तुर्किए-अजरबैजान के खिलाफ एकजुट व्यापारी संगठन, CTI ने चीन को लेकर पीएम मोदी से की ये मांग

तुर्किए-अजरबैजान के खिलाफ एकजुट व्यापारी संगठन, CTI ने चीन को लेकर पीएम मोदी से की ये मांग

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने देशवासियों से अपील की है कि वे तुर्किए और अजरबैजान की यात्राओं का पूरी तरह बहिष्कार करें और इन देशों के साथ व्यापार को भी बंद करें. क्योंकि ये दोनों देश पाकिस्तान का खुला समर्थन कर रहे हैं, जो भारत के खिलाफ अपनी नीतियों को बढ़ावा देता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने इसे राष्ट्रीय हित का मुद्दा बताते हुए कहा कि भारतीयों का यह कदम इन देशों की अर्थव्यवस्था, खासकर पर्यटन क्षेत्र पर गहरा असर डालेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शादी-समारोह और कॉर्पोरेट इवेंट्स के रद्द होने से होगा बड़ा नुकसान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कैट ने साफ किया है कि तुर्किए और अजरबैजान की यात्राओं का बहिष्कार करने के लिए वे ट्रैवल और टूर ऑपरेटर संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा 16 मई को नई दिल्ली में होने वाले व्यापारी नेताओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में इन देशों के साथ व्यापार बंद करने का अंतिम फैसला लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 2024 में तुर्किए में 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक गए, जिनमें 3 लाख भारतीय थे. भारतीय पर्यटकों ने वहां करीब 291.6 मिलियन डॉलर खर्च किए. अगर भारतीय पर्यटक तुर्किए जाना बंद कर दें, तो तुर्किए की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा. इसके अलावा, भारतीयों द्वारा वहां होने वाले शादी-समारोह और कॉर्पोरेट इवेंट्स के रद्द होने से और नुकसान होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजरबैजान की बात करें तो 2024 में वहां 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें 2.5 लाख भारतीय थे. इन भारतीय पर्यटकों ने लगभग 308.6 मिलियन डॉलर खर्च किए. खंडेलवाल ने कहा कि अगर भारतीय पर्यटक अजरबैजान की यात्रा बंद करते हैं, तो वहां के पर्यटन, मनोरंजन, और शादी जैसे क्षेत्रों में आर्थिक मंदी आ सकती है. यह नुकसान न केवल आर्थिक होगा, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी असर डालेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’चीन और तुर्किए से आयात-निर्यात पूरी तरह बंद करे भारत'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>होटल, रेस्तरां, और टूर ऑपरेटर जैसे स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित होंगे. खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि यह कदम तुर्किए और अजरबैजान को भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा. उधर, सीटीआई ने भी तुर्किए और चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि चीन और तुर्किए भारत के बाजार और पर्यटन से अरबों डॉलर कमा रहे हैं, लेकिन भारत-पाक तनाव में ये देश पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली के 700 व्यापारी संगठनों से की अपील&nbsp;</strong>&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने दिल्ली के 700 व्यापारी संगठनों से अपील की है कि वे चीन और तुर्किए से आयात-निर्यात पूरी तरह बंद करें. सीटीआई ने कश्मीरी गेट मार्केट में अभियान शुरू किया है और दिल्ली के 100 से ज्यादा बाजारों में इसे आगे बढ़ाने की योजना है. गोयल ने सरकार से मांग की है कि चीन से आयात पर तुरंत रोक लगाई जाए और ई-कॉमर्स नीतियों को सख्त किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को पता चले कि वे किस देश का सामान खरीद रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’चीनी सामान पर निर्भरता कम करनी होगी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीटीआई ने यह भी कहा कि भारत को चीनी सामान पर निर्भरता कम करनी होगी. चीन से केमिकल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे सामान बड़े पैमाने पर आते हैं. गोयल ने सुझाव दिया कि भारत सरकार को इनके विकल्प तलाशने चाहिए, जैसे कि देश में ही उत्पादन बढ़ाना या अन्य देशों से आयात करना. तुर्किए से भारत मिनरल फ्यूल, इनऑर्गेनिक केमिकल, और कॉटन जैसे सामान आयात करता है, जबकि भारत तुर्किए को इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम, और दवाइयां निर्यात करता है. सीटीआई का मानना है कि इन सामानों के लिए दूसरे विकल्प तलाशकर भारत इन देशों पर आर्थिक दबाव बना सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैट और सीटीआई की इस अपील का मकसद केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक संदेश देना भी है. खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में भारत पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है, और भारतीय व्यापारी देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह कदम न केवल तुर्किए और अजरबैजान को उनकी नीतियों पर सोचने के लिए मजबूर करेगा, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा. अब देखना यह है कि इस अभियान को देशवासी और सरकार कितना समर्थन देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-high-court-grants-bail-in-mcoca-case-said-trial-delay-are-violation-of-fundamental-rights-ann-2943689″>6 साल से जेल में बंद ड्राइवर को मिली जमानत, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘संविधान की आजादी MCOCA से…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने देशवासियों से अपील की है कि वे तुर्किए और अजरबैजान की यात्राओं का पूरी तरह बहिष्कार करें और इन देशों के साथ व्यापार को भी बंद करें. क्योंकि ये दोनों देश पाकिस्तान का खुला समर्थन कर रहे हैं, जो भारत के खिलाफ अपनी नीतियों को बढ़ावा देता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने इसे राष्ट्रीय हित का मुद्दा बताते हुए कहा कि भारतीयों का यह कदम इन देशों की अर्थव्यवस्था, खासकर पर्यटन क्षेत्र पर गहरा असर डालेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शादी-समारोह और कॉर्पोरेट इवेंट्स के रद्द होने से होगा बड़ा नुकसान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कैट ने साफ किया है कि तुर्किए और अजरबैजान की यात्राओं का बहिष्कार करने के लिए वे ट्रैवल और टूर ऑपरेटर संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा 16 मई को नई दिल्ली में होने वाले व्यापारी नेताओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में इन देशों के साथ व्यापार बंद करने का अंतिम फैसला लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 2024 में तुर्किए में 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक गए, जिनमें 3 लाख भारतीय थे. भारतीय पर्यटकों ने वहां करीब 291.6 मिलियन डॉलर खर्च किए. अगर भारतीय पर्यटक तुर्किए जाना बंद कर दें, तो तुर्किए की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा. इसके अलावा, भारतीयों द्वारा वहां होने वाले शादी-समारोह और कॉर्पोरेट इवेंट्स के रद्द होने से और नुकसान होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजरबैजान की बात करें तो 2024 में वहां 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें 2.5 लाख भारतीय थे. इन भारतीय पर्यटकों ने लगभग 308.6 मिलियन डॉलर खर्च किए. खंडेलवाल ने कहा कि अगर भारतीय पर्यटक अजरबैजान की यात्रा बंद करते हैं, तो वहां के पर्यटन, मनोरंजन, और शादी जैसे क्षेत्रों में आर्थिक मंदी आ सकती है. यह नुकसान न केवल आर्थिक होगा, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी असर डालेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’चीन और तुर्किए से आयात-निर्यात पूरी तरह बंद करे भारत'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>होटल, रेस्तरां, और टूर ऑपरेटर जैसे स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित होंगे. खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि यह कदम तुर्किए और अजरबैजान को भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा. उधर, सीटीआई ने भी तुर्किए और चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि चीन और तुर्किए भारत के बाजार और पर्यटन से अरबों डॉलर कमा रहे हैं, लेकिन भारत-पाक तनाव में ये देश पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली के 700 व्यापारी संगठनों से की अपील&nbsp;</strong>&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने दिल्ली के 700 व्यापारी संगठनों से अपील की है कि वे चीन और तुर्किए से आयात-निर्यात पूरी तरह बंद करें. सीटीआई ने कश्मीरी गेट मार्केट में अभियान शुरू किया है और दिल्ली के 100 से ज्यादा बाजारों में इसे आगे बढ़ाने की योजना है. गोयल ने सरकार से मांग की है कि चीन से आयात पर तुरंत रोक लगाई जाए और ई-कॉमर्स नीतियों को सख्त किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को पता चले कि वे किस देश का सामान खरीद रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’चीनी सामान पर निर्भरता कम करनी होगी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीटीआई ने यह भी कहा कि भारत को चीनी सामान पर निर्भरता कम करनी होगी. चीन से केमिकल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे सामान बड़े पैमाने पर आते हैं. गोयल ने सुझाव दिया कि भारत सरकार को इनके विकल्प तलाशने चाहिए, जैसे कि देश में ही उत्पादन बढ़ाना या अन्य देशों से आयात करना. तुर्किए से भारत मिनरल फ्यूल, इनऑर्गेनिक केमिकल, और कॉटन जैसे सामान आयात करता है, जबकि भारत तुर्किए को इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम, और दवाइयां निर्यात करता है. सीटीआई का मानना है कि इन सामानों के लिए दूसरे विकल्प तलाशकर भारत इन देशों पर आर्थिक दबाव बना सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैट और सीटीआई की इस अपील का मकसद केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक संदेश देना भी है. खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में भारत पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है, और भारतीय व्यापारी देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह कदम न केवल तुर्किए और अजरबैजान को उनकी नीतियों पर सोचने के लिए मजबूर करेगा, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा. अब देखना यह है कि इस अभियान को देशवासी और सरकार कितना समर्थन देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-high-court-grants-bail-in-mcoca-case-said-trial-delay-are-violation-of-fundamental-rights-ann-2943689″>6 साल से जेल में बंद ड्राइवर को मिली जमानत, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘संविधान की आजादी MCOCA से…'</a></strong></p>  दिल्ली NCR विजय शाह को HC ने लताड़ा, ‘कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ गटर की भाषा का इस्तेमाल किया’