महिला की अस्मिता भंग करने का अपराध समझौते पर रद्द नहीं हो सकता : हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थान पर किसी महिला की अस्मिता भंग करने का अपराध समझौते पर रद्द नहीं किया जा सकता। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। जस्टिस जस गुरप्रीत सिंह पुरी ने अमृतसर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग संबंधी याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामले में आरोप है कि दशहरा कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक स्थान पर 8-10 युवकों के समूह ने महिला शिकायतकर्ता की अस्मिता भंग करने की कोशिश की। जब पति ने विरोध किया तो लोहे का कड़ा सिर पर मारकर उसे लहूलुहान कर दिया गया। यह अपराध किसी निजी प्रकृति का नहीं माना जा सकता। इस तरह का अपराध केवल पीड़िता तक सीमित नहीं है, बल्कि सार्वजनिक हित से जुड़ा है। आरोपी पक्ष की तरफ से यह याचिका अमृतसर में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज एफआईआर को खारिज करने के लिए दायर की गई थी। शिकायत के अनुसार 25 अक्टूबर, 2023 को दशहरा मेले में याचिकाकर्ताओं सहित 8 से 10 युवकों ने महिला की अस्मिता भंग करने का प्रयास किया और पति के सिर पर वार किया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील दलील दी कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच पूरी हो चुकी है। चालान दाखिल हो चुका है और निचली अदालत में आरोप तय हो चुके हैं। दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया है। आरोपी 21 से 25 साल के युवक हैं, लिहाजा उनके भविष्य को देखते हुए समझौते के आधार पर केस खारिज करने के निर्देश दिए जाएं। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि एफआईआर को समझौते के आधार पर रद्द किया जा सकता है, लेकिन यह कोई अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थान पर किसी महिला की अस्मिता भंग करने का अपराध समझौते पर रद्द नहीं किया जा सकता। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। जस्टिस जस गुरप्रीत सिंह पुरी ने अमृतसर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग संबंधी याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामले में आरोप है कि दशहरा कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक स्थान पर 8-10 युवकों के समूह ने महिला शिकायतकर्ता की अस्मिता भंग करने की कोशिश की। जब पति ने विरोध किया तो लोहे का कड़ा सिर पर मारकर उसे लहूलुहान कर दिया गया। यह अपराध किसी निजी प्रकृति का नहीं माना जा सकता। इस तरह का अपराध केवल पीड़िता तक सीमित नहीं है, बल्कि सार्वजनिक हित से जुड़ा है। आरोपी पक्ष की तरफ से यह याचिका अमृतसर में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज एफआईआर को खारिज करने के लिए दायर की गई थी। शिकायत के अनुसार 25 अक्टूबर, 2023 को दशहरा मेले में याचिकाकर्ताओं सहित 8 से 10 युवकों ने महिला की अस्मिता भंग करने का प्रयास किया और पति के सिर पर वार किया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील दलील दी कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच पूरी हो चुकी है। चालान दाखिल हो चुका है और निचली अदालत में आरोप तय हो चुके हैं। दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया है। आरोपी 21 से 25 साल के युवक हैं, लिहाजा उनके भविष्य को देखते हुए समझौते के आधार पर केस खारिज करने के निर्देश दिए जाएं। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि एफआईआर को समझौते के आधार पर रद्द किया जा सकता है, लेकिन यह कोई अधिकार नहीं है।   पंजाब | दैनिक भास्कर