यूपी के किसानों को इस योजना पर योगी सरकार दे रही है 50% सब्सिडी, खेती में मिलेगी काफी मदद

यूपी के किसानों को इस योजना पर योगी सरकार दे रही है 50% सब्सिडी, खेती में मिलेगी काफी मदद

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>अब किसान अपने खेतों को समतल कर कम पानी में ज्यादा फसल उगा सकेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने लेजर लैंड लेवलर मशीन पर 50 प्रतिशत तक या अधिकतम दो लाख रुपये तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इस मशीन से खेत इस तरह समतल होंगे जैसे फुटबॉल का मैदान. इससे फसल की सिंचाई में पानी की बचत, उपज में बढ़ोतरी और लागत में कमी जैसे कई फायदे होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&ldquo;खेत का पानी खेत में&rdquo; यह कहावत अब केवल कहावत नहीं रहेगी, बल्कि आधुनिक तकनीक की मदद से इसे जमीन पर उतारा जा सकेगा. खेत समतल होने से सिंचाई का पानी हर हिस्से में बराबर बहेगा, जिससे नमी पूरे खेत में समान बनी रहेगी. इससे बीज अच्छी तरह जमेंगे और फसल एकसाथ पकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>GPS टेक्नोलॉजी का होता है इस्तेमाल&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार की ओर से बताया गया है कि इस मशीन में GPS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. मशीन से निकलने वाली लेजर बीम ट्रैक्टर में लगे उपकरण को संकेत देती है, जिससे चालक को पता चलता है कि खेत में कहां मिट्टी ऊंची है और कहां नीची. फिर मशीन खुद ऊंचे हिस्से की मिट्टी काटकर निचले हिस्से में भर देती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, समतल खेत में सिंचाई में लगभग आधे पानी की जरूरत होती है. इसके साथ ही खेत की मेड़ और नालियां कम बनानी पड़ती हैं, जिससे 3 से 6 प्रतिशत तक अतिरिक्त जमीन फसल के लिए उपलब्ध हो जाती है. इससे उत्पादन बढ़ाने में काफी मदद मिलती है. माना जाता है कि अगर धान और गेहूं की खेती करने वाले 20 लाख हेक्टेयर खेतों को लेजर लेवलर से समतल किया जाए, तो तीन वर्षों में 15 मिलियन हेक्टेयर पानी, 20000 लाख लीटर डीजल और 500 किलो ग्रीन हाउस गैस की बचत हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. डीके सिंह के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में पानी की कमी से भारत की खाद्यान्न उपज में 28 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है. खासकर गंगा के मैदानी इलाकों में, जहां उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा आता है. ऐसे में खेतों को वैज्ञानिक ढंग से तैयार करना और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल ही किसानों को नुकसान से बचा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन पा सकते हैं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार पहले से ही ड्रोन खेती, ड्रिप-स्प्रिंकलर सिंचाई, सिंचाई परियोजनाओं और विश्व बैंक की मदद से चल रही यूपी एग्रीज योजना जैसे उपायों से खेती को आधुनिक बना रही है. लेजर लैंड लेवलर पर सब्सिडी भी इसी दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है. कुल मिलाकर, खेती में इस तकनीक का इस्तेमाल कर किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन पा सकते हैं और जल संकट से निपटने में भी मदद मिलेगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>अब किसान अपने खेतों को समतल कर कम पानी में ज्यादा फसल उगा सकेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने लेजर लैंड लेवलर मशीन पर 50 प्रतिशत तक या अधिकतम दो लाख रुपये तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इस मशीन से खेत इस तरह समतल होंगे जैसे फुटबॉल का मैदान. इससे फसल की सिंचाई में पानी की बचत, उपज में बढ़ोतरी और लागत में कमी जैसे कई फायदे होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&ldquo;खेत का पानी खेत में&rdquo; यह कहावत अब केवल कहावत नहीं रहेगी, बल्कि आधुनिक तकनीक की मदद से इसे जमीन पर उतारा जा सकेगा. खेत समतल होने से सिंचाई का पानी हर हिस्से में बराबर बहेगा, जिससे नमी पूरे खेत में समान बनी रहेगी. इससे बीज अच्छी तरह जमेंगे और फसल एकसाथ पकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>GPS टेक्नोलॉजी का होता है इस्तेमाल&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार की ओर से बताया गया है कि इस मशीन में GPS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. मशीन से निकलने वाली लेजर बीम ट्रैक्टर में लगे उपकरण को संकेत देती है, जिससे चालक को पता चलता है कि खेत में कहां मिट्टी ऊंची है और कहां नीची. फिर मशीन खुद ऊंचे हिस्से की मिट्टी काटकर निचले हिस्से में भर देती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, समतल खेत में सिंचाई में लगभग आधे पानी की जरूरत होती है. इसके साथ ही खेत की मेड़ और नालियां कम बनानी पड़ती हैं, जिससे 3 से 6 प्रतिशत तक अतिरिक्त जमीन फसल के लिए उपलब्ध हो जाती है. इससे उत्पादन बढ़ाने में काफी मदद मिलती है. माना जाता है कि अगर धान और गेहूं की खेती करने वाले 20 लाख हेक्टेयर खेतों को लेजर लेवलर से समतल किया जाए, तो तीन वर्षों में 15 मिलियन हेक्टेयर पानी, 20000 लाख लीटर डीजल और 500 किलो ग्रीन हाउस गैस की बचत हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. डीके सिंह के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में पानी की कमी से भारत की खाद्यान्न उपज में 28 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है. खासकर गंगा के मैदानी इलाकों में, जहां उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा आता है. ऐसे में खेतों को वैज्ञानिक ढंग से तैयार करना और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल ही किसानों को नुकसान से बचा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन पा सकते हैं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार पहले से ही ड्रोन खेती, ड्रिप-स्प्रिंकलर सिंचाई, सिंचाई परियोजनाओं और विश्व बैंक की मदद से चल रही यूपी एग्रीज योजना जैसे उपायों से खेती को आधुनिक बना रही है. लेजर लैंड लेवलर पर सब्सिडी भी इसी दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है. कुल मिलाकर, खेती में इस तकनीक का इस्तेमाल कर किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन पा सकते हैं और जल संकट से निपटने में भी मदद मिलेगी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड व्योमिका सिंह विवाद: रामगोपाल यादव के बचाव में उतरी समाजवादी पार्टी, कहा- इसमें कुछ गलत नहीं