पति ने पत्नी की हत्या की, बेटा भूख से मरा:बांदा में बंद कमरे से मिले थे 3 शव; लिखा- सास फंसाने की धमकी देती थी

पति ने पत्नी की हत्या की, बेटा भूख से मरा:बांदा में बंद कमरे से मिले थे 3 शव; लिखा- सास फंसाने की धमकी देती थी

बांदा में पति ने पत्नी की हत्या करने के बाद खुद फंदे से लटककर जान दे दी थी। 24 घंटे तक इस घटना का किसी को पता नहीं चला। इस वजह से उनके 3 महीने के बेटे की भूख से तड़प-तड़प कर मौत हो गई। शनिवार को तीनों के शव कमरे से मिले। आशंका जताई जा रही थी पिता ने पत्नी और बेटे की गला दबाकर हत्या की है। लेकिन, रविवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मासूम की मौत भूख से हुई है। जबकि मां की गला दबाकर हत्या की गई है। मामला अतर्रा थाना क्षेत्र का है। अब जानिए पूरा मामला… आजाद नगर मोहल्ले में जितेंद्र प्रजापति (22), पत्नी गौरा (20) और 3 महीने के बेटे के साथ किराए के मकान में रहता था। वह कालिंजर थाना क्षेत्र के तरहटी का रहने वाला था। 20 अप्रैल 2024 जितेंद्र की शादी अतर्रा कस्बा में रहने वाली ममता की बेटी गौरा से हुई थी। 3 महीने पहले ही गौरा ने बेटे (शिवांश) को जन्म दिया था। शनिवार को आजाद नगर के मोहल्लेवालों ने पुलिस को बंद कमरे से बदबू आने की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, तो अंदर से जितेंद्र प्रजापति, उसकी पत्नी गौरा और बच्चे की लाश मिली। जितेंद्र मूलरूप से थाना कालिंजर के तरहटी का रहने वाला था। महिला और उसके बेटे की लाश बेड पर पड़ी थी, जबकि जितेंद्र का शव फंदे पर लटक रहा था। तीन शव मिलने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल समेत सभी पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचे। जांच करने के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। भूख से हुई थी 3 महीने के बेटे की मौत
रविवार को तीनों शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमॉर्टम 4 से 5 घंटे तक चला। इसकी रिपोर्ट में सामने आया कि पहले जितेंद्र प्रजापति ने अपनी पत्नी का गला दुपट्‌टे या रस्सी से दबाया। साथ ही उसके माथे पर किसी चीज से प्रहार भी किया, जिसकी चोट का निशान भी था। इसके बाद खुद फंदे पर लटक गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि बेटे की मौत गला दबाने से नहीं, बल्कि भूख की वजह से हुई है। उसकी मौत माता-पिता के मरने के दूसरे दिन हुई। सास की प्रताड़ना से तंग आ गया था
बताया जा रहा है कि जितेंद्र अपनी सास की प्रताड़ना से तंग आ गया था। पुलिस को जांच के दौरान एक सुसाइड नोट भी मिला। इसे जितेंद्र ने 3 दिन पहले अपने दोस्तों के वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर किया था। इसमें उसने अपने सास-ससुर और पत्नी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। 8 महीने पहले ही घर शिफ्ट किया
शादी के बाद जितेंद्र पत्नी को लेकर अपने घर पर ही रहता था। लेकिन, पत्नी और सास उससे अलग रहने का दबाव बनाती थीं। इसी से परेशान होकर उसने 8 महीने पहले अपना घर छोड़ दिया था। इसके बाद वह अतर्रा कस्बे में रामकुमार प्रजापति के मकान में किराए पर रहने लगा था। 6 अप्रैल को ही अहमदाबाद से घर लौटा था
जितेंद्र अहमदाबाद में रहकर लोहे की फैक्ट्री में काम करता था। उसका छोटा भाई अरविंद भी अहमदाबाद में ही रहता था। 6 मई को ही वह अतर्रा लौटा था। पुलिस की मानें, तो अगले दिन 7 मई को ही उसने पत्नी गौरा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद भी फांसी लगा ली। अब पढ़िए सुसाइड नोट… जितेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा- मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। गौरा की मम्मी ममता देवी ने मुझे बुलाया था। मैंने मना किया तो गौरा ने मुझे बार-बार फोन करके बुलाया। मुझसे बोली थीं कि शीलू (साली) आ गई है। तुम भी आकर दस्तखत करो। नहीं तो हम तुम्हें फंसा देंगे। गौरा की मम्मी-पापा ने मुझे घर बुलाकर बहुत मारा-पीटा। फिर मैंने सोचा कि अब मैं मर ही जाऊं। अतर्रा सीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि रविवार को पति-पत्नी और मासूम के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि पहले पति ने अपनी पत्नी को मारा। उसके बाद वह खुद फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी। उसके 3 महीने की बेटे की मौत भूख की वजह से हुई है। यह घटना 8-9 मई की रात हुई थी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… ऑपरेशन सिंदूर- कर्नल सोफिया का कानपुर में ननिहाल, मामी बोलीं- बचपन में बंदूकों से खेलती थीं, बुआ ने कहा- कौम का नाम रोशन किया भारतीय सेना के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद दो नाम पूरे देश की जुबान पर है। वह हैं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। 7 मई को यूपी से जुड़ी ये दो महिला अफसर ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग के लिए देश के सामने आईं। पढ़ें पूरी खबर… बांदा में पति ने पत्नी की हत्या करने के बाद खुद फंदे से लटककर जान दे दी थी। 24 घंटे तक इस घटना का किसी को पता नहीं चला। इस वजह से उनके 3 महीने के बेटे की भूख से तड़प-तड़प कर मौत हो गई। शनिवार को तीनों के शव कमरे से मिले। आशंका जताई जा रही थी पिता ने पत्नी और बेटे की गला दबाकर हत्या की है। लेकिन, रविवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मासूम की मौत भूख से हुई है। जबकि मां की गला दबाकर हत्या की गई है। मामला अतर्रा थाना क्षेत्र का है। अब जानिए पूरा मामला… आजाद नगर मोहल्ले में जितेंद्र प्रजापति (22), पत्नी गौरा (20) और 3 महीने के बेटे के साथ किराए के मकान में रहता था। वह कालिंजर थाना क्षेत्र के तरहटी का रहने वाला था। 20 अप्रैल 2024 जितेंद्र की शादी अतर्रा कस्बा में रहने वाली ममता की बेटी गौरा से हुई थी। 3 महीने पहले ही गौरा ने बेटे (शिवांश) को जन्म दिया था। शनिवार को आजाद नगर के मोहल्लेवालों ने पुलिस को बंद कमरे से बदबू आने की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, तो अंदर से जितेंद्र प्रजापति, उसकी पत्नी गौरा और बच्चे की लाश मिली। जितेंद्र मूलरूप से थाना कालिंजर के तरहटी का रहने वाला था। महिला और उसके बेटे की लाश बेड पर पड़ी थी, जबकि जितेंद्र का शव फंदे पर लटक रहा था। तीन शव मिलने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल समेत सभी पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचे। जांच करने के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। भूख से हुई थी 3 महीने के बेटे की मौत
रविवार को तीनों शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमॉर्टम 4 से 5 घंटे तक चला। इसकी रिपोर्ट में सामने आया कि पहले जितेंद्र प्रजापति ने अपनी पत्नी का गला दुपट्‌टे या रस्सी से दबाया। साथ ही उसके माथे पर किसी चीज से प्रहार भी किया, जिसकी चोट का निशान भी था। इसके बाद खुद फंदे पर लटक गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि बेटे की मौत गला दबाने से नहीं, बल्कि भूख की वजह से हुई है। उसकी मौत माता-पिता के मरने के दूसरे दिन हुई। सास की प्रताड़ना से तंग आ गया था
बताया जा रहा है कि जितेंद्र अपनी सास की प्रताड़ना से तंग आ गया था। पुलिस को जांच के दौरान एक सुसाइड नोट भी मिला। इसे जितेंद्र ने 3 दिन पहले अपने दोस्तों के वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर किया था। इसमें उसने अपने सास-ससुर और पत्नी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। 8 महीने पहले ही घर शिफ्ट किया
शादी के बाद जितेंद्र पत्नी को लेकर अपने घर पर ही रहता था। लेकिन, पत्नी और सास उससे अलग रहने का दबाव बनाती थीं। इसी से परेशान होकर उसने 8 महीने पहले अपना घर छोड़ दिया था। इसके बाद वह अतर्रा कस्बे में रामकुमार प्रजापति के मकान में किराए पर रहने लगा था। 6 अप्रैल को ही अहमदाबाद से घर लौटा था
जितेंद्र अहमदाबाद में रहकर लोहे की फैक्ट्री में काम करता था। उसका छोटा भाई अरविंद भी अहमदाबाद में ही रहता था। 6 मई को ही वह अतर्रा लौटा था। पुलिस की मानें, तो अगले दिन 7 मई को ही उसने पत्नी गौरा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद भी फांसी लगा ली। अब पढ़िए सुसाइड नोट… जितेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा- मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। गौरा की मम्मी ममता देवी ने मुझे बुलाया था। मैंने मना किया तो गौरा ने मुझे बार-बार फोन करके बुलाया। मुझसे बोली थीं कि शीलू (साली) आ गई है। तुम भी आकर दस्तखत करो। नहीं तो हम तुम्हें फंसा देंगे। गौरा की मम्मी-पापा ने मुझे घर बुलाकर बहुत मारा-पीटा। फिर मैंने सोचा कि अब मैं मर ही जाऊं। अतर्रा सीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि रविवार को पति-पत्नी और मासूम के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि पहले पति ने अपनी पत्नी को मारा। उसके बाद वह खुद फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी। उसके 3 महीने की बेटे की मौत भूख की वजह से हुई है। यह घटना 8-9 मई की रात हुई थी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… ऑपरेशन सिंदूर- कर्नल सोफिया का कानपुर में ननिहाल, मामी बोलीं- बचपन में बंदूकों से खेलती थीं, बुआ ने कहा- कौम का नाम रोशन किया भारतीय सेना के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद दो नाम पूरे देश की जुबान पर है। वह हैं- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। 7 मई को यूपी से जुड़ी ये दो महिला अफसर ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग के लिए देश के सामने आईं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर