर बैठे हुए थे। उस समय गांव गोपालपुर गाजी निवासी बादल ने गोवर्धन के पास कॉल की और कहा कि वह उससे मिलना चाहता है। बादल ने गोवर्धन को अपने घर गांव गाजी गोपालपुर बुला लिया। गोवर्धन और उसके दोस्त बाइकों पर सवार होकर गांव गाजी गोपालपुर में बादल के मकान के पास पहुंच गए। तभी वहां पहले से घात लगाए बैठे बादल के साथी चीकू, आशीर्वाद व युवकों ने लोहे की रॉड और लाठी-डंडो से हमला कर दिया। हमले में चारों दोस्त हो गए थे घायल, गोवर्धन की हुई मौत हमले में चारों दोस्त बुरी तरह घायल हो गए और आरोपी मौके से भाग गए। सूचना के बाद जाटूसाना थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अपनी गाड़ी में ही डालकर तुरंत रेवाड़ी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। घायल गोवर्धन के ज्यादा चोट होने के कारण गंभीर हालत में उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जाटूसाना पुलिस ने प्रदीप की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी शशांक कुमार सावन के निर्देश पर डीएसपी कोसली जयसिंह की देखरेख में जाटूसाना एसएचओ भगवत प्रसाद और सीआईए रेवाड़ी इंचार्ज सुमेर सिंह और धारूहेड़ा सीआईए-2 के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई। SIT ने दोनों को धारूहेड़ा से पकड़ा SIT ने मामले में कार्रवाई करते हुए इस मर्डर केस के दो मुख्य आरोपी आशीर्वाद और बादल को धारूहेड़ा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस टीमें आरोपियों से अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है। रिमांड के दौरान आरोपियों से वारदात में प्रयोग किए गए हथियार भी बरामद किए जाएंगे। अलग-अलग थानों में 8 मामले दर्ज पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े गए आरोपी आशीर्वाद के खिलाफ थाना सदर, सिटी, खोल, जाटूसाना, रामपुरा में मारपीट व लड़ाई-झगडे के 8 मामले दर्ज हैं। इसी प्रकार आरोपी बादल के खिलाफ थाना जाटूसाना, कोसली व थाना जीआरपी रेवाड़ी में मारपीट, डकैती व आर्म्स एक्ट के 8 मामले दर्ज हैं। हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव गाजी गोपालपुर में एक युवक की लाठी-डंडों से पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA-2) और जाटूसाना थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 2 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान गांव मांढैया खुर्द निवासी आर्शीवाद तथा गाजी गोपालपुर निवासी बादल के रूप में हुई हैं। दोनों को कोर्ट में पेश कर 2 दिन के रिमांड पर लिया गया है। दोनों पर रेवाड़ी जिले के अलग-अलग थानों में 8 मामले दर्ज है। जानकारी के अनुसार, गांव परखोत्तमपुर निवासी प्रदीप उर्फ सोनू अपने साथी गांव डालियाकी निवासी दयाराम, गांव परखोत्तमपुर निवासी गोवर्धन व जितेन्द्र के साथ 1 मई की रात जाटूसाना स्थित चिलिंग सेंटर के पास एक दुकान पर बैठे हुए थे। उस समय गांव गोपालपुर गाजी निवासी बादल ने गोवर्धन के पास कॉल की और कहा कि वह उससे मिलना चाहता है। बादल ने गोवर्धन को अपने घर गांव गाजी गोपालपुर बुला लिया। गोवर्धन और उसके दोस्त बाइकों पर सवार होकर गांव गाजी गोपालपुर में बादल के मकान के पास पहुंच गए। तभी वहां पहले से घात लगाए बैठे बादल के साथी चीकू, आशीर्वाद व युवकों ने लोहे की रॉड और लाठी-डंडो से हमला कर दिया। हमले में चारों दोस्त हो गए थे घायल, गोवर्धन की हुई मौत हमले में चारों दोस्त बुरी तरह घायल हो गए और आरोपी मौके से भाग गए। सूचना के बाद जाटूसाना थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अपनी गाड़ी में ही डालकर तुरंत रेवाड़ी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। घायल गोवर्धन के ज्यादा चोट होने के कारण गंभीर हालत में उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जाटूसाना पुलिस ने प्रदीप की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी शशांक कुमार सावन के निर्देश पर डीएसपी कोसली जयसिंह की देखरेख में जाटूसाना एसएचओ भगवत प्रसाद और सीआईए रेवाड़ी इंचार्ज सुमेर सिंह और धारूहेड़ा सीआईए-2 के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई। SIT ने दोनों को धारूहेड़ा से पकड़ा SIT ने मामले में कार्रवाई करते हुए इस मर्डर केस के दो मुख्य आरोपी आशीर्वाद और बादल को धारूहेड़ा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस टीमें आरोपियों से अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है। रिमांड के दौरान आरोपियों से वारदात में प्रयोग किए गए हथियार भी बरामद किए जाएंगे। अलग-अलग थानों में 8 मामले दर्ज पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े गए आरोपी आशीर्वाद के खिलाफ थाना सदर, सिटी, खोल, जाटूसाना, रामपुरा में मारपीट व लड़ाई-झगडे के 8 मामले दर्ज हैं। इसी प्रकार आरोपी बादल के खिलाफ थाना जाटूसाना, कोसली व थाना जीआरपी रेवाड़ी में मारपीट, डकैती व आर्म्स एक्ट के 8 मामले दर्ज हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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वहां डॉक्टर ने उनकी बेटी को इंजेक्शन और दवाई दी, लेकिन दवाइयों से उनकी बेटी को बिल्कुल आराम नहीं हुआ। पंकज ने बताया की बंगाली डॉक्टर ने उनकी बेटी को खाली पेट ही इंजेक्शन लगाया था। इसके चलते उनकी बेटी की तबीयत बिगड़ने लगी थी। शाम होते-होते उनकी बेटी शबनम की हालत और खराब होती चली गई। अस्पताल में बेटी को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
इसके बाद शबनम को वह शाम को लगभग 7:30 बजे फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उनकी बेटी को देखते ही मृत घोषित कर दिया। हालांकि इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने उनकी बेटी की मृत्यु के बाद एक फॉर्म भरकर उन्हें दिया, लेकिन किसी ने उन्हें जानकारी नहीं दी कि अस्पताल से उन्हें शव ले जाने के लिए घर तक फ्री में एंबुलेंस मुहैया कराई जाती है। ऑटो वाले भी शव ले जाने में राजी नहीं हुए
उन्होंने अपने एक परिचित ऑटो चालक को फोन कर अस्पताल आने के लिए कहा, लेकिन काफी देर होने के बाद वह अपनी बेटी के शव को दूसरे ऑटो में ले जाने के लिए अस्पताल के बाहर लेकर आ गए। कोई भी ऑटो वाला बेटी के शव को लेकर जाने को तैयार नहीं हुआ। पंकज ने बताया कि यदि अस्पताल स्टाफ ने उन्हें जानकारी दी होती तो वह अपनी बेटी के शव को इस प्रकार से अस्पताल के बाहर नहीं लाते। डॉक्टर बोले- उचित कार्रवाई करेंगे
अस्पताल के पीएमओ का पदभार संभाल रहे डॉक्टर विकास गोयल से बात की गई तो उन्होंने भी माना कि अस्पताल के स्टाफ को मृतक बच्ची के परिजनों को फ्री शव वाहन (एम्बुलेंस) मिलने की जानकारी दी जानी चाहिए थी। वह इस मामले में जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।