भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक की रात बठिंडा में प्लेन क्रैश हुआ था। इसमें हरियाणा के एक युवक की मौत हो गई थी जबकि 9 लोग घायल हो गए थे। इन घायलों को पुलिस के पहरे में अस्पताल में रखा गया था। इस वजह से प्लेन क्रैश के दौरान क्या हुआ, लोग कैसे घायल हुए, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। हालांकि दैनिक भास्कर ने एक घायल को ढूंढ निकाला, जिसे इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। घायल सतपाल ने भास्कर एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि उस दिन कैसे प्लेन नीचे गिरने के बाद खेत में धंस गया था। लोग आग बुझाने के लिए मिट्टी डाल रहे थे तो अचानक उसमें धमाका हो गया। जिसमें वह भी घायल हुआ। सतपाल ने कहा कि पहले तो उसे लगा कि उनके गांव अकलिया कलां में हमला हो गया है लेकिन मौके पर जाकर पूरी बात पता चली। सतपाल ने 6-7 मई की रात प्लेन क्रैश होने से लेकर बठिंडा के सिविल अस्पताल से डिस्चार्ज होने तक की पूरी कहानी बताई। पढ़ें दैनिक भास्कर की रिपोर्ट… चश्मदीद की जुबानी, प्लेन क्रैश की पूरी कहानी आग का गोला सा दिखा, धमाका हुआ
बठिंडा की गोनियाना मंडी के गांव अकलिया कलां के रहने वाले सतपाल (36) ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी के अलावा 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 बेटियां और एक बेटा है। 6 मई की रात खाना खाकर करीब 8 बजे तक पूरा परिवार सो गया था। पूरा परिवार घर के आंगन में ही सो रहा था। ठीक तरह से तो नहीं पता, मगर रात के 1 या 1:30 बजे रहे होंगे, गांव के ऊपर से तेज आवाज करता हुआ गोला जाता दिखाई दिया। इसके बाद तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। डर कर सोचा- हमला तो नहीं हो गया
सतपाल ने आगे बताया कि आसमान से गांव की ओर गोला आना और फिर धमाके होने पर वह डर गया। सोचा कि कहीं हमला तो नहीं हो गया। क्योंकि लगातार खबरें आ रहीं थी कि भारत ने पाकिस्तान पर कोई बम फोड़े हैं। इसलिए मन में सबसे पहले यहीं ख्याल आया कि हमला हो गया। इस पर उसने तुरंत पत्नी और बच्चों को जगाया और घर के अंदर जाने को कहा। लोगों ने बताया, तुम्हारे खेत में गिरा है जहाज
सतपाल के मुताबिक पत्नी और तीनों बच्चों को घर के अंदर भेजने के बाद वह बाहर आया। देखा कि लोग हल्ला करते हुए खेतों की ओर जा रहे हैं। वह भी लोगों के साथ खेतों की ओर चल दिया। इसी बीच लोगों ने उसे बताया कि खेत में जहाज गिरा है और वो भी तुम्हारे। यह सुनकर टेंशन बढ़ गई। खेत गांव से करीब 500 मीटर दूर है। वह तेजी से भागता हुआ खेत पर पहुंचा। वहां जाकर पता चला कि वह उसके खेत में नहीं, किसी दूसरे के खेत में गिरा था। खेत में कई फुट गहरा गड्ढे में धंसा था जहाज
सतपाल ने कहा, उसने मौके पर देखा कि एक बड़ा सा जहाज खेत में अगले हिस्से के बल गिरा था। खेत में कई फीट गहरा गड्ढा हो गया था। यह खेत मूले नाम के जमींदार का था, जिसे उसने आगे किसी को ठेके पर दे रखा था। इसमें मक्के की बिजाई की गई थी। जहाज में भयंकर आग लगी थी। उसके हजारों टुकड़े आसपास के क्षेत्र में बिखरे पड़े थे। मौके पर करीब 200 से 250 लोग जमा थे, जिनमें अफरा तफरी सी मची थी। जहाज में कोई नहीं था, लोग आग बुझाने लगे
सतपाल बताते है कि वहां खड़े लोग जहाज की वीडियो बनाने लग थे। इसी बीच किसी ने कहा कि आग में कोई जल रहा है, आग बुझानी चाहिए। इस पर लोग खेतों से उठाकर मिट्टी जहाज पर डालने लगे। अंदर देखा तो पता चला कि जहाज में कोई नहीं था। मगर, आग तो बुझानी ही थी, इसलिए हमने मिट्टी डालनी जारी रही। कुछ लोग आसपास लगे ट्यूबवेल को चलाकर पानी लाने के लिए भी दौड़ पड़े। साथ ही पुलिस को भी सूचना दे दी। तेज धमाका हुआ, आंखों के आगे अंधेरा छा गया
सतपाल के मुताबिक, सभी मिलकर लगातार जलते जहाज पर मिट्टी डाल रहे थे, ताकि आग बुझ सके। मगर, तभी जहाज में तेज धमाका हुआ। उसके आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ देर बाद उसे सुध आई तो लोग उसके चारों ओर खड़े थे। उसे शरीर में भयंकर दर्द महसूस हुआ। देखा तो जहाज के कई टुकड़े उसके शरीर में घुस गए थे। इसके अलावा कई अन्य लोगों भी इसकी चपेट में आ गए। गोविंद जहाज के काफी नजदीक चला गया था
सतपाल ने बताया कि जो लोग जहाज पर मिट्टी डाल रहे थे तो उनमें हरियाणा के चरखी दादरी का रहने वाला गोविंद भी था। वह जहाज के ज्यादा नजदीक से मिट्टी डाल रहा था, जबकि वो कुछ दूरी पर था। इस कारण सिर्फ कुछ टुकड़े लगने से ही वह घायल हुआ। छर्रे उसकी जांघ के ऊपर प्राइवेट पार्ट के पास लगे थे। इसके अलावा दो-तीन लोग और थे, जो जहाज के काफी नजदीक जाकर मिट्टी डाल रहे थे, इसलिए वे भी धमाके की चपेट में घायल हो गए। धमाके के बाद गांव में अफरा तफरी मच गई। पुलिस पहुंची और सभी को गोनियाना मंडी ले गई
सतपाल ने आगे बताया कि पुलिस ने सबसे पहले घायलों को एम्बुलेंस और दूसरी गाड़ियों में डाला। सबको घटनास्थल से 5 किमी दूर गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। इसमें उसके अलावा गांव के ही राजदीप सिंह (19), रवि सिंह (21), मनप्रीत सिंह (23), मंगा सिंह (27), प्रिंस पाल (28), जसबीर सिंह (25) और पड़ोसी गांव कोठे नत्था सिंहवाला के रहने वाले राज कुमार (40) व जगमीत सिंह (15) थे। डॉक्टरों ने यहीं हरियाणा के गोविंद को मृत घोषित कर दिया था। बठिंडा सिविल अस्पताल में परिवार से भी नहीं मिलने दिया
सतपाल बताते हैं कि गोनियाना मंडी का अस्पताल छोटा है, इसलिए डॉक्टरों ने सभी घायलों को बठिंडा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद पुलिस की टीम ही सभी को करीब 15 किलोमीटर दूर बठिंडा सिविल अस्पताल ले आई, जहां 6 लोगों को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया, जबकि उसे और एक अन्य राज कुमार बठिंडा एम्स रेफर कर दिया गया। दो दिन यहां इलाज चला। इस दौरान 8-9 पुलिसकर्मी उनकी निगरानी करते रहे। परिवार के लोगों तक को मिलने नहीं दिया। यहां से छुट्टी के बाद पुलिस ही उन्हें अपने वाहनों से घर छोड़ गई। सरकार से गुजारिश, हमारी मदद करें
सतपाल कहते हैं कि घर आने के बाद से किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली है। न तो कोई अफसर उनका हाल देखने आया और न ही मंत्री या विधायक। अब हालात ऐसे हैं कि उसे चलने फिरने में भी दिक्कत हो रही है। परिवार का खर्च चलाने वाला वह इकलौता ही है। घायल होने की वजह से वह न तो खेत पर काम करने जा पा रहा है और न ही कोई दूसरा काम। डॉक्टरों ने उसे दो दिन बाद बुलाया है। बठिंडा सिविल अस्पताल तक जाने का गाड़ी एक बार में 1,000 से 1,200 रुपए ले लेती है। यह रकम भी उसे खुद से ही खर्च करनी पड़ेगी। सरकार को चाहिए कि हम जैसे घायलों का उपचार करवाए और खुद का वाहन भेजकर अस्पताल उपचार के लिए लेकर जाए। ———————————– बठिंडा प्लेन क्रैश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बठिंडा प्लेन क्रैश, जिसमें हरियाणा का युवक मरा:चश्मदीद बोले- आग का गोला बनकर नीचे गिरा, धमाका होते ही टुकड़े हुए भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक के दौरान बठिंडा के जिस खेत में प्लेन क्रैश हुआ, वह पंजाब पुलिस के घेरे में है। 2 किलोमीटर दूर ही यहां आम लोगों और मीडिया की एंट्री बंद है। सिर्फ अधिकारी जा रहे हैं। दैनिक भास्कर हालात देखने पहुंचा तो घटनास्थल से लेकर अस्पताल में घायलों से मिलने तक पर पुलिस का पहरा दिखा। (पूरी खबर पढ़ें) बठिंडा प्लेन क्रैश की साइट पर पहुंचा भास्कर:खेत में 4 फीट गहरा गड्ढा हुआ, प्लेन के टुकड़े बिखरे; 24 घंटे पहरे में रहा गांव भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार-बुधवार की रात हुई एयर स्ट्राइक के बाद चर्चा में आया बठिंडा का अकलियां कलां गांव करीब 24 घंटे पुलिस और सेना के कब्जे में रहा। गांव का 2 किलोमीटर एरिया पूरी तरह सील कर दिया गया था। इस दौरान न वहां किसी को आने दिया गया और न जाने। जिस खेत में प्लेन क्रैश हुआ, उसका मालिक भी अभी तक इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। (पूरी खबर पढ़ें) भारत की पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक की रात बठिंडा में प्लेन क्रैश हुआ था। इसमें हरियाणा के एक युवक की मौत हो गई थी जबकि 9 लोग घायल हो गए थे। इन घायलों को पुलिस के पहरे में अस्पताल में रखा गया था। इस वजह से प्लेन क्रैश के दौरान क्या हुआ, लोग कैसे घायल हुए, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। हालांकि दैनिक भास्कर ने एक घायल को ढूंढ निकाला, जिसे इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। घायल सतपाल ने भास्कर एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि उस दिन कैसे प्लेन नीचे गिरने के बाद खेत में धंस गया था। लोग आग बुझाने के लिए मिट्टी डाल रहे थे तो अचानक उसमें धमाका हो गया। जिसमें वह भी घायल हुआ। सतपाल ने कहा कि पहले तो उसे लगा कि उनके गांव अकलिया कलां में हमला हो गया है लेकिन मौके पर जाकर पूरी बात पता चली। सतपाल ने 6-7 मई की रात प्लेन क्रैश होने से लेकर बठिंडा के सिविल अस्पताल से डिस्चार्ज होने तक की पूरी कहानी बताई। पढ़ें दैनिक भास्कर की रिपोर्ट… चश्मदीद की जुबानी, प्लेन क्रैश की पूरी कहानी आग का गोला सा दिखा, धमाका हुआ
बठिंडा की गोनियाना मंडी के गांव अकलिया कलां के रहने वाले सतपाल (36) ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी के अलावा 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 बेटियां और एक बेटा है। 6 मई की रात खाना खाकर करीब 8 बजे तक पूरा परिवार सो गया था। पूरा परिवार घर के आंगन में ही सो रहा था। ठीक तरह से तो नहीं पता, मगर रात के 1 या 1:30 बजे रहे होंगे, गांव के ऊपर से तेज आवाज करता हुआ गोला जाता दिखाई दिया। इसके बाद तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। डर कर सोचा- हमला तो नहीं हो गया
सतपाल ने आगे बताया कि आसमान से गांव की ओर गोला आना और फिर धमाके होने पर वह डर गया। सोचा कि कहीं हमला तो नहीं हो गया। क्योंकि लगातार खबरें आ रहीं थी कि भारत ने पाकिस्तान पर कोई बम फोड़े हैं। इसलिए मन में सबसे पहले यहीं ख्याल आया कि हमला हो गया। इस पर उसने तुरंत पत्नी और बच्चों को जगाया और घर के अंदर जाने को कहा। लोगों ने बताया, तुम्हारे खेत में गिरा है जहाज
सतपाल के मुताबिक पत्नी और तीनों बच्चों को घर के अंदर भेजने के बाद वह बाहर आया। देखा कि लोग हल्ला करते हुए खेतों की ओर जा रहे हैं। वह भी लोगों के साथ खेतों की ओर चल दिया। इसी बीच लोगों ने उसे बताया कि खेत में जहाज गिरा है और वो भी तुम्हारे। यह सुनकर टेंशन बढ़ गई। खेत गांव से करीब 500 मीटर दूर है। वह तेजी से भागता हुआ खेत पर पहुंचा। वहां जाकर पता चला कि वह उसके खेत में नहीं, किसी दूसरे के खेत में गिरा था। खेत में कई फुट गहरा गड्ढे में धंसा था जहाज
सतपाल ने कहा, उसने मौके पर देखा कि एक बड़ा सा जहाज खेत में अगले हिस्से के बल गिरा था। खेत में कई फीट गहरा गड्ढा हो गया था। यह खेत मूले नाम के जमींदार का था, जिसे उसने आगे किसी को ठेके पर दे रखा था। इसमें मक्के की बिजाई की गई थी। जहाज में भयंकर आग लगी थी। उसके हजारों टुकड़े आसपास के क्षेत्र में बिखरे पड़े थे। मौके पर करीब 200 से 250 लोग जमा थे, जिनमें अफरा तफरी सी मची थी। जहाज में कोई नहीं था, लोग आग बुझाने लगे
सतपाल बताते है कि वहां खड़े लोग जहाज की वीडियो बनाने लग थे। इसी बीच किसी ने कहा कि आग में कोई जल रहा है, आग बुझानी चाहिए। इस पर लोग खेतों से उठाकर मिट्टी जहाज पर डालने लगे। अंदर देखा तो पता चला कि जहाज में कोई नहीं था। मगर, आग तो बुझानी ही थी, इसलिए हमने मिट्टी डालनी जारी रही। कुछ लोग आसपास लगे ट्यूबवेल को चलाकर पानी लाने के लिए भी दौड़ पड़े। साथ ही पुलिस को भी सूचना दे दी। तेज धमाका हुआ, आंखों के आगे अंधेरा छा गया
सतपाल के मुताबिक, सभी मिलकर लगातार जलते जहाज पर मिट्टी डाल रहे थे, ताकि आग बुझ सके। मगर, तभी जहाज में तेज धमाका हुआ। उसके आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ देर बाद उसे सुध आई तो लोग उसके चारों ओर खड़े थे। उसे शरीर में भयंकर दर्द महसूस हुआ। देखा तो जहाज के कई टुकड़े उसके शरीर में घुस गए थे। इसके अलावा कई अन्य लोगों भी इसकी चपेट में आ गए। गोविंद जहाज के काफी नजदीक चला गया था
सतपाल ने बताया कि जो लोग जहाज पर मिट्टी डाल रहे थे तो उनमें हरियाणा के चरखी दादरी का रहने वाला गोविंद भी था। वह जहाज के ज्यादा नजदीक से मिट्टी डाल रहा था, जबकि वो कुछ दूरी पर था। इस कारण सिर्फ कुछ टुकड़े लगने से ही वह घायल हुआ। छर्रे उसकी जांघ के ऊपर प्राइवेट पार्ट के पास लगे थे। इसके अलावा दो-तीन लोग और थे, जो जहाज के काफी नजदीक जाकर मिट्टी डाल रहे थे, इसलिए वे भी धमाके की चपेट में घायल हो गए। धमाके के बाद गांव में अफरा तफरी मच गई। पुलिस पहुंची और सभी को गोनियाना मंडी ले गई
सतपाल ने आगे बताया कि पुलिस ने सबसे पहले घायलों को एम्बुलेंस और दूसरी गाड़ियों में डाला। सबको घटनास्थल से 5 किमी दूर गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। इसमें उसके अलावा गांव के ही राजदीप सिंह (19), रवि सिंह (21), मनप्रीत सिंह (23), मंगा सिंह (27), प्रिंस पाल (28), जसबीर सिंह (25) और पड़ोसी गांव कोठे नत्था सिंहवाला के रहने वाले राज कुमार (40) व जगमीत सिंह (15) थे। डॉक्टरों ने यहीं हरियाणा के गोविंद को मृत घोषित कर दिया था। बठिंडा सिविल अस्पताल में परिवार से भी नहीं मिलने दिया
सतपाल बताते हैं कि गोनियाना मंडी का अस्पताल छोटा है, इसलिए डॉक्टरों ने सभी घायलों को बठिंडा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद पुलिस की टीम ही सभी को करीब 15 किलोमीटर दूर बठिंडा सिविल अस्पताल ले आई, जहां 6 लोगों को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया, जबकि उसे और एक अन्य राज कुमार बठिंडा एम्स रेफर कर दिया गया। दो दिन यहां इलाज चला। इस दौरान 8-9 पुलिसकर्मी उनकी निगरानी करते रहे। परिवार के लोगों तक को मिलने नहीं दिया। यहां से छुट्टी के बाद पुलिस ही उन्हें अपने वाहनों से घर छोड़ गई। सरकार से गुजारिश, हमारी मदद करें
सतपाल कहते हैं कि घर आने के बाद से किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली है। न तो कोई अफसर उनका हाल देखने आया और न ही मंत्री या विधायक। अब हालात ऐसे हैं कि उसे चलने फिरने में भी दिक्कत हो रही है। परिवार का खर्च चलाने वाला वह इकलौता ही है। घायल होने की वजह से वह न तो खेत पर काम करने जा पा रहा है और न ही कोई दूसरा काम। डॉक्टरों ने उसे दो दिन बाद बुलाया है। बठिंडा सिविल अस्पताल तक जाने का गाड़ी एक बार में 1,000 से 1,200 रुपए ले लेती है। यह रकम भी उसे खुद से ही खर्च करनी पड़ेगी। सरकार को चाहिए कि हम जैसे घायलों का उपचार करवाए और खुद का वाहन भेजकर अस्पताल उपचार के लिए लेकर जाए। ———————————– बठिंडा प्लेन क्रैश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बठिंडा प्लेन क्रैश, जिसमें हरियाणा का युवक मरा:चश्मदीद बोले- आग का गोला बनकर नीचे गिरा, धमाका होते ही टुकड़े हुए भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक के दौरान बठिंडा के जिस खेत में प्लेन क्रैश हुआ, वह पंजाब पुलिस के घेरे में है। 2 किलोमीटर दूर ही यहां आम लोगों और मीडिया की एंट्री बंद है। सिर्फ अधिकारी जा रहे हैं। दैनिक भास्कर हालात देखने पहुंचा तो घटनास्थल से लेकर अस्पताल में घायलों से मिलने तक पर पुलिस का पहरा दिखा। (पूरी खबर पढ़ें) बठिंडा प्लेन क्रैश की साइट पर पहुंचा भास्कर:खेत में 4 फीट गहरा गड्ढा हुआ, प्लेन के टुकड़े बिखरे; 24 घंटे पहरे में रहा गांव भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार-बुधवार की रात हुई एयर स्ट्राइक के बाद चर्चा में आया बठिंडा का अकलियां कलां गांव करीब 24 घंटे पुलिस और सेना के कब्जे में रहा। गांव का 2 किलोमीटर एरिया पूरी तरह सील कर दिया गया था। इस दौरान न वहां किसी को आने दिया गया और न जाने। जिस खेत में प्लेन क्रैश हुआ, उसका मालिक भी अभी तक इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। (पूरी खबर पढ़ें) पंजाब | दैनिक भास्कर
