यूपी में पंचायत चुनाव जनवरी में हो सकते हैं:67 जिलों में भेजी जाएंगी 1.27 लाख मतपेटियां; पिछली बार भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीय जीते थे

यूपी में पंचायत चुनाव जनवरी में हो सकते हैं:67 जिलों में भेजी जाएंगी 1.27 लाख मतपेटियां; पिछली बार भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीय जीते थे

यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ये चुनाव 2026 में जनवरी-फरवरी के महीने में हो सकते हैं। विधानसभा 2027 के पहले पंचायत चुनाव सेमीफाइनल की तरह होगा। यूपी में कुल 57 हजार 691 ग्राम पंचायत, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायत हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 67 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2026 के लिए करीब 1.27 लाख सीआर शीट ग्रेड CR1 से बनी मतपेटियों की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर जारी किया है। इन मतपेटियों की डिलीवरी 4 महीने के भीतर पूरी करनी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के उपनिर्वाचन आयुक्त संत कुमार ने बताया- पंचायत चुनाव बड़ा और संवेदनशील आयोजन होता है। मतपेटियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सख्त मानक तय किए गए हैं। केवल अनुभवी और आर्थिक रूप से सक्षम फर्मों को ही पात्र माना जाएगा। आपूर्ति का 5 साल का अनुभव होना चाहिए
आयोग की ओर से 19 मई को जारी आदेश में साफ किया गया है कि केवल वही कंपनियां बोली में हिस्सा ले सकती हैं, जिनके पास केंद्र, राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रमों को सीआर शीट ग्रेड सीआर-1 से बने उत्पादों की पिछले 5 साल में कम से कम 15 करोड़ रुपए की आपूर्ति का अनुभव हो। ऐसी कंपनियों का सालाना टर्नओवर कम से कम 3 करोड़ रुपए होना चाहिए। पिछली बार भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीय जिला पंचायत जीते थे
उत्तर प्रदेश में पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई, 2021 हुए थे। ये चुनाव ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (बीडीसी), और जिला पंचायत (जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष) स्तर पर होते हैं। ये चुनाव पार्टी-चिह्न के बिना होते हैं। लेकिन, बड़े दल अपने समर्थित प्रत्याशियों की पहचान और आकलन करते हैं। पिछली बार यूपी के 75 जिलों में कुल 3,050 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी। जिला पंचायत सदस्यों की 3,047 सीटों में सपा 759, भाजपा 768, बसपा 319, कांग्रेस 125, रालोद 69, आप 64 और निर्दलीयों को 944 सीटें मिली थीं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने मारी थी बाजी
खास बात यह थी कि निर्दलीय जीते प्रत्याशी सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर चुनाव लड़े थे। ऐसे ही समाजवादी पार्टी के भी कई सदस्यों को पार्टी का समर्थन नहीं मिला था। वो भी नाराज होकर मैदान में उतरे और चुनाव जीतकर पहुंचे थे। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष का जब चुनाव हुआ, तो भाजपा ने बाजी मार ली। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जुलाई 2021 में हुआ था। ये चुनाव पार्टी चिह्न पर हुआ था। भाजपा ने 75 में से 67 सीटों पर जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने में सफल रही थी। सपा को सिर्फ 5 सीटें ही मिली थीं। अन्य के खाते में 3 सीटें आई थीं। गांवों में अभी से प्रधानी को लेकर चर्चाएं शुरू
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सबसे रोचक गांव प्रधानी होता है। गांवों में अभी से अगले प्रधान प्रत्याशी अपनी तैयारी शुरू हो चुकी है। गांव में चर्चा होनी लगी है कि इस बार कौन-कौन प्रत्याशी होगा? हालांकि सभी की नजर गांव के आरक्षण पर होगी। आरक्षण के बाद ही तस्वीर साफ होगा कि उनके गांव से कौन लड़ सकता है? इसी तरह बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य भी अपनी तैयारियां और दावेदारी होर्डिंग-पोस्टर के जरिए शुरू कर चुके हैं। यूपी में जिला पंचायत चुनाव में अकेले उतरेगी आप यूपी में 2026 में होने वाले जिला पंचायत चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। AAP यूपी जिला पंचायत चुनाव किसी दल के साथ गठजोड़ करके नहीं, बल्कि अकेले लड़ेगी। 21 मई को आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह मेरठ में थे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ संकल्प शिविर में भाग लिया। संजय सिंह ने इस दौरान ऐलान किया कि AAP आगामी जिला पंचायत और पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी गांव-गांव जाकर जनसंपर्क करेगी, संगठन का विस्तार किया जाएगा। रैलियों और सभाओं के माध्यम से जनता से सीधा संवाद किया जाएगा। संजय सिंह ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य जिला पंचायत के चुनाव हैं। हम पूरी ताकत के साथ यूपी के हर गांव में जाकर चुनाव लड़ेंगे। पंचायत स्तर पर संगठन तैयार किया जा रहा है। इन चुनावों के बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अगली रणनीति तय की जाएगी। यूपी में जिला पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में RPI
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI- आठवले) ने दावा किया था कि यूपी में पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ा है। सुहेलदेव समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों ने RPI की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। RPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय अधिकारिता मंत्री डॉ. रामदास आठवले ने कहा था कि पार्टी 2026 में उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। ————————- यह खबर भी पढ़ें 25 दूल्हों को लूटने वाली अनुराधा की पहली लव मैरिज, यूपी में 7 साल पहले शादी की, 2 बच्चे भी महाराजगंज की अनुराधा पासवान ने 7 महीने में 25 लड़कों से शादी की और उन्हें लूटकर फरार हो गई। 26वां दूल्हा एक सिपाही बनने वाला था, जो जाल बिछाकर शादी करने पहुंचा था। आखिरकार वह पकड़ी गई। इस समय राजस्थान के सवाई माधोपुर पुलिस की गिरफ्त में है। यहां पढ़ें पूरी खबर यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ये चुनाव 2026 में जनवरी-फरवरी के महीने में हो सकते हैं। विधानसभा 2027 के पहले पंचायत चुनाव सेमीफाइनल की तरह होगा। यूपी में कुल 57 हजार 691 ग्राम पंचायत, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायत हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 67 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2026 के लिए करीब 1.27 लाख सीआर शीट ग्रेड CR1 से बनी मतपेटियों की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर जारी किया है। इन मतपेटियों की डिलीवरी 4 महीने के भीतर पूरी करनी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के उपनिर्वाचन आयुक्त संत कुमार ने बताया- पंचायत चुनाव बड़ा और संवेदनशील आयोजन होता है। मतपेटियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सख्त मानक तय किए गए हैं। केवल अनुभवी और आर्थिक रूप से सक्षम फर्मों को ही पात्र माना जाएगा। आपूर्ति का 5 साल का अनुभव होना चाहिए
आयोग की ओर से 19 मई को जारी आदेश में साफ किया गया है कि केवल वही कंपनियां बोली में हिस्सा ले सकती हैं, जिनके पास केंद्र, राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रमों को सीआर शीट ग्रेड सीआर-1 से बने उत्पादों की पिछले 5 साल में कम से कम 15 करोड़ रुपए की आपूर्ति का अनुभव हो। ऐसी कंपनियों का सालाना टर्नओवर कम से कम 3 करोड़ रुपए होना चाहिए। पिछली बार भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीय जिला पंचायत जीते थे
उत्तर प्रदेश में पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई, 2021 हुए थे। ये चुनाव ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (बीडीसी), और जिला पंचायत (जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष) स्तर पर होते हैं। ये चुनाव पार्टी-चिह्न के बिना होते हैं। लेकिन, बड़े दल अपने समर्थित प्रत्याशियों की पहचान और आकलन करते हैं। पिछली बार यूपी के 75 जिलों में कुल 3,050 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी। जिला पंचायत सदस्यों की 3,047 सीटों में सपा 759, भाजपा 768, बसपा 319, कांग्रेस 125, रालोद 69, आप 64 और निर्दलीयों को 944 सीटें मिली थीं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने मारी थी बाजी
खास बात यह थी कि निर्दलीय जीते प्रत्याशी सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर चुनाव लड़े थे। ऐसे ही समाजवादी पार्टी के भी कई सदस्यों को पार्टी का समर्थन नहीं मिला था। वो भी नाराज होकर मैदान में उतरे और चुनाव जीतकर पहुंचे थे। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष का जब चुनाव हुआ, तो भाजपा ने बाजी मार ली। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जुलाई 2021 में हुआ था। ये चुनाव पार्टी चिह्न पर हुआ था। भाजपा ने 75 में से 67 सीटों पर जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने में सफल रही थी। सपा को सिर्फ 5 सीटें ही मिली थीं। अन्य के खाते में 3 सीटें आई थीं। गांवों में अभी से प्रधानी को लेकर चर्चाएं शुरू
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सबसे रोचक गांव प्रधानी होता है। गांवों में अभी से अगले प्रधान प्रत्याशी अपनी तैयारी शुरू हो चुकी है। गांव में चर्चा होनी लगी है कि इस बार कौन-कौन प्रत्याशी होगा? हालांकि सभी की नजर गांव के आरक्षण पर होगी। आरक्षण के बाद ही तस्वीर साफ होगा कि उनके गांव से कौन लड़ सकता है? इसी तरह बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य भी अपनी तैयारियां और दावेदारी होर्डिंग-पोस्टर के जरिए शुरू कर चुके हैं। यूपी में जिला पंचायत चुनाव में अकेले उतरेगी आप यूपी में 2026 में होने वाले जिला पंचायत चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। AAP यूपी जिला पंचायत चुनाव किसी दल के साथ गठजोड़ करके नहीं, बल्कि अकेले लड़ेगी। 21 मई को आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह मेरठ में थे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ संकल्प शिविर में भाग लिया। संजय सिंह ने इस दौरान ऐलान किया कि AAP आगामी जिला पंचायत और पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी गांव-गांव जाकर जनसंपर्क करेगी, संगठन का विस्तार किया जाएगा। रैलियों और सभाओं के माध्यम से जनता से सीधा संवाद किया जाएगा। संजय सिंह ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य जिला पंचायत के चुनाव हैं। हम पूरी ताकत के साथ यूपी के हर गांव में जाकर चुनाव लड़ेंगे। पंचायत स्तर पर संगठन तैयार किया जा रहा है। इन चुनावों के बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अगली रणनीति तय की जाएगी। यूपी में जिला पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में RPI
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI- आठवले) ने दावा किया था कि यूपी में पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ा है। सुहेलदेव समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों ने RPI की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। RPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय अधिकारिता मंत्री डॉ. रामदास आठवले ने कहा था कि पार्टी 2026 में उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। ————————- यह खबर भी पढ़ें 25 दूल्हों को लूटने वाली अनुराधा की पहली लव मैरिज, यूपी में 7 साल पहले शादी की, 2 बच्चे भी महाराजगंज की अनुराधा पासवान ने 7 महीने में 25 लड़कों से शादी की और उन्हें लूटकर फरार हो गई। 26वां दूल्हा एक सिपाही बनने वाला था, जो जाल बिछाकर शादी करने पहुंचा था। आखिरकार वह पकड़ी गई। इस समय राजस्थान के सवाई माधोपुर पुलिस की गिरफ्त में है। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर