<p style=”text-align: justify;”><strong>Ashok Gehlot on Sachin Pilot:</strong> कांग्रेस भले ही केंद्र के साथ ही राज्यों की सत्ता से भी एक-एक कर बाहर हो रही हो, लेकिन उसके नेताओं की आपसी खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच का झगड़ा सरकार जाने के बाद भी कम नहीं हो रहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत ने बुधवार (21 मई) को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीसरे कार्यकाल में तो उनकी सरकार गिरते-गिरते बची थी. सरकार का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था. वह तो अपनी सियासी जादूगरी से कार्यकाल पूरा करने में सफल हुए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोविंद सिंह डोटासरा पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान</strong><br />अशोक गहलोत ने इस कार्यक्रम में सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनकी बगावत की घटना का जिक्र जरूर किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उसी राजनीतिक उठापटक की देन हैं. अशोक गहलोत ने इस मौके पर खुद को ‘जादूगर’ भी बताया और कहा कि अपनी जादूगरी की वजह से ही वह तीसरी बार सरकार बचा सकने में सफल रहे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर जब सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया था तो तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत ने साफ तौर पर क्या कहा?</strong><br />राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर जयपुर में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा करना आसान नहीं होता. तीसरी बार तो आपको मालूम है कि सरकार गिरते-गिरते बची. वह एक चमत्कार था. हाईकमान का आशीर्वाद और आपकी दुआओं से ही पांच साल पूरे किए. डोटासरा भी उसी की देन हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत का यह बयान सीधे तौर पर जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की उस बगावत की तरफ इशारा था, जब तत्कालीन डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट व उनके समर्थकों ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसके सामने सियासी संकट खड़ा कर दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी को बताया सरकारें गिराने का ‘साजिशकर्ता'</strong><br />अशोक गहलोत ने अपने खिलाफ हुई बगावत की घटना का जिक्र किसी नेता का नाम लिए बिना किया. उन्होंने बीजेपी के बड़े नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब देश में नंबर-1 और नंबर-2 यह तय कर लें कि सरकार गिरानी है तो फिर कुछ भी हो सकता है. मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में यही हुआ. राजस्थान में हम बच गए, यह चमत्कार ही था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत ने इशारों में यह बताने की कोशिश की कि साल 2020 में उनकी सरकार पर आया सियासी संकट बीजेपी के बड़े नेताओं के इशारे पर किया गया था. इस बात के जरिए उन्होंने सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन पर बड़ा हमला बोलने की कोशिश की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजस्थान में बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें?</strong><br />पूर्व सीएम ने पांच साल से बोतल में कैद जिन्न को फिर से बाहर निकाल कर राजस्थान में कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. आने वाले दिनों में सचिन पायलट की तरफ से भी इस पर पलटवार किया जाना तय है. कहा जा सकता है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आपसी खींचतान का खामियाजा भुगतना पड़ा, लेकिन गुटबाजी कतई कम होने का नाम नहीं ले रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ashok Gehlot on Sachin Pilot:</strong> कांग्रेस भले ही केंद्र के साथ ही राज्यों की सत्ता से भी एक-एक कर बाहर हो रही हो, लेकिन उसके नेताओं की आपसी खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच का झगड़ा सरकार जाने के बाद भी कम नहीं हो रहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत ने बुधवार (21 मई) को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीसरे कार्यकाल में तो उनकी सरकार गिरते-गिरते बची थी. सरकार का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था. वह तो अपनी सियासी जादूगरी से कार्यकाल पूरा करने में सफल हुए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोविंद सिंह डोटासरा पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान</strong><br />अशोक गहलोत ने इस कार्यक्रम में सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनकी बगावत की घटना का जिक्र जरूर किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उसी राजनीतिक उठापटक की देन हैं. अशोक गहलोत ने इस मौके पर खुद को ‘जादूगर’ भी बताया और कहा कि अपनी जादूगरी की वजह से ही वह तीसरी बार सरकार बचा सकने में सफल रहे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर जब सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया था तो तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत ने साफ तौर पर क्या कहा?</strong><br />राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर जयपुर में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा करना आसान नहीं होता. तीसरी बार तो आपको मालूम है कि सरकार गिरते-गिरते बची. वह एक चमत्कार था. हाईकमान का आशीर्वाद और आपकी दुआओं से ही पांच साल पूरे किए. डोटासरा भी उसी की देन हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत का यह बयान सीधे तौर पर जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की उस बगावत की तरफ इशारा था, जब तत्कालीन डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट व उनके समर्थकों ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसके सामने सियासी संकट खड़ा कर दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी को बताया सरकारें गिराने का ‘साजिशकर्ता'</strong><br />अशोक गहलोत ने अपने खिलाफ हुई बगावत की घटना का जिक्र किसी नेता का नाम लिए बिना किया. उन्होंने बीजेपी के बड़े नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब देश में नंबर-1 और नंबर-2 यह तय कर लें कि सरकार गिरानी है तो फिर कुछ भी हो सकता है. मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में यही हुआ. राजस्थान में हम बच गए, यह चमत्कार ही था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत ने इशारों में यह बताने की कोशिश की कि साल 2020 में उनकी सरकार पर आया सियासी संकट बीजेपी के बड़े नेताओं के इशारे पर किया गया था. इस बात के जरिए उन्होंने सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन पर बड़ा हमला बोलने की कोशिश की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजस्थान में बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें?</strong><br />पूर्व सीएम ने पांच साल से बोतल में कैद जिन्न को फिर से बाहर निकाल कर राजस्थान में कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. आने वाले दिनों में सचिन पायलट की तरफ से भी इस पर पलटवार किया जाना तय है. कहा जा सकता है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आपसी खींचतान का खामियाजा भुगतना पड़ा, लेकिन गुटबाजी कतई कम होने का नाम नहीं ले रही है.</p> राजस्थान Bihar Crime: दानापुर में बीच सड़क पर युवक की गोली मारकर हत्या, नजदीक से की गई फायरिंग
सचिन पायलट का नाम लिए बिना अशोक गहलोत ने यह क्या कह दिया? राजस्थान की राजनीति में हलचल
