नोएडा में निवेश के नाम पर एक बुजुर्ग से 52 लाख रुपए की ठगी की गई। पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की। ये रकम 16 बार में ट्रांसफर की गई। पुलिस ने अकाउंट को फ्रीज कराकर जांच शुरू की है। पीड़ित दीपांकर मुखर्जी एक सेवानिवृत्त अधिकारी है। सेक्टर-31 निठारी में रहते है। शिकायत में बताया कि ये पूरा प्रकरण 12 मार्च से 11 अप्रैल 2025 के बीच का है। जिसमें एचएसबीसी सिक्योरिटीज का प्रतिरुप बनाकर उनके साथ ठगी की गई। उन्होंने बताया कि 12 मार्च 2025 को उनको एचएसबीसी लोगो वाले ( एचएसबीसी सिक्योरिटीज) ग्रुप से जोड़ा गया। जिसमें पहले से करीब 100 लोग जुड़े थे। समय-समय पर और लोग भी इस ग्रुप पर जोड़े जा रहे थे। इस ग्रुप को सलाह दी गई और NSE और BSE पर स्टॉक पर बल्क डील या IPO में निवेश करने के लिए कहा गया। ग्रुप की एडमिन अदिति अरोड़ा नाम की एक महिला थी। वहीं सलाहकार दीपेश जैन था। जाहिर है ये नाम इनके असली नहीं होंगे। जांच करने पर पाया गया कि ग्रुप में कथित एचएसबीसी सिक्योरिटीज का जो पंजीकरण बताया गया वो दीपेश जैन के नाम पर ही था। ऐसे में विश्वास हो गया। दीपेश अक्सर मुझे जानकारी देता है किस पर पैसा निवेश करना चाहिए। ग्रुप पर लोग मुनाफा का स्क्रीन शॉट तक डालने लगे। जिससे मुझे और विश्वास हो गया। यही नहीं इन लोगों ने मुंबई में ऑफिस का एड्रेस भी दिया ताकि पूरी तरह से इन पर विश्वास किया जा सके। एक के बाद एक नए ग्रुप से जोड़ा
मुझे जल्द ही एडवाइजर अदिति अरोड़ा ने एक दूसरे वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया। जिसमें बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करने के बारे में स्टेप बाई स्टेप जानकारी दी गई। इस ऐप पर भी एसबीसी का लोगो था। इसमें सिर्फ़ 3 सदस्य अदिति अरोड़ा, अनीता मिश्रा और मैं था। फिर एक तीसरा वॉट्सऐप बनाया गया और मुझे (एलसी06 ) एचएसबीसी डिपॉजिट सर्विसेज नाम से जोड़ा गया। इसे अनीता मिश्रा द्वारा प्रबंधित किया गया था। जिन्होंने दावा किया था कि वे डिपॉजिट सर्विसेज़ हैं। इसके बाद indiademat.net (मोबाइल) और https://m.indiademat.vip (लैपटॉप) मुझसे ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराया गया। दिखाया गया ऑफर 30 प्रतिशत की छूट
इस ऐप पर 3 से 5 दिनों के अंदर विशेष कंपनियों के बड़े डिस्काउंट पर शेयर खरीद और बिक्री को दिखाया गया। जिसमें छूट की सीमा 30% की सीमा तक। हमे निवेश के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद हमने पैसा निवेश किया। ये पैसा अनीता मिश्रा ने ज्यादातर RTGS और IMPS के जरिए ली। ये पैसा ऐप पर शो होता था। मुनाफा मिलने के बाद एक बार पैसा वापस मांगा तो वापस मुनाफे के साथ सेंड किया गया। इसके बाद कभी 50 हजार तो कभी दो लाख रुपए करके पैसा निवेश करता गया। ऐप पर मुनाफा भी दिखता रहा। क्रेडिट स्कोर 100 प्रतिशत पर निकलेगा पैसा
मुनाफा की रकम दिखने के बाद पैसे वापस करने के लिए कहा तो ग्रुप की एडमिन ने कहा कि अभी क्रेडिट स्कोर 99 है। ये जैसे ही 100 हो जाएगा आप पैसा निकाल सकते है। जबकि ऐसा एक महीने में कभी हुआ ही नहीं। पैसा वापस करने का दबाव बनाया तो उन्होंने 5 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा। मैने मना कर दिया। मैने उसको वॉट्सऐप चैट पर व्यस्त रखा और 16 अप्रैल को पुलिस से शिकायत की। ऐसे में मुझे ग्रुप से बाहर कर दिया गया। ट्रांजैक्शन का सिलसिला एक करीब महीने चला। नोएडा में निवेश के नाम पर एक बुजुर्ग से 52 लाख रुपए की ठगी की गई। पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की। ये रकम 16 बार में ट्रांसफर की गई। पुलिस ने अकाउंट को फ्रीज कराकर जांच शुरू की है। पीड़ित दीपांकर मुखर्जी एक सेवानिवृत्त अधिकारी है। सेक्टर-31 निठारी में रहते है। शिकायत में बताया कि ये पूरा प्रकरण 12 मार्च से 11 अप्रैल 2025 के बीच का है। जिसमें एचएसबीसी सिक्योरिटीज का प्रतिरुप बनाकर उनके साथ ठगी की गई। उन्होंने बताया कि 12 मार्च 2025 को उनको एचएसबीसी लोगो वाले ( एचएसबीसी सिक्योरिटीज) ग्रुप से जोड़ा गया। जिसमें पहले से करीब 100 लोग जुड़े थे। समय-समय पर और लोग भी इस ग्रुप पर जोड़े जा रहे थे। इस ग्रुप को सलाह दी गई और NSE और BSE पर स्टॉक पर बल्क डील या IPO में निवेश करने के लिए कहा गया। ग्रुप की एडमिन अदिति अरोड़ा नाम की एक महिला थी। वहीं सलाहकार दीपेश जैन था। जाहिर है ये नाम इनके असली नहीं होंगे। जांच करने पर पाया गया कि ग्रुप में कथित एचएसबीसी सिक्योरिटीज का जो पंजीकरण बताया गया वो दीपेश जैन के नाम पर ही था। ऐसे में विश्वास हो गया। दीपेश अक्सर मुझे जानकारी देता है किस पर पैसा निवेश करना चाहिए। ग्रुप पर लोग मुनाफा का स्क्रीन शॉट तक डालने लगे। जिससे मुझे और विश्वास हो गया। यही नहीं इन लोगों ने मुंबई में ऑफिस का एड्रेस भी दिया ताकि पूरी तरह से इन पर विश्वास किया जा सके। एक के बाद एक नए ग्रुप से जोड़ा
मुझे जल्द ही एडवाइजर अदिति अरोड़ा ने एक दूसरे वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया। जिसमें बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करने के बारे में स्टेप बाई स्टेप जानकारी दी गई। इस ऐप पर भी एसबीसी का लोगो था। इसमें सिर्फ़ 3 सदस्य अदिति अरोड़ा, अनीता मिश्रा और मैं था। फिर एक तीसरा वॉट्सऐप बनाया गया और मुझे (एलसी06 ) एचएसबीसी डिपॉजिट सर्विसेज नाम से जोड़ा गया। इसे अनीता मिश्रा द्वारा प्रबंधित किया गया था। जिन्होंने दावा किया था कि वे डिपॉजिट सर्विसेज़ हैं। इसके बाद indiademat.net (मोबाइल) और https://m.indiademat.vip (लैपटॉप) मुझसे ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराया गया। दिखाया गया ऑफर 30 प्रतिशत की छूट
इस ऐप पर 3 से 5 दिनों के अंदर विशेष कंपनियों के बड़े डिस्काउंट पर शेयर खरीद और बिक्री को दिखाया गया। जिसमें छूट की सीमा 30% की सीमा तक। हमे निवेश के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद हमने पैसा निवेश किया। ये पैसा अनीता मिश्रा ने ज्यादातर RTGS और IMPS के जरिए ली। ये पैसा ऐप पर शो होता था। मुनाफा मिलने के बाद एक बार पैसा वापस मांगा तो वापस मुनाफे के साथ सेंड किया गया। इसके बाद कभी 50 हजार तो कभी दो लाख रुपए करके पैसा निवेश करता गया। ऐप पर मुनाफा भी दिखता रहा। क्रेडिट स्कोर 100 प्रतिशत पर निकलेगा पैसा
मुनाफा की रकम दिखने के बाद पैसे वापस करने के लिए कहा तो ग्रुप की एडमिन ने कहा कि अभी क्रेडिट स्कोर 99 है। ये जैसे ही 100 हो जाएगा आप पैसा निकाल सकते है। जबकि ऐसा एक महीने में कभी हुआ ही नहीं। पैसा वापस करने का दबाव बनाया तो उन्होंने 5 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा। मैने मना कर दिया। मैने उसको वॉट्सऐप चैट पर व्यस्त रखा और 16 अप्रैल को पुलिस से शिकायत की। ऐसे में मुझे ग्रुप से बाहर कर दिया गया। ट्रांजैक्शन का सिलसिला एक करीब महीने चला। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
नोएडा में बुजुर्ग से 52 लाख हड़पे:निवेश के नाम पर दिया झांसा, 16 बार किया गया ट्रांजैक्शन
