पंजाब के सरकारी स्कूलों के 32 स्टूडेंट्स ने जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पास की है। इनमें से अधिकतर जरूरतमंद परिवारों के बच्चे हैं। इस दौरान परीक्षा पास करने वाले अर्शदीप सिंह की माता सफाई कर्मचारी हैं, जबकि जसप्रीत सिंह के पिता मात्र सात हजार रुपए पर काम करते हैं। लेकिन अब ये सभी आईआईटी से पढ़कर अपने सपनों को सच करेंगे। पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रभारी और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि कल तक पंजाब के जिन सरकारी स्कूलों में दीवारें तक नहीं थीं, आज वहाँ से बच्चों के सपने उड़ान भर रहे हैं … सीधा IIT तक। स्कूलों की दीवारे तक नहीं थी, आज सीधे IIT मनीष सिसोदिया ने जेईई एडवांस्ड का रिजल्ट आने के बाद अपनी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा है कि आज इतिहास बना है। पंजाब के सरकारी स्कूलों के 32 बच्चों ने JEE एडवांस जैसे देश के सबसे कठिन एग्जाम को पास कर लिया है … और अब ये बच्चे IITs में पढ़ेंगे। कल तक पंजाब के जिन सरकारी स्कूलों में दीवारें तक नहीं थीं, आज वहाँ से बच्चों के सपने उड़ान भर रहे हैं … सीधा IIT तक। इन बच्चों की कहानियां ही इस बदलाव की सबसे बड़ी मिसाल हैं: अर्शदीप, जिसकी माँ एक सफाई कर्मचारी हैं और अकेले ही बेटे को पढ़ा रही हैं; जसप्रीत, जिसके पिता की महीने की आमदनी सिर्फ़ ₹7000 है; लखविंदर, जो एक दलित परिवार से है और आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गया है। यह कोई संयोग नहीं है। यह अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की सरकार का शिक्षा मॉडल है। जहाँ अच्छी शिक्षा सिर्फ कुछ खास का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर गरीब, किसान, मज़दूर, दलित, पिछड़े वर्ग के बच्चे का हक़ है। यह कोई आंकड़ा नहीं … यह एक क्रांति है। जात, धर्म, वर्ग और गरीबी से परे … हर बच्चे को समान अवसर देने की क्रांति। पंजाब बदल रहा है। अब गरीब का बच्चा भी कह सकता है – मेरा सपना IIT है, और मैं उसे हासिल के रहेंगे। 260 ने जेईई मेंस की परीक्षा पास की थी जेईई मेंस के रिजल्ट में सरकारी स्कूलों के 260 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। सरकार की तरफ से इन स्टूडेंट्स को स्कूलों में बढ़िया कोचिंग का इंतजाम किया गया है, ताकि स्टूडेंट्स को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इससे पहले अप्रैल महीने में आए एनडीए के रिजल्ट में महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सेस के 26 स्टूडेंट्स ने एनडीए की परीक्षा पास की थी।कर सकता हूँ। पंजाब के सरकारी स्कूलों के 32 स्टूडेंट्स ने जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पास की है। इनमें से अधिकतर जरूरतमंद परिवारों के बच्चे हैं। इस दौरान परीक्षा पास करने वाले अर्शदीप सिंह की माता सफाई कर्मचारी हैं, जबकि जसप्रीत सिंह के पिता मात्र सात हजार रुपए पर काम करते हैं। लेकिन अब ये सभी आईआईटी से पढ़कर अपने सपनों को सच करेंगे। पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रभारी और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि कल तक पंजाब के जिन सरकारी स्कूलों में दीवारें तक नहीं थीं, आज वहाँ से बच्चों के सपने उड़ान भर रहे हैं … सीधा IIT तक। स्कूलों की दीवारे तक नहीं थी, आज सीधे IIT मनीष सिसोदिया ने जेईई एडवांस्ड का रिजल्ट आने के बाद अपनी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा है कि आज इतिहास बना है। पंजाब के सरकारी स्कूलों के 32 बच्चों ने JEE एडवांस जैसे देश के सबसे कठिन एग्जाम को पास कर लिया है … और अब ये बच्चे IITs में पढ़ेंगे। कल तक पंजाब के जिन सरकारी स्कूलों में दीवारें तक नहीं थीं, आज वहाँ से बच्चों के सपने उड़ान भर रहे हैं … सीधा IIT तक। इन बच्चों की कहानियां ही इस बदलाव की सबसे बड़ी मिसाल हैं: अर्शदीप, जिसकी माँ एक सफाई कर्मचारी हैं और अकेले ही बेटे को पढ़ा रही हैं; जसप्रीत, जिसके पिता की महीने की आमदनी सिर्फ़ ₹7000 है; लखविंदर, जो एक दलित परिवार से है और आज पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गया है। यह कोई संयोग नहीं है। यह अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की सरकार का शिक्षा मॉडल है। जहाँ अच्छी शिक्षा सिर्फ कुछ खास का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर गरीब, किसान, मज़दूर, दलित, पिछड़े वर्ग के बच्चे का हक़ है। यह कोई आंकड़ा नहीं … यह एक क्रांति है। जात, धर्म, वर्ग और गरीबी से परे … हर बच्चे को समान अवसर देने की क्रांति। पंजाब बदल रहा है। अब गरीब का बच्चा भी कह सकता है – मेरा सपना IIT है, और मैं उसे हासिल के रहेंगे। 260 ने जेईई मेंस की परीक्षा पास की थी जेईई मेंस के रिजल्ट में सरकारी स्कूलों के 260 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। सरकार की तरफ से इन स्टूडेंट्स को स्कूलों में बढ़िया कोचिंग का इंतजाम किया गया है, ताकि स्टूडेंट्स को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इससे पहले अप्रैल महीने में आए एनडीए के रिजल्ट में महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सेस के 26 स्टूडेंट्स ने एनडीए की परीक्षा पास की थी।कर सकता हूँ। पंजाब | दैनिक भास्कर
