मेरा बेटा बहुत सीधा था। 8-9 महीने पहले मेरे बेटे से इन लोगों की तू-तू, मैं-मैं हुई थी। लेकिन, बात इतनी बड़ी नहीं थी कि गोली चलाई जाए। अमानत जो उसे लेकर गया था, उससे अच्छे रिश्ते थे, हमारे घर भी आता-जाता था। हमें नहीं पता था कि वो इतना बड़ा कांड कर देगा। जतिन और विशेष हमारे घर नहीं आते थे, लेकिन अक्सर मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी देते थे। मेरा बेटा आर्मी की तैयारी कर रहा था। कहता था- मम्मी, दौड़ निकाल लेंगे, आर्मी में जाएंगे, परिवार का नाम रोशन करेंगे। हम सरकार से मांग करते हैं कि जैसे हमारा बेटा मरा, वैसे ही उन्हें भी फांसी दी जाए। यह दर्द है अंशुमान सिंह की मां सिंधुजा सिंह, जिनके बेटे की गोंडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दैनिक भास्कर की टीम 11वीं के छात्र अंशुमान सिंह के गांव पहुंची। उस जगह को भी देखा, जहां गोली मारी गई। अंशुमान जिसके घर मदद मांगने गया, उनसे हमने बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जहां हत्या हुई, वहां से रिपोर्ट दैनिक भास्कर की टीम सबसे पहले जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित मेहरामपुर गांव पहुंची। यही वह जगह है, जहां अंशुमान सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। घटनास्थल पर एक बिजली का खंभा और पास में एक छोटा पेड़ मौजूद है। इसी स्थान पर अंशुमान को गोली मारी गई थी। सड़क से करीब 5 फीट नीचे एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल दिखी, जिसमें शराब मिली थी। आशंका है कि आरोपी वारदात से पहले शराब के नशे में थे। अब अंशुमान सिंह के घर से रिपोर्ट… परिवार वाले बोले- हत्यारे बचने नहीं चाहिए
इसके बाद हम नवाबगंज थाना क्षेत्र के पूरे बलराज पट्टी गांव में छात्र अंशुमान सिंह के घर पहुंचे। घर के बाहर पीएसी की एक कंपनी, स्थानीय थाने की भारी फोर्स तैनात थी। घर के बाहर रिश्तेदारों के साथ गांव के लोग भी जुटे हुए थे। अंशुमान की दादी उमा सिंह इतना रो रही थी कि बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। मां सिंधुजा सिंह बेसुध हालत में बैठी हुई थीं। परिवार के लोगों ने कहा कि किसी भी हालत में जिन लोगों ने मारा है, वे बचना नहीं चाहिए। अब पढ़िए अमानत, विशेष और जतिन सिंह के घर से रिपोर्ट अमानत की दादी बोलीं- दोनों में अच्छी दोस्ती थी
अंशुमान के घर के 200 मीटर दूरी पर अमानत सिंह का घर है। नवाबगंज थानाध्यक्ष अभय सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ भोलू सिंह की दादी उर्मिला सिंह से पूछताछ कर रहे थे। उर्मिला सिंह ने बताया कि भोलू की मां रात में खूब रो रही थी। पता नहीं अब वह कहां गई। भोलू सिंह के पिता बिट्टू मुंबई में रहते हैं। वह घटना की जानकारी मिलने पर घर आ रहे हैं। 8 तारीख को ही सतना से आया था पोता
भोलू की दादी उर्मिला ने बताया- हमारा पोता 8 मई को ही मध्य प्रदेश के सतना से आया है। वह वहां रहकर पढ़ाई कर रहा था। यहां आने के बाद वह घर पर ही घूम रहा था। परिवार के लोग कह रहे थे कि यहां पर भी पढ़ाई करो। इस पर वह कहता था कि वहां तो पढ़ ही रहा हूं, यहां थोड़ा घूम लेने दीजिए। रात में हमें पता चला कि अंशुमान को गोली मार दी गई है। यह सुनकर अमानत की मम्मी रोने लगी और फिर रोते-रोते कहीं चली गई। जब अंशुमान घर आता था, तो मुझे दादी कहकर ही बुलाता था। यह बहुत दुखद घटना है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। मेरा पोता भोलू, अमानत सिंह और अंशुमान अच्छे दोस्त थे। दोनों एक-दूसरे के घर भी आते-जाते रहते थे। विशेष सिंह के घरवाले फरार अंशुमान सिंह के घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर विशेष सिंह का घर है। परिवार के लोग घर से फरार हैं। विशेष सिंह के घर का दरवाजा हल्का खुला हुआ था। बरामदे में पड़ी चारपाई और तख्त पर बिस्तर लगा था। घर के बाहर एक पंखा भी लगा था। यह दरवाजे के बाहर पड़ा था, लेकिन घर के अंदर कोई नहीं था। जतिन के घर सन्नाटा, बिखरा पड़ा सारा सामान विशेष सिंह के घर के पीछे 200 मीटर दूरी पर जतिन सिंह का घर है। एक निर्माणाधीन मकान के बगल टीन शेड शेड के नीचे जतिन सिंह का परिवार रहता है। मकान निर्माण का काम भी चल रहा है। टीन सेट के नीचे मिट्टी का चूल्हा बना कर परिवार के लोग खाना बनाते हैं। टीन शेड के नीचे कॉपी-किताब और कपड़े बिखरे थे। साथ ही टीन शेड के अंदर रखा हुआ लोहे का टैंकर खुला पड़ा था। परिवार का कोई भी सदस्य घर पर नजर नहीं आया। प्रत्यक्षदर्शी बोली- लड़का ‘मुझे बचा लीजिए’ चिल्ला रहा था प्रत्यक्षदर्शी और अंशुमान की मदद करने वाली नंदिनी ने बताया कि रात में एक लड़का जोर-जोर से चिल्लाते हुए यहां आया। वह कहने लगा कि मुझे बचा लीजिए, मुझे बहुत जोर से चोट लगी है। वह लगातार चिल्ला रहा था कि मुझे बचा लीजिए, मुझे बचा लीजिए। इसी दौरान वह जमीन पर गिर पड़ा। गिरने के बाद भी वह हाथ जोड़कर लगातार गुहार लगाता रहा, क्योंकि उसकी पीठ पर गहरी चोट लगी थी। शोर सुनकर मेरे पति ननके लाल और अन्य लोग भी इकट्ठा हो गए। हमने तत्काल उसके घर वालों को फोन किया, तो वे लोग भी आ गए। फिर परिवार वाले उस लड़के को लेकर चले गए। हम उस लड़के को पहले से नहीं जानते थे। रात में पहली बार उसे देखा था। यह घटना करीब रात 10 बजे की है। अब जानिए नाबालिगों ने दोस्त की हत्या क्यों की?
पुलिस के मुताबिक, अंशुमान सिंह, अमानत सिंह उर्फ भोलू, जतिन सिंह और विशेष सिंह नवाबगंज स्थित गांधी इंटर कॉलेज में साथ पढ़ते थे। करीब 8-9 महीने पहले किसी बात को लेकर भोलू, जतिन और विशेष के बीच कहासुनी हो गई थी। इसी दौरान अंशुमान ने भोलू को 2 थप्पड़ मार दिए थे। तभी से तीनों अंशुमान से बदला लेने की योजना बना रहे थे, लेकिन उनका प्लान सफल नहीं हो पा रहा था। वहीं, इस घटना के बाद भोलू के पिता बिट्टू ने उसको पढ़ाई के लिए मध्य प्रदेश के सतना भेज दिया, ताकि वह शांत हो सके। लेकिन, सतना में रहते हुए भी भोलू बदला लेने की साजिश रचता रहा। खेत में पिता की मदद करने जा रहा था
8 मई को अमानत उर्फ भोलू सतना से वापस अपने घर आया। उसने घर पर ही अंशुमान को मारने की योजना बनाई। 14 मई की रात करीब 9 बजे अंशुमान खाना खाने के बाद अपने घर से 500 मीटर दूर खेत में सिंचाई कर रहे अपने पिता रवि प्रकाश सिंह की मदद करने जा रहा था। तभी रास्ते में भोलू मिला और उसे एक निमंत्रण में साथ चलने के लिए कहा। निमंत्रण में ले जाने की जगह महरमपुर गांव ले गया
अंशुमान को लगा कि पुरानी बातें अब भूल जानी चाहिए। उसने नई शुरुआत की उम्मीद में भोलू की बाइक पर बैठने का फैसला लिया। लेकिन, भोलू उसे निमंत्रण में ले जाने की जगह महरमपुर गांव के पास ले गया। यह उसके घर से करीब ढाई किलोमीटर दूर था। वहां पहले से जतिन, विशेष, रजवंत और अखिलेश सिंह मौजूद थे। सभी ने अंशुमान को मारने की योजना बना रखी थी। पहले लाठी-डंडों से मारा फिर झोंक दिया फायर
जैसे ही अंशुमान बाइक से उतरा, सभी ने लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया। जब अंशुमान ने विरोध किया, तो गुस्से में आकर भोलू ने पिस्टल से उसके सीने के बाएं हिस्से पर सटाकर गोली चला दी। गोली दाहिनी ओर फंस गई। अंशुमान जान बचाने के लिए भागा और करीब 200 मीटर दूर ननके लाल के घर पहुंचा। वह चिल्लाते हुए हाथ जोड़कर बोला- मुझे बचा लीजिए, बहुत चोट लगी है। ननके लाल ने तुरंत अंशुमान के परिवार को सूचना दी। घरवाले अंशुमान को लेकर नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। लेकिन, हालत गंभीर होने के कारण उसे अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के दौरान अंशुमान की मौत हो गई। अंशुमान के पिता रवि प्रकाश सिंह किसान हैं, उनके पास करीब 30 बीघा जमीन है। ———————— यह खबर भी पढ़ें… 11वीं के छात्र का मौत से पहले का VIDEO, गोंडा में गोली मारने वाले दोस्तों के नाम बताए, 200 मीटर दूर जाकर मदद मांगी गोंडा में 11वीं के छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात उसके तीन नाबालिग दोस्तों ने की। वे छात्र को घर से बुलाकर 2 किमी दूर ले गए। वहां तीनों ने उसे घेरकर पांच राउंड फायरिंग की। तीन गोलियां छात्र को लग गईं, लेकिन वह गिरा नहीं। पढ़ें पूरी खबर मेरा बेटा बहुत सीधा था। 8-9 महीने पहले मेरे बेटे से इन लोगों की तू-तू, मैं-मैं हुई थी। लेकिन, बात इतनी बड़ी नहीं थी कि गोली चलाई जाए। अमानत जो उसे लेकर गया था, उससे अच्छे रिश्ते थे, हमारे घर भी आता-जाता था। हमें नहीं पता था कि वो इतना बड़ा कांड कर देगा। जतिन और विशेष हमारे घर नहीं आते थे, लेकिन अक्सर मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी देते थे। मेरा बेटा आर्मी की तैयारी कर रहा था। कहता था- मम्मी, दौड़ निकाल लेंगे, आर्मी में जाएंगे, परिवार का नाम रोशन करेंगे। हम सरकार से मांग करते हैं कि जैसे हमारा बेटा मरा, वैसे ही उन्हें भी फांसी दी जाए। यह दर्द है अंशुमान सिंह की मां सिंधुजा सिंह, जिनके बेटे की गोंडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दैनिक भास्कर की टीम 11वीं के छात्र अंशुमान सिंह के गांव पहुंची। उस जगह को भी देखा, जहां गोली मारी गई। अंशुमान जिसके घर मदद मांगने गया, उनसे हमने बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जहां हत्या हुई, वहां से रिपोर्ट दैनिक भास्कर की टीम सबसे पहले जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित मेहरामपुर गांव पहुंची। यही वह जगह है, जहां अंशुमान सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। घटनास्थल पर एक बिजली का खंभा और पास में एक छोटा पेड़ मौजूद है। इसी स्थान पर अंशुमान को गोली मारी गई थी। सड़क से करीब 5 फीट नीचे एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल दिखी, जिसमें शराब मिली थी। आशंका है कि आरोपी वारदात से पहले शराब के नशे में थे। अब अंशुमान सिंह के घर से रिपोर्ट… परिवार वाले बोले- हत्यारे बचने नहीं चाहिए
इसके बाद हम नवाबगंज थाना क्षेत्र के पूरे बलराज पट्टी गांव में छात्र अंशुमान सिंह के घर पहुंचे। घर के बाहर पीएसी की एक कंपनी, स्थानीय थाने की भारी फोर्स तैनात थी। घर के बाहर रिश्तेदारों के साथ गांव के लोग भी जुटे हुए थे। अंशुमान की दादी उमा सिंह इतना रो रही थी कि बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। मां सिंधुजा सिंह बेसुध हालत में बैठी हुई थीं। परिवार के लोगों ने कहा कि किसी भी हालत में जिन लोगों ने मारा है, वे बचना नहीं चाहिए। अब पढ़िए अमानत, विशेष और जतिन सिंह के घर से रिपोर्ट अमानत की दादी बोलीं- दोनों में अच्छी दोस्ती थी
अंशुमान के घर के 200 मीटर दूरी पर अमानत सिंह का घर है। नवाबगंज थानाध्यक्ष अभय सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ भोलू सिंह की दादी उर्मिला सिंह से पूछताछ कर रहे थे। उर्मिला सिंह ने बताया कि भोलू की मां रात में खूब रो रही थी। पता नहीं अब वह कहां गई। भोलू सिंह के पिता बिट्टू मुंबई में रहते हैं। वह घटना की जानकारी मिलने पर घर आ रहे हैं। 8 तारीख को ही सतना से आया था पोता
भोलू की दादी उर्मिला ने बताया- हमारा पोता 8 मई को ही मध्य प्रदेश के सतना से आया है। वह वहां रहकर पढ़ाई कर रहा था। यहां आने के बाद वह घर पर ही घूम रहा था। परिवार के लोग कह रहे थे कि यहां पर भी पढ़ाई करो। इस पर वह कहता था कि वहां तो पढ़ ही रहा हूं, यहां थोड़ा घूम लेने दीजिए। रात में हमें पता चला कि अंशुमान को गोली मार दी गई है। यह सुनकर अमानत की मम्मी रोने लगी और फिर रोते-रोते कहीं चली गई। जब अंशुमान घर आता था, तो मुझे दादी कहकर ही बुलाता था। यह बहुत दुखद घटना है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। मेरा पोता भोलू, अमानत सिंह और अंशुमान अच्छे दोस्त थे। दोनों एक-दूसरे के घर भी आते-जाते रहते थे। विशेष सिंह के घरवाले फरार अंशुमान सिंह के घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर विशेष सिंह का घर है। परिवार के लोग घर से फरार हैं। विशेष सिंह के घर का दरवाजा हल्का खुला हुआ था। बरामदे में पड़ी चारपाई और तख्त पर बिस्तर लगा था। घर के बाहर एक पंखा भी लगा था। यह दरवाजे के बाहर पड़ा था, लेकिन घर के अंदर कोई नहीं था। जतिन के घर सन्नाटा, बिखरा पड़ा सारा सामान विशेष सिंह के घर के पीछे 200 मीटर दूरी पर जतिन सिंह का घर है। एक निर्माणाधीन मकान के बगल टीन शेड शेड के नीचे जतिन सिंह का परिवार रहता है। मकान निर्माण का काम भी चल रहा है। टीन सेट के नीचे मिट्टी का चूल्हा बना कर परिवार के लोग खाना बनाते हैं। टीन शेड के नीचे कॉपी-किताब और कपड़े बिखरे थे। साथ ही टीन शेड के अंदर रखा हुआ लोहे का टैंकर खुला पड़ा था। परिवार का कोई भी सदस्य घर पर नजर नहीं आया। प्रत्यक्षदर्शी बोली- लड़का ‘मुझे बचा लीजिए’ चिल्ला रहा था प्रत्यक्षदर्शी और अंशुमान की मदद करने वाली नंदिनी ने बताया कि रात में एक लड़का जोर-जोर से चिल्लाते हुए यहां आया। वह कहने लगा कि मुझे बचा लीजिए, मुझे बहुत जोर से चोट लगी है। वह लगातार चिल्ला रहा था कि मुझे बचा लीजिए, मुझे बचा लीजिए। इसी दौरान वह जमीन पर गिर पड़ा। गिरने के बाद भी वह हाथ जोड़कर लगातार गुहार लगाता रहा, क्योंकि उसकी पीठ पर गहरी चोट लगी थी। शोर सुनकर मेरे पति ननके लाल और अन्य लोग भी इकट्ठा हो गए। हमने तत्काल उसके घर वालों को फोन किया, तो वे लोग भी आ गए। फिर परिवार वाले उस लड़के को लेकर चले गए। हम उस लड़के को पहले से नहीं जानते थे। रात में पहली बार उसे देखा था। यह घटना करीब रात 10 बजे की है। अब जानिए नाबालिगों ने दोस्त की हत्या क्यों की?
पुलिस के मुताबिक, अंशुमान सिंह, अमानत सिंह उर्फ भोलू, जतिन सिंह और विशेष सिंह नवाबगंज स्थित गांधी इंटर कॉलेज में साथ पढ़ते थे। करीब 8-9 महीने पहले किसी बात को लेकर भोलू, जतिन और विशेष के बीच कहासुनी हो गई थी। इसी दौरान अंशुमान ने भोलू को 2 थप्पड़ मार दिए थे। तभी से तीनों अंशुमान से बदला लेने की योजना बना रहे थे, लेकिन उनका प्लान सफल नहीं हो पा रहा था। वहीं, इस घटना के बाद भोलू के पिता बिट्टू ने उसको पढ़ाई के लिए मध्य प्रदेश के सतना भेज दिया, ताकि वह शांत हो सके। लेकिन, सतना में रहते हुए भी भोलू बदला लेने की साजिश रचता रहा। खेत में पिता की मदद करने जा रहा था
8 मई को अमानत उर्फ भोलू सतना से वापस अपने घर आया। उसने घर पर ही अंशुमान को मारने की योजना बनाई। 14 मई की रात करीब 9 बजे अंशुमान खाना खाने के बाद अपने घर से 500 मीटर दूर खेत में सिंचाई कर रहे अपने पिता रवि प्रकाश सिंह की मदद करने जा रहा था। तभी रास्ते में भोलू मिला और उसे एक निमंत्रण में साथ चलने के लिए कहा। निमंत्रण में ले जाने की जगह महरमपुर गांव ले गया
अंशुमान को लगा कि पुरानी बातें अब भूल जानी चाहिए। उसने नई शुरुआत की उम्मीद में भोलू की बाइक पर बैठने का फैसला लिया। लेकिन, भोलू उसे निमंत्रण में ले जाने की जगह महरमपुर गांव के पास ले गया। यह उसके घर से करीब ढाई किलोमीटर दूर था। वहां पहले से जतिन, विशेष, रजवंत और अखिलेश सिंह मौजूद थे। सभी ने अंशुमान को मारने की योजना बना रखी थी। पहले लाठी-डंडों से मारा फिर झोंक दिया फायर
जैसे ही अंशुमान बाइक से उतरा, सभी ने लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया। जब अंशुमान ने विरोध किया, तो गुस्से में आकर भोलू ने पिस्टल से उसके सीने के बाएं हिस्से पर सटाकर गोली चला दी। गोली दाहिनी ओर फंस गई। अंशुमान जान बचाने के लिए भागा और करीब 200 मीटर दूर ननके लाल के घर पहुंचा। वह चिल्लाते हुए हाथ जोड़कर बोला- मुझे बचा लीजिए, बहुत चोट लगी है। ननके लाल ने तुरंत अंशुमान के परिवार को सूचना दी। घरवाले अंशुमान को लेकर नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। लेकिन, हालत गंभीर होने के कारण उसे अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के दौरान अंशुमान की मौत हो गई। अंशुमान के पिता रवि प्रकाश सिंह किसान हैं, उनके पास करीब 30 बीघा जमीन है। ———————— यह खबर भी पढ़ें… 11वीं के छात्र का मौत से पहले का VIDEO, गोंडा में गोली मारने वाले दोस्तों के नाम बताए, 200 मीटर दूर जाकर मदद मांगी गोंडा में 11वीं के छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात उसके तीन नाबालिग दोस्तों ने की। वे छात्र को घर से बुलाकर 2 किमी दूर ले गए। वहां तीनों ने उसे घेरकर पांच राउंड फायरिंग की। तीन गोलियां छात्र को लग गईं, लेकिन वह गिरा नहीं। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बेटा सेना में जाना चाहता था, उसे मार दिया:मां बोली- मारने वालों को फांसी हो; गोंडा में छात्र की हत्या की इनसाइड स्टोरी
