हिसार के राखीगढ़ी गांव में पुत्रवधू ने ससुर के सिर में ईंट मारकर घायल करने का मामला सामने आया है। 46 वर्षीय जयपाल को हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल ने बताया कि मामूली बात को लेकर पुत्रवधू ने झगड़ा शुरू करती है और उसके सिर पर ईंट मार दी। जिससे सिर में चार टांके आए हैं। मामले की सूचना पुलिस को दी गई है। राखीगढ़ी निवासी जयपाल ने बताया कि उसका बड़ा बेटा सुखबीर 9 महीने से बार्बर की दुकान चलाता है। उसके बेटे ने उससे दुकान का किराया देने के लिए 2000 रुपए मांगे। इस पर उसने 1000 रुपए दे दिए तो उसका बेटा उससे झगड़ा करने लगा। कुछ देर बाद उसने दुकान के मालिक को जाकर किराया दे दिया। जब वह वापस आया तो पुत्रवधू अपनी सास के साथ झगड़ रही थी। वह जब उसे समझाने लगा तो वह नहीं मानी जिस पर उसने 112 को भी फोन किया गया। जिसके बाद पुत्रवधू पूजा ने गुस्से में आकर उसके सिर में ईंट मार दी। जिसके बाद छोटे लड़के ने उसे हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया। ईंट लगने से सिर में 4 टांके आए है। मामले की सूचना नारनौंद थाना पुलिस को दे दी गई है। हिसार के राखीगढ़ी गांव में पुत्रवधू ने ससुर के सिर में ईंट मारकर घायल करने का मामला सामने आया है। 46 वर्षीय जयपाल को हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल ने बताया कि मामूली बात को लेकर पुत्रवधू ने झगड़ा शुरू करती है और उसके सिर पर ईंट मार दी। जिससे सिर में चार टांके आए हैं। मामले की सूचना पुलिस को दी गई है। राखीगढ़ी निवासी जयपाल ने बताया कि उसका बड़ा बेटा सुखबीर 9 महीने से बार्बर की दुकान चलाता है। उसके बेटे ने उससे दुकान का किराया देने के लिए 2000 रुपए मांगे। इस पर उसने 1000 रुपए दे दिए तो उसका बेटा उससे झगड़ा करने लगा। कुछ देर बाद उसने दुकान के मालिक को जाकर किराया दे दिया। जब वह वापस आया तो पुत्रवधू अपनी सास के साथ झगड़ रही थी। वह जब उसे समझाने लगा तो वह नहीं मानी जिस पर उसने 112 को भी फोन किया गया। जिसके बाद पुत्रवधू पूजा ने गुस्से में आकर उसके सिर में ईंट मार दी। जिसके बाद छोटे लड़के ने उसे हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया। ईंट लगने से सिर में 4 टांके आए है। मामले की सूचना नारनौंद थाना पुलिस को दे दी गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में 14 कंक्रीट प्लांट पर 1.40 करोड़ का जुर्माना:NGT के आदेश पर कार्रवाई; 3 यूनिट पर जड़ा ताला, जल-वायु प्रदूषण की शिकायत
पानीपत में 14 कंक्रीट प्लांट पर 1.40 करोड़ का जुर्माना:NGT के आदेश पर कार्रवाई; 3 यूनिट पर जड़ा ताला, जल-वायु प्रदूषण की शिकायत पानीपत जिले के रिफाइनरी क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे 17 कंक्रीट प्लांट पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां NGT की सख्ती के बाद हरियाणा प्रदूषण विभाग ने पहले अवैध रूप से चल रहे 50 रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट (RMS) के खिलाफ रिपोर्ट दाखिल की थी। अब विभाग की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट भी दाखिल की गई है। विभाग ने अपनी कार्रवाई में बताया कि उन्होंने पानीपत में संचालित 17 अवैध प्लांट पर एक्शन लिया है। इनमें से 3 प्लांट पर ताला जड़ दिया गया है। जबकि 14 प्लांट पर 1 करोड़ 40 लाख 35 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। इन प्लांट से वायु प्रदूषण तो फैल ही रहा था, साथ ही ये जल प्रदूषण भी फैला रहे थे। भूमिगत जल का दुरुपयोग भी किया गया। ददलाना के ग्रामीण ने दी थी शिकायत
पानीपत के गांव ददलाना निवासी दीपक ने इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में दीपक ने कहा था कि ये प्लांट अनधिकृत रूप से चल रहे हैं। इससे आसपास में वायु प्रदूषण होता है, साथ ही भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। इसके लिए किसी अथॉरिटी से स्वीकृति नहीं ली गई है। धड़ल्ले से मिक्स कंक्रीट बनाया जा रहा है। जो यहां लगे प्लांटों सहित रिफाइनरी में हो रहे निर्माण कार्यों में प्रयोग होता है, साथ ही रिफाइनरी से बाहर भी भवन निर्माण में इसकी सप्लाई दी जा रही है। दीपक की याचिका को संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने आगामी एक्शन लिया है। ये बताया गया था रिपोर्ट में
रिपोर्ट में बताया गया था कि याचिका में जो आरोप हैं, वे सही हैं। अनधिकृत रूप से यहां रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट चलाए जा रहे हैं। इन प्लांट के पास भूजल प्रयोग करने की अनुमति भी नहीं है। वायु प्रदूषण भी कर रहे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट सहित रिफाइनरी से इसकी जानकारी ली जा रही है। ये प्लांट किस की अनुमति से चल रहे हैं। जिस जमीन में ये प्लांट लगाए गए हैं। वह किसकी है, रिफाइनरी की है या अन्य किसी है। जमीन में भूजल दोहन किया जा रहा है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट और रिफाइनरी से जवाब मिलने के बाद इन प्लांट के खिलाफ हर्जाने का एस्टीमेट तैयार कर एनजीटी को दिया जाएगा। एनजीटी के दिशा-निर्देश पर अगली कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा की गई कार्रवाई
– एचएसपीसीबी आरएमसी संयंत्रों को जारी अपने आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
– एचएसपीसीबी यह सुनिश्चित करेगा कि बोर्ड द्वारा बंद किए गए आरएमएस संयंत्र स्थापना/संचालन की सहमति प्राप्त करने और निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही संचालित हो।
– एचएसपीसीबी आरएमसी संयंत्रों को दी गई स्थापना (सीटीई)/संचालन (सीटीओ) की सहमति की शर्तों के अनुपालन की नियमित निगरानी सुनिश्चित करेगा। उपरोक्त बिंदुओं पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एचएसपीसीबी द्वारा समय-समय पर सीपीसीबी को उपलब्ध कराई जाएगी।
– संयुक्त समिति इस मामले में एनजीटी के आगे के निर्देशों का पालन करेगी।

हरियाणा में आज से सफर महंगा:टोल के बढ़े रेट लागू; हिसार-गुरुग्राम समेत 12 जिलों में 24 टोल प्लाजा, नारनौल-अंबाला सबसे महंगा
हरियाणा में आज से सफर महंगा:टोल के बढ़े रेट लागू; हिसार-गुरुग्राम समेत 12 जिलों में 24 टोल प्लाजा, नारनौल-अंबाला सबसे महंगा हरियाणा में हाईवे और एक्सप्रेसवे पर चलना आज से महंगा हो गया है। 1 अप्रैल से टोल टैक्स 5 से 25 रुपए तक बढ़ गया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार जिलों में करीब 24 टोल हैं, जहां टोल के रेट बढ़ाए गए हैं। टोल अधिकारियों का कहना है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से हर साल 1 अप्रैल से रेटों में इजाफा किया जाता है। वाहन चालकों को नए रेटों की जानकारी को लेकर कोई असमंजस न हो, इसे लेकर नई रेट सूची को टोल बूथों पर लगा दिया गया है। नेशनल हाईवे 152D पर नारनौल से अंबाला के लिए टोल सबसे महंगा है। कार के लिए यहां सिंगल साइड 375 रुपए और डबल साइड के 560 रुपए लगेंगे। इस हाईवे पर मंथली पास की भी सुविधा नहीं है। रोहतक का हुमायूंपुर और हसनगढ़ टोल प्लाजा सबसे सस्ता है। यहां कार, जीप (LMV) के लिए वन साइड का टोल 30 रुपए और डबल साइड का 45 रुपए है। वहीं गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर सिर्फ एक तरफ का ही टोल देना पड़ता है। जिलावाइज किस टोल प्लाजा पर कितना रेट बढ़ा, ग्राफिक्स से जानिए…

डेयरी से करोड़पति बना हरियाणा का युवक:एक गाय 67 लीटर दूध दे रही, अमूल-नेस्ले में भी बिक्री, हर महीने 20 लाख की कमाई
डेयरी से करोड़पति बना हरियाणा का युवक:एक गाय 67 लीटर दूध दे रही, अमूल-नेस्ले में भी बिक्री, हर महीने 20 लाख की कमाई जीवन में लक्ष्य बनाकर चलें तो मुकाम हासिल हो ही जाता है, इस कहावत को करनाल के गुढा गांव का रहने वाला गुरमेश उर्फ डिम्पल दहिया (35) ने सच साबित किया है। आठवीं क्लास पास करने के बाद जब गुरमेश ने पढ़ाई छोड़ी तो कई लोगों ने उसका मजाक उड़ाया, कई लोगों ने उससे ये तक कहा कि वो जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा, लेकिन आज गुरमेश डेयरी फार्मिंग के जरिए करोड़पति बन गए हैं। 2004 में 10 गाय से एक डेयरी की शुरूआत करने वाले गुरमेश ने आज डेयरी फार्मिंग में महारत हासिल कर ली है। उनके पास इस समय 60 गाय हैं। कभी उनकी डेयरी में महज 100 लीटर दूध का उत्पादन होता था, लेकिन आज मिल्क प्रोडक्शन 1400 से 1500 लीटर प्रतिदिन है। इस दूध को वह नेस्ले और अमूल जैसी कंपनियों को सप्लाई करते हैं। जिससे वह हर महीने 15 से 20 लाख रुपए आराम से कमा लेते हैं। गुरमेश बताते हैं कि उन्होंने पशुपालन अपने पिता से सीखा है बचपन से ही वो अपने पिता के साथ काम में लगे रहते थे और उन्हें पशुपालन में हमेशा से ही रुचि रही है। वहीं, गुरमेश के पास ऐसी गाय भी है जो रोजाना 67 लीटर दूध देती है। डेयरी का आइडिया कहां से आया?
गुरमेश बताते हैं कि उनके पिता रणधीर सिंह पशुपालन का काम करते थे। 2004 से पहले हमारे पास 10-12 पशु होते थे। जिनमें भैंसे भी ओर गाय भी होती थीं। 2004 में हमने अपने डेयरी के काम को बढ़ाया। पास के गांव शेखपुरा खालसा से 11 हजार 400 रुपए की एचएफ नस्ल की गाय ली थी। जिसके नीचे 20 लीटर दूध था, उस समय 20 लीटर दूध देने वाली गाय को टॉप गाय की कैटेगरी में माना जाता था। 2006 में फिर हमने 29 हजार की एक और गाय ली, जो 30 लीटर दूध देती थी। हम बाहर से गाय खरीदते थे, इसलिए आइडिया यह आया कि क्यों न हम अपनी ही ब्रीड तैयार करें। जिसके बाद से डेयरी फार्मिंग की तरफ ओर भी ज्यादा रुझान हो गया। शुरुआत में क्या दिक्कतें आईं?
दूध का प्रोडक्शन और ब्रीड सुधार में इतना इंटरेस्ट बना की, घर पर पशु बांधने के लिए जगह ही कम पड़ गई थी। कोई बछिया चक्की से बांधनी पड़ती थी तो किसी को चारपाई के पावे से ही बांध दिया जाता। घर पर हमारे पास 25 से ज्यादा गाय हो चुकीं थी। भैंस में खर्च ज्यादा आता है आमदनी कम
गुरमेश बताते है कि वह शुरुआत से ही गाय पालते आ रहे हैं, उनके पास 55 एचएफ नस्ल की गाय हैं और 5 जर्सी नस्ल की गाय हैं। लोग कहते भी हैं कि भैंस भी पाल लिया करो, लेकिन भैंस पालने में खर्च ज्यादा आता है और दूध का प्रोडक्शन भी गाय के मुकाबले कम होता है। इसलिए शुरू से ही गाय की तरफ रुझान है। हमारे पास 36 दूधारू, 10 हिप्पर (पहली बार गर्भवती), 15 काफ गाय हैं जो 0 से एक साल के बीच की उम्र की होती हैं। सबसे महंगी गाय कितने की और किस नस्ल की?
गुरमेश ने के पास ऐसी गाय है जो 40 लीटर से ज्यादा दूध देती है। कुछ गाय ऐसी भी हैं जो 60 लीटर से ज्यादा दूध देती हैं। इसके अलावा एक गाय वो भी है, जो 67 लीटर दूध एक ही दिन में देती है। एचएफ नस्ल की इस गाय का दिन में तीन बार दूध निकालना पड़ता है। हालांकि इस गाय को खरीदने के लिए कई लोग 5 लाख रुपए तक देने को तैयार हैं लेकिन हमने ये गाय नहीं बेची। दरअसल वो अपनी इस गाय को पशु मेलों में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर रहे हैं। ब्रीड के लिए सांड किस नस्ल का? कहां से लाए?
गुरमेश बताते हैं ब्रीडिंग के लिए वह विदेशी कंपनियों के सीमन का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें एचएफ (होलीस्टन फ्रिजियम सीमन), यूएसए की कंपनी डब्ल्युडब्ल्युएस (वर्ल्ड वाइड सीरीज) और यूएसए की एबीएस ग्लोबल नाम की कंपनी शामिल है। इसके अलावा वो नीदरलैंड की कंपनी सीआरवी, कनाडा की कंपनी सी- मेक्स से भी सीमन मंगाते है। गुजरात की एसईजी कंपनी के सीमन का यूज भी वो करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस तरह से डेयरी से आमदनी होती है उस हिसाब से खर्चे भी हैं। आमदनी का 60 फीसदी हिस्सा डेयरी में पशुओं पर ही खर्च हो जाता है। डेयरी फार्मिंग से कितनी कमाई होती है
गुरमेश के मुताबिक, वह अपनी डेयरी का दूध लॉकल में नहीं बेचते बल्कि अमूल और नेस्ले कंपनी को बेचते हैं। जहां पर उन्हें फैंट के हिसाब से दूध का रेट मिलता है। दूध उत्पादन भी सर्दियों और गर्मियों के अनुसार घटता बढ़ता रहता है। दूध घटने पर नुकसान होता है, लेकिन जब दूध सर्दियों में बढ़ता है तो थोड़ा फायदा होने लगता है। कंपनियों में दूध 38 रुपए से 40 रुपए के हिसाब से चला जाता है। पीक सीजन में उनकी डेयरी पर 1500 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। दूध निकालने के लिए विदेशी मशीनें इस्तेमाल की जाती हैं। उनके पास 4 मशीने हैं लेकिन वह सिर्फ 2 मशीनों का इस्तेमाल करते हैं और दो घंटे में सारी गायों का दूध निकाल लेते हैं।