<p style=”text-align: justify;”>शाहदरा जिले के सीमापुरी इलाके में दिल्ली पुलिस की फॉरेनर्स सेल और स्पेशल स्टाफ की जॉइंट टीम ने अवैध रूप से भारत में रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों में 4 पुरुष, 5 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं. ये सभी अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि, फॉरेनर्स सेल को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिंसमें कहा गया कि बांग्लादेशी नागरिकों का एक समूह उत्तर प्रदेश-दिल्ली बॉर्डर के पास स्थित शहीद नगर होते हुए सीमापुरी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है. इस सूचना की सत्यता की जांच में सही पाए जाने पर एसीपी ऑपरेशन गुरुदेव सिंह की देखरेख और फॉरेनर्स सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर मुनीश के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ और फॉरेनर्स सेल की जॉइंट टीम का गठन किया गया. जिंसमें एसआई शाजी जॉन, एएसआई गजेन्द्र, जौहर, नज़ीर, हेड कांस्टेबल अरुण, सिद्धार्थ, योगेन्द्र, महिला हेड कांस्टेबल गीता, मंजू आदि शामिल थे. टीम ने मौके पर पहुंचकर संदिग्धों की पहचान की और उन्हें दबोच लिया. पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपी अवैध तरीकों से भारत की सीमा में घुसे थे और दिल्ली में बसने की फिराक में थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>18-19 साल पहले की थी भारत में घुसपैठ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि, गिरफ्तार बंगलादेशी नागरिकों में से कई 18-19 साल पहले बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुए थे. उन्होंने बताया कि वे आर्थिक तंगी और रोज़गार की कमी के चलते रात के अंधेरे में बॉर्डर पार कर भारत आए थे. उस दौरान उनका किसी भी सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से सामना नहीं हुआ था. बॉर्डर पार करने के बाद ये लोग सबसे पहले पश्चिम बंगाल के कूचबिहार इलाके में रुके, और फिर ट्रेन के जरिए दिल्ली पहुंचे. कुछ समय बाद ये हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में चले गए, जहां ये ईंट भट्ठों में मजदूरी करने लगे. इन ईंट भट्ठों का में दूर-दराज़ के गांवों में होने के चलते वे लंबे समय तक बिना किसी की नजर में आये रह रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिना किसी जांच के सालों से रह रहे थे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बंगलादेशी नागरिकों ने बताया कि, इतने वर्षों में किसी भी सरकारी एजेंसी ने उनकी कोई पृष्ठभूमि जांच नहीं की. वहीं, ईंट भट्ठों के मालिकों ने सस्ते मजदूर पाने के लिए उन्हें बिना दस्तावेज काम पर रख लिया. धीरे-धीरे ये लोग वहीं बस गए और वहीं रहने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानूनी कार्यवाही और डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने फॉरेनर्स एक्ट एवं अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सभी बंगलादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई के लिए FRRO को सौंप दिया. जहां से उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.</p> <p style=”text-align: justify;”>शाहदरा जिले के सीमापुरी इलाके में दिल्ली पुलिस की फॉरेनर्स सेल और स्पेशल स्टाफ की जॉइंट टीम ने अवैध रूप से भारत में रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों में 4 पुरुष, 5 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं. ये सभी अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि, फॉरेनर्स सेल को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिंसमें कहा गया कि बांग्लादेशी नागरिकों का एक समूह उत्तर प्रदेश-दिल्ली बॉर्डर के पास स्थित शहीद नगर होते हुए सीमापुरी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है. इस सूचना की सत्यता की जांच में सही पाए जाने पर एसीपी ऑपरेशन गुरुदेव सिंह की देखरेख और फॉरेनर्स सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर मुनीश के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ और फॉरेनर्स सेल की जॉइंट टीम का गठन किया गया. जिंसमें एसआई शाजी जॉन, एएसआई गजेन्द्र, जौहर, नज़ीर, हेड कांस्टेबल अरुण, सिद्धार्थ, योगेन्द्र, महिला हेड कांस्टेबल गीता, मंजू आदि शामिल थे. टीम ने मौके पर पहुंचकर संदिग्धों की पहचान की और उन्हें दबोच लिया. पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपी अवैध तरीकों से भारत की सीमा में घुसे थे और दिल्ली में बसने की फिराक में थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>18-19 साल पहले की थी भारत में घुसपैठ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि, गिरफ्तार बंगलादेशी नागरिकों में से कई 18-19 साल पहले बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुए थे. उन्होंने बताया कि वे आर्थिक तंगी और रोज़गार की कमी के चलते रात के अंधेरे में बॉर्डर पार कर भारत आए थे. उस दौरान उनका किसी भी सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से सामना नहीं हुआ था. बॉर्डर पार करने के बाद ये लोग सबसे पहले पश्चिम बंगाल के कूचबिहार इलाके में रुके, और फिर ट्रेन के जरिए दिल्ली पहुंचे. कुछ समय बाद ये हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में चले गए, जहां ये ईंट भट्ठों में मजदूरी करने लगे. इन ईंट भट्ठों का में दूर-दराज़ के गांवों में होने के चलते वे लंबे समय तक बिना किसी की नजर में आये रह रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिना किसी जांच के सालों से रह रहे थे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बंगलादेशी नागरिकों ने बताया कि, इतने वर्षों में किसी भी सरकारी एजेंसी ने उनकी कोई पृष्ठभूमि जांच नहीं की. वहीं, ईंट भट्ठों के मालिकों ने सस्ते मजदूर पाने के लिए उन्हें बिना दस्तावेज काम पर रख लिया. धीरे-धीरे ये लोग वहीं बस गए और वहीं रहने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानूनी कार्यवाही और डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने फॉरेनर्स एक्ट एवं अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सभी बंगलादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई के लिए FRRO को सौंप दिया. जहां से उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.</p> दिल्ली NCR CVoter: बिहार में सबसे पसंदीदा CM चेहरा कौन, तेजस्वी यादव या नीतीश कुमार? हैरान करने वाला सर्वे
दिल्ली में 16 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, सालों से अवैध रूप से बसे थे, 5 महिलाएं शामिल
