Chardham Yatra 2025: 12 दिन में 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, प्रशासन ने की पंजीकरण की अपील

Chardham Yatra 2025: 12 दिन में 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, प्रशासन ने की पंजीकरण की अपील

<p style=”text-align: justify;”><strong>Chardham</strong> <strong>yatra</strong> <strong>2025:</strong> उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत के साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है. बारिश और ठंडे मौसम जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई. गंगोत्री में मां गंगा और यमुनोत्री में मां यमुना के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु रोजाना पहुंच रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>12 </strong><strong>दिन में </strong><strong>2 </strong><strong>लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चारधाम यात्रा के पहले 12 दिनों में ही साढ़े पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु उत्तराखंड की देवभूमि पहुंच चुके हैं. प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, 11 मई तक यमुनोत्री धाम में 1,12,507 और गंगोत्री धाम में 94,251 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, यानी कुल 2,06,758 भक्त इन दोनों धामों में पहुंचे. केदारनाथ धाम में भी प्रतिदिन 19-20 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं, और पंजीकरण की संख्या 27 लाख को पार कर चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बारिश में भी अडिग रही श्रद्धालुओं की आस्था</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बारिश का दौर जारी रहा. गंगा पुरोहित सभा के सचिव माधव सेमवाल और वरिष्ठ पुरोहित राजेश सेमवाल के अनुसार, गंगोत्री में बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट आई, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कमी नहीं देखी गई. भक्त बारिश में भी गंगा घाट पर स्नान करने और मां गंगा के दर्शन के लिए पहुंचे. यमुनोत्री धाम में भी श्रद्धालु 5 किमी के कठिन पैदल मार्ग को पार कर मां यमुना के दर्शन के लिए उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं. बारिश की फुहारों और ठंडक के बीच भी भक्त कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन की मुस्तैदी और व्यवस्थाएं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यात्रा मार्गों पर 6,000 पुलिसकर्मी, 17 पीएसी कंपनियां, और 10 अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा ये व्यवस्थाएं —-</p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li><strong>स्वास्थ्य सेवाएं</strong><strong>:</strong> प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और आपातकालीन सहायता की व्यवस्था.</li>
<li><strong>यातायात और सफाई</strong><strong>:</strong> सुचारू यातायात और स्वच्छता के लिए विशेष टीमें तैनात.</li>
<li><strong>पंजीकरण</strong><strong>:</strong> ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण अनिवार्य, हरिद्वार और ऋषिकेश में 20-20 काउंटर स्थापित.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए गर्म कपड़े, रेनकोट, और आवश्यक दवाइयां साथ रखें. साथ ही, बिना पंजीकरण यात्रा न शुरू करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थानीय व्यापारियों में खुशी की लहर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले दो-तीन दिनों से श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि से तीर्थ क्षेत्र में रौनक लौट आई है. स्थानीय दुकानदारों और पुरोहितों का कहना है कि कोविड काल के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापार को भी बल मिला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chardham</strong> <strong>yatra</strong> <strong>2025:</strong> उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत के साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है. बारिश और ठंडे मौसम जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई. गंगोत्री में मां गंगा और यमुनोत्री में मां यमुना के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु रोजाना पहुंच रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>12 </strong><strong>दिन में </strong><strong>2 </strong><strong>लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चारधाम यात्रा के पहले 12 दिनों में ही साढ़े पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु उत्तराखंड की देवभूमि पहुंच चुके हैं. प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, 11 मई तक यमुनोत्री धाम में 1,12,507 और गंगोत्री धाम में 94,251 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, यानी कुल 2,06,758 भक्त इन दोनों धामों में पहुंचे. केदारनाथ धाम में भी प्रतिदिन 19-20 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं, और पंजीकरण की संख्या 27 लाख को पार कर चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बारिश में भी अडिग रही श्रद्धालुओं की आस्था</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बारिश का दौर जारी रहा. गंगा पुरोहित सभा के सचिव माधव सेमवाल और वरिष्ठ पुरोहित राजेश सेमवाल के अनुसार, गंगोत्री में बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट आई, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कमी नहीं देखी गई. भक्त बारिश में भी गंगा घाट पर स्नान करने और मां गंगा के दर्शन के लिए पहुंचे. यमुनोत्री धाम में भी श्रद्धालु 5 किमी के कठिन पैदल मार्ग को पार कर मां यमुना के दर्शन के लिए उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं. बारिश की फुहारों और ठंडक के बीच भी भक्त कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन की मुस्तैदी और व्यवस्थाएं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यात्रा मार्गों पर 6,000 पुलिसकर्मी, 17 पीएसी कंपनियां, और 10 अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा ये व्यवस्थाएं —-</p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li><strong>स्वास्थ्य सेवाएं</strong><strong>:</strong> प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और आपातकालीन सहायता की व्यवस्था.</li>
<li><strong>यातायात और सफाई</strong><strong>:</strong> सुचारू यातायात और स्वच्छता के लिए विशेष टीमें तैनात.</li>
<li><strong>पंजीकरण</strong><strong>:</strong> ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण अनिवार्य, हरिद्वार और ऋषिकेश में 20-20 काउंटर स्थापित.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए गर्म कपड़े, रेनकोट, और आवश्यक दवाइयां साथ रखें. साथ ही, बिना पंजीकरण यात्रा न शुरू करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थानीय व्यापारियों में खुशी की लहर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले दो-तीन दिनों से श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि से तीर्थ क्षेत्र में रौनक लौट आई है. स्थानीय दुकानदारों और पुरोहितों का कहना है कि कोविड काल के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापार को भी बल मिला है.</p>
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