पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने न केवल विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई की, बल्कि अपनी ही पार्टी के एक मंत्री और तीन विधायकों को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी एक विधायक पर शिकंजा कसा। इसके अलावा, विवादों में आए कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया। हालांकि एक मंत्री ऐसे भी है जो विवादों में तो आए लेकिन वो कुर्सी बचाने में भी कामयाब रहे। अब सिलसिलेवार तरीके से 4 भ्रष्टाचारी विधायकों के बारे में पढ़ें 1- सबसे पहले सेहत मंत्री को पहुंचाया सलाखों के पीछे
2022 में आम आदमी पार्टी ने पंजाब की पहली बार बागडोर संभाली। इस चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा काफी गूंजा था। यही कारण था कि सरकार को अपने तत्कालीन सेहत मंत्री डॉ. विजय सिंगला को ही सलाखों के पीछे डालना पड़ा। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए। सीएम मान ने खुद कहा था कि सिंगला स्वास्थ्य विभाग में हर काम और टेंडर के बदले 1% कमीशन मांग रहे थे। सिंगला को 8 जुलाई 2022 को जमानत मिल गई थी। उसके बाद वह निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय रहे और सरकार के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे। यहां तक कि विधानसभा की तरफ से चार दिन पहले गठित कमेटियों में डॉ. विजय सिंगला को सदस्य नियुक्त किया गया था। 2- विधायक ग्रांट में हिस्सेदारी मांगते पकड़े गए
इसके बाद पंजाब के बठिंडा ग्रामीण विधानसभा सीट से AAP विधायक अमित रतन कोटफत्ता को भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने पीए रेशम सिंह के माध्यम से गांव घुद्दा की सरपंच सीमा रानी से 4 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, ताकि ₹25 लाख की सरकारी ग्रांट जारी करवाई जा सके। 22 मई 2023 में उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला अभी भी अदालत में लंबित है। 3- एक रुपए वेतन लेने का दावा करने वाले ईडी ने दबोचे
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रो. जसवंत सिंह गज्जन माजरा ने अमरगढ़ सीट से जीत हासिल की। चुनावी प्रचार के दौरान उन्होंने केवल एक रुपए वेतन लेने की बात कही थी। लेकिन केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 नवंबर 2023 को 41 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह मामला तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड से संबंधित है। गिरफ्तारी के बाद, उन्हें पटियाला सेंट्रल जेल में रखा गया। उनकी जमानत याचिका पहले मोहाली की अदालत में खारिज हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। उन्हें लगभग 6 महीने जेल में रहना पड़ा। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें मई 2024 में नियमित जमानत प्रदान की। 4- झूठे नोटिसों के नाम पर चल रहा था करप्शन का खेल
जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने 23 फरवरी 2025 को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि रमन अरोड़ा जालंधर नगर निगम के अफसरों के जरिए मासूम लोगों को झूठे नोटिस भिजवाते थे। फिर पैसे लेकर उन नोटिसों को रफा-दफा करवा देते थे। अवैध निर्माण के नाम पर लोगों को डराकर नोटिस, फिर फाइलें दबाने के लिए पैसे वसूलते थे। जांच में सामने आया पूरा ‘वसूली नेटवर्क’ विधायक के इशारे पर वसूली करता था, फाइलें ‘सेटल’ की जाती थीं। विजिलेंस की जांच में कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। अब पढ़िए उन नेताओं के बारे में जिन्होंने गवाएं मंत्रिपद… 1- फौजा सिंह सरारी
फौजा सिंह सरारी आम आदमी पार्टी (AAP) के गुरु हर सहाय निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं। 5 जुलाई 2022 को उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, रक्षा सेवाएं कल्याण और स्वतंत्रता सेनानी विभागों का प्रभार सौंपा गया था। लेकिन उसी साल सितंबर में एक ऑडियो क्लिप सामने आई, जिसमें फौजा सिंह सरारी और उनके एक सहयोगी के बीच कथित रूप से ठेकेदारों से पैसे वसूलने की योजना पर चर्चा हो रही थी। इस क्लिप के वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की। हालांकि सरारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए ऑडियो को फर्जी बताया, लेकिन पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। आखिर में फौजा सिंह ने खुद ही व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 2- बलकार सिंह
AAP विधायक बलकार सिंह करतारपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें 31 मई 2023 को पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्हें स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन जून 2024 में, बलकार सिंह का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया गया। इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की। उस समय के तत्कालीन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित तक इस मामले की शिकायत पहुंच गई थी। जिसके बाद उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई थी। विवादों में तो घिरे लेकिन पद नहीं गंवाया…
पंजाब सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के मंत्री लालचंद कटारूचक पर मई 2023 में यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे। हालांकि उनका पद नहीं गया। दरअसल, इस मामले में एक कथित आपत्तिजनक वीडियो भी सामने आया था। मामला बढ़ा तो तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कार्रवाई करने को कहा। इसके बाद, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने पंजाब सरकार को तीन नोटिस जारी किए और एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया। हालांकि 13 जून 2023 को, शिकायतकर्ता ने SIT के समक्ष अपनी शिकायत वापस ले ली और दावा किया कि वायरल वीडियो फर्जी था। जिसके बाद कटारूचक को क्लीन चिट दे दी गई। ————————— ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब में भ्रष्टाचार केस में AAP विधायक गिरफ्तार:3 बैगों में भरकर दस्तावेज ले गई विजिलेंस टीम, CM बोले- अपना हो या पराया भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के जालंधर सेंट्रल से विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है। टीम उन्हें अपने साथ ले गई है। विजिलेंस टीम ने सुबह 8.45 बजे अरोड़ा के अशोक नगर स्थित घर पर रेड की। जिस वक्त विजिलेंस टीम पहुंची, विधायक अरोड़ा कहीं जा रहे थे। पढ़ें पूरी खबर पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने न केवल विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई की, बल्कि अपनी ही पार्टी के एक मंत्री और तीन विधायकों को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी एक विधायक पर शिकंजा कसा। इसके अलावा, विवादों में आए कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया। हालांकि एक मंत्री ऐसे भी है जो विवादों में तो आए लेकिन वो कुर्सी बचाने में भी कामयाब रहे। अब सिलसिलेवार तरीके से 4 भ्रष्टाचारी विधायकों के बारे में पढ़ें 1- सबसे पहले सेहत मंत्री को पहुंचाया सलाखों के पीछे
2022 में आम आदमी पार्टी ने पंजाब की पहली बार बागडोर संभाली। इस चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा काफी गूंजा था। यही कारण था कि सरकार को अपने तत्कालीन सेहत मंत्री डॉ. विजय सिंगला को ही सलाखों के पीछे डालना पड़ा। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए। सीएम मान ने खुद कहा था कि सिंगला स्वास्थ्य विभाग में हर काम और टेंडर के बदले 1% कमीशन मांग रहे थे। सिंगला को 8 जुलाई 2022 को जमानत मिल गई थी। उसके बाद वह निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय रहे और सरकार के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे। यहां तक कि विधानसभा की तरफ से चार दिन पहले गठित कमेटियों में डॉ. विजय सिंगला को सदस्य नियुक्त किया गया था। 2- विधायक ग्रांट में हिस्सेदारी मांगते पकड़े गए
इसके बाद पंजाब के बठिंडा ग्रामीण विधानसभा सीट से AAP विधायक अमित रतन कोटफत्ता को भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने पीए रेशम सिंह के माध्यम से गांव घुद्दा की सरपंच सीमा रानी से 4 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, ताकि ₹25 लाख की सरकारी ग्रांट जारी करवाई जा सके। 22 मई 2023 में उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला अभी भी अदालत में लंबित है। 3- एक रुपए वेतन लेने का दावा करने वाले ईडी ने दबोचे
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रो. जसवंत सिंह गज्जन माजरा ने अमरगढ़ सीट से जीत हासिल की। चुनावी प्रचार के दौरान उन्होंने केवल एक रुपए वेतन लेने की बात कही थी। लेकिन केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 नवंबर 2023 को 41 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह मामला तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड से संबंधित है। गिरफ्तारी के बाद, उन्हें पटियाला सेंट्रल जेल में रखा गया। उनकी जमानत याचिका पहले मोहाली की अदालत में खारिज हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। उन्हें लगभग 6 महीने जेल में रहना पड़ा। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें मई 2024 में नियमित जमानत प्रदान की। 4- झूठे नोटिसों के नाम पर चल रहा था करप्शन का खेल
जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने 23 फरवरी 2025 को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि रमन अरोड़ा जालंधर नगर निगम के अफसरों के जरिए मासूम लोगों को झूठे नोटिस भिजवाते थे। फिर पैसे लेकर उन नोटिसों को रफा-दफा करवा देते थे। अवैध निर्माण के नाम पर लोगों को डराकर नोटिस, फिर फाइलें दबाने के लिए पैसे वसूलते थे। जांच में सामने आया पूरा ‘वसूली नेटवर्क’ विधायक के इशारे पर वसूली करता था, फाइलें ‘सेटल’ की जाती थीं। विजिलेंस की जांच में कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। अब पढ़िए उन नेताओं के बारे में जिन्होंने गवाएं मंत्रिपद… 1- फौजा सिंह सरारी
फौजा सिंह सरारी आम आदमी पार्टी (AAP) के गुरु हर सहाय निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं। 5 जुलाई 2022 को उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, रक्षा सेवाएं कल्याण और स्वतंत्रता सेनानी विभागों का प्रभार सौंपा गया था। लेकिन उसी साल सितंबर में एक ऑडियो क्लिप सामने आई, जिसमें फौजा सिंह सरारी और उनके एक सहयोगी के बीच कथित रूप से ठेकेदारों से पैसे वसूलने की योजना पर चर्चा हो रही थी। इस क्लिप के वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की। हालांकि सरारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए ऑडियो को फर्जी बताया, लेकिन पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। आखिर में फौजा सिंह ने खुद ही व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 2- बलकार सिंह
AAP विधायक बलकार सिंह करतारपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें 31 मई 2023 को पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्हें स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन जून 2024 में, बलकार सिंह का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया गया। इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की। उस समय के तत्कालीन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित तक इस मामले की शिकायत पहुंच गई थी। जिसके बाद उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई थी। विवादों में तो घिरे लेकिन पद नहीं गंवाया…
पंजाब सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के मंत्री लालचंद कटारूचक पर मई 2023 में यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे। हालांकि उनका पद नहीं गया। दरअसल, इस मामले में एक कथित आपत्तिजनक वीडियो भी सामने आया था। मामला बढ़ा तो तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कार्रवाई करने को कहा। इसके बाद, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने पंजाब सरकार को तीन नोटिस जारी किए और एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया। हालांकि 13 जून 2023 को, शिकायतकर्ता ने SIT के समक्ष अपनी शिकायत वापस ले ली और दावा किया कि वायरल वीडियो फर्जी था। जिसके बाद कटारूचक को क्लीन चिट दे दी गई। ————————— ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब में भ्रष्टाचार केस में AAP विधायक गिरफ्तार:3 बैगों में भरकर दस्तावेज ले गई विजिलेंस टीम, CM बोले- अपना हो या पराया भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के जालंधर सेंट्रल से विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है। टीम उन्हें अपने साथ ले गई है। विजिलेंस टीम ने सुबह 8.45 बजे अरोड़ा के अशोक नगर स्थित घर पर रेड की। जिस वक्त विजिलेंस टीम पहुंची, विधायक अरोड़ा कहीं जा रहे थे। पढ़ें पूरी खबर पंजाब | दैनिक भास्कर
