राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए रविवार को कुख्यात आतंकी लुधियाना निवासी कश्मीर सिंह गलवड्डी को बिहार के मोतिहारी से गिरफ्तार कर लिया। गलवड्डी 2016 में पंजाब की नाभा जेल से फरार हुए छह अपराधियों में शामिल था और 2022 में मोहाली स्थित पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस ऑफिस पर हुए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमले का भी मुख्य आरोपी है। गिरफ्तार आतंकी गलवड्डी, बब्बर खालसा के अंतरराष्ट्रीय आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा का करीबी सहयोगी है। एनआईए के अनुसार, वह न केवल साजिशों में शामिल था, बल्कि आतंकी नेटवर्क को शरण, लॉजिस्टिक समर्थन और फंडिंग भी मुहैया करवा रहा था। एनआईए की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था और उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। 2022 खालिस्तानी साजिश केस में अहम गिरफ्तारी एनआईए ने अगस्त 2022 में इस केस को टेकओवर किया था। जिसमें बब्बर खालसा, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आई थी। जांच में खुलासा हुआ कि इन संगठनों का संगठित अपराध गिरोहों से भी गठजोड़ है और वे पाकिस्तान से आतंकी हथियार व विस्फोटक भारत ला रहे थे। रिंदा व लंडा सहित 9 के खिलाफ चार्जशीट दायर जांच में खुलासा हुआ कि इन आतंकी संगठनों और देश के संगठित अपराध गिरोहों के बीच गहरा नेटवर्क तैयार हो चुका था, जो हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और IED जैसे आतंकी सामानों को सीमा पार से भारत में लाकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। एनआईए ने जुलाई 2023 में इस केस में रिंदा और लखबीर सिंह उर्फ लंडा सहित 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद दो और पूरक चार्जशीट 6 अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर की गईं।
अगस्त 2024 में एनआईए ने लांडा के भाई तरसेम सिंह को UAE से प्रत्यर्पित कर भारत लाया और दिसंबर में तीसरी एडीशनल चार्जशीट भी फाइल की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए रविवार को कुख्यात आतंकी लुधियाना निवासी कश्मीर सिंह गलवड्डी को बिहार के मोतिहारी से गिरफ्तार कर लिया। गलवड्डी 2016 में पंजाब की नाभा जेल से फरार हुए छह अपराधियों में शामिल था और 2022 में मोहाली स्थित पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस ऑफिस पर हुए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमले का भी मुख्य आरोपी है। गिरफ्तार आतंकी गलवड्डी, बब्बर खालसा के अंतरराष्ट्रीय आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा का करीबी सहयोगी है। एनआईए के अनुसार, वह न केवल साजिशों में शामिल था, बल्कि आतंकी नेटवर्क को शरण, लॉजिस्टिक समर्थन और फंडिंग भी मुहैया करवा रहा था। एनआईए की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था और उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। 2022 खालिस्तानी साजिश केस में अहम गिरफ्तारी एनआईए ने अगस्त 2022 में इस केस को टेकओवर किया था। जिसमें बब्बर खालसा, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आई थी। जांच में खुलासा हुआ कि इन संगठनों का संगठित अपराध गिरोहों से भी गठजोड़ है और वे पाकिस्तान से आतंकी हथियार व विस्फोटक भारत ला रहे थे। रिंदा व लंडा सहित 9 के खिलाफ चार्जशीट दायर जांच में खुलासा हुआ कि इन आतंकी संगठनों और देश के संगठित अपराध गिरोहों के बीच गहरा नेटवर्क तैयार हो चुका था, जो हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और IED जैसे आतंकी सामानों को सीमा पार से भारत में लाकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। एनआईए ने जुलाई 2023 में इस केस में रिंदा और लखबीर सिंह उर्फ लंडा सहित 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद दो और पूरक चार्जशीट 6 अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर की गईं।
अगस्त 2024 में एनआईए ने लांडा के भाई तरसेम सिंह को UAE से प्रत्यर्पित कर भारत लाया और दिसंबर में तीसरी एडीशनल चार्जशीट भी फाइल की। पंजाब | दैनिक भास्कर
