ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी की तरफ से किए ड्रोन अटैक के दौरान पंजाब के एक परिवार ने बहादुरी से अपना घर और पशु जलने से बचा लिए। 9 मई को यहां के खाई फेमे गांव के एक घर में ड्रोन का पार्ट गिरा। उसमें धमाके से पूरे आंगन में आग फैल गई, जिसकी चपेट में परिवार के तीनों मेंबर आ गए। परिवार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तुरंत पानी की मोटर चलाकर पहले पशु और घर को बचाया। तब तक तीनों बुरी तरह झुलस गए। धमाके की आवाज सुन कुछ ही देर में पड़ोसी पहुंच गए। इस दौरान महिला सुखविंदर कौर दर्द से तड़प रही थी। उसकी टांगें जल चुकी थीं। पड़ोसियों ने अपनी कार से सबसे पहले उसे पास के बागी अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसे DMC लुधियाना रेफर किया गया। झुलसने के बाद भी आग बुझाते रहे बाप-बेटे, पड़ोसियों ने रोका
महिला सुखविंदर कौर के झुलस जाने के बाद भी बाप-बेटा लखविंदर सिंह और जसवंत सिंह आग बुझाने में लगे रहे। इस दौरान पड़ोस से पहुंचे लोगों ने उनकी हालत को देखते हुए उन्हें रोका और खुद आग बुझाने में मदद की। बाद में बाप-बेटे को भी अस्पताल पहुंचाया गया। लखविंदर सिंह अभी गंभीर हालत में लुधियाना के DMC में भर्ती हैं। बेटा जसवंत सिंह अभी ठीक है। अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें घटनाक्रम 9 मई 2025, समय-9 बजे
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान लगातार पंजाब में फेंसिंग के पास बसे गांवों को ड्रोन से निशाना बना रहा था और सेना का डिफेंस सिस्टम इनको न्यूट्रलाइज कर रहा था। इस रात 9 बजे के करीब सायरन बजता है और फिरोजपुर में ब्लैकआउट हो जाता है। कुछ ही देर में फिरोजपुर के सीमा पर बसे गांव खाई फेमे के एक घर में विस्फोट होता है। इस दौरान आंगन में परिवार के तीन लोग बुरी तरह जल जाते हैं। आग से इनकी शेड में खड़ी कार भी जल जाती है। आंगन में खाना खाकर बैठे थे, अचानक धमाका हुआ
जब ड्रोन का पार्ट गिरा तब लखविंदर सिंह खाना खाने के बाद आंगन में बैठा था। बेटा जसवंत सिंह पशु बांध रहा था और लखविंदर की पत्नी सुखविंदर कौर चूल्हे के पास बैठी थीं। इतने में आसमान से कुछ आकर गिरा और जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद आग की लपटें उठने लगीं और पति-पत्नी व बेटा इसमें घिर गए। तीनों के कपड़ों में आग लग गई, जिससे ये बुरी तरह झुलस गए। जसवंत ने बताया कि कुछ देर तक तो समझ ही नहीं आया कि क्या हो गया। हमें भागने और बचने का मौका ही नहीं मिला। परिवार ने तुरंत मोटर चलाकर बुझाई आग
कपड़ों में आग लगने पर बेटे ने दौड़कर पहले पानी वाली मोटर चलाई और मां-बाप सहित खुद की आग बुझाई। इसके बाद कार में लगी आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भड़क गई कि बुझी नहीं। हालांकि समय पर पानी का छिड़काव होने से घर में और पशुवाड़े में आग लगने से बचाव हो गया। आग की लपटों में आकर 2 भैंसें भी झुलसीं
ड्रोन के पार्ट में धमाके के बाद 5-6 फीट की दूरी तक आग की लपटें उठीं। इससे आंगन के साथ ही पशुवाड़े में बंधी 2 भैंसें भी झुलस गईं। यही पर पशुओं के लिए चारा भी रखा था। रिश्तेदारों का कहना कि चारे और सिलेंडर में आग लग जाती तो प्रॉपर्टी का भी बड़ा नुकसान हो सकता था। कार के नीचे जाने के बाद हुआ ड्रोन के पार्ट में ब्लास्ट
सुरजीत सिंह ने बताया कि ड्रोन का टुकड़ा कार के नीचे चला गया, जिससे उसमें ब्लास्ट होने के बाद कार में भयंकर आग लग गई। कार के साथ ही चूल्हे पर सुखविंदर कौर कुछ बना रही थीं। सबसे पहले वही आग की चपेट में आईं, इसके बाद लखविंदर और जसवंत सिंह। आग से सुखविंदर कौर की टांगें बुरी तरह से झुलस गई थीं। पड़ोसियों ने मौके पर पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्हीं को अपनी गाड़ी में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। जब सुखविंदर कौर को अस्पताल में दाखिल करवाया गया तब उसके कपड़े पिघलकर स्किन के साथ चिपक गए थे। बेटे जसवंत ने बताया- मैं खाना खा चुका था और पशु बांध रहा था। रात के करीब 9 बजे थे। इस दौरान ड्रोन का कुछ हिस्सा आंगन में गिरा। धमाके के साथ आग निकलने लगी। परिवार को बचने का मौका ही नहीं मिला। ड्रोन के कुछ पार्ट मेरी टांगों में लगे हैं। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने इन्हें निकालकर टांके लगाए हैं। धमाका सुन पड़ोस के लोग पहुंचे, पुलिस को सूचना दी
धमाके की आवाज सुनकर और परिवार के चिल्लाने का शोर सुन पड़ोसी तुरंत घटना वाली जगह पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। डॉक्टरों को परिवार का अच्छे से इलाज करने के लिए कहा है। सुखविंदर कौर की जलने से हो गई मौत
अस्पताल में इलाज के दौरान टांगों तक बुरी तरह से झुलसी लखविंदर की पत्नी सुखविंदर कौर (50) की दूसरे दिन इलाज के दौरान मौत हो गई। लखविंदर कौर की भी हालत बिगड़ रही थी, जिसके चलते उनको DMC लुधियाना रेफर कर दिया गया। लखविंदर 70 फीसदी से ज्यादा झुलसे, अभी एडमिट
लखविंदर 70 फीसदी तक झुलस गए हैं। घटना के वक्त सामने आए उनके वीडियो में वे बुरी तरह जले दिख रहे हैं। उनके कपड़े पूरी तरह से जल गए थे। हालत नाजुक होने पर इनका अभी DMC लुधियाना की बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है। बेटा अब ठीक, टांग में लगे हैं टांके
आग में झुलसे जसवंत सिंह की हालत अब ठीक है और उसकी टांग में स्पिलिंटर लगे थे। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद टांके लगाए हैं। उधर, घटना के बाद विभिन्न सिख जत्थेबंदियां परिवार के साथ खड़ी हुई हैं। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने कहा कि वह सरकार से परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हैं। यह मौत भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग के कारण हुई है। इसमें एक निर्दोष महिला की जान गई है। यह पहली बार नहीं है। चाहे 1965 हो या 1971, पंजाब के लोगों ने जंग के दौरान जान दी है। सुखविंदर की मौत पर लोगों ने मुआवजे के लिए दिया धरना
सुखविंदर की मौत के बाद लोगों ने मुआवजे के लिए फिरोजपुर प्रशासन के खिलाफ धरना लगाया था। इसके बाद प्रशासन ने परिवार को हर संभव सहायता देने का वादा किया। इसके बाद ही परिजनों ने सुखविंदर कौर का अंतिम संस्कार किया। परिवार को CM फंड से दिए 5 लाख, सांसद निधि से भी 5 लाख की मदद
रिश्तेदारों और लोगों के धरने के बाद प्रशासन ने मुख्यमंत्री आपात निधि से परिवार की मदद की और 5 लाख रुपए दिए। इसके साथ ही सांसद निधि से संजीव अरोड़ा ने 5 लाख रुपए की मदद की है। वहीं SGPC ने भी परिवार को 5 लाख रुपए की सहायता दी है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेता सिमरनजीत सिंह मान के बेटे ईमान सिंह मान ने भी परिवार को सहायता देने का वादा किया है। सुखविंदर कौर के रिश्तेदार और परिवार सरकार से 1 करोड़ रुपए की मदद देने पर अड़े हैं। इसके अलावा बेटे के लिए नौकरी की भी मांग कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी की तरफ से किए ड्रोन अटैक के दौरान पंजाब के एक परिवार ने बहादुरी से अपना घर और पशु जलने से बचा लिए। 9 मई को यहां के खाई फेमे गांव के एक घर में ड्रोन का पार्ट गिरा। उसमें धमाके से पूरे आंगन में आग फैल गई, जिसकी चपेट में परिवार के तीनों मेंबर आ गए। परिवार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तुरंत पानी की मोटर चलाकर पहले पशु और घर को बचाया। तब तक तीनों बुरी तरह झुलस गए। धमाके की आवाज सुन कुछ ही देर में पड़ोसी पहुंच गए। इस दौरान महिला सुखविंदर कौर दर्द से तड़प रही थी। उसकी टांगें जल चुकी थीं। पड़ोसियों ने अपनी कार से सबसे पहले उसे पास के बागी अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसे DMC लुधियाना रेफर किया गया। झुलसने के बाद भी आग बुझाते रहे बाप-बेटे, पड़ोसियों ने रोका
महिला सुखविंदर कौर के झुलस जाने के बाद भी बाप-बेटा लखविंदर सिंह और जसवंत सिंह आग बुझाने में लगे रहे। इस दौरान पड़ोस से पहुंचे लोगों ने उनकी हालत को देखते हुए उन्हें रोका और खुद आग बुझाने में मदद की। बाद में बाप-बेटे को भी अस्पताल पहुंचाया गया। लखविंदर सिंह अभी गंभीर हालत में लुधियाना के DMC में भर्ती हैं। बेटा जसवंत सिंह अभी ठीक है। अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें घटनाक्रम 9 मई 2025, समय-9 बजे
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान लगातार पंजाब में फेंसिंग के पास बसे गांवों को ड्रोन से निशाना बना रहा था और सेना का डिफेंस सिस्टम इनको न्यूट्रलाइज कर रहा था। इस रात 9 बजे के करीब सायरन बजता है और फिरोजपुर में ब्लैकआउट हो जाता है। कुछ ही देर में फिरोजपुर के सीमा पर बसे गांव खाई फेमे के एक घर में विस्फोट होता है। इस दौरान आंगन में परिवार के तीन लोग बुरी तरह जल जाते हैं। आग से इनकी शेड में खड़ी कार भी जल जाती है। आंगन में खाना खाकर बैठे थे, अचानक धमाका हुआ
जब ड्रोन का पार्ट गिरा तब लखविंदर सिंह खाना खाने के बाद आंगन में बैठा था। बेटा जसवंत सिंह पशु बांध रहा था और लखविंदर की पत्नी सुखविंदर कौर चूल्हे के पास बैठी थीं। इतने में आसमान से कुछ आकर गिरा और जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद आग की लपटें उठने लगीं और पति-पत्नी व बेटा इसमें घिर गए। तीनों के कपड़ों में आग लग गई, जिससे ये बुरी तरह झुलस गए। जसवंत ने बताया कि कुछ देर तक तो समझ ही नहीं आया कि क्या हो गया। हमें भागने और बचने का मौका ही नहीं मिला। परिवार ने तुरंत मोटर चलाकर बुझाई आग
कपड़ों में आग लगने पर बेटे ने दौड़कर पहले पानी वाली मोटर चलाई और मां-बाप सहित खुद की आग बुझाई। इसके बाद कार में लगी आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भड़क गई कि बुझी नहीं। हालांकि समय पर पानी का छिड़काव होने से घर में और पशुवाड़े में आग लगने से बचाव हो गया। आग की लपटों में आकर 2 भैंसें भी झुलसीं
ड्रोन के पार्ट में धमाके के बाद 5-6 फीट की दूरी तक आग की लपटें उठीं। इससे आंगन के साथ ही पशुवाड़े में बंधी 2 भैंसें भी झुलस गईं। यही पर पशुओं के लिए चारा भी रखा था। रिश्तेदारों का कहना कि चारे और सिलेंडर में आग लग जाती तो प्रॉपर्टी का भी बड़ा नुकसान हो सकता था। कार के नीचे जाने के बाद हुआ ड्रोन के पार्ट में ब्लास्ट
सुरजीत सिंह ने बताया कि ड्रोन का टुकड़ा कार के नीचे चला गया, जिससे उसमें ब्लास्ट होने के बाद कार में भयंकर आग लग गई। कार के साथ ही चूल्हे पर सुखविंदर कौर कुछ बना रही थीं। सबसे पहले वही आग की चपेट में आईं, इसके बाद लखविंदर और जसवंत सिंह। आग से सुखविंदर कौर की टांगें बुरी तरह से झुलस गई थीं। पड़ोसियों ने मौके पर पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्हीं को अपनी गाड़ी में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। जब सुखविंदर कौर को अस्पताल में दाखिल करवाया गया तब उसके कपड़े पिघलकर स्किन के साथ चिपक गए थे। बेटे जसवंत ने बताया- मैं खाना खा चुका था और पशु बांध रहा था। रात के करीब 9 बजे थे। इस दौरान ड्रोन का कुछ हिस्सा आंगन में गिरा। धमाके के साथ आग निकलने लगी। परिवार को बचने का मौका ही नहीं मिला। ड्रोन के कुछ पार्ट मेरी टांगों में लगे हैं। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने इन्हें निकालकर टांके लगाए हैं। धमाका सुन पड़ोस के लोग पहुंचे, पुलिस को सूचना दी
धमाके की आवाज सुनकर और परिवार के चिल्लाने का शोर सुन पड़ोसी तुरंत घटना वाली जगह पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। डॉक्टरों को परिवार का अच्छे से इलाज करने के लिए कहा है। सुखविंदर कौर की जलने से हो गई मौत
अस्पताल में इलाज के दौरान टांगों तक बुरी तरह से झुलसी लखविंदर की पत्नी सुखविंदर कौर (50) की दूसरे दिन इलाज के दौरान मौत हो गई। लखविंदर कौर की भी हालत बिगड़ रही थी, जिसके चलते उनको DMC लुधियाना रेफर कर दिया गया। लखविंदर 70 फीसदी से ज्यादा झुलसे, अभी एडमिट
लखविंदर 70 फीसदी तक झुलस गए हैं। घटना के वक्त सामने आए उनके वीडियो में वे बुरी तरह जले दिख रहे हैं। उनके कपड़े पूरी तरह से जल गए थे। हालत नाजुक होने पर इनका अभी DMC लुधियाना की बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है। बेटा अब ठीक, टांग में लगे हैं टांके
आग में झुलसे जसवंत सिंह की हालत अब ठीक है और उसकी टांग में स्पिलिंटर लगे थे। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद टांके लगाए हैं। उधर, घटना के बाद विभिन्न सिख जत्थेबंदियां परिवार के साथ खड़ी हुई हैं। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने कहा कि वह सरकार से परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हैं। यह मौत भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग के कारण हुई है। इसमें एक निर्दोष महिला की जान गई है। यह पहली बार नहीं है। चाहे 1965 हो या 1971, पंजाब के लोगों ने जंग के दौरान जान दी है। सुखविंदर की मौत पर लोगों ने मुआवजे के लिए दिया धरना
सुखविंदर की मौत के बाद लोगों ने मुआवजे के लिए फिरोजपुर प्रशासन के खिलाफ धरना लगाया था। इसके बाद प्रशासन ने परिवार को हर संभव सहायता देने का वादा किया। इसके बाद ही परिजनों ने सुखविंदर कौर का अंतिम संस्कार किया। परिवार को CM फंड से दिए 5 लाख, सांसद निधि से भी 5 लाख की मदद
रिश्तेदारों और लोगों के धरने के बाद प्रशासन ने मुख्यमंत्री आपात निधि से परिवार की मदद की और 5 लाख रुपए दिए। इसके साथ ही सांसद निधि से संजीव अरोड़ा ने 5 लाख रुपए की मदद की है। वहीं SGPC ने भी परिवार को 5 लाख रुपए की सहायता दी है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेता सिमरनजीत सिंह मान के बेटे ईमान सिंह मान ने भी परिवार को सहायता देने का वादा किया है। सुखविंदर कौर के रिश्तेदार और परिवार सरकार से 1 करोड़ रुपए की मदद देने पर अड़े हैं। इसके अलावा बेटे के लिए नौकरी की भी मांग कर रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
