सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विदेश सचिव विक्रम मिसरी के पक्ष में उतर आए हैं। विदेश सचिव और उनके परिवार की ट्रोलिंग पर अखिलेश ने इस मामले को संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने X पोस्ट में लिखा, कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व विदेश सचिव और उनके परिवार के खिलाफ अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार और उसके मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने इसे सत्यनिष्ठ अधिकारियों के मनोबल को तोड़ने वाला कृत्य बताया। आशंका जताई कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। 7 मई को पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भारत का पक्ष रखा था। 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने की जानकारी भी उन्होंने दी। इसके बाद सोशल मीडिया के तमाम यूजर्स उनके पोस्ट्स पर ऑनलाइन एब्यूज कर रहे थे। यहां तक कि उनके परिवार के साथ उनकी पुरानी तस्वीरें शेयर हो रही थीं। तंग आकर विक्रम मिसरी ने अपना X अकाउंट प्राइवेट कर लिया है। इसका मतलब है कि केवल वेरिफाइड यूजर्स ही उनका अकाउंट देख सकते हैं, या उनके पोस्ट्स पर कोई कमेंट कर सकते हैं। अखिलेश बोले- भाजपा की चुप्पी उसकी संलिप्तता मानी जाएगी
अखिलेश यादव ने कहा, इस मामले की गहराई से जांच की जाए और दोषियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स, बैंक खाते और ई-पेमेंट खातों का पूरा ब्योरा निकाला जाए। सपा अध्यक्ष ने ईडी, सीबीआई, साइबर सिक्योरिटी और अन्य जांच एजेंसियों को तत्काल सक्रिय करने की मांग करते हुए पूछा कि इन तत्वों के पीछे कौन सी ताकतें काम कर रही हैं और क्या ये विदेशी शक्तियों से पैसा लेकर देश में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार की कार्यशैली पर भी निशाना साधा। कहा, सरकार देश की सुरक्षा के नाम पर प्रतिष्ठित यूट्यूब चैनलों को तो बंद कर देती है, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार 24 घंटे के भीतर कोई कदम नहीं उठाती, तो जनता यह समझ लेगी कि ये तत्व किसके इशारे पर काम कर रहे हैं और उन्हें कौन बचा रहा है। उन्होंने कहा, भाजपा की चुप्पी उसकी संलिप्तता मानी जाएगी। तमाम यूजर्स विक्रम मिसरी के बचाव में भी उतरे
सोशल मीडिया पर एक वर्ग विक्रम मिसरी के बचाव में है। यूजर्स का कहना है कि सीनियर ऑफिसर को पर्सनल लेवल पर ट्रोल करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। सीजफायर के ऐलान के बाद होने लगी थी ट्रोलिंग
रविवार 10 मई को विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में भारत और पकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दी थी। हालांकि, इसके कुछ ही घंटे बाद भारत-पाक सीमा पर पड़ोसी देश ने फिर गोलीबारी शुरू कर दी। ऐसे में X यूजर्स ने विक्रम मिसरी पर कमेंट्स शुरू कर दिए थे। विक्रम देश के 35वें विदेश सचिव
साल 2024 में विक्रम मिसरी ने देश के 35वें विदेश सचिव के रूम में कार्यभार संभाला था। इनमें पहले विनय मोहन क्वातरा विदेश सचिव के रूप में काम कर रहे थे। जनवरी 2022 से 2024 तक विक्रम मिसरी भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी NSA के डिप्टी का काम कर रहे थे। 2019 से 2021 तक वो चीन में भारतीय एम्बेसडर रहे। वो इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए प्राइवेट सेक्रेटरी रह चुके हैं। इसके अलावा वो स्पेन और म्यांमार में भी भारत के एम्बेसडर रहे हैं। एडवर्टाइजिंग करियर छोड़ सिविल सर्विस में आए थे मिसरी
विक्रम मिसरी का जन्म 7 नवंबर 1964 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ। वो एक कश्मीरी पंडितों के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल और DAV स्कूल से उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में भी वो पढ़ाई कर चुके हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदु कॉलेज से उन्होंने हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद झारखंड के जमशेदपुर के जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट से MBA किया। सरकारी सेवा में शामिल होने से पहले, उन्होंने तीन वर्षों तक विज्ञापन क्षेत्र में कार्य किया, जिसमें लिंटास इंडिया (मुंबई) और कॉन्ट्रैक्ट एडवर्टाइजिंग (दिल्ली) शामिल हैं। वे 1989 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुए थे। ————————- यह खबर भी पढ़िए… प्रयागराज कमिश्नर तरुण गाबा को लखनऊ भेजा:सिर्फ 11 महीने पद पर रहे, कानपुर IG को जिम्मा; यूपी में 11 IPS के ट्रांसफर योगी सरकार ने 11 IPS अफसरों के ट्रांसफर कर दिए हैं। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा को लखनऊ का पुलिस महानिरीक्षक (IG) बनाया गया है। उन्हें 21 जून, 2024 को प्रयागराज का कमिश्नर बनाकर भेजा गया था। वह करीब 11 महीने तक प्रयागराज के कमिश्नर रहे। पढ़ें पूरी खबर… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विदेश सचिव विक्रम मिसरी के पक्ष में उतर आए हैं। विदेश सचिव और उनके परिवार की ट्रोलिंग पर अखिलेश ने इस मामले को संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने X पोस्ट में लिखा, कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व विदेश सचिव और उनके परिवार के खिलाफ अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार और उसके मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने इसे सत्यनिष्ठ अधिकारियों के मनोबल को तोड़ने वाला कृत्य बताया। आशंका जताई कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। 7 मई को पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भारत का पक्ष रखा था। 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने की जानकारी भी उन्होंने दी। इसके बाद सोशल मीडिया के तमाम यूजर्स उनके पोस्ट्स पर ऑनलाइन एब्यूज कर रहे थे। यहां तक कि उनके परिवार के साथ उनकी पुरानी तस्वीरें शेयर हो रही थीं। तंग आकर विक्रम मिसरी ने अपना X अकाउंट प्राइवेट कर लिया है। इसका मतलब है कि केवल वेरिफाइड यूजर्स ही उनका अकाउंट देख सकते हैं, या उनके पोस्ट्स पर कोई कमेंट कर सकते हैं। अखिलेश बोले- भाजपा की चुप्पी उसकी संलिप्तता मानी जाएगी
अखिलेश यादव ने कहा, इस मामले की गहराई से जांच की जाए और दोषियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स, बैंक खाते और ई-पेमेंट खातों का पूरा ब्योरा निकाला जाए। सपा अध्यक्ष ने ईडी, सीबीआई, साइबर सिक्योरिटी और अन्य जांच एजेंसियों को तत्काल सक्रिय करने की मांग करते हुए पूछा कि इन तत्वों के पीछे कौन सी ताकतें काम कर रही हैं और क्या ये विदेशी शक्तियों से पैसा लेकर देश में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार की कार्यशैली पर भी निशाना साधा। कहा, सरकार देश की सुरक्षा के नाम पर प्रतिष्ठित यूट्यूब चैनलों को तो बंद कर देती है, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार 24 घंटे के भीतर कोई कदम नहीं उठाती, तो जनता यह समझ लेगी कि ये तत्व किसके इशारे पर काम कर रहे हैं और उन्हें कौन बचा रहा है। उन्होंने कहा, भाजपा की चुप्पी उसकी संलिप्तता मानी जाएगी। तमाम यूजर्स विक्रम मिसरी के बचाव में भी उतरे
सोशल मीडिया पर एक वर्ग विक्रम मिसरी के बचाव में है। यूजर्स का कहना है कि सीनियर ऑफिसर को पर्सनल लेवल पर ट्रोल करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। सीजफायर के ऐलान के बाद होने लगी थी ट्रोलिंग
रविवार 10 मई को विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में भारत और पकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दी थी। हालांकि, इसके कुछ ही घंटे बाद भारत-पाक सीमा पर पड़ोसी देश ने फिर गोलीबारी शुरू कर दी। ऐसे में X यूजर्स ने विक्रम मिसरी पर कमेंट्स शुरू कर दिए थे। विक्रम देश के 35वें विदेश सचिव
साल 2024 में विक्रम मिसरी ने देश के 35वें विदेश सचिव के रूम में कार्यभार संभाला था। इनमें पहले विनय मोहन क्वातरा विदेश सचिव के रूप में काम कर रहे थे। जनवरी 2022 से 2024 तक विक्रम मिसरी भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी NSA के डिप्टी का काम कर रहे थे। 2019 से 2021 तक वो चीन में भारतीय एम्बेसडर रहे। वो इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए प्राइवेट सेक्रेटरी रह चुके हैं। इसके अलावा वो स्पेन और म्यांमार में भी भारत के एम्बेसडर रहे हैं। एडवर्टाइजिंग करियर छोड़ सिविल सर्विस में आए थे मिसरी
विक्रम मिसरी का जन्म 7 नवंबर 1964 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ। वो एक कश्मीरी पंडितों के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल और DAV स्कूल से उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में भी वो पढ़ाई कर चुके हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदु कॉलेज से उन्होंने हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद झारखंड के जमशेदपुर के जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट से MBA किया। सरकारी सेवा में शामिल होने से पहले, उन्होंने तीन वर्षों तक विज्ञापन क्षेत्र में कार्य किया, जिसमें लिंटास इंडिया (मुंबई) और कॉन्ट्रैक्ट एडवर्टाइजिंग (दिल्ली) शामिल हैं। वे 1989 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुए थे। ————————- यह खबर भी पढ़िए… प्रयागराज कमिश्नर तरुण गाबा को लखनऊ भेजा:सिर्फ 11 महीने पद पर रहे, कानपुर IG को जिम्मा; यूपी में 11 IPS के ट्रांसफर योगी सरकार ने 11 IPS अफसरों के ट्रांसफर कर दिए हैं। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा को लखनऊ का पुलिस महानिरीक्षक (IG) बनाया गया है। उन्हें 21 जून, 2024 को प्रयागराज का कमिश्नर बनाकर भेजा गया था। वह करीब 11 महीने तक प्रयागराज के कमिश्नर रहे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के बचाव में उतरे अखिलेश यादव:ट्रोलिंग पर बोले- फैसला सरकार का होता है, अधिकारी का नहीं; केंद्र चुप क्यों?
