हरियाणा मानवाधिकार आयोग को जल्द नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में सीएम सैनी के साथ विधानसभा स्पीकर हरिवंद्र कल्याण और एक कांग्रेस विधायक के शामिल होने की उम्मीद है। इस मीटिंग में आयोग के अध्यक्ष और अन्य दो सदस्यों के नामों पर मंथन किया जाएगा। संभावना है कि मीटिंग के बाद आयोग में नियुक्ति के ऑर्डर सरकार की ओर से जारी कर दिए जाएं। आयोग में चेयरमैन और सदस्यों के पद करीब 14 माह से खाली हैं। मीटिंग में गृह सचिव अनुराग रस्तोगी के भी भाग लेने की संभावना है। 14 महीने से शिकायतें पेंडिंग पड़ी हरियाणा मानवाधिकार आयोग में हर महीने सैकड़ों की संख्या में शिकायतें आती हैं। इन शिकायतों का समाधान आयोग द्वारा किया भी जाता रहा है। लेकिन जब से पद खाली हैं, तब से शिकायतों का हल रुक गया है। इससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आयोग में एक पद चेयरमैन का होता है, जबकि दो पद सदस्यों के होते हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं। लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। हाईकोर्ट लगा चुका फटकार हरियाणा में मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन व सदस्य न होने के चलते कामकाज ठप पड़ने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सरकार को दिन पहले फटकार लगा चुका है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यदि अगली सुनवाई तक पद नहीं भरे गए तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होगा और याचिकाकर्ता को मुकदमे की लागत के रूप में 50,000 रुपए अपनी जेब से देने होंगे। कैथल निवासी शिवचरण ने याचिका दाखिल करते हुए मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन व सदस्यों के पद भरने की मांग की थी। सरकार ने लिया था 30 मार्च तक का टाइम याचिका पर सरकार ने पहले 30 मार्च तक और बाद में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद चेयरमैन और सदस्य के पद भरने का कोर्ट को विश्वास दिलाया था। याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि एक समय में देश का सबसे बेहतर मानवाधिकार आयोग का माने जाने वाला हरियाणा मानवाधिकार आयोग अब अपने अधिकारों के लिए मोहताज हैं। अब आयोग में न तो चेयरमैन है न ही कोई सदस्य। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है, अब वो अपने अधिकारों के लिए किसके आगे गुहार लगाएंगे। अब तक इनके सहारा चलता रहा आयोग राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एस के मित्तल हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन पद से और सदस्य जस्टिस केसी पुरी अप्रैल 2023 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद एकमात्र सदस्य दीप भाटिया के सहारे आयोग सितम्बर 2023 तक चलता रहा। भाटिया के सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग पूरी तरह से चेयरमैन और सदस्य विहीन है। किसी भी मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही है। इसलिए अब मजबूरी में इस विषय को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निर्देश देने की मांग की गई है। हरियाणा मानवाधिकार आयोग को जल्द नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में सीएम सैनी के साथ विधानसभा स्पीकर हरिवंद्र कल्याण और एक कांग्रेस विधायक के शामिल होने की उम्मीद है। इस मीटिंग में आयोग के अध्यक्ष और अन्य दो सदस्यों के नामों पर मंथन किया जाएगा। संभावना है कि मीटिंग के बाद आयोग में नियुक्ति के ऑर्डर सरकार की ओर से जारी कर दिए जाएं। आयोग में चेयरमैन और सदस्यों के पद करीब 14 माह से खाली हैं। मीटिंग में गृह सचिव अनुराग रस्तोगी के भी भाग लेने की संभावना है। 14 महीने से शिकायतें पेंडिंग पड़ी हरियाणा मानवाधिकार आयोग में हर महीने सैकड़ों की संख्या में शिकायतें आती हैं। इन शिकायतों का समाधान आयोग द्वारा किया भी जाता रहा है। लेकिन जब से पद खाली हैं, तब से शिकायतों का हल रुक गया है। इससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आयोग में एक पद चेयरमैन का होता है, जबकि दो पद सदस्यों के होते हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं। लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। हाईकोर्ट लगा चुका फटकार हरियाणा में मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन व सदस्य न होने के चलते कामकाज ठप पड़ने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सरकार को दिन पहले फटकार लगा चुका है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यदि अगली सुनवाई तक पद नहीं भरे गए तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होगा और याचिकाकर्ता को मुकदमे की लागत के रूप में 50,000 रुपए अपनी जेब से देने होंगे। कैथल निवासी शिवचरण ने याचिका दाखिल करते हुए मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन व सदस्यों के पद भरने की मांग की थी। सरकार ने लिया था 30 मार्च तक का टाइम याचिका पर सरकार ने पहले 30 मार्च तक और बाद में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद चेयरमैन और सदस्य के पद भरने का कोर्ट को विश्वास दिलाया था। याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि एक समय में देश का सबसे बेहतर मानवाधिकार आयोग का माने जाने वाला हरियाणा मानवाधिकार आयोग अब अपने अधिकारों के लिए मोहताज हैं। अब आयोग में न तो चेयरमैन है न ही कोई सदस्य। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है, अब वो अपने अधिकारों के लिए किसके आगे गुहार लगाएंगे। अब तक इनके सहारा चलता रहा आयोग राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एस के मित्तल हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन पद से और सदस्य जस्टिस केसी पुरी अप्रैल 2023 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद एकमात्र सदस्य दीप भाटिया के सहारे आयोग सितम्बर 2023 तक चलता रहा। भाटिया के सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग पूरी तरह से चेयरमैन और सदस्य विहीन है। किसी भी मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही है। इसलिए अब मजबूरी में इस विषय को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निर्देश देने की मांग की गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव में कंगना रनोट ने BJP की टेंशन बढ़ाई:भाजपा नेताओं ने चुप्पी साधी; कांग्रेस बोली- नशा कैसा भी हो, ज्यादा दिन नहीं टिकता
हरियाणा चुनाव में कंगना रनोट ने BJP की टेंशन बढ़ाई:भाजपा नेताओं ने चुप्पी साधी; कांग्रेस बोली- नशा कैसा भी हो, ज्यादा दिन नहीं टिकता बॉलीवुड एक्ट्रेस व BJP सांसद कंगना रनोट के किसान आंदोलन के दौरान हत्या और रेप वाले बयान के बाद घमासान मचा हुआ है। कंगना के बयान के बाद हरियाणा BJP के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। विधानसभा चुनाव सिर पर होने के चलते प्रदेश का कोई नेता अपने सांसद के बयान पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। इस पर हरियाणा कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। इनके X हैंडल पर लिखा गया, ‘750 किसानों की शहादत को अपमानित करते हुए भाजपा सांसद हरियाणा के किसानों को देशद्रोही बता रही है। मैडम, सत्ता का नशा हो या किसी और तरह का, ज्यादा दिन नहीं टिकता। हरियाणा से भाजपा का सूपड़ा साफ होने वाला है।’ हरियाणा कांग्रेस ने यह भी लिखा, ‘सांसद @KanganaTeam जी, हो सकता है कि आप खुद अपनी कोई फसल उगाकर उसका सेवन करती हों, लेकिन बाकी देश किसानों के उगाए हुए अन्न पर ही पलता है। आपको हमारे किसानों को इस तरह अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं। आपका बयान बेहद शर्मनाक है।’ कंगना को पद की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के प्रदेशाध्यक्ष दिलबाग सिंह हुड्डा ने कहा, ‘कंगना को सोच समझकर बयानबाजी करनी चाहिए। किसानों की शहीदी का कंगना मजाक बना रही है। किसानों को रेपिस्ट कहना घोर निंदनीय है। कम से कम अपने पद की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। कंगना को तुरंत अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो किसान इसका पुरजोर विरोध करेंगे। इधर, भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने कहा, ‘कंगना रनोट मंदबुद्धि है। उसे हम कभी सीरियस नहीं लेते। उसने पहले भी किसान आंदोलन के समय इसी तरह की गलत बयानबाजी की थी। उसका काम ही गलत बयानबाजी कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना रहा है।’ कंगना का बयान बेहूदा
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, ‘कंगना रनोट का बयान बेहूदा है। उनका इतिहास रहा है कि वह इस तरह की बयानबाजी करती हैं। उनका बॉलीवुड में बैकग्राउंड किस तरह का रहा है, वह पूरा देश जानता है। एक फिल्मी लाइफ, रील लाइफ होती है। रियल लाइफ में कोई फर्जी कैरेक्टर करने से महान नहीं बन जाता। कंगना के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संज्ञान लेना चाहिए, वर्ना इस बयान का प्रधानमंत्री द्वारा समर्थन माना जाएगा। किसान जींद के उचाना की अनाजमंडी में 15 सिंतबर को बड़ी रैली कर रहे हैं। कंगना में रैली का मुद्दा उठाया जाएगा।’ पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी कंगना…. आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’ कंगना ने कहा था- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। जिसमें कंगना रनोट ने रात 10 बजे एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। कंगना ने जिस महिला की तस्वीर पोस्ट की, वह पंजाब में मानसा की किसान मोहिंदर कौर थीं। कंगना को बिलकिस बानो और मोहिंदर कौर को पहचानने में गलती हुई। हालांकि, कंगना ने बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन तब तक इसके स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे। इसके बाद किसान मोहिंदर कौर ने कोर्ट में भी मानहानि का केस कर दिया। जिसकी सुनवाई चल रही है। कंगना के बयान पर CISF कॉन्स्टेबल ने जड़ा था थप्पड़ 3 महीने पहले कंगना रनोट जब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर आईं तो यहां CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। CISF कॉन्स्टेबल की वीडियो भी सामने आई थी, जिसमें वह कह रही थीं कि कंगना ने जब किसान आंदोलन में शामिल महिला को 100 रुपए में धरना देने वाली कहा था तो उसकी मां भी धरने पर बैठी थीं। थप्पड़ जड़ने के बाद एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने कुलविंदर कौर को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
हिसार में पुलिस का ऑपरेशन आक्रमण, बदमाशों में हड़कंप:17 आरोपी गिरफ्तार; 2 अवैध पिस्तौल बरामद, 133 वाहनों के काटे चालान
हिसार में पुलिस का ऑपरेशन आक्रमण, बदमाशों में हड़कंप:17 आरोपी गिरफ्तार; 2 अवैध पिस्तौल बरामद, 133 वाहनों के काटे चालान हरियाणा के हिसार में अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन आक्रमण के तहत संडे को एक सर्च अभियान चलाया। इस अभियान में सम्बन्धित थानों व चौकियों से पुलिस टीमों के अलावा सीआईए स्टाफ व एंटी नारकोटिक की टीमें भी शामिल रही। पुलिस की 53 टीमों का गठन किया गया। इनमे अधिकारी, निरीक्षक सहित कुल 250 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। सर्च अभियान के दौरान हिसार पुलिस ने पीओ, बेल जंपर, अभियोग में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले, अवैध हथियार, अवैध शराब का कारोबार करने वालों और जुवारियों के ठिकानों पर रेड कर कार्रवाई की गई। पुलिस ने 17 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार आरोपियों से हिसार पुलिस ने 111 बोतल अवैध शराब, 340 लीटर लाहन, 16 लीटर कच्ची शराब और 2 अवैध पिस्तौल बरामद किए है। इसी दौरान पुलिस ने लड़ाई झगड़े, चोरी, एनडीपीएस, आबकारी, आर्म्स एक्ट के तहत कुल 17 अपराधियों को गिरफ्तार किए। ट्रैफिक पुलिस ने किए 133 वाहन चालकों के चालान ऑपरेशन आक्रमण के दौरान हिसार पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जान व माल की नुकसान को रोकने के उद्देश्य से जिले के मुख्य मार्गों के अलग-अलग स्थानों पर की गई चैकिंग के दौरान ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने पर 133 वाहन चालकों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए चालान किए। इनमें से 72 वाहन चालकों के चालान भारी वाहनों द्वारा लेन के नियमों का उल्लंघन किए जाने पर किए गए। ऑपरेशन आक्रमण के दौरान पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा चैकिंग के दौरान यातायात नियमों, लेन ड्राइविंग और गलत दिशा में ड्राइविंग को लेकर वाहन चालकों को जागरूक भी किया गया।
65 हजार में वकील-50 हजार में इंजीनियरिंग की डिग्री:हरियाणा में प्राइवेट इंस्टीट्यूट संचालक ने फेक डिग्रियां बेची, फोटोस्टेट दुकान से बनानी सीखीं
65 हजार में वकील-50 हजार में इंजीनियरिंग की डिग्री:हरियाणा में प्राइवेट इंस्टीट्यूट संचालक ने फेक डिग्रियां बेची, फोटोस्टेट दुकान से बनानी सीखीं हरियाणा के सिरसा जिले में फर्जी डिग्री बेचने वाले का पर्दाफाश हुआ है। प्राइवेट इंस्टीट्यूट का संचालक पैसे लेकर करीब 8 यूनिवर्सिटियों की डिग्रियां बेचता था। इसमें LLB से लेकर इंजीनियरिंग की डिग्री शामिल है। उसने डिग्रियों के अलग-अलग रेट तय किए थे। LLB का रेट 65 हजार तो इंजीनियरिंग का 50 हजार से लेकर 60 हजार तक रखा था। आरोपी की पहचान सीताराम के रूप में हुई है। सीताराम करीब 5 साल से सिरसा में यह नेक्सस चल रहा था। सिटी थाना पुलिस केस दर्ज कर सीताराम की धरपकड़ के प्रयास कर रही है। सीताराम पहले एक फोटोस्टेट की दुकान पर काम करता था। यहीं पर उसने फर्जी डिग्री बनाने का काम सीखा। पुलिस सीताराम को गिरफ्तार कर पता लगाने की कोशिश करेगी कि वह ये डिग्रियां कहां से छपवाता था। उसने कौन-कौन सी डिग्रियां किस-किस व्यक्ति को और कब-कब दी। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस इंस्टीट्यूट से पढ़े फर्जी वकील और इंजीनियर अब कहां सेवाएं दे रहे हैं। क्या उन्होंने फर्जी डिग्री से कोई फायदे का पद हासिल किया है या नहीं। सीएम फ्लाइंग टीम ने छापा मारा
दरअसल, प्रशासन को कई दिनों से फर्जी डिग्रियों की शिकायतें मिल रही थीं। ऐसी ही एक शिकायत DC के पास आई, जिसमें फर्जी डिग्री का मामला सामने आया। इसके बाद सीएम फ्लाइंग टीम ने सिरसा के द्वारकापुरी क्षेत्र में साई इंस्टीट्यूट पर छापा मारकर कई यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट बरामद किए। इन राज्यों के सर्टिफिकेट मिले
इंस्टीट्यूट से हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय के यूजी, पीजी सहित अन्य कोर्स के सर्टिफिकेट मिले हैं। वह माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी देता था। इंस्टीट्यूट से सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल की मोहरें भी बरामद हुई हैं। कार्यालय में बैठी 4 लड़कियों ने बताया कि वे फोन पर डील करती थीं, जो 10 हजार से 1 लाख रुपए में होती थी। हफ्तेभर में डिग्री दे दी जाती थी। फर्जी डिग्रियां छापने का सामान भी मिला
साई इंस्टीट्यूट से फर्जी सील, दस्तावेज, फार्म और फर्जी डिग्रियां छापने का सामान भी मिला है। इस बरामदगी के बाद टीम ने सालासर मंदिर के सामने द्वारिकापुरी स्थित साईं संस्थान को सील कर दिया। टीम ने जांच के बाद यहां लगे कैमरों को भी जब्त कर लिया। सीताराम के फर्जी इंस्टीट्यूट पर इंजीनियर के साथ-साथ मेडिकल छात्रों को भी फर्जी डिप्लोमा करवाए जाते थे। टीम को श्री साई आईटीआई, श्री साई पैरामेडिकल, श्री साई जाब्ब कंसल्टेंट के कागजात भी मिले। संचालक ने इन नामों से भी संस्थाएं बनाई हुई थीं। जांच के बाद पूरी सच्चाई सामने आएगी
छापेमारी के लिए आए राजकीय कन्या महाविद्यालय रानिया के प्रिंसिपल बीएस भोला ने बताया कि उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। डीसी ऑफिस से फोन आया था कि मुझे किसी ड्यूटी पर जाना है। जब मैं वहां पहुंचा तो पता चला कि मेरी सीएम फ्लाइंग में ड्यूटी है। जब हम इस संस्थान में आए तो हमें केवल 4 लड़कियां ही मिलीं। यहां का रिकॉर्ड चेक करने पर हमें कई यूनिवर्सिटी और बोर्ड की डीएमसी मिलीं। कई सील और हस्ताक्षर वाली मोहरें मिलीं, जो इन डीएमसी पर इस्तेमाल की गई थीं। इस पूरे रिकॉर्ड को देखने से ऐसा लग रहा है कि यहां कुछ अनियमितता चल रही थी। जांच के बाद पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। —————— हरियाणा में फर्जी डिग्रियां मिलने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.. हरियाणा के इंस्टीट्यूट से मिलीं इंजीनियरिंग-BSC की फर्जी डिग्रियां, CM फ्लाइंग की रेड; छत्तीसगढ़-UP बोर्ड की फर्जी मोहर-डिग्री छापने का सामान भी बरामद हरियाणा में CM फ्लाइंग टीम ने सिरसा के एक इंस्टीट्यूट में रेड कर कई यूनिवर्सिटीज की फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। जिनमें BSC एग्रीकल्चर और इंजीनियरिंग की डिग्रियों के अलावा 10वीं व 12वीं के सर्टिफिकेट शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें