रातभर दलीलें रखकर 4 दरिंदों को फांसी दिलाई:ऐसी हैं कानपुर IIT छात्रा की केस लड़ने वाली वकील; जानिए और बड़े केस कौन से हैं

रातभर दलीलें रखकर 4 दरिंदों को फांसी दिलाई:ऐसी हैं कानपुर IIT छात्रा की केस लड़ने वाली वकील; जानिए और बड़े केस कौन से हैं

कानपुर की IIT छात्रा का केस अब सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि लड़ेंगी। इस मामले में ACP मोहसिन आरोपी हैं। वकील सीमा समृद्धि ने कहा, यह केस रेप और लव जेहाद का है। छात्रा पर गलत तरीके से कोर्ट की मदद से क्रॉस FIR दर्ज कराई गई है। ACP मोहसिन को हाईकोर्ट से मिली अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दूंगी। आरोपी ACP मोहसिन को सख्त सजा दिलाऊंगी। छात्रा को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी मेरी है। सीमा समृद्धि कौन हैं? उन्होंने कौन–कौन से बड़े केस लड़े, उनके IIT छात्रा का केस लेने से क्या असर पड़ेगा? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल 1- IIT छात्रा और मोहसिन का केस क्या है?
जवाब- IIT कानपुर से पीएचडी कर रही छात्रा ने ACP मोहसिन पर 12 दिसंबर, 2024 को शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की FIR दर्ज कराई थी। छात्रा के मुताबिक, मेरी मुलाकात दिसंबर, 2023 में IIT कानपुर में ACP मोहसिन से हुई थी। एक-दूसरे का मोबाइल नंबर लिया। 23 जून, 2024 को उन्होंने मुझे फोन किया। कहा- मेरे गाइड में IIT से पीएचडी करना चाहते हैं। इसके लिए हेल्प चाहिए। मैंने हां कर दी। मैंने उनकी एडमिशन फीस जमा कराई। वॉक इन इंटरव्यू के टिप्स दिए। यहां उन्होंने इंटरव्यू दिया। उन्हें एडमिशन मिल गया। फिर हम दोनों करीब आ गए। इसी बीच खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया। कहा- वह अविवाहित है। उस वक्त मैं एक ब्रेकअप के दर्द से गुजर रही थी। अकेलापन महसूस होता था, इसलिए भरोसा कर लिया। हम दोनों हॉस्टल के रूम में समय बिताने लगे। ACP ने मेरे साथ संबंध बनाए। बाद में पता चला कि मोहसिन शादीशुदा है। सवाल 2- ACP मोहसिन की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
जवाब- छात्रा की एफआईआर के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर SIT का गठन किया गया। SIT ने पूरे मामले की जांच शुरू की। ACP मोहसिन अंडरग्राउंड हो गए। इस दौरान पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। ACP ने 16 दिसंबर, 2024 को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाने और FIR रद्द करने की मांग की। वकील ने हाईकोर्ट में ACP का पक्ष रखते हुए कहा- 1 साल पहले मोहसिन ने पत्नी को तलाक का नोटिस भिजवाया था। मामला अभी कोर्ट में है। इसके साथ ही कोर्ट मैरिज से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट पेश किया। इसमें छात्रा की वेस्ट बंगाल निवासी साइंटिस्ट के साथ शादी होने का दावा किया गया। इसमें मैरिज से जुड़े फॉर्म में छात्रा के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, मैरिज रजिस्ट्रेशन का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इन्हीं सब तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने ACP मोहसिन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, ACP मोहसिन खान के खिलाफ दर्ज FIR रद्द नहीं होगी। सवाल 3- फिर यह केस वकील सीमा समृद्धि के पास कैसे पहुंचा?
जवाब- IIT छात्रा ने बताया, हाईकोर्ट से ACP मोहसिन को राहत और क्रॉस FIR के बाद मेरे ऊपर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। इसके चलते मैंने सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि को अपना केस सौंपा है। सवाल 4- सीमा समृद्धि को केस सौंपने की वजह क्या है?
जवाब- वकील सीमा समृद्धि महिला उत्पीड़न से जुड़े केस की एक्सपर्ट हैं। वह रेप पीड़ित के लिए फ्री में न्याय दिलाने की मुहिम भी चलाती हैं। उन्होंने महिलाओं से जुड़े क्राइम के कई केस लड़े हैं और आरोपियों को सजा दिलाई है। इसलिए उनसे काफी उम्मीद है। छात्रा ने बातचीत में यही बात कही है। सवाल 5- सीमा समृद्धि कौन है?
जवाब- सीमा का जन्म 10 जनवरी, 1982 को इटावा में हुआ था। उनका पूरा नाम सीमा समृद्धि कुशवाहा है। सीमा इटावा की ग्राम पंचायत बिधिपुर ब्लॉक महेवा के उग्रपुर गांव की निवासी हैं। उनके पिता का नाम बलदीन कुशवाहा और माता का नाम रामकुंआरी है। उनके पिता ग्राम प्रधान भी रह चुके हैं। इनकी शादी बिहार के मुंगेर में हुई है। कानपुर से एलएलबी और इलाहाबाद से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद सीमा यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आ गई थीं। 2011 में यूपीएससी के सिलेबस में कुछ बदलाव आया। सीमा मेंस तक पहुंची पर सफल नहीं हो पाईं। फेम इंडिया मैगजीन एशिया पोस्ट सर्वे के 25 सशक्त महिलाएं-2020 की सूची में सीमा कुशवाहा 20 वें स्थान पर रही हैं। वह 2022 में बसपा में शामिल हुई थीं। फिर 2024 में बीजेपी में शामिल हो गईं। सवाल 6- निर्भया केस से कैसे जुड़ीं?
जवाब- 2012 में निर्भया की दरिंदगी का मामला सामने आया। निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए चल रहे धरना प्रदर्शन में सीमा शरीक होने लगीं। इसी दौरान वे निर्भया की माता और पिता के करीब आईं और उनकी लड़ाई में हमसफर बन गईं। सीमा बताती हैं- डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और हाईकोर्ट होते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। एक साल से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग पड़ा था। तभी निर्णय लिया कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस केस को लड़ेंगी और निर्भया के माता पिता को न्याय दिलाएंगी। सीमा का यह पहला केस था और इस केस के लिए उन्होंने निर्भया के माता-पिता से कोई फीस नहीं ली। सीमा समृद्धि ने सुप्रीम कोर्ट में रातभर दलीलें रखकर निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह फांसी दिलाई थी। चारों दरिंदों (मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) को फांसी दी गई थी। वह निर्भया ज्योति ट्रस्ट में कानूनी सलाहकार भी हैं। वह 24 जनवरी, 2014 को निर्भया ज्योति ट्रस्ट से जुड़ीं। सवाल 7- कौन–कौन से बड़े केस सीमा समृद्धि ने लड़े हैं?
जवाब- ​​​​​​​सीमा समृद्धि ने निर्भया केस से प्रसिद्धि मिली थी। इसके बाद उन्होंने महिलाओं से जुड़े अत्याचार के बड़े केस लड़ रही हैं। 1- श्रद्धा हत्याकांड: 18 मई, 2020 में दिल्ली में लिव इन पार्टनर आफताब ने अपनी 26 साल की प्रेमिका श्रद्धा की बेरहमी से हत्या कर दी। उसके शव को आरी से काटा। नया फ्रिज लाया, ताकि टुकड़े उसमें रख सके और बदबू दबाने के लिए अगरबत्ती सुलगाता था। आफताब 18 दिन तक रोज रात 2 बजे उठता और शव के टुकड़े जंगल में फेंक आता था। श्रद्धा हत्याकांड का यह केस सीमा लड़ रही हैं। 2- हाथरस रेप-हत्याकांड:14 सितंबर, 2020 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि दरिंदों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दुष्कर्म पीड़ित ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। पीड़ित परिवार का केस सीमा फ्री में लड़ा था। 3- उन्नाव रेप हत्याकांड: 4 जून, 2017 उन्नाव में हुए सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता की मौत के बाद उसका भी केस सीमा कुशवाहा ने लड़ा था। इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा हुई थी। ———————- यह खबर भी पढ़िए:- एसीपी मोहसिन के मामले में पुलिस ही आमने सामने: पत्नी सुहैला सैफ के प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट लगाने वाला दरोगा आया सामने, बोला- मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है कानपुर में निलम्बित एसीपी मोहसिन खान और आईआईटी स्कॉलर के बीच चल रहे विवाद में दिन प्रतिदिन नए मोड़ आ रहे हैं। अब इस घटना में पुलिस ही पुलिस के सामने खड़ी हो गई है। एसीपी मोहसिन खान की पत्नी ने कोर्ट से मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें रावतपुर में तैनात एसआई राजेश प्रसाद बाजपेई ने रिपोर्ट लगाई थी। दरोगा को डीसीपी वेस्ट ने लाइन हाजिर कर दिया। अब इस मामले में दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई सामने आया है। दरोगा ने कहा कि उसके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। पढ़ें पूरी खबर… कानपुर की IIT छात्रा का केस अब सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि लड़ेंगी। इस मामले में ACP मोहसिन आरोपी हैं। वकील सीमा समृद्धि ने कहा, यह केस रेप और लव जेहाद का है। छात्रा पर गलत तरीके से कोर्ट की मदद से क्रॉस FIR दर्ज कराई गई है। ACP मोहसिन को हाईकोर्ट से मिली अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दूंगी। आरोपी ACP मोहसिन को सख्त सजा दिलाऊंगी। छात्रा को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी मेरी है। सीमा समृद्धि कौन हैं? उन्होंने कौन–कौन से बड़े केस लड़े, उनके IIT छात्रा का केस लेने से क्या असर पड़ेगा? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल 1- IIT छात्रा और मोहसिन का केस क्या है?
जवाब- IIT कानपुर से पीएचडी कर रही छात्रा ने ACP मोहसिन पर 12 दिसंबर, 2024 को शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की FIR दर्ज कराई थी। छात्रा के मुताबिक, मेरी मुलाकात दिसंबर, 2023 में IIT कानपुर में ACP मोहसिन से हुई थी। एक-दूसरे का मोबाइल नंबर लिया। 23 जून, 2024 को उन्होंने मुझे फोन किया। कहा- मेरे गाइड में IIT से पीएचडी करना चाहते हैं। इसके लिए हेल्प चाहिए। मैंने हां कर दी। मैंने उनकी एडमिशन फीस जमा कराई। वॉक इन इंटरव्यू के टिप्स दिए। यहां उन्होंने इंटरव्यू दिया। उन्हें एडमिशन मिल गया। फिर हम दोनों करीब आ गए। इसी बीच खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया। कहा- वह अविवाहित है। उस वक्त मैं एक ब्रेकअप के दर्द से गुजर रही थी। अकेलापन महसूस होता था, इसलिए भरोसा कर लिया। हम दोनों हॉस्टल के रूम में समय बिताने लगे। ACP ने मेरे साथ संबंध बनाए। बाद में पता चला कि मोहसिन शादीशुदा है। सवाल 2- ACP मोहसिन की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
जवाब- छात्रा की एफआईआर के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर SIT का गठन किया गया। SIT ने पूरे मामले की जांच शुरू की। ACP मोहसिन अंडरग्राउंड हो गए। इस दौरान पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। ACP ने 16 दिसंबर, 2024 को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाने और FIR रद्द करने की मांग की। वकील ने हाईकोर्ट में ACP का पक्ष रखते हुए कहा- 1 साल पहले मोहसिन ने पत्नी को तलाक का नोटिस भिजवाया था। मामला अभी कोर्ट में है। इसके साथ ही कोर्ट मैरिज से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट पेश किया। इसमें छात्रा की वेस्ट बंगाल निवासी साइंटिस्ट के साथ शादी होने का दावा किया गया। इसमें मैरिज से जुड़े फॉर्म में छात्रा के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, मैरिज रजिस्ट्रेशन का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इन्हीं सब तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने ACP मोहसिन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, ACP मोहसिन खान के खिलाफ दर्ज FIR रद्द नहीं होगी। सवाल 3- फिर यह केस वकील सीमा समृद्धि के पास कैसे पहुंचा?
जवाब- IIT छात्रा ने बताया, हाईकोर्ट से ACP मोहसिन को राहत और क्रॉस FIR के बाद मेरे ऊपर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। इसके चलते मैंने सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि को अपना केस सौंपा है। सवाल 4- सीमा समृद्धि को केस सौंपने की वजह क्या है?
जवाब- वकील सीमा समृद्धि महिला उत्पीड़न से जुड़े केस की एक्सपर्ट हैं। वह रेप पीड़ित के लिए फ्री में न्याय दिलाने की मुहिम भी चलाती हैं। उन्होंने महिलाओं से जुड़े क्राइम के कई केस लड़े हैं और आरोपियों को सजा दिलाई है। इसलिए उनसे काफी उम्मीद है। छात्रा ने बातचीत में यही बात कही है। सवाल 5- सीमा समृद्धि कौन है?
जवाब- सीमा का जन्म 10 जनवरी, 1982 को इटावा में हुआ था। उनका पूरा नाम सीमा समृद्धि कुशवाहा है। सीमा इटावा की ग्राम पंचायत बिधिपुर ब्लॉक महेवा के उग्रपुर गांव की निवासी हैं। उनके पिता का नाम बलदीन कुशवाहा और माता का नाम रामकुंआरी है। उनके पिता ग्राम प्रधान भी रह चुके हैं। इनकी शादी बिहार के मुंगेर में हुई है। कानपुर से एलएलबी और इलाहाबाद से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद सीमा यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आ गई थीं। 2011 में यूपीएससी के सिलेबस में कुछ बदलाव आया। सीमा मेंस तक पहुंची पर सफल नहीं हो पाईं। फेम इंडिया मैगजीन एशिया पोस्ट सर्वे के 25 सशक्त महिलाएं-2020 की सूची में सीमा कुशवाहा 20 वें स्थान पर रही हैं। वह 2022 में बसपा में शामिल हुई थीं। फिर 2024 में बीजेपी में शामिल हो गईं। सवाल 6- निर्भया केस से कैसे जुड़ीं?
जवाब- 2012 में निर्भया की दरिंदगी का मामला सामने आया। निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए चल रहे धरना प्रदर्शन में सीमा शरीक होने लगीं। इसी दौरान वे निर्भया की माता और पिता के करीब आईं और उनकी लड़ाई में हमसफर बन गईं। सीमा बताती हैं- डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और हाईकोर्ट होते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। एक साल से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग पड़ा था। तभी निर्णय लिया कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस केस को लड़ेंगी और निर्भया के माता पिता को न्याय दिलाएंगी। सीमा का यह पहला केस था और इस केस के लिए उन्होंने निर्भया के माता-पिता से कोई फीस नहीं ली। सीमा समृद्धि ने सुप्रीम कोर्ट में रातभर दलीलें रखकर निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह फांसी दिलाई थी। चारों दरिंदों (मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) को फांसी दी गई थी। वह निर्भया ज्योति ट्रस्ट में कानूनी सलाहकार भी हैं। वह 24 जनवरी, 2014 को निर्भया ज्योति ट्रस्ट से जुड़ीं। सवाल 7- कौन–कौन से बड़े केस सीमा समृद्धि ने लड़े हैं?
जवाब- ​​​​​​​सीमा समृद्धि ने निर्भया केस से प्रसिद्धि मिली थी। इसके बाद उन्होंने महिलाओं से जुड़े अत्याचार के बड़े केस लड़ रही हैं। 1- श्रद्धा हत्याकांड: 18 मई, 2020 में दिल्ली में लिव इन पार्टनर आफताब ने अपनी 26 साल की प्रेमिका श्रद्धा की बेरहमी से हत्या कर दी। उसके शव को आरी से काटा। नया फ्रिज लाया, ताकि टुकड़े उसमें रख सके और बदबू दबाने के लिए अगरबत्ती सुलगाता था। आफताब 18 दिन तक रोज रात 2 बजे उठता और शव के टुकड़े जंगल में फेंक आता था। श्रद्धा हत्याकांड का यह केस सीमा लड़ रही हैं। 2- हाथरस रेप-हत्याकांड:14 सितंबर, 2020 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि दरिंदों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दुष्कर्म पीड़ित ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। पीड़ित परिवार का केस सीमा फ्री में लड़ा था। 3- उन्नाव रेप हत्याकांड: 4 जून, 2017 उन्नाव में हुए सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता की मौत के बाद उसका भी केस सीमा कुशवाहा ने लड़ा था। इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा हुई थी। ———————- यह खबर भी पढ़िए:- एसीपी मोहसिन के मामले में पुलिस ही आमने सामने: पत्नी सुहैला सैफ के प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट लगाने वाला दरोगा आया सामने, बोला- मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है कानपुर में निलम्बित एसीपी मोहसिन खान और आईआईटी स्कॉलर के बीच चल रहे विवाद में दिन प्रतिदिन नए मोड़ आ रहे हैं। अब इस घटना में पुलिस ही पुलिस के सामने खड़ी हो गई है। एसीपी मोहसिन खान की पत्नी ने कोर्ट से मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें रावतपुर में तैनात एसआई राजेश प्रसाद बाजपेई ने रिपोर्ट लगाई थी। दरोगा को डीसीपी वेस्ट ने लाइन हाजिर कर दिया। अब इस मामले में दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई सामने आया है। दरोगा ने कहा कि उसके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर