हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, 24 मई को वह दिल्ली जा रहे हैं। दिल्ली में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग करेंगे। उन्होंने कहा, इसे लेकर वह प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र भी भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, विदेशी सेब के आयात से स्थानीय बागवानों को नुकसान हो रहा है। विदेशी सेब के कारण बाजार में दाम गिर जाते हैं। इससे हिमाचल के साथ उत्तराखंड और कश्मीर के सेब उत्पादकों को भी परेशानी होती है। सुक्खू ने कहा कि बागवान पूरे साल मेहनत करते हैं और 40-50 साल तक बगीचे को अपने बच्चे की तरह पालता है, लेकिन जब उनका सेब मंडी में पहुंचता है, तो उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता। उन्होंने तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध के साथ साथ विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की। चिंताजनक यह है कि बीते एक दशक के दौरान तुर्की से सेब आयात में कई गुणा बढ़ौतरी हुई है। इससे हिमालय राज्यों के सेब उद्योग पर संकट मंडरा रहा है। तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद के सेब प्रतिबंध की मांग बता दें कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद के बाद हिमाचल में तुर्किये के सेब आयात पर प्रबंध को मांग तेज हुई है। हिमाचल में सेब उत्पादकों के साथ साथ राजनीतिक दल भी इस मांग को प्रमुखता से उठा रहे हैं। हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसाइटी ने दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में भेंट कर तुर्की के सेब पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है। अब हिमाचल सीएम ने भी इस मांग को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने का भरोसा दिया हैं। सरकारी दफ्तर शिफ्ट करने पर बोले सीएम मीडिया से बातचीत में शिमला से सरकारी दफ्तर शिफ्ट करने के सवाल पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला से किसी भी विभाग का मुख्यालय शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, नए-नए बन रहे कमीशन दफ्तर को ही यहां से शिफ्ट करेंगे। शिमला को डी-कंजस्ट करना जरूरी है। उन्होंने कहा, 4 किलोमीटर में ही खासकर सुबह के समय एक घंटा लग जाता है। उन्होंने कहा, जिस दफ्तर को शिफ्ट किया जाएगा, उनकी महिला कर्मचारियों को शिमला में ही रुकने का भी विकल्प दिया जाएगा। बीजेपी सरकार द्वारा बनाई बिल्डिंग खाली पड़ी सीएम ने कहा, पूर्व भाजपा सरकार एक हजार करोड़ की बिल्डिंग बनाकर चली गई, जो कि खाली पड़ी है। उनकी सरकार खाली पड़ी बिल्डिंग का इस्तेमाल करेगी। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, 24 मई को वह दिल्ली जा रहे हैं। दिल्ली में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग करेंगे। उन्होंने कहा, इसे लेकर वह प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र भी भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, विदेशी सेब के आयात से स्थानीय बागवानों को नुकसान हो रहा है। विदेशी सेब के कारण बाजार में दाम गिर जाते हैं। इससे हिमाचल के साथ उत्तराखंड और कश्मीर के सेब उत्पादकों को भी परेशानी होती है। सुक्खू ने कहा कि बागवान पूरे साल मेहनत करते हैं और 40-50 साल तक बगीचे को अपने बच्चे की तरह पालता है, लेकिन जब उनका सेब मंडी में पहुंचता है, तो उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता। उन्होंने तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध के साथ साथ विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की। चिंताजनक यह है कि बीते एक दशक के दौरान तुर्की से सेब आयात में कई गुणा बढ़ौतरी हुई है। इससे हिमालय राज्यों के सेब उद्योग पर संकट मंडरा रहा है। तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद के सेब प्रतिबंध की मांग बता दें कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद के बाद हिमाचल में तुर्किये के सेब आयात पर प्रबंध को मांग तेज हुई है। हिमाचल में सेब उत्पादकों के साथ साथ राजनीतिक दल भी इस मांग को प्रमुखता से उठा रहे हैं। हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसाइटी ने दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में भेंट कर तुर्की के सेब पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है। अब हिमाचल सीएम ने भी इस मांग को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने का भरोसा दिया हैं। सरकारी दफ्तर शिफ्ट करने पर बोले सीएम मीडिया से बातचीत में शिमला से सरकारी दफ्तर शिफ्ट करने के सवाल पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला से किसी भी विभाग का मुख्यालय शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, नए-नए बन रहे कमीशन दफ्तर को ही यहां से शिफ्ट करेंगे। शिमला को डी-कंजस्ट करना जरूरी है। उन्होंने कहा, 4 किलोमीटर में ही खासकर सुबह के समय एक घंटा लग जाता है। उन्होंने कहा, जिस दफ्तर को शिफ्ट किया जाएगा, उनकी महिला कर्मचारियों को शिमला में ही रुकने का भी विकल्प दिया जाएगा। बीजेपी सरकार द्वारा बनाई बिल्डिंग खाली पड़ी सीएम ने कहा, पूर्व भाजपा सरकार एक हजार करोड़ की बिल्डिंग बनाकर चली गई, जो कि खाली पड़ी है। उनकी सरकार खाली पड़ी बिल्डिंग का इस्तेमाल करेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
