पानीपत जिले के रिफाइनरी क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे 17 कंक्रीट प्लांट पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां NGT की सख्ती के बाद हरियाणा प्रदूषण विभाग ने पहले अवैध रूप से चल रहे 50 रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट (RMS) के खिलाफ रिपोर्ट दाखिल की थी। अब विभाग की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट भी दाखिल की गई है। विभाग ने अपनी कार्रवाई में बताया कि उन्होंने पानीपत में संचालित 17 अवैध प्लांट पर एक्शन लिया है। इनमें से 3 प्लांट पर ताला जड़ दिया गया है। जबकि 14 प्लांट पर 1 करोड़ 40 लाख 35 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। इन प्लांट से वायु प्रदूषण तो फैल ही रहा था, साथ ही ये जल प्रदूषण भी फैला रहे थे। भूमिगत जल का दुरुपयोग भी किया गया। ददलाना के ग्रामीण ने दी थी शिकायत
पानीपत के गांव ददलाना निवासी दीपक ने इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में दीपक ने कहा था कि ये प्लांट अनधिकृत रूप से चल रहे हैं। इससे आसपास में वायु प्रदूषण होता है, साथ ही भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। इसके लिए किसी अथॉरिटी से स्वीकृति नहीं ली गई है। धड़ल्ले से मिक्स कंक्रीट बनाया जा रहा है। जो यहां लगे प्लांटों सहित रिफाइनरी में हो रहे निर्माण कार्यों में प्रयोग होता है, साथ ही रिफाइनरी से बाहर भी भवन निर्माण में इसकी सप्लाई दी जा रही है। दीपक की याचिका को संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने आगामी एक्शन लिया है। ये बताया गया था रिपोर्ट में
रिपोर्ट में बताया गया था कि याचिका में जो आरोप हैं, वे सही हैं। अनधिकृत रूप से यहां रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट चलाए जा रहे हैं। इन प्लांट के पास भूजल प्रयोग करने की अनुमति भी नहीं है। वायु प्रदूषण भी कर रहे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट सहित रिफाइनरी से इसकी जानकारी ली जा रही है। ये प्लांट किस की अनुमति से चल रहे हैं। जिस जमीन में ये प्लांट लगाए गए हैं। वह किसकी है, रिफाइनरी की है या अन्य किसी है। जमीन में भूजल दोहन किया जा रहा है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट और रिफाइनरी से जवाब मिलने के बाद इन प्लांट के खिलाफ हर्जाने का एस्टीमेट तैयार कर एनजीटी को दिया जाएगा। एनजीटी के दिशा-निर्देश पर अगली कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा की गई कार्रवाई
– एचएसपीसीबी आरएमसी संयंत्रों को जारी अपने आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
– एचएसपीसीबी यह सुनिश्चित करेगा कि बोर्ड द्वारा बंद किए गए आरएमएस संयंत्र स्थापना/संचालन की सहमति प्राप्त करने और निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही संचालित हो।
– एचएसपीसीबी आरएमसी संयंत्रों को दी गई स्थापना (सीटीई)/संचालन (सीटीओ) की सहमति की शर्तों के अनुपालन की नियमित निगरानी सुनिश्चित करेगा। उपरोक्त बिंदुओं पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एचएसपीसीबी द्वारा समय-समय पर सीपीसीबी को उपलब्ध कराई जाएगी।
– संयुक्त समिति इस मामले में एनजीटी के आगे के निर्देशों का पालन करेगी। पानीपत जिले के रिफाइनरी क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे 17 कंक्रीट प्लांट पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां NGT की सख्ती के बाद हरियाणा प्रदूषण विभाग ने पहले अवैध रूप से चल रहे 50 रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट (RMS) के खिलाफ रिपोर्ट दाखिल की थी। अब विभाग की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट भी दाखिल की गई है। विभाग ने अपनी कार्रवाई में बताया कि उन्होंने पानीपत में संचालित 17 अवैध प्लांट पर एक्शन लिया है। इनमें से 3 प्लांट पर ताला जड़ दिया गया है। जबकि 14 प्लांट पर 1 करोड़ 40 लाख 35 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। इन प्लांट से वायु प्रदूषण तो फैल ही रहा था, साथ ही ये जल प्रदूषण भी फैला रहे थे। भूमिगत जल का दुरुपयोग भी किया गया। ददलाना के ग्रामीण ने दी थी शिकायत
पानीपत के गांव ददलाना निवासी दीपक ने इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में दीपक ने कहा था कि ये प्लांट अनधिकृत रूप से चल रहे हैं। इससे आसपास में वायु प्रदूषण होता है, साथ ही भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। इसके लिए किसी अथॉरिटी से स्वीकृति नहीं ली गई है। धड़ल्ले से मिक्स कंक्रीट बनाया जा रहा है। जो यहां लगे प्लांटों सहित रिफाइनरी में हो रहे निर्माण कार्यों में प्रयोग होता है, साथ ही रिफाइनरी से बाहर भी भवन निर्माण में इसकी सप्लाई दी जा रही है। दीपक की याचिका को संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने आगामी एक्शन लिया है। ये बताया गया था रिपोर्ट में
रिपोर्ट में बताया गया था कि याचिका में जो आरोप हैं, वे सही हैं। अनधिकृत रूप से यहां रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट चलाए जा रहे हैं। इन प्लांट के पास भूजल प्रयोग करने की अनुमति भी नहीं है। वायु प्रदूषण भी कर रहे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट सहित रिफाइनरी से इसकी जानकारी ली जा रही है। ये प्लांट किस की अनुमति से चल रहे हैं। जिस जमीन में ये प्लांट लगाए गए हैं। वह किसकी है, रिफाइनरी की है या अन्य किसी है। जमीन में भूजल दोहन किया जा रहा है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट और रिफाइनरी से जवाब मिलने के बाद इन प्लांट के खिलाफ हर्जाने का एस्टीमेट तैयार कर एनजीटी को दिया जाएगा। एनजीटी के दिशा-निर्देश पर अगली कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा की गई कार्रवाई
– एचएसपीसीबी आरएमसी संयंत्रों को जारी अपने आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
– एचएसपीसीबी यह सुनिश्चित करेगा कि बोर्ड द्वारा बंद किए गए आरएमएस संयंत्र स्थापना/संचालन की सहमति प्राप्त करने और निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही संचालित हो।
– एचएसपीसीबी आरएमसी संयंत्रों को दी गई स्थापना (सीटीई)/संचालन (सीटीओ) की सहमति की शर्तों के अनुपालन की नियमित निगरानी सुनिश्चित करेगा। उपरोक्त बिंदुओं पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एचएसपीसीबी द्वारा समय-समय पर सीपीसीबी को उपलब्ध कराई जाएगी।
– संयुक्त समिति इस मामले में एनजीटी के आगे के निर्देशों का पालन करेगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
