उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के टीले वाली मस्जिद और लक्ष्मण टीला विवाद में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। बुधवार को कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने टीले वाली मस्जिद को वक्फ की जमीन होने का दावा किया था। जिस पर सिविल जज जूनियर डिवीजन अभिषेक गुप्ता ने सुनवाई की और याचिका खारिज कर दी। मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर की थी, यह जमीन मुसलमानों की है और वक्फ में आती है। इसके खिलाफ हिन्दू पक्ष ने लक्ष्मण टीला होने की बात कही थी। हिन्दू पक्ष के वकील नृपेंद्र पांडेय ने कहा, इस फैसले से कोर्ट मानती है, कि यह जमीन हिंदुओं की है। यह सिविल वाद है। अब इस मामले में सर्वे कमीशन पर सुनवाई होगी। अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। हिंदू महासभा ने आदेश की सराहना की अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि हिन्दू महासभा इसकी लड़ाई लगातार लड़ रहा है। सीनियर वकील हरि शंकर जैन ने मुकदमे की शुरुआत की थी। वह ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ा रही है। शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि जैसे अयोध्या में राम मंदिर पर विजय मिली है उसी प्रकार हिंदुओं को लक्ष्मण टीला भी मिलेगा। योगी राज में लखनऊ में एक लक्ष्मण मंदिर स्थापित होगा, ऐसा हिन्दू महासभा आशा करती है। इसके साथ ही शिष्य चतुर्वेदी ने वक्फ को लेकर निशाना चाहते हुए कहा कि वक्फ एक काला कानून है। जो हिंदुओं के अधिकारों पर हथकड़ी लगता है। इस वक्त बोर्ड को खत्म करने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है। वक्फ बोर्ड विवादित जमीन पर वक्फ का बोर्ड लगाकर कब्जा करने की कोशिश करता है। इसलिए देश का सबसे बड़ा भू-माफिया वक्फ बोर्ड है। दशकों पुराना है विवादों से नाता गौरतलब है कि लखनऊ की टीले वाली मस्जिद से जुड़ा विवाद दशकों पुराना है। इसको लेकर लखनऊ से पूर्व सांसद और राज्यपाल रहे लालजी टंडन ने अपनी किताब अनकहा लखनऊ में भी इसका जिक्र किया है। अपनी किताब में उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण से शहर का नाता तोड़ने का आरोप लगाया था। दिवंगत नेता लालजी टंडन ने अपनी किताब लिखा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल के दौरान राज्य की राजधानी की सबसे बड़ी सुन्नी मस्जिद का निर्माण लक्ष्मण टीला पर किया गया था, जो भगवान राम के भाई लक्ष्मण के नाम पर बनाया गया। यहां एक ऊंचा मंच था। किताब इस वजह से राजनीतिक विवाद में भी घिर गई थी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के टीले वाली मस्जिद और लक्ष्मण टीला विवाद में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। बुधवार को कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने टीले वाली मस्जिद को वक्फ की जमीन होने का दावा किया था। जिस पर सिविल जज जूनियर डिवीजन अभिषेक गुप्ता ने सुनवाई की और याचिका खारिज कर दी। मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर की थी, यह जमीन मुसलमानों की है और वक्फ में आती है। इसके खिलाफ हिन्दू पक्ष ने लक्ष्मण टीला होने की बात कही थी। हिन्दू पक्ष के वकील नृपेंद्र पांडेय ने कहा, इस फैसले से कोर्ट मानती है, कि यह जमीन हिंदुओं की है। यह सिविल वाद है। अब इस मामले में सर्वे कमीशन पर सुनवाई होगी। अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। हिंदू महासभा ने आदेश की सराहना की अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि हिन्दू महासभा इसकी लड़ाई लगातार लड़ रहा है। सीनियर वकील हरि शंकर जैन ने मुकदमे की शुरुआत की थी। वह ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ा रही है। शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि जैसे अयोध्या में राम मंदिर पर विजय मिली है उसी प्रकार हिंदुओं को लक्ष्मण टीला भी मिलेगा। योगी राज में लखनऊ में एक लक्ष्मण मंदिर स्थापित होगा, ऐसा हिन्दू महासभा आशा करती है। इसके साथ ही शिष्य चतुर्वेदी ने वक्फ को लेकर निशाना चाहते हुए कहा कि वक्फ एक काला कानून है। जो हिंदुओं के अधिकारों पर हथकड़ी लगता है। इस वक्त बोर्ड को खत्म करने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है। वक्फ बोर्ड विवादित जमीन पर वक्फ का बोर्ड लगाकर कब्जा करने की कोशिश करता है। इसलिए देश का सबसे बड़ा भू-माफिया वक्फ बोर्ड है। दशकों पुराना है विवादों से नाता गौरतलब है कि लखनऊ की टीले वाली मस्जिद से जुड़ा विवाद दशकों पुराना है। इसको लेकर लखनऊ से पूर्व सांसद और राज्यपाल रहे लालजी टंडन ने अपनी किताब अनकहा लखनऊ में भी इसका जिक्र किया है। अपनी किताब में उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण से शहर का नाता तोड़ने का आरोप लगाया था। दिवंगत नेता लालजी टंडन ने अपनी किताब लिखा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल के दौरान राज्य की राजधानी की सबसे बड़ी सुन्नी मस्जिद का निर्माण लक्ष्मण टीला पर किया गया था, जो भगवान राम के भाई लक्ष्मण के नाम पर बनाया गया। यहां एक ऊंचा मंच था। किताब इस वजह से राजनीतिक विवाद में भी घिर गई थी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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MVA में उद्धव ठाकरे के CM फेस पर छगन भुजबल बोले, ‘मुझे नहीं लगता है कि वे…’
MVA में उद्धव ठाकरे के CM फेस पर छगन भुजबल बोले, ‘मुझे नहीं लगता है कि वे…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharastra Assembly Elections:</strong> महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल धीरे-धीरे और तेज होती जा रही है. सभी पार्टियां जीत का दावा करती हुई नजर आ रही हैं. इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी के सीएम फेस को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महा विकास अघाड़ी के सीएम चेहरे के सवाल पर महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने कहा, “सबसे पहले उन्हें बहुमत मिलना चाहिए, उसके बाद ही सवाल उठेगा कि सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. उन्हें चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, मुझे नहीं लगता कि वे सत्ता में आएंगे. मुझे नहीं पता कि (एमवीए में) अंदरूनी कलह क्यों है.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | On the question of CM face of Maha Vikas Aghadi, Maharashtra Minister Chhagan Bhujbal says, “First of all they should get a majority, then only the question of who will lead the govt will arise…They should concentrate on elections, I don’t think they will come to… <a href=”https://t.co/4Ms5ejJLaA”>pic.twitter.com/4Ms5ejJLaA</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1831662111153442846?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 5, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत कई बार उद्धव ठाकरे को सीएम चेहरा बता चुके हैं. हालांकि MVA में आधिकारिक तौर पर इसे लेकर अभी कोई ऐलान नहीं किया गया है. महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा के चुनाव कराए जाने हैं. हालांकि अभी निर्वाचन आयोग की ओर से यहां के लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल ओबीसी का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं. वो अभी अजित पवार की पार्टी एनसीपी में हैं और राज्य सरकार में मंत्री हैं. कुछ महीने पहले उनके शिवसेना (यूबीटी) में भी शामिल होने की चर्चा चली थी. उन्होंने शरद पवार से भी मुलाकात की थी. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने कहा था कि प्रचार के दौरान NDA के 400 पार वाले नारे से काफी नुकसान हुआ. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में महायुति का काफी नुकसान हुआ. महायुति में शामिल बीजेपी, एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना और अजित पवार की पार्टी एनसीपी को कई सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा. महायुति को 17 सीटों पर ही जीत हासिल हुई. इसमें बीजेपी को 9 सीटों पर जीत मिली, जबकि <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> की पार्टी को 7 सीटें मिली. वहीं, अजित पवार की पार्टी को 1 सीट पर जीत हासिल हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर, महाविकास अघाड़ी का <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में प्रदर्शन बेहतर रहा. एमवीए को कुल 30 सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस को 13 सीटें मिली, जबकि उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) को 9 सीटों पर जीत मिली. वहीं, शरद पवार गुट को 8 सीटों पर जीत हासिल हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Exclusive: उद्धव ठाकरे की पार्टी से मुंबई में किन्हें मिलेगा टिकट? पढ़ें संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/uddhav-thackeray-likely-to-field-candidates-in-22-assembly-segment-in-mumbai-2776826″ target=”_self”>Exclusive: उद्धव ठाकरे की पार्टी से मुंबई में किन्हें मिलेगा टिकट? पढ़ें संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट</a></strong></p>
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लुधियाना में पूर्व मंत्री दर्शन बराड़ कांग्रेस से निष्कासित:प्रधान वड़िंग के खिलाफ बेटे ने लड़ा था चुनाव, दूसरी बार पार्टी से बाहर पंजाब के कांग्रेस प्रदेश प्रधान और लुधियाना से नव नियुक्त सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग एक्शन मोड में आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस ने वडिंग के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने वाले कमलजीत सिंह बराड़ के पिता पूर्व मंत्री दर्शन सिंह बराड़ को पार्टी के खिलाफ काम करने को लेकर बाहर कर दिया गया। दर्शन बराड़ ने पहली बार 1992 में लड़ा चुनाव दर्शन सिंह बराड़ पहली बार जगराओं में 1992 में चुनाव लड़े थे और भाजपा के आयोध्या प्रकाश को 5541 वोट से हरा कर चुनाव जीता था जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ की कांग्रेस पार्टी में काफी पकड़ बन गई थी। उसके बाद दर्शन बराड़ ने 1997 में चुनाव लड़ा लेकिन वह अकालीदल से चुनाव हार गए जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ को 2002 में कांग्रेस ने झटका देते हुए उनकी टिकट काट डाली तो वह पार्टी के खिलाफ आजाद चुनाव लड़े तो कांग्रेस पार्टी ने दर्शन बराड़ को पार्टी से बाहर कर दिया। लेकिन इस दौरान उन्होंने चुनावों में आजाद उम्मीदवार होने पर भी 30595 वोट हासिल कर कांग्रेस पार्टी की जमानत जब्त करवा डाली हालाकि वह खुद मात्र 1557 वोट से अकाली दल से हार गए। आजाद तौर पर इतनी ज्यादा वोट लेने के बाद कांग्रेस पार्टी को उन्हें मजबूरन पार्टी में वापस लेना पड़ा था जिसके बाद 2007 में उन्होंने जगराओं को छोड़ते हुए बाघापुराना से चुनाव लड़ा था। इस के बावजूद भी उन्होंने जगराओं में अपना दबदबा बनाए रखा। वह जगराओं में अपने हर किसी वर्कर के खुख दुख में आते रहे इसी का फायदा अब लोकसभा चुनावों में दर्शन सिंह बराड़ के बेटे कमलजीत सिंह बराड़ को मिला। बराड़ को करीब 42211 वोट लोकसभा चुनाव में पड़ी।
पलवल में नाबालिग लड़की का अपहरण:निजी काम से गई थी घर से बाहर; पिता ने पडोसी गांव के युवकों पर लगाया आरोप
पलवल में नाबालिग लड़की का अपहरण:निजी काम से गई थी घर से बाहर; पिता ने पडोसी गांव के युवकों पर लगाया आरोप पलवल जिले में नाबालिग लड़की का अपहरण हो गया। लड़की के पिता ने तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ चांदहट थाना पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लड़की की तलाश शुरू कर दी है। प्रभारी जगबीर सिंह के अनुसार, थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी बेटी 29 जुलाई को गांव में घर के बाहर किसी काम से गई थी। उसी दौरान पड़ोसी गांव के कृष्ण, रवि कुमार व सोनू नामक तीन युवक उसकी 16 वर्षीय बेटी का जबरन अपहरण कर ले गए। पिता को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तलाश शुरू कर दी, लेकिन लड़की व आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद नाबालिग के पिता ने लिखित शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने पिता की शिकायत पर तीनों के खिलाफ अपहरण सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी जगबीर सिंह का कहना है कि पुलिस की टीम तलाश में जुटी हुई है। आरोपियों के कुछ सुराग मिले है, जल्द ही गिरफ्तार की लिया जाएगा। लड़की को बरामद कर उसके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा।