पीलीभीत में बाघ ने एक महिला पर हमला कर दिया। वह घर के अंदर नल के पास बर्तन धो रही थी। तभी बाघ ने घात लगाकर महिला पर हमला किया। उसने मुंह से गर्दन दबोच लिया। महिला को घसीटते हुए गन्ने के खेत की तरफ भागा। महिला की चीख सुनकर उसके पति ने शोर मचाया। गांव के लोग बाघ के पीछे भागे। बाघ घर से 600 मीटर दूर गन्ने की खेत में घुस गया। गांव वालों ने खेत की घेराबंदी की और शोर मचाया। तभी बाघ महिला को छोड़कर जंगल की तरफ भाग निकला। जब तक लोग मौके पर पहुंचे, महिला की मौत हो चुकी थी। इस घटना से लोग गुस्से में हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग को 3 फोन किए, फिर भी डेढ़ घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची। लोगों का कहना है कि बाघ 1 महीने से गांव के आसपास घूम रहा है। फिर भी वन विभाग ने कोई मदद नहीं की। 25 दिन में बाघ का ये तीसरा हमला है, जिसमें जान गई है। घटना जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर हजारा थाना क्षेत्र के शांति नगर गांव की है। वन रेंज संपूर्णानगर है, जो लखीमपुर क्षेत्र में आती है। रेंज से गांव की दूरी महज 20 किमी है। 3 फोटो देखिए… घर के बाहर घात लगाए बैठा था बाघ
शांति नगर गांव निवासी राम किशोर किसान हैं। परिवार में पत्नी रेशमा (45), दो बेटे रोमिन सिंह (19), छोटू (15) हैं। एक लड़की अवंतिका (17) है। राम किशोर ने बताया- हमारा घर गांव के आखिरी छोर पर खेत के किनारे है। घर के आंगन में नल है। रेशमा रात लगभग 8 बजे बर्तन धो रही थी। बाघ पहले से घर किनारे खेत में घात लगाकर बैठा था। नल पर पत्नी को अकेला पाकर उसने हमला कर दिया और खींच ले गया। चीख पुकार पर लोगों ने पीछा किया। घर से 600 मीटर दूर गन्ने के खेत में शव मिला है। देवर ने कहा- 1:30 घंटे बाद आए वन कर्मी
रेशमा के देवर ओमप्रकाश ने बताया- भाभी को घर से बाघ उठा ले गया। घटना के बाद हम लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग यहां डेढ़ घंटे बाद यहां पहुंचा। हम लोगों ने तीन बार उन्हें फोन किया था। उसके बाद भी ये लोग नाले के उस पार नहीं गए। वन कर्मियों से पहले पुलिस आ गई थी, हम लोग पुलिस वालों के साथ गए। वहां गन्ने के खेत में भाभी का शव मिला। गांव वालों ने कहा- एक महीने से देखे जा रहे बाघ
गांव वालों का कहना है कि जिस जगह टाइगर अटैक की घटना हुई है, वह स्थान लखीमपुर की संपूर्ण नगर वन रेंज के काफी करीब है। अक्सर यहां टाइगर आबादी के बीच घूमते नजर आते हैं, लेकिन लखीमपुर का वन विभाग हमेशा बाघों की निगरानी के नाम पर लापरवाही करता रहता है, जिसके कारण अक्सर यहां ग्रामीणों को अपनी जान देकर एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। इलाके के ग्रामीणों का दावा है कि पिछले 1 महीने से इसी इलाके में टाइगर की दहशत देखी जा रही थी। ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग को मामले की सूचना दी, लेकिन अधिकारियों ने सिर्फ निगरानी की बात कही। बाघ को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। थाना अध्यक्ष सिद्धार्थ उपाध्याय ने बताया- टाइगर अटैक की जानकारी मिली है। एक महिला को टाइगर ने अपना निवाला बनाया है। मौके पर पुलिस टीम पहुंची है और ग्रामीणों के सहयोग से डेड बॉडी को रिकवर कर लिया गया है। डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है। 25 दिन पहले 4 दिन के भीतर बाघ ने 2 किसानों को खाया पीलीभीत से 60 किमी दूर चतीपुर और नजीरगंज में बाघ ने 23 दिन के भीतर 2 किसानों का शिकार किया है। 18 मई को चतीपुर गांव निवासी राम प्रसाद की बाघ ने जान ली थी। 14 मई को नजीरगंज में किसान हंसराज को बाघ ने मार डाला था। दोनों गांवों में दहशत का माहौल है। लोग झुंड में खेत जाते हैं। मजदूर भी नहीं मिल रहे। जो मिलते हैं, वो ज्यादा पैसे मांगते हैं। अंधेरा होते ही लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं। खेतों की ओर नहीं जाते। 6 महीने से टाइगर गांव के आस-पास घूम रहा है। वन विभाग कुछ नहीं कर रहा है। 18 मई: खेत में काम करते वक्त गर्दन पर किया हमला चतीपुर गांव जंगल से सटा है। गांव में रहने वाले राम प्रसाद खेती-किसानी करते थे। घर से 2 किलोमीटर की दूरी पर हरिपुर किशनपुर गांव के किनारे उनके खेत हैं। 18 मई को राम प्रसाद रविवार शाम खेत में पानी लगा रहे थे। शाम 6 बजे के आसपास बाघ पास के खेत से निकला। उसने राम प्रसाद पर हमला कर दिया। बचने के लिए उन्होंने शोर मचाया। चीखने की आवाज सुनकर आसपास के मौजूद लोग उनकी ओर दौड़े। टाइगर करीब 500 मीटर तक उनको खींचकर ले गया। इस दौरान बाघ ने उनकी गर्दन पर हमला कर दिया। इसके बाद पीठ और पेट पर भी हमला किया। तब तक स्थानीय लोग मौके पर आ गए। लोगों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया। लेकिन, तब तक रामप्रसाद की मौत हो गई थी। किसान राम प्रसाद के 4 बच्चे हैं। बेटा अरुण, करुण और बेटी क्रांति। एक बेटी गुड्डी की शादी हो गई है। 14 मई: खेत से लौटते वक्त बाघ का हमला 14 मई को चतीपुर गांव के पास के नजीरगंज में बाघ का हमला हुआ था। यहां रहने वाले हंसराज (50) अपने बेटे अजय और 4 किसानों के साथ शाम 7 बजे खेत पर पानी देने गए थे। खेत गांव से करीब 400 मीटर दूर है। शाम 7 बजे सभी लोग खाना खाने के लिए घर लौट आए। रात 10 बजे हंसराज फिर खेत में चले गए। उन्होंने खेत में पानी लगाया। वहां से लौटते वक्त टाइगर ने उन पर हमला कर दिया। रात होने के चलते आसपास कोई सुनने वाले वाला नहीं था। काफी देर तक हंसराज घर नहीं पहुंचे, तो बेटों ने आसपास के कुछ लोगों बुलाया। वह उन्हें तलाशते हुए खेत पहुंचे। वहां आवाज लगाई तो कुछ पता नहीं चल पाया। थोड़ी दूर में हंसराज की टॉर्च और खून से सना रुमाल मिला। इसके बाद गांव में फोन करके और लोगों को बुलाया गया। लोग आसपास तलाश करने लगे। खेत में थोड़ी दूर पर बाघ शव को खा रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को वहां से भगाया। एक साल में 6 पर हमले, 5 की मौत
पीलीभीत में टाइगर के पिछले में एक साल में हमले के 6 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग सिर्फ कागजों में सक्रिय है। गांवों के पास बाघ खुलेआम घूमते हैं, लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते। लगातार हो रहे हमले की बड़ी वजह —————– ये खबर भी पढ़ें… GST अफसर बनकर आए बदमाशों ने 29 लाख लूटे:शामली में हाईवे पर गाड़ी रोकी, ‘भारत सरकार’ लिखी कार से थे लुटेरे, मेरठ से लौट रहा था कैशियर शामली में पानीपत हाईवे पर मंगलवार शाम ‘भारत सरकार’ लिखी बोलेरो में लुटेरों ने खुद को GST अधिकारी बताकर एक धागा व्यापारी के कैशियर से करीब 29 लाख रुपए लूट लिया। वारदात के बाद लुटेरे मौके से फरार हो गए। पानीपत के घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव बलवा के पास रेलवे फ्लाईओवर के निकट की है। पढ़ें पूरी खबर… पीलीभीत में बाघ ने एक महिला पर हमला कर दिया। वह घर के अंदर नल के पास बर्तन धो रही थी। तभी बाघ ने घात लगाकर महिला पर हमला किया। उसने मुंह से गर्दन दबोच लिया। महिला को घसीटते हुए गन्ने के खेत की तरफ भागा। महिला की चीख सुनकर उसके पति ने शोर मचाया। गांव के लोग बाघ के पीछे भागे। बाघ घर से 600 मीटर दूर गन्ने की खेत में घुस गया। गांव वालों ने खेत की घेराबंदी की और शोर मचाया। तभी बाघ महिला को छोड़कर जंगल की तरफ भाग निकला। जब तक लोग मौके पर पहुंचे, महिला की मौत हो चुकी थी। इस घटना से लोग गुस्से में हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग को 3 फोन किए, फिर भी डेढ़ घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची। लोगों का कहना है कि बाघ 1 महीने से गांव के आसपास घूम रहा है। फिर भी वन विभाग ने कोई मदद नहीं की। 25 दिन में बाघ का ये तीसरा हमला है, जिसमें जान गई है। घटना जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर हजारा थाना क्षेत्र के शांति नगर गांव की है। वन रेंज संपूर्णानगर है, जो लखीमपुर क्षेत्र में आती है। रेंज से गांव की दूरी महज 20 किमी है। 3 फोटो देखिए… घर के बाहर घात लगाए बैठा था बाघ
शांति नगर गांव निवासी राम किशोर किसान हैं। परिवार में पत्नी रेशमा (45), दो बेटे रोमिन सिंह (19), छोटू (15) हैं। एक लड़की अवंतिका (17) है। राम किशोर ने बताया- हमारा घर गांव के आखिरी छोर पर खेत के किनारे है। घर के आंगन में नल है। रेशमा रात लगभग 8 बजे बर्तन धो रही थी। बाघ पहले से घर किनारे खेत में घात लगाकर बैठा था। नल पर पत्नी को अकेला पाकर उसने हमला कर दिया और खींच ले गया। चीख पुकार पर लोगों ने पीछा किया। घर से 600 मीटर दूर गन्ने के खेत में शव मिला है। देवर ने कहा- 1:30 घंटे बाद आए वन कर्मी
रेशमा के देवर ओमप्रकाश ने बताया- भाभी को घर से बाघ उठा ले गया। घटना के बाद हम लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग यहां डेढ़ घंटे बाद यहां पहुंचा। हम लोगों ने तीन बार उन्हें फोन किया था। उसके बाद भी ये लोग नाले के उस पार नहीं गए। वन कर्मियों से पहले पुलिस आ गई थी, हम लोग पुलिस वालों के साथ गए। वहां गन्ने के खेत में भाभी का शव मिला। गांव वालों ने कहा- एक महीने से देखे जा रहे बाघ
गांव वालों का कहना है कि जिस जगह टाइगर अटैक की घटना हुई है, वह स्थान लखीमपुर की संपूर्ण नगर वन रेंज के काफी करीब है। अक्सर यहां टाइगर आबादी के बीच घूमते नजर आते हैं, लेकिन लखीमपुर का वन विभाग हमेशा बाघों की निगरानी के नाम पर लापरवाही करता रहता है, जिसके कारण अक्सर यहां ग्रामीणों को अपनी जान देकर एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। इलाके के ग्रामीणों का दावा है कि पिछले 1 महीने से इसी इलाके में टाइगर की दहशत देखी जा रही थी। ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग को मामले की सूचना दी, लेकिन अधिकारियों ने सिर्फ निगरानी की बात कही। बाघ को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। थाना अध्यक्ष सिद्धार्थ उपाध्याय ने बताया- टाइगर अटैक की जानकारी मिली है। एक महिला को टाइगर ने अपना निवाला बनाया है। मौके पर पुलिस टीम पहुंची है और ग्रामीणों के सहयोग से डेड बॉडी को रिकवर कर लिया गया है। डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है। 25 दिन पहले 4 दिन के भीतर बाघ ने 2 किसानों को खाया पीलीभीत से 60 किमी दूर चतीपुर और नजीरगंज में बाघ ने 23 दिन के भीतर 2 किसानों का शिकार किया है। 18 मई को चतीपुर गांव निवासी राम प्रसाद की बाघ ने जान ली थी। 14 मई को नजीरगंज में किसान हंसराज को बाघ ने मार डाला था। दोनों गांवों में दहशत का माहौल है। लोग झुंड में खेत जाते हैं। मजदूर भी नहीं मिल रहे। जो मिलते हैं, वो ज्यादा पैसे मांगते हैं। अंधेरा होते ही लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं। खेतों की ओर नहीं जाते। 6 महीने से टाइगर गांव के आस-पास घूम रहा है। वन विभाग कुछ नहीं कर रहा है। 18 मई: खेत में काम करते वक्त गर्दन पर किया हमला चतीपुर गांव जंगल से सटा है। गांव में रहने वाले राम प्रसाद खेती-किसानी करते थे। घर से 2 किलोमीटर की दूरी पर हरिपुर किशनपुर गांव के किनारे उनके खेत हैं। 18 मई को राम प्रसाद रविवार शाम खेत में पानी लगा रहे थे। शाम 6 बजे के आसपास बाघ पास के खेत से निकला। उसने राम प्रसाद पर हमला कर दिया। बचने के लिए उन्होंने शोर मचाया। चीखने की आवाज सुनकर आसपास के मौजूद लोग उनकी ओर दौड़े। टाइगर करीब 500 मीटर तक उनको खींचकर ले गया। इस दौरान बाघ ने उनकी गर्दन पर हमला कर दिया। इसके बाद पीठ और पेट पर भी हमला किया। तब तक स्थानीय लोग मौके पर आ गए। लोगों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया। लेकिन, तब तक रामप्रसाद की मौत हो गई थी। किसान राम प्रसाद के 4 बच्चे हैं। बेटा अरुण, करुण और बेटी क्रांति। एक बेटी गुड्डी की शादी हो गई है। 14 मई: खेत से लौटते वक्त बाघ का हमला 14 मई को चतीपुर गांव के पास के नजीरगंज में बाघ का हमला हुआ था। यहां रहने वाले हंसराज (50) अपने बेटे अजय और 4 किसानों के साथ शाम 7 बजे खेत पर पानी देने गए थे। खेत गांव से करीब 400 मीटर दूर है। शाम 7 बजे सभी लोग खाना खाने के लिए घर लौट आए। रात 10 बजे हंसराज फिर खेत में चले गए। उन्होंने खेत में पानी लगाया। वहां से लौटते वक्त टाइगर ने उन पर हमला कर दिया। रात होने के चलते आसपास कोई सुनने वाले वाला नहीं था। काफी देर तक हंसराज घर नहीं पहुंचे, तो बेटों ने आसपास के कुछ लोगों बुलाया। वह उन्हें तलाशते हुए खेत पहुंचे। वहां आवाज लगाई तो कुछ पता नहीं चल पाया। थोड़ी दूर में हंसराज की टॉर्च और खून से सना रुमाल मिला। इसके बाद गांव में फोन करके और लोगों को बुलाया गया। लोग आसपास तलाश करने लगे। खेत में थोड़ी दूर पर बाघ शव को खा रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को वहां से भगाया। एक साल में 6 पर हमले, 5 की मौत
पीलीभीत में टाइगर के पिछले में एक साल में हमले के 6 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग सिर्फ कागजों में सक्रिय है। गांवों के पास बाघ खुलेआम घूमते हैं, लेकिन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते। लगातार हो रहे हमले की बड़ी वजह —————– ये खबर भी पढ़ें… GST अफसर बनकर आए बदमाशों ने 29 लाख लूटे:शामली में हाईवे पर गाड़ी रोकी, ‘भारत सरकार’ लिखी कार से थे लुटेरे, मेरठ से लौट रहा था कैशियर शामली में पानीपत हाईवे पर मंगलवार शाम ‘भारत सरकार’ लिखी बोलेरो में लुटेरों ने खुद को GST अधिकारी बताकर एक धागा व्यापारी के कैशियर से करीब 29 लाख रुपए लूट लिया। वारदात के बाद लुटेरे मौके से फरार हो गए। पानीपत के घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव बलवा के पास रेलवे फ्लाईओवर के निकट की है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पीलीभीत में महिला को घर से उठा ले गया बाघ:घर से 600 मीटर दूर खेत में मिली लाश; तीन फोन किए, डेढ़ घंटे बाद पहुंचे वनकर्मी
