नाहल गांव में आज भी पुलिस के बूटों की थाप सुनाई पड़ रही थी। ये वही गांव है, जहां हिस्ट्रीशीटर कादिर ने यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। हालांकि सिर्फ 2 घंटे के अंदर पुलिस ने कादिर को दोबारा अरेस्ट कर लिया। यूपी पुलिस के एक कॉन्स्टेबल को क्यों जान गंवानी पड़ी। अधिकारियों से बात करके इसके 2 कारण समझ में आए। पहला- नोएडा पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस को भरोसे में लिए बिना दबिश दी। दूसरा- पुलिस सादी वर्दी में थी, अंधेरे में लोग ये नहीं समझ सके कि पुलिस कादिर को लेकर जा रही है। इसके बाद पथराव और फायरिंग करके हुए लोग हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाकर ले गए। यूपी को हिला देने वाली ये घटना दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर गाजियाबाद के मसूरी इलाके के नाहल गांव में हुई। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नोएडा पुलिस के 7 पुलिसवालों को मार वाले थे। हिस्ट्रीशीटर ने अपने लोगों को यह कहते हुए उकसाया था कि इन लोगों को यही दफन कर देंगे। कोई जिंदा न जाने पाए। इसके बाद 20-25 राउंड गोलियां चलीं। जहां कॉन्स्टेबल को गोली मारी गई, वह स्पॉट थाने से सिर्फ 5 km दूर है। यह मुस्लिम बहुत एरिया है, पूरे गांव की आबादी करीब 36000 है। क्या कादिर का परिवार भी क्रिमिनल बैक ग्राउंड का है? गांव में अब क्या हालात हैं? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम नाहल गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… PAC तैनात, घर-स्कूल सब बंद
भास्कर टीम गांव में दाखिल हुई, गांव के बाहर ही PAC का ट्रक खड़ा दिखा। गलियों में पुलिस की गश्त हो रही थी। घरों के खिड़की दरवाजे बंद थे। सरकारी स्कूल में छुट्टी कर दी गईं। मदरसा में भी पढ़ने वाले बच्चे नहीं पहुंचे। दुकानें बंद थीं, गलियों के मुहाने पर झांकते हुए कुछ बुजुर्ग लोग जरूर नजर आ रहे थे। यहां कर्फ्यू तो नहीं लगा था, मगर हालात कर्फ्यू जैसे दिख रहे थे। 10-10 कदम पर पुलिस के जवान तैनात थे। तिराहा और चौराहों पर कम उम्र के लड़के खड़े दिखते, मगर बात करने की कोशिश करते ही गलियों के अंदर भाग जाते थे। गांव का बाजार बंद था, मगर एक स्पॉट पर बहुत ज्यादा फोर्स दिखी। जमीन के एक हिस्से को घेरा गया था। बताया गया कि यही पर कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार को हिस्ट्रीशीटर और उसके भाई ने गोली मार दी थी। इस स्पॉट के आसपास गांव का कोई शख्स नहीं दिखा, सिर्फ पुलिस वाले थे। हिस्ट्रीशीटर का परिवार जल्दबाजी में घर खुला छोड़कर भागा
हमने पूछा हिस्ट्रीशीटर का घर कहां है? तो एक पुलिस वालों ने हमें एक आलीशान 3 मंजिला इमारत की तरफ भेज दिया। यही कोठी मसूरी थाने के हिस्ट्रीशीटर कादिर उर्फ मंटा की थी। ये घर पूरी तरह से खाली था, सभी दरवाजे, खिड़कियां खुली हुई थीं। तेज हवाओं में खिड़कियां धड़-धड़ की आवाज करती हुई बार-बार टकरा रही थीं। कमरे के अंदर जाने पर एक हुक्का चारपाई के पास लगा दिखा। सोफा सेट पर पंखा और एक नाश्ते की प्लेट रखी हुई थी। देखने से लगा कि परिवार के लोग जल्दबाजी में यहां से निकल गए। किसी ने गेट तक बंद नहीं किया था। गांव के लोगों की भी इतनी हिम्मत नहीं पड़ी कि इस घर के अंदर दाखिल हो सकें। सब कुछ वैसे का वैसा ही पड़ा हुआ था। अब गांव के लोगों की बात… कादिर को सब समझाते, मगर चोरी-लूट नहीं छोड़ी
इस घर से कुछ दूरी पर हमारी मुलाकात मोहम्मद असलम से हुई। उन्होंने कहा- कादिर के वालिद मोहम्मद खुर्शीद खेती किसानी करते हैं। आम के बागों की ठेकेदारी भी करते हैं। उनके 3 बेटे हैं, बड़ा बेटा नौशाद, उससे छोटा कादिर और सबसे छोटा आदिल है। कादिर अभी 25 साल का ही है। उसके खिलाफ मसूरी और नोएडा के थानों में 26 केस हैं। 2023 में मसूर थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। पास बैठे यामीन ने कहा- खुर्शीद ने अपने बेटे को कई बार समझाने का प्रयास किया, मगर वह लूट-चोरी करता रहा। गांव में सबको पता है कि कादिर कुछ महीने पहले नोएडा में किराये पर रहा, फिर दिल्ली चला गया। 2023 से गाजियाबाद पुलिस ने कादिर के घर पर दबिश बढ़ा दी। गांव के रहने वाले असलम कहते हैं- रविवार रात को जब भीड़ इकट्ठा होने लगी, तब लोगों काे पता चला कि कोई कॉन्स्टेबल मार दिया गया है। यह काम कादिर का है, हालांकि कादिर गांव में कम ही रहता था। वह कब आया था, ये भी किसी को पता नहीं है। गांव में पुलिस तो पहले भी आती रही, मगर कभी हमला नहीं हुआ
50 साल के यामीन ने कहा- हमारे गांव में पुलिस की दबिश कोई नई बात नहीं है। यहां पहले भी पुलिस आती-जाती रही है, मगर पुलिस पर हमला पहली बार हुआ है। हमें पता नहीं कि ऐसा कैसे हो गया। गांव के ज्यादातर लोग तो खेतीबाड़ी करते हैं। जिन लोगों के पास अपनी जमीनें नहीं हैं, वह मसूरी या गाजियाबाद में छोटे-छोटे रोजगार करते हैं। इस परिवार में सिर्फ कादिर ही क्रिमिनल
गांव के रहने वाले नदीम अहमद कहते हैं- खुर्शीद के परिवार में सिर्फ कादिर ही क्रिमिनल निकल गया। बाकी परिवार के लोगों ने कभी कोई गलत काम नहीं किया। खुर्शीद किसान हैं, उनके 2 और बेटे हैं, वह भी गांव में रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। कादिर तो गांव में कम ही रहता था। हम लोगों को तब पता चला, जब हमने गांव में पुलिस की गाड़ियां देखीं। उसके करीब में समीर खड़े थे। उन्होंने कहा- एक सिपाही को मार दिया, ये गलत हुआ। गांव में इस वक्त लोग डरे हुए हैं। इसलिए सब घरों में हैं, कोई आज मार्केट नहीं गया। न ही दुकानें खोली गईं। लोकल थाने को बताया नहीं, वर्दी में कोई जवान नहीं
नोएडा पुलिस कादिर की तलाश में दबिश देने गाजियाबाद के नाहल गांव में पहुंची थी। इस टीम को SI सचिन राठी लीड कर रहे थे। एक प्राइवेट गाड़ी और बाइक पर पुलिसकर्मी थे। सभी सादे कपड़ों में गांव के अंदर पहुंचे थे, ताकि कोई यह न जान सके कि पुलिस की दबिश हुई है। इस मामले में नोएडा पुलिस ने गाजियाबाद के मसूरी थाने में जानकारी नहीं दी। घेराबंदी तोड़कर कादिर कैसे भागा, ये जानिए छज्जे से लटककर जमीन पर कूदा था कादिर
नोएडा पुलिस के पास कादिर की सटीक लोकेशन थी। पुलिस ने कादिर के घर को घेर लिया। कादिर पहली मंजिल के छज्जे से लटककर जमीन पर कूद गया। कादिर पहले ही अपने परिवार और साथियों को पुलिस दबिश के बारे में बता चुका था। कादिर गांव की तरफ भागा। घर की तरफ से पुलिस ने पीछा करना शुरू किया। पुलिस के मुताबिक, पहले कादिर ने फायर किया। जबकि पुलिस टीम पर 2 तरफ से पथराव होने लगा। कादिर गांव में 150 मीटर तक भागकर पहुंचा, यही पर कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार ने उसको पकड़ने का प्रयास किया तब कादिर ने सिपाही के सिर में गोली मार दी। दूसरा सिपाही सोनित भी जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग हुई। इस बीच पुलिसकर्मी एक ऑटो में ही सिपाही सौरभ को लेकर हॉस्पिटल की तरफ निकल गए। रात में शोर मचा, तब गेट खोलकर देखा
नाहल गांव में जिस स्थान पर कॉन्स्टेबल सौरभ की हत्या की गई है। यह गांव का मुख्य रास्ता है। घटनास्थल के सामने मजदूरी करने वाले शाहिद का घर है। सुबह से घर का गेट बंद था। कई बार इस दरवाजे को खुलवाने का प्रयास किया गया। दोपहर के समय यहां एक महिला ने गेट खोला। यह शाहिद की पत्नी रिहाना थीं। रिहाना ने बताया- रविवार शाम को मैं अपने पति और बच्चों के साथ शादी में गई थी। उसके बाद हम शादी से आ गए। रात में दरवाजा बंद कर सोने चले गए। आधी रात का समय था, चारों तरफ छतों से शोर मचा। गेट खोलकर देखा तो पता चला कि बाहर कुछ हुआ है। रास्ते में भीड़ लग रही थी। उसके बाद पुलिस की गाड़ियां थीं। हमने डर के मारे घर का गेट बंद कर लिया। सिपाही की हत्या के चलते ही परिवार भाग निकला
जिस जगह सिपाही सौरभ कुमार के सिर में गोली मारकर हत्या की गई है। उसी जगह से कुछ दूरी पर ही लोगों ने घटना के बाद की वीडियो भी बनाई है। जिसमें खून से लथपथ सिपाही जमीन पर पड़ा हुआ था, जहां से सादा कपड़ों में साथ के पुलिसकर्मी ले गए। लोगों ने बताया कि कादिर अपराधी है, उसके पिता ने भी कई बार कहा कि घर मत आया कर। सिपाही की हत्या का पता चला तो कादिर के घर के लोग आनन फानन में भाग निकले। कादिर के घर का मुख्य गेट खुला हुआ था। बराबर के कमरे में मूढे गिरे हुए मिले। मकान में ही बुलेट बाइक थी। दूसरी मंजिल के कमरे और किचन के दरवाजे भी खुले हुए थे। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता था कि परिवार के लोग गांव में किसी के यहां छिप गए। रात में पुलिस फोर्स ने भी इस मकान में छापा मारा। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड, एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी और DCP देहात जोन सुरेंद्र नाथ तिवारी भी मौके पर पहुंचे। FIR में पुलिस की कहानी समझिए पुलिस वाले हैं, ये सुनते ही हिस्ट्रीशीटर चिल्लाया
मैं सचिन राठी थाना फेस-3 नोएडा गौतमबुद्धनगर में उप निरीक्षक हूं। एसआई उदित सिंह, एसआई निखिल, कॉन्स्टेबल सचिन, कॉन्स्टेबल सौरभ, कॉन्स्टेबल संदीप कुमार और कॉन्स्टेबल सोनित के साथ ग्राम नहाल थाना मसूरी जनपद गाजियाबाद में दबिश देने गए थे। मुखबिर ने बताया था कि क्रिमिनल कादिर गांव में है। आप गाड़ी छोड़कर बाइक से आना। क्योंकि वह भाग सकता है। इस गांव में आपराधिक प्रवृत्ति के कई अपराधी रहते हैं, फिर वो मुखबिर भी हमारे साथ आया और उसने दूर से कई लोगों के बीच बैठे हुए व्यक्ति को देखकर इशारे से बताया कि यही कादिर है, इस पर हम लोगों ने दबिश देकर कादिर को पकड़ा। वहां मौजूद लोगों को अपना ID कार्ड दिखाते हुए बोला कि हम लोग पुलिस के लोग हैं। इतना सुनते ही कादिर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। बोला- ये पुलिस वाले हैं। मुझे पकड़कर ले जा रहे हैं। इनको पकड़ो और मारो। इतना सुनते ही भीड़ ने हम सब को घेर लिया। उग्र होकर लोगों ने कहा- ये पुलिस वाले हैं। इनको आज मारकर दफन कर दो। कादिर को जब हम गाड़ी में बैठाने लगे तो कादिर के भाई और अन्य लोग चिल्लाए कि मेरे भाई को ले जा रहा है। ये चिल्लाते हुए उन लोगों ने पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायर शुरू कर दिया। जिसमें कॉन्स्टेबल सौरभ के सर पर गोली लगी और साथ में कॉन्स्टेबल सोनित मौके पर गिर गया। जब हम घायल कॉन्स्टेबल सौरभ, सोनित व अन्य को उठाकर गाड़ी में बैठाने लगे तो दोबारा से उग्र भीड़ के द्वारा अंधाधुंध फायर और पथराव किया गया। गाड़ी पर चारों तरफ से भीषण तरीके से हमला किया जाने लगा। वहां पर लोग मारो मारो और इनको मार डालो चिल्ला रहे थे। जैसे तैसे हम अपनी जान बचाकर अभियुक्त को लेकर वहां से निकले। ——————————– ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में सिपाही की हत्या कर हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाया:20 मिनट बाद फिर पकड़ा; सिपाही की अंतिम यात्रा में बेहोश हुई पत्नी गाजियाबाद में बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। सिपाही की हत्या कर हिस्ट्रीशीटर को छुड़ा ले गए। रविवार रात 11.40 बजे नोएडा पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर को पकड़कर ले जा रही थी, तभी उसके साथियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिसवालों ने गाड़ी रोकी और भागकर जान बचाई। (पढ़ें पूरी खबर) नाहल गांव में आज भी पुलिस के बूटों की थाप सुनाई पड़ रही थी। ये वही गांव है, जहां हिस्ट्रीशीटर कादिर ने यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। हालांकि सिर्फ 2 घंटे के अंदर पुलिस ने कादिर को दोबारा अरेस्ट कर लिया। यूपी पुलिस के एक कॉन्स्टेबल को क्यों जान गंवानी पड़ी। अधिकारियों से बात करके इसके 2 कारण समझ में आए। पहला- नोएडा पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस को भरोसे में लिए बिना दबिश दी। दूसरा- पुलिस सादी वर्दी में थी, अंधेरे में लोग ये नहीं समझ सके कि पुलिस कादिर को लेकर जा रही है। इसके बाद पथराव और फायरिंग करके हुए लोग हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाकर ले गए। यूपी को हिला देने वाली ये घटना दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर गाजियाबाद के मसूरी इलाके के नाहल गांव में हुई। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नोएडा पुलिस के 7 पुलिसवालों को मार वाले थे। हिस्ट्रीशीटर ने अपने लोगों को यह कहते हुए उकसाया था कि इन लोगों को यही दफन कर देंगे। कोई जिंदा न जाने पाए। इसके बाद 20-25 राउंड गोलियां चलीं। जहां कॉन्स्टेबल को गोली मारी गई, वह स्पॉट थाने से सिर्फ 5 km दूर है। यह मुस्लिम बहुत एरिया है, पूरे गांव की आबादी करीब 36000 है। क्या कादिर का परिवार भी क्रिमिनल बैक ग्राउंड का है? गांव में अब क्या हालात हैं? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम नाहल गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… PAC तैनात, घर-स्कूल सब बंद
भास्कर टीम गांव में दाखिल हुई, गांव के बाहर ही PAC का ट्रक खड़ा दिखा। गलियों में पुलिस की गश्त हो रही थी। घरों के खिड़की दरवाजे बंद थे। सरकारी स्कूल में छुट्टी कर दी गईं। मदरसा में भी पढ़ने वाले बच्चे नहीं पहुंचे। दुकानें बंद थीं, गलियों के मुहाने पर झांकते हुए कुछ बुजुर्ग लोग जरूर नजर आ रहे थे। यहां कर्फ्यू तो नहीं लगा था, मगर हालात कर्फ्यू जैसे दिख रहे थे। 10-10 कदम पर पुलिस के जवान तैनात थे। तिराहा और चौराहों पर कम उम्र के लड़के खड़े दिखते, मगर बात करने की कोशिश करते ही गलियों के अंदर भाग जाते थे। गांव का बाजार बंद था, मगर एक स्पॉट पर बहुत ज्यादा फोर्स दिखी। जमीन के एक हिस्से को घेरा गया था। बताया गया कि यही पर कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार को हिस्ट्रीशीटर और उसके भाई ने गोली मार दी थी। इस स्पॉट के आसपास गांव का कोई शख्स नहीं दिखा, सिर्फ पुलिस वाले थे। हिस्ट्रीशीटर का परिवार जल्दबाजी में घर खुला छोड़कर भागा
हमने पूछा हिस्ट्रीशीटर का घर कहां है? तो एक पुलिस वालों ने हमें एक आलीशान 3 मंजिला इमारत की तरफ भेज दिया। यही कोठी मसूरी थाने के हिस्ट्रीशीटर कादिर उर्फ मंटा की थी। ये घर पूरी तरह से खाली था, सभी दरवाजे, खिड़कियां खुली हुई थीं। तेज हवाओं में खिड़कियां धड़-धड़ की आवाज करती हुई बार-बार टकरा रही थीं। कमरे के अंदर जाने पर एक हुक्का चारपाई के पास लगा दिखा। सोफा सेट पर पंखा और एक नाश्ते की प्लेट रखी हुई थी। देखने से लगा कि परिवार के लोग जल्दबाजी में यहां से निकल गए। किसी ने गेट तक बंद नहीं किया था। गांव के लोगों की भी इतनी हिम्मत नहीं पड़ी कि इस घर के अंदर दाखिल हो सकें। सब कुछ वैसे का वैसा ही पड़ा हुआ था। अब गांव के लोगों की बात… कादिर को सब समझाते, मगर चोरी-लूट नहीं छोड़ी
इस घर से कुछ दूरी पर हमारी मुलाकात मोहम्मद असलम से हुई। उन्होंने कहा- कादिर के वालिद मोहम्मद खुर्शीद खेती किसानी करते हैं। आम के बागों की ठेकेदारी भी करते हैं। उनके 3 बेटे हैं, बड़ा बेटा नौशाद, उससे छोटा कादिर और सबसे छोटा आदिल है। कादिर अभी 25 साल का ही है। उसके खिलाफ मसूरी और नोएडा के थानों में 26 केस हैं। 2023 में मसूर थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। पास बैठे यामीन ने कहा- खुर्शीद ने अपने बेटे को कई बार समझाने का प्रयास किया, मगर वह लूट-चोरी करता रहा। गांव में सबको पता है कि कादिर कुछ महीने पहले नोएडा में किराये पर रहा, फिर दिल्ली चला गया। 2023 से गाजियाबाद पुलिस ने कादिर के घर पर दबिश बढ़ा दी। गांव के रहने वाले असलम कहते हैं- रविवार रात को जब भीड़ इकट्ठा होने लगी, तब लोगों काे पता चला कि कोई कॉन्स्टेबल मार दिया गया है। यह काम कादिर का है, हालांकि कादिर गांव में कम ही रहता था। वह कब आया था, ये भी किसी को पता नहीं है। गांव में पुलिस तो पहले भी आती रही, मगर कभी हमला नहीं हुआ
50 साल के यामीन ने कहा- हमारे गांव में पुलिस की दबिश कोई नई बात नहीं है। यहां पहले भी पुलिस आती-जाती रही है, मगर पुलिस पर हमला पहली बार हुआ है। हमें पता नहीं कि ऐसा कैसे हो गया। गांव के ज्यादातर लोग तो खेतीबाड़ी करते हैं। जिन लोगों के पास अपनी जमीनें नहीं हैं, वह मसूरी या गाजियाबाद में छोटे-छोटे रोजगार करते हैं। इस परिवार में सिर्फ कादिर ही क्रिमिनल
गांव के रहने वाले नदीम अहमद कहते हैं- खुर्शीद के परिवार में सिर्फ कादिर ही क्रिमिनल निकल गया। बाकी परिवार के लोगों ने कभी कोई गलत काम नहीं किया। खुर्शीद किसान हैं, उनके 2 और बेटे हैं, वह भी गांव में रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। कादिर तो गांव में कम ही रहता था। हम लोगों को तब पता चला, जब हमने गांव में पुलिस की गाड़ियां देखीं। उसके करीब में समीर खड़े थे। उन्होंने कहा- एक सिपाही को मार दिया, ये गलत हुआ। गांव में इस वक्त लोग डरे हुए हैं। इसलिए सब घरों में हैं, कोई आज मार्केट नहीं गया। न ही दुकानें खोली गईं। लोकल थाने को बताया नहीं, वर्दी में कोई जवान नहीं
नोएडा पुलिस कादिर की तलाश में दबिश देने गाजियाबाद के नाहल गांव में पहुंची थी। इस टीम को SI सचिन राठी लीड कर रहे थे। एक प्राइवेट गाड़ी और बाइक पर पुलिसकर्मी थे। सभी सादे कपड़ों में गांव के अंदर पहुंचे थे, ताकि कोई यह न जान सके कि पुलिस की दबिश हुई है। इस मामले में नोएडा पुलिस ने गाजियाबाद के मसूरी थाने में जानकारी नहीं दी। घेराबंदी तोड़कर कादिर कैसे भागा, ये जानिए छज्जे से लटककर जमीन पर कूदा था कादिर
नोएडा पुलिस के पास कादिर की सटीक लोकेशन थी। पुलिस ने कादिर के घर को घेर लिया। कादिर पहली मंजिल के छज्जे से लटककर जमीन पर कूद गया। कादिर पहले ही अपने परिवार और साथियों को पुलिस दबिश के बारे में बता चुका था। कादिर गांव की तरफ भागा। घर की तरफ से पुलिस ने पीछा करना शुरू किया। पुलिस के मुताबिक, पहले कादिर ने फायर किया। जबकि पुलिस टीम पर 2 तरफ से पथराव होने लगा। कादिर गांव में 150 मीटर तक भागकर पहुंचा, यही पर कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार ने उसको पकड़ने का प्रयास किया तब कादिर ने सिपाही के सिर में गोली मार दी। दूसरा सिपाही सोनित भी जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग हुई। इस बीच पुलिसकर्मी एक ऑटो में ही सिपाही सौरभ को लेकर हॉस्पिटल की तरफ निकल गए। रात में शोर मचा, तब गेट खोलकर देखा
नाहल गांव में जिस स्थान पर कॉन्स्टेबल सौरभ की हत्या की गई है। यह गांव का मुख्य रास्ता है। घटनास्थल के सामने मजदूरी करने वाले शाहिद का घर है। सुबह से घर का गेट बंद था। कई बार इस दरवाजे को खुलवाने का प्रयास किया गया। दोपहर के समय यहां एक महिला ने गेट खोला। यह शाहिद की पत्नी रिहाना थीं। रिहाना ने बताया- रविवार शाम को मैं अपने पति और बच्चों के साथ शादी में गई थी। उसके बाद हम शादी से आ गए। रात में दरवाजा बंद कर सोने चले गए। आधी रात का समय था, चारों तरफ छतों से शोर मचा। गेट खोलकर देखा तो पता चला कि बाहर कुछ हुआ है। रास्ते में भीड़ लग रही थी। उसके बाद पुलिस की गाड़ियां थीं। हमने डर के मारे घर का गेट बंद कर लिया। सिपाही की हत्या के चलते ही परिवार भाग निकला
जिस जगह सिपाही सौरभ कुमार के सिर में गोली मारकर हत्या की गई है। उसी जगह से कुछ दूरी पर ही लोगों ने घटना के बाद की वीडियो भी बनाई है। जिसमें खून से लथपथ सिपाही जमीन पर पड़ा हुआ था, जहां से सादा कपड़ों में साथ के पुलिसकर्मी ले गए। लोगों ने बताया कि कादिर अपराधी है, उसके पिता ने भी कई बार कहा कि घर मत आया कर। सिपाही की हत्या का पता चला तो कादिर के घर के लोग आनन फानन में भाग निकले। कादिर के घर का मुख्य गेट खुला हुआ था। बराबर के कमरे में मूढे गिरे हुए मिले। मकान में ही बुलेट बाइक थी। दूसरी मंजिल के कमरे और किचन के दरवाजे भी खुले हुए थे। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता था कि परिवार के लोग गांव में किसी के यहां छिप गए। रात में पुलिस फोर्स ने भी इस मकान में छापा मारा। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड, एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी और DCP देहात जोन सुरेंद्र नाथ तिवारी भी मौके पर पहुंचे। FIR में पुलिस की कहानी समझिए पुलिस वाले हैं, ये सुनते ही हिस्ट्रीशीटर चिल्लाया
मैं सचिन राठी थाना फेस-3 नोएडा गौतमबुद्धनगर में उप निरीक्षक हूं। एसआई उदित सिंह, एसआई निखिल, कॉन्स्टेबल सचिन, कॉन्स्टेबल सौरभ, कॉन्स्टेबल संदीप कुमार और कॉन्स्टेबल सोनित के साथ ग्राम नहाल थाना मसूरी जनपद गाजियाबाद में दबिश देने गए थे। मुखबिर ने बताया था कि क्रिमिनल कादिर गांव में है। आप गाड़ी छोड़कर बाइक से आना। क्योंकि वह भाग सकता है। इस गांव में आपराधिक प्रवृत्ति के कई अपराधी रहते हैं, फिर वो मुखबिर भी हमारे साथ आया और उसने दूर से कई लोगों के बीच बैठे हुए व्यक्ति को देखकर इशारे से बताया कि यही कादिर है, इस पर हम लोगों ने दबिश देकर कादिर को पकड़ा। वहां मौजूद लोगों को अपना ID कार्ड दिखाते हुए बोला कि हम लोग पुलिस के लोग हैं। इतना सुनते ही कादिर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। बोला- ये पुलिस वाले हैं। मुझे पकड़कर ले जा रहे हैं। इनको पकड़ो और मारो। इतना सुनते ही भीड़ ने हम सब को घेर लिया। उग्र होकर लोगों ने कहा- ये पुलिस वाले हैं। इनको आज मारकर दफन कर दो। कादिर को जब हम गाड़ी में बैठाने लगे तो कादिर के भाई और अन्य लोग चिल्लाए कि मेरे भाई को ले जा रहा है। ये चिल्लाते हुए उन लोगों ने पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायर शुरू कर दिया। जिसमें कॉन्स्टेबल सौरभ के सर पर गोली लगी और साथ में कॉन्स्टेबल सोनित मौके पर गिर गया। जब हम घायल कॉन्स्टेबल सौरभ, सोनित व अन्य को उठाकर गाड़ी में बैठाने लगे तो दोबारा से उग्र भीड़ के द्वारा अंधाधुंध फायर और पथराव किया गया। गाड़ी पर चारों तरफ से भीषण तरीके से हमला किया जाने लगा। वहां पर लोग मारो मारो और इनको मार डालो चिल्ला रहे थे। जैसे तैसे हम अपनी जान बचाकर अभियुक्त को लेकर वहां से निकले। ——————————– ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में सिपाही की हत्या कर हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाया:20 मिनट बाद फिर पकड़ा; सिपाही की अंतिम यात्रा में बेहोश हुई पत्नी गाजियाबाद में बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। सिपाही की हत्या कर हिस्ट्रीशीटर को छुड़ा ले गए। रविवार रात 11.40 बजे नोएडा पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर को पकड़कर ले जा रही थी, तभी उसके साथियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिसवालों ने गाड़ी रोकी और भागकर जान बचाई। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
नोएडा पुलिस पर कैसे भारी पड़े हिस्ट्रीशीटर:गाजियाबाद में 7 पुलिसवालों मारने वाले थे, बदमाश घेरकर बोले- कोई बचकर जाना नहीं चाहिए
