हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 112 हेक्टेयर जमीन टूरिज्म विलेज को देने का मुद्दा गूंजेगा। BJP विधायक विपिन सिंह परमार ने विश्वविद्यालय की जमीन की NOC देने के मसले पर सदन में चर्चा मांग रखी है। कांगड़ा जिला में यह पहले ही बड़ा मुद्दा बन चुका है। आज सदन में भी इसे लेकर तपिश देखने को मिलेगी। बता दें कि राज्य सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने यूनिवर्सिटी की जमीन टूरिज्म विलेज को देने का फैसला लिया है। कृषि विश्वविद्यालय के तमाम संगठन पहले ही इसका विरोध कर चुके हैं। इसके खिलाफ छात्र संगठनों के साथ साथ शिक्षक व गैर शिक्षक संघ प्रदर्शन कर चुके हैं। वित्तीय स्थिति पर होगी चर्चा सदन में आज राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर भी चर्चा होगी। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया, चंद्रशेखर और भवानी सिंह पठानिया ने आर्थिक स्थिति को लेकर सदन में चर्चा मांग रखी है। खराब आर्थिक हालत के कारण देशभर में कांग्रेस सरकार की किरकिरी हुई है। हालांकि कांग्रेस सरकार को लगभग 75 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है। इसी तरह लगभग 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारी भी पूर्व सरकार के कार्यकाल की है, जो अब कांग्रेस सरकार को चुकता करनी पड़ है। आमदन्नी अठन्नी और खर्चा रुपया होने की वजह से सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। लिहाजा आज सदन में आर्थिक हालात के साथ साथ आय के साधन बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। अंत में जल विद्युत नीति पर भी चर्चा होगी। यह प्रस्ताव बीजेपी विधायक जेआर कटवाल ने लाया है। भांग की खेती पर होगी चर्चा इससे पहले सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से शुरू होगी। विधानसभा में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी आज भांग के औषधीय गुणों को देखते हुए इसके व्यवसायिक इस्तेमाल को लेकर के लिए सदन में चर्चा की मांग करेंगे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 112 हेक्टेयर जमीन टूरिज्म विलेज को देने का मुद्दा गूंजेगा। BJP विधायक विपिन सिंह परमार ने विश्वविद्यालय की जमीन की NOC देने के मसले पर सदन में चर्चा मांग रखी है। कांगड़ा जिला में यह पहले ही बड़ा मुद्दा बन चुका है। आज सदन में भी इसे लेकर तपिश देखने को मिलेगी। बता दें कि राज्य सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने यूनिवर्सिटी की जमीन टूरिज्म विलेज को देने का फैसला लिया है। कृषि विश्वविद्यालय के तमाम संगठन पहले ही इसका विरोध कर चुके हैं। इसके खिलाफ छात्र संगठनों के साथ साथ शिक्षक व गैर शिक्षक संघ प्रदर्शन कर चुके हैं। वित्तीय स्थिति पर होगी चर्चा सदन में आज राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर भी चर्चा होगी। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया, चंद्रशेखर और भवानी सिंह पठानिया ने आर्थिक स्थिति को लेकर सदन में चर्चा मांग रखी है। खराब आर्थिक हालत के कारण देशभर में कांग्रेस सरकार की किरकिरी हुई है। हालांकि कांग्रेस सरकार को लगभग 75 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है। इसी तरह लगभग 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारी भी पूर्व सरकार के कार्यकाल की है, जो अब कांग्रेस सरकार को चुकता करनी पड़ है। आमदन्नी अठन्नी और खर्चा रुपया होने की वजह से सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। लिहाजा आज सदन में आर्थिक हालात के साथ साथ आय के साधन बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। अंत में जल विद्युत नीति पर भी चर्चा होगी। यह प्रस्ताव बीजेपी विधायक जेआर कटवाल ने लाया है। भांग की खेती पर होगी चर्चा इससे पहले सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से शुरू होगी। विधानसभा में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी आज भांग के औषधीय गुणों को देखते हुए इसके व्यवसायिक इस्तेमाल को लेकर के लिए सदन में चर्चा की मांग करेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा:1 सप्ताह से नहीं हुई बारिश, न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.1 डिग्री गिरा
हिमाचल के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा:1 सप्ताह से नहीं हुई बारिश, न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.1 डिग्री गिरा हिमाचल प्रदेश में दिन में गर्मी और रात में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 91 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 7 जिलों में बारिश लगभग शून्य रही है। जिसके चलते प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में सामान्य से -1.1 डिग्री से ज्यादा की गिरावट आई है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से -1.2 डिग्री नीचे चला गया है। 24 घंटों में पांवटा साहिब और जुब्बड़हट्टी के तापमान में सबसे ज्यादा 3 डिग्री की गिरावट आई है। मनाली का न्यूनतम पारा भी 8.4 डिग्री प्रदेश के 5 शहरों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है। केलांग का तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। कल्पा का पारा भी 4.5 डिग्री, केलांग 2.7 , कुकुमसैरी 2.1 डिग्री, समदो 5.6 डिग्री , सराहन में 9 डिग्री और दुनियाभर में मशहूर पर्यटन स्थल मनाली का न्यूनतम पारा भी 8.4 डिग्री रह गया है। इससे इन शहरों में सुबह शाम को ठंड का एहसास होने लगा है। वहीं दिन के समय मे मैदानी क्षेत्रों में गर्मी सर्दियों में भी पसीने छुड़ा रही है। प्रदेश के 9 शहरों का अधिकतम पारा अभी भी 30 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। ऊना का तापमान सबसे ज्यादा 34.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में अगले 5,6 दिन मौसम साफ रहेगा। इससे दिन का तापमान अभी सामान्य से ज्यादा बना रहेगा, लेकिन सुबह शाम के तापमान में गिरावट आएगी। हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घण्टो में 0.2% बारिश दर्ज की गई है।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।
सोलन में 1 करोड़ की ठगी करने वाला भेजा जेल:पीएमओ के फर्जी लेटर जारी किए, खुद को बताया था ईडी का डिप्टी डायरेक्टर
सोलन में 1 करोड़ की ठगी करने वाला भेजा जेल:पीएमओ के फर्जी लेटर जारी किए, खुद को बताया था ईडी का डिप्टी डायरेक्टर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कसौली थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ठगी के आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इससे पहले उसे पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लेकर उससे घटनाक्रम से जुड़ी पूछताछ की थी। पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रधानमंत्री कार्यालय के लेटरपैड वहां के अधिकारियों के नामों का दुरुपयोग के अलावा ईडी और आयकर विभाग के अधिकारियों के नामों का दुरुपयोग भी करता रहा है। उसने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर की फर्जी सेलरी स्लिप के आधार पर देना बैंक से एक कार का लोन भी लिया था। उसने अब तक कुल मिलाकर एक करोड़ की धोखाधड़ी की है। कसौली थाना पुलिस ने किया था गिरफ्तार दिल्ली निवासी एक उद्योगपति की शिकायत पर इस पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। पुलिस ने कसौली के मशोबरा गांव निवासी जितेंद्र चंदेल को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जिसने कसौली के एक उद्योगपति को प्रधानमंत्री कार्यालय में कम कराने का लालच देकर उनसे लाखों रुपए ठग लिए। आरोपी जितेंद्र अब तक कई लोगों को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा चुका है। यहीं नहीं उसने स्वयं को प्रवर्तन निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर बताते हुए फर्जी सेलरी स्लिप के माध्यम से देना बैंक से कार का लोन भी हासिल कर लिया था। आज उसे पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन क न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मार्च माह में कसौली पुलिस को एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था । इस पत्र में दिल्ली निवासी अमन मेहता व गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष कश्मीरी लाल ने बताया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के लेटरपैड से पत्र जारी करके और जाली हस्ताक्षर करके गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन से कंपनी को फायदा पहुंचाने और संचालन के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए। जब उन्होंने पता किया तो जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री कार्यालय से इस प्रकार के कोई भी पत्र जारी नहीं किए गए हैं। पीएम कार्यालय के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किए छानबीन में यह भी पाया गया था कि इस सारी जालसाजी में कसौली निवासी जितेंद्र कुमार चंदेल भी शामिल था, जिसने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके उपरोक्त जाली पत्र जारी किए थे। इस शिकायी तपत्र पर पुलिस थाना कसौली में 21 मार्च को धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस माामले के नामजद आरोपी कसौली के मशोबरा निवासी जितेंद्र कुमार की जांच कराई गई। आरोपी के मोबाइल फोन, कंप्यूटर तथा अन्य दस्तावेजों का विश्लेषण करने पर पता चला कि आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल स्वयं को आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताता था। वह विभिन्न विभागों व बैकों आदि से ई-मेल व अन्य माध्यमों से पत्राचार करके उन्हें अपना झूठा परिचय अनुचित लाभ हासिल करता था। खुद को बताया ईडी का डिप्टी डायरेक्टर इसके बाद पुलिस ने उक्त साक्ष्यों के आधार पर 12 अगस्त को आरोपी 38 वर्षीय जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान यह बात साफ हो गई कि आरोपी जितेंद्र कुमार चंदेल ने ही प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम से जाली दस्तावेज तैयार करके गिवर्ने इनोवेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष कश्मीरी लाल से कंपनी को फायदा पहुंचाने व संचालन के नाम पर लाखों रुपए ठगे। एसपी के अनुसार, आरोपी ने एक अन्य घटना में स्वयं को ईडी का डिप्टी डायरेक्टर बताते हुए फर्जी सेलरी स्लिप के आधार पर देना बैंक से कार लोन पर भी लिया। अदालत ने उसे दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उन्होंने बताया कि जितेंद्र से अब तक की पूछताछ में उसने लोगों को एक करोड़ की चपत लगाने की बात स्वीकार की है। पुलिस उसके पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल कर रही है।