उन्नाव के अमित यादव ने पिछले महीने एक रील पोस्ट की। उसमें वह कहता है, ‘कभी भी बड़ी गाड़ी, घर या दौलत का घमंड आ जाए न मेरे दोस्त, तो एक बार श्मशान का चक्कर जरूर लगा लेना, तुमसे बेहतरीन लोग वहां राख बने पड़े हैं। इसलिए कभी भी किसी चीज का घमंड मत करना, क्योंकि…’ इसके बाद जिंदगी एक किराए का घर है गाना बजता है और 14 सेकेंड की यह रील खत्म हो जाती है। इस रील के 35 दिन बाद अमित ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। साथ में 10 साल और 6 साल की बेटी का भी गला घोंट दिया। 1 घंटे तक लाश के पास बैठकर रोता रहा। अपने साले को 42 और 31 सेकेंड के दो ऑडियो भेजे फिर खुद फांसी लगा ली। साले को ऑडियो रात 11 बजे मिले। इस पूरी घटना में कई सवाल खड़े हुए। जैसे, रात 9 से 10 के बीच ही हत्याकांड को कैसे अंजाम दे दिया? साले ने रात में ही पुलिस को क्यों नहीं बताया? हत्याकांड के लिए अमित ने 11 मई का दिन ही क्यों चुना? परिवार अब कोई कार्रवाई क्यों नहीं चाहता? इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम पहले उन्नाव में अमित के घर पहुंची, इसके बाद रायबरेली में अमित की ससुराल में पहुंची। आइए इन सारे सवालों के जवाब के साथ पूरी घटना जानते हैं… उन्नाव जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर हड़हा गांव है। इसी गांव में एक पुरवा साहब खेड़ा है। 3 हत्या और फिर सुसाइड के बाद गांव में एक अजीब सन्नाटा है। उमेश चंद्र यादव पांच बेटों के साथ इसी गांव में रहते थे। सबकी शादी कर दी थी। विवाद न हो, इसलिए बड़े बेटों के लिए घर से 100-100 मीटर की दूरी पर घर भी बनवा दिया था। दूसरे नंबर के बेटे अमित यादव को उन्होंने सड़क के पास वाला घर दिया था। अमित यहीं अपनी पत्नी गीता और दो बेटियां 10 साल की खुशी और 6 साल की निधि के साथ रहता था। अमित लोहचा कस्बे में ट्रैक्टर एजेंसी में काम करता था। 11 मई की रात अमित ने अपनी पत्नी और दोनों बच्चियों की हत्या करने के बाद खुद जान दे दी। हम अमित के घर पहुंचे। गेट पर ताला लगा मिला। गेट के झरोखे से देखने पर चीजें फैली हुई नजर आईं। अमित के घर के बगल उसकी चचेरी भाभी रूपा का घर है। हमने 11 मई की घटना को लेकर पूछा। वह कहती हैं, अमित दोपहर में ही अपनी पत्नी गीता व दोनों बच्चों को ससुराल से लेकर आया था। हमारे सामने तो सब खुश थे। शाम को 5 बजे हमने बच्चों को बुलाया भी तो सब अच्छे से थे। शाम को क्या कुछ हुआ, हमको इसके बारे में नहीं पता। रूपा के ही बगल खड़ी गांव की एक महिला कहती हैं कि मौत की खबर के बाद अमित की सास यहां आई थीं, वह रोते हुए कह रही थीं कि हम विदा नहीं करने वाले थे। हम कह रहे थे कि आज न ले जाओ, लेकिन ये माने नहीं और लेकर चले आए। हमको लगता है कि वहीं विवाद हुआ, जिसके चलते अमित ने इस तरह का काम किया और सबको मार दिया। ‘हमसे अपनी कोई समस्या नहीं बताता था’
हम अमित के पिता उमेश चंद्र यादव के पास पहुंचे। हत्या और फिर आत्महत्या के पीछे कारण पूछा। वह कहते हैं, पता नहीं क्या बात थी, जो उसने हत्या करके फांसी लगा ली। वह तो उसी दिन अपने ससुराल से परिवार लेकर आया था। हम सब अपने भांजे की शादी में शामिल होने रामबक्श खेड़ा पहुंच गए थे। मेरे पांच बेटे हैं, सभी को ही आना था, सब अपनी सुविधा के अनुसार आते। अमित 10 मई को ससुराल गया और 11 मई को इसीलिए दोपहर तक वापस आ गया था कि बारात में चलना है। उमेश कहते हैं, ‘मौत की सूचना पर सभी इकट्ठा हुए। हमने कप्तान (SP) से हत्या की ही आशंका जताई, लेकिन जब दो ऑडियो सामने आ गए तो सब साफ हो गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर हत्या और फिर आत्महत्या की बात सामने आई है।’ अमित ने जो दो ऑडियो रात के करीब 11 बजे अपने साले को भेजे, उसमें वह लगातार रो रहा है। रोते हुए कहता है, ‘जीतू भइया माफ कर देना, निधि की मम्मी पड़ोस के ही एक युवक से मिलती थी, वो घर आता था। हम बहुत तड़पे हैं, उसकी वजह से अपनी दोनों बेटियों को मारना पड़ा। दोनों हमारे कलेजे का टुकड़ा हैं, बहुत परेशानी हो रही, तभी सबको अपने साथ लेकर जा रहा हूं। अगर पापा को कुछ बताते तो वह मार डालते। ऐसा नहीं कि तुम्हारी बहन को ही मारा है, अपनी बेटियों को मारा है और खुद भी मर रहे हैं।’ अमित इस ऑडियो में गांव के ही किसी लड़के का नाम ले रहा है। हमने उसे लेकर उमेश चंद्र यादव से पूछा कि क्या आप उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते? वह कहते हैं, हम अब किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहते। हमने कहा कि 2 साल पहले आपकी बहू गीता के साथ छेड़खानी भी हुई थी? वह कहते हैं, उसका इस घटना से कोई मतलब नहीं था। अब ऐसे में हम किसका नाम लिखा दें! हम फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं चाहते। हर जगह सीसीटीवी लगे
2022 में अमित की पत्नी गीता ने गांव के ही विजय, मनोहर और अशोक के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मुकदमे में यह भी कहा गया कि इनकी मारपीट से गर्भपात हो गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। अशोक की भूमिका नहीं होने पर उसे छोड़ दिया गया, बाकी दोनों को जेल भेज दिया गया। 2 महीने जेल रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गए थे। इसी 27 मई को इस मुकदमे की कोर्ट में पेशी थी। इस केस के अलावा अमित का परिवार गांव के कई और लोगों से मुकदमे लड़ रहा था, इसलिए उमेश ने सबके घर पर कैमरे लगवा दिए। अमित के घर के बाहर भी कैमरा लगा था। गांव के लोग यह भी कहते हैं कि अमित को अपनी पत्नी पर शक था, इसलिए भी वह कैमरे को लगातार चेक करता था। जब भी शाम को आता पूरे दिन की एक्टिविटी देखता, उसने मोबाइल में भी कैमरे का एक्सेस ले रखा था, उसमें भी वह देखता रहता था। अमित के बड़े भाई अनुज से हमने पूछा कि क्या अमित पिछले कुछ दिनों में परेशान दिखा? वह कहते हैं, ऐसा तो कभी नहीं दिखा, न ही हमसे कोई बात बताई। वह पैसा भी अच्छा-खासा कमाते थे। हत्या की प्लानिंग कई दिन पहले से थी
अमित ने यह हत्याकांड अचानक अंजाम नहीं दिया, बकायदा उसके लिए तैयारी की। असल में 2 मई को अमित और गीता के बीच विवाद हुआ था। झगड़ा बढ़ा तो गीता बच्चों को लेकर मायके चली गई। अमित ने फोन करके बुलाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इसलिए 10 मई को वह ससुराल गया। ससुराल से गीता को विदा नहीं किया जा रहा था, गीता की मां कहती हैं, हम विदा तो करना चाहते थे, लेकिन कुछ दिन बाद। लेकिन इसने तो पहले से ही पूरी रणनीति बना ली थी कि सबको मार देना है। अमित ने ससुराल में कहा कि उसे सबको लेकर बुआ के घर जाना है, परिवार के बाकी लोग भी वहीं हैं। ससुराल के लोग राजी हो गए और भेज दिया। गीता के हाथ में चोट लगी थी, इसलिए उसकी भाभी ने कचौड़ी सब्जी भी पैक करके दे दिया। अमित शादी में नहीं गया। छोटे भाई ने कहा भी कि फोर व्हीलर गाड़ी किए हैं, सबको लेकर चलिए लेकिन उसने मना कर दिया। शाम होते ही बच्चों और फिर पत्नी को 1 लीटर वाली कोल्ड ड्रिंक पिलाई। इसके बाद सभी को जोर से नींद आने लगी। रात 9 बजे से 10 बजे के बीच अमित ने पत्नी का गला घोटकर हत्या की। इसके बाद दोनों बेटियों को भी मार दिया। हत्याकांड को इतनी जल्दी अंजाम देने के पीछे उसका मकसद यह था कि कहीं कोई बुआ की शादी से वापस न आ जाए। इसलिए उसने 11 बजे तक खुद की भी जान दे दी। सीसीटीवी तीन दिन से बंद थे
अमित ने घर के बाहर दो और एक CCTV छत पर लगा रखा था। वह इसे लगातार चेक करता था। ऐसा शक है कि उसे इस CCTV में पत्नी के किसी से मिलने का वीडियो नजर आया हो। 9 मई से ऊपर लगा कैमरा बंद था, नीचे के दोनों चल रहे थे। संभावना यह भी जताई जा रही कि अमित ने ही उसे बंद किया होगा। पुलिस ने CCTV का DVR अपने पास रख लिया है। पुलिस पिछले 1 महीने की एक्टिविटी को बारीकी से चेक कर रही है। हालांकि अमित और गीता दोनों का ही परिवार किसी का सीधा नाम लेकर कोई आरोप नहीं लगा रहा है। दोनों का परिवार किसी तरह की कानूनी कार्रवाई भी नहीं चाहता। हम इस सवाल को लेकर उन्नाव के अचलगंज थाने पहुंचे। पूछा अगर शिकायत नहीं मिलती तो कार्रवाई नहीं होगी? अचलगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश पाठक कहते हैं, हम तो अपना काम करते रहेंगे। हालांकि यह मामला हत्या और फिर सुसाइड का है, यह तो क्लियर है लेकिन, वजह क्या है उसकी तो जांच होगी ही। अगर जांच में कुछ निकलकर सामने आता है तो हम कार्रवाई भी करेंगे। जीतू ने पुलिस को ऑडियो क्यों नहीं भेजे
पत्नी और दो बच्चियों की हत्या के बाद खुद जान देने के मामले में अमित की ससुराल का पक्ष जानने के लिए हम साहब खेड़ा से करीब 80 किलोमीटर दूर रायबरेली के परसन्नीपुरवा पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात अमित के साले जीतू से हुई। हमने उनसे पूछा कि जब रात के 11 बजे आपके पास ऑडियो आ गया था तो आपने पुलिस को क्यों नहीं बताया? जीतू कहते हैं, उस रात आंधी तेज चल रही थी, लाइट नहीं थी, हमारा फोन स्विच ऑफ था, सुबह करीब 5 बजे हमने मैसेज देखा तो फोन किया लेकिन, किसी ने फोन नहीं उठाया, इसके बाद हमने गांव के ही दूसरे लोगों के पास फोन किया। जीतू कहते हैं, रात को साढ़े 8 बजे मेरी पत्नी ने गीता से बात की थी, उस वक्त गीता कह रही थी कि बहुत तेज नींद आ रही है, अब बात नहीं कर पाऊंगी। —————————– ये खबर भी पढ़ें… बेटों के सामने पिता को खा गया टाइगर:पीलीभीत में 300 मीटर घसीट ले गया; हाथ, पैर और आधा शव खाया, बेटा देखकर बेहोश पीलीभीत में टाइगर किसान को मारकर खा गया। किसान खेत से लौट रहा था, तभी अचानक बाघ ने हमला कर दिया। गर्दन पर झपट्टा मारा और 300 मीटर घसीटकर ले गया। फिर हाथ-पैर और आधे से ज्यादा सिर खा गया। जब किसान काफी देर घर नहीं पहुंचा तो बेटा ग्रामीणों के साथ तलाश करते हुए पहुंचा। वहां खेत पर पिता के खून से सने कपड़े और टॉर्च पड़ी थी। बेटा थोड़ी दूर आगे गया तो पेड़ के नीचे बैठा टाइगर किसान को खा रहा था। पढ़ें पूरी खबर उन्नाव के अमित यादव ने पिछले महीने एक रील पोस्ट की। उसमें वह कहता है, ‘कभी भी बड़ी गाड़ी, घर या दौलत का घमंड आ जाए न मेरे दोस्त, तो एक बार श्मशान का चक्कर जरूर लगा लेना, तुमसे बेहतरीन लोग वहां राख बने पड़े हैं। इसलिए कभी भी किसी चीज का घमंड मत करना, क्योंकि…’ इसके बाद जिंदगी एक किराए का घर है गाना बजता है और 14 सेकेंड की यह रील खत्म हो जाती है। इस रील के 35 दिन बाद अमित ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। साथ में 10 साल और 6 साल की बेटी का भी गला घोंट दिया। 1 घंटे तक लाश के पास बैठकर रोता रहा। अपने साले को 42 और 31 सेकेंड के दो ऑडियो भेजे फिर खुद फांसी लगा ली। साले को ऑडियो रात 11 बजे मिले। इस पूरी घटना में कई सवाल खड़े हुए। जैसे, रात 9 से 10 के बीच ही हत्याकांड को कैसे अंजाम दे दिया? साले ने रात में ही पुलिस को क्यों नहीं बताया? हत्याकांड के लिए अमित ने 11 मई का दिन ही क्यों चुना? परिवार अब कोई कार्रवाई क्यों नहीं चाहता? इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम पहले उन्नाव में अमित के घर पहुंची, इसके बाद रायबरेली में अमित की ससुराल में पहुंची। आइए इन सारे सवालों के जवाब के साथ पूरी घटना जानते हैं… उन्नाव जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर हड़हा गांव है। इसी गांव में एक पुरवा साहब खेड़ा है। 3 हत्या और फिर सुसाइड के बाद गांव में एक अजीब सन्नाटा है। उमेश चंद्र यादव पांच बेटों के साथ इसी गांव में रहते थे। सबकी शादी कर दी थी। विवाद न हो, इसलिए बड़े बेटों के लिए घर से 100-100 मीटर की दूरी पर घर भी बनवा दिया था। दूसरे नंबर के बेटे अमित यादव को उन्होंने सड़क के पास वाला घर दिया था। अमित यहीं अपनी पत्नी गीता और दो बेटियां 10 साल की खुशी और 6 साल की निधि के साथ रहता था। अमित लोहचा कस्बे में ट्रैक्टर एजेंसी में काम करता था। 11 मई की रात अमित ने अपनी पत्नी और दोनों बच्चियों की हत्या करने के बाद खुद जान दे दी। हम अमित के घर पहुंचे। गेट पर ताला लगा मिला। गेट के झरोखे से देखने पर चीजें फैली हुई नजर आईं। अमित के घर के बगल उसकी चचेरी भाभी रूपा का घर है। हमने 11 मई की घटना को लेकर पूछा। वह कहती हैं, अमित दोपहर में ही अपनी पत्नी गीता व दोनों बच्चों को ससुराल से लेकर आया था। हमारे सामने तो सब खुश थे। शाम को 5 बजे हमने बच्चों को बुलाया भी तो सब अच्छे से थे। शाम को क्या कुछ हुआ, हमको इसके बारे में नहीं पता। रूपा के ही बगल खड़ी गांव की एक महिला कहती हैं कि मौत की खबर के बाद अमित की सास यहां आई थीं, वह रोते हुए कह रही थीं कि हम विदा नहीं करने वाले थे। हम कह रहे थे कि आज न ले जाओ, लेकिन ये माने नहीं और लेकर चले आए। हमको लगता है कि वहीं विवाद हुआ, जिसके चलते अमित ने इस तरह का काम किया और सबको मार दिया। ‘हमसे अपनी कोई समस्या नहीं बताता था’
हम अमित के पिता उमेश चंद्र यादव के पास पहुंचे। हत्या और फिर आत्महत्या के पीछे कारण पूछा। वह कहते हैं, पता नहीं क्या बात थी, जो उसने हत्या करके फांसी लगा ली। वह तो उसी दिन अपने ससुराल से परिवार लेकर आया था। हम सब अपने भांजे की शादी में शामिल होने रामबक्श खेड़ा पहुंच गए थे। मेरे पांच बेटे हैं, सभी को ही आना था, सब अपनी सुविधा के अनुसार आते। अमित 10 मई को ससुराल गया और 11 मई को इसीलिए दोपहर तक वापस आ गया था कि बारात में चलना है। उमेश कहते हैं, ‘मौत की सूचना पर सभी इकट्ठा हुए। हमने कप्तान (SP) से हत्या की ही आशंका जताई, लेकिन जब दो ऑडियो सामने आ गए तो सब साफ हो गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर हत्या और फिर आत्महत्या की बात सामने आई है।’ अमित ने जो दो ऑडियो रात के करीब 11 बजे अपने साले को भेजे, उसमें वह लगातार रो रहा है। रोते हुए कहता है, ‘जीतू भइया माफ कर देना, निधि की मम्मी पड़ोस के ही एक युवक से मिलती थी, वो घर आता था। हम बहुत तड़पे हैं, उसकी वजह से अपनी दोनों बेटियों को मारना पड़ा। दोनों हमारे कलेजे का टुकड़ा हैं, बहुत परेशानी हो रही, तभी सबको अपने साथ लेकर जा रहा हूं। अगर पापा को कुछ बताते तो वह मार डालते। ऐसा नहीं कि तुम्हारी बहन को ही मारा है, अपनी बेटियों को मारा है और खुद भी मर रहे हैं।’ अमित इस ऑडियो में गांव के ही किसी लड़के का नाम ले रहा है। हमने उसे लेकर उमेश चंद्र यादव से पूछा कि क्या आप उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते? वह कहते हैं, हम अब किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहते। हमने कहा कि 2 साल पहले आपकी बहू गीता के साथ छेड़खानी भी हुई थी? वह कहते हैं, उसका इस घटना से कोई मतलब नहीं था। अब ऐसे में हम किसका नाम लिखा दें! हम फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं चाहते। हर जगह सीसीटीवी लगे
2022 में अमित की पत्नी गीता ने गांव के ही विजय, मनोहर और अशोक के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मुकदमे में यह भी कहा गया कि इनकी मारपीट से गर्भपात हो गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। अशोक की भूमिका नहीं होने पर उसे छोड़ दिया गया, बाकी दोनों को जेल भेज दिया गया। 2 महीने जेल रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गए थे। इसी 27 मई को इस मुकदमे की कोर्ट में पेशी थी। इस केस के अलावा अमित का परिवार गांव के कई और लोगों से मुकदमे लड़ रहा था, इसलिए उमेश ने सबके घर पर कैमरे लगवा दिए। अमित के घर के बाहर भी कैमरा लगा था। गांव के लोग यह भी कहते हैं कि अमित को अपनी पत्नी पर शक था, इसलिए भी वह कैमरे को लगातार चेक करता था। जब भी शाम को आता पूरे दिन की एक्टिविटी देखता, उसने मोबाइल में भी कैमरे का एक्सेस ले रखा था, उसमें भी वह देखता रहता था। अमित के बड़े भाई अनुज से हमने पूछा कि क्या अमित पिछले कुछ दिनों में परेशान दिखा? वह कहते हैं, ऐसा तो कभी नहीं दिखा, न ही हमसे कोई बात बताई। वह पैसा भी अच्छा-खासा कमाते थे। हत्या की प्लानिंग कई दिन पहले से थी
अमित ने यह हत्याकांड अचानक अंजाम नहीं दिया, बकायदा उसके लिए तैयारी की। असल में 2 मई को अमित और गीता के बीच विवाद हुआ था। झगड़ा बढ़ा तो गीता बच्चों को लेकर मायके चली गई। अमित ने फोन करके बुलाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इसलिए 10 मई को वह ससुराल गया। ससुराल से गीता को विदा नहीं किया जा रहा था, गीता की मां कहती हैं, हम विदा तो करना चाहते थे, लेकिन कुछ दिन बाद। लेकिन इसने तो पहले से ही पूरी रणनीति बना ली थी कि सबको मार देना है। अमित ने ससुराल में कहा कि उसे सबको लेकर बुआ के घर जाना है, परिवार के बाकी लोग भी वहीं हैं। ससुराल के लोग राजी हो गए और भेज दिया। गीता के हाथ में चोट लगी थी, इसलिए उसकी भाभी ने कचौड़ी सब्जी भी पैक करके दे दिया। अमित शादी में नहीं गया। छोटे भाई ने कहा भी कि फोर व्हीलर गाड़ी किए हैं, सबको लेकर चलिए लेकिन उसने मना कर दिया। शाम होते ही बच्चों और फिर पत्नी को 1 लीटर वाली कोल्ड ड्रिंक पिलाई। इसके बाद सभी को जोर से नींद आने लगी। रात 9 बजे से 10 बजे के बीच अमित ने पत्नी का गला घोटकर हत्या की। इसके बाद दोनों बेटियों को भी मार दिया। हत्याकांड को इतनी जल्दी अंजाम देने के पीछे उसका मकसद यह था कि कहीं कोई बुआ की शादी से वापस न आ जाए। इसलिए उसने 11 बजे तक खुद की भी जान दे दी। सीसीटीवी तीन दिन से बंद थे
अमित ने घर के बाहर दो और एक CCTV छत पर लगा रखा था। वह इसे लगातार चेक करता था। ऐसा शक है कि उसे इस CCTV में पत्नी के किसी से मिलने का वीडियो नजर आया हो। 9 मई से ऊपर लगा कैमरा बंद था, नीचे के दोनों चल रहे थे। संभावना यह भी जताई जा रही कि अमित ने ही उसे बंद किया होगा। पुलिस ने CCTV का DVR अपने पास रख लिया है। पुलिस पिछले 1 महीने की एक्टिविटी को बारीकी से चेक कर रही है। हालांकि अमित और गीता दोनों का ही परिवार किसी का सीधा नाम लेकर कोई आरोप नहीं लगा रहा है। दोनों का परिवार किसी तरह की कानूनी कार्रवाई भी नहीं चाहता। हम इस सवाल को लेकर उन्नाव के अचलगंज थाने पहुंचे। पूछा अगर शिकायत नहीं मिलती तो कार्रवाई नहीं होगी? अचलगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश पाठक कहते हैं, हम तो अपना काम करते रहेंगे। हालांकि यह मामला हत्या और फिर सुसाइड का है, यह तो क्लियर है लेकिन, वजह क्या है उसकी तो जांच होगी ही। अगर जांच में कुछ निकलकर सामने आता है तो हम कार्रवाई भी करेंगे। जीतू ने पुलिस को ऑडियो क्यों नहीं भेजे
पत्नी और दो बच्चियों की हत्या के बाद खुद जान देने के मामले में अमित की ससुराल का पक्ष जानने के लिए हम साहब खेड़ा से करीब 80 किलोमीटर दूर रायबरेली के परसन्नीपुरवा पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात अमित के साले जीतू से हुई। हमने उनसे पूछा कि जब रात के 11 बजे आपके पास ऑडियो आ गया था तो आपने पुलिस को क्यों नहीं बताया? जीतू कहते हैं, उस रात आंधी तेज चल रही थी, लाइट नहीं थी, हमारा फोन स्विच ऑफ था, सुबह करीब 5 बजे हमने मैसेज देखा तो फोन किया लेकिन, किसी ने फोन नहीं उठाया, इसके बाद हमने गांव के ही दूसरे लोगों के पास फोन किया। जीतू कहते हैं, रात को साढ़े 8 बजे मेरी पत्नी ने गीता से बात की थी, उस वक्त गीता कह रही थी कि बहुत तेज नींद आ रही है, अब बात नहीं कर पाऊंगी। —————————– ये खबर भी पढ़ें… बेटों के सामने पिता को खा गया टाइगर:पीलीभीत में 300 मीटर घसीट ले गया; हाथ, पैर और आधा शव खाया, बेटा देखकर बेहोश पीलीभीत में टाइगर किसान को मारकर खा गया। किसान खेत से लौट रहा था, तभी अचानक बाघ ने हमला कर दिया। गर्दन पर झपट्टा मारा और 300 मीटर घसीटकर ले गया। फिर हाथ-पैर और आधे से ज्यादा सिर खा गया। जब किसान काफी देर घर नहीं पहुंचा तो बेटा ग्रामीणों के साथ तलाश करते हुए पहुंचा। वहां खेत पर पिता के खून से सने कपड़े और टॉर्च पड़ी थी। बेटा थोड़ी दूर आगे गया तो पेड़ के नीचे बैठा टाइगर किसान को खा रहा था। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पत्नी-दो बेटियों की हत्या के लिए खास दिन चुना:उन्नाव में कोल्ड ड्रिंक में दवा मिलाई, गला घोंट दिया; साले को AUDIO भेजकर रोया
