Lucknow News: फीस जमा न होने पर नहीं देने दी परीक्षा, छात्र ने फांसी लगाकर दी जान

Lucknow News: फीस जमा न होने पर नहीं देने दी परीक्षा, छात्र ने फांसी लगाकर दी जान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> लखनऊ के चिनहट इलाके में देवा रोड स्थित समर्पण कॉलेज ऑफ फार्मेसी के हॉस्टल में एक बीफार्मा के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक की पहचान रायबरेली के उधाबंध दुधवन गांव निवासी शुभम (22) के रूप में हुई है. बताया गया कि कॉलेज प्रशासन ने फीस न जमा होने के कारण उसे प्रायोगिक परीक्षा में बैठने से रोक दिया था. इसी से आहत होकर शुभम ने देर रात हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना की जानकारी मिलते ही कॉलेज के अन्य छात्र मौके पर पहुंच गए और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया. छात्र कॉलेज प्रशासन पर लगातार लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. वहीं कॉलेज चेयरमैन ने इस पूरे मामले की जानकारी से इनकार करते हुए कहा कि इसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया कि शुभम बीफार्मा का छात्र था और देवा रोड स्थित कॉलेज के हॉस्टल में कमरा नंबर 109 में रहता था. बुधवार को उसकी प्रायोगिक परीक्षा थी. आरोप है कि हॉस्टल की फीस जमा न होने के कारण कॉलेज प्रशासन ने उसे परीक्षा देने से रोक दिया. इसी से दुखी होकर उसने अपने कमरे में फांसी लगा ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौके से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. उसमें लिखा है, &ldquo;मैंने कॉलेज में फीस जमा की थी, लेकिन सिस्टम में पेंडिंग दिखा रही है. पता नहीं मेरे दोस्त क्या सोचेंगे. सभी लोग मुझे माफ करना, आहत होकर जान दे रहा हूं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर पुलिस उपायुक्त पंकज सिंह ने बताया कि छात्र के सुसाइड नोट की लिखावट कई जगह साफ नहीं है. इसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है. परिजन जो भी शिकायत देंगे, उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि छात्र के कुछ ड्यूज बाकी थे. अकाउंटेंट ने उसे टोका था. परिजन इस बात से आहत हैं कि फीस जमा होने के बावजूद छात्र को प्रैक्टिकल में नहीं बैठने दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि देशभर में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में फीस जमा न होने पर छात्रों को कई बार मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल देशभर में हजारों छात्र आत्महत्या कर लेते हैं. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे मामले होते हैं, जहां फीस, परीक्षा में असफलता या पारिवारिक दबाव वजह बनते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> लखनऊ के चिनहट इलाके में देवा रोड स्थित समर्पण कॉलेज ऑफ फार्मेसी के हॉस्टल में एक बीफार्मा के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक की पहचान रायबरेली के उधाबंध दुधवन गांव निवासी शुभम (22) के रूप में हुई है. बताया गया कि कॉलेज प्रशासन ने फीस न जमा होने के कारण उसे प्रायोगिक परीक्षा में बैठने से रोक दिया था. इसी से आहत होकर शुभम ने देर रात हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना की जानकारी मिलते ही कॉलेज के अन्य छात्र मौके पर पहुंच गए और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया. छात्र कॉलेज प्रशासन पर लगातार लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. वहीं कॉलेज चेयरमैन ने इस पूरे मामले की जानकारी से इनकार करते हुए कहा कि इसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया कि शुभम बीफार्मा का छात्र था और देवा रोड स्थित कॉलेज के हॉस्टल में कमरा नंबर 109 में रहता था. बुधवार को उसकी प्रायोगिक परीक्षा थी. आरोप है कि हॉस्टल की फीस जमा न होने के कारण कॉलेज प्रशासन ने उसे परीक्षा देने से रोक दिया. इसी से दुखी होकर उसने अपने कमरे में फांसी लगा ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौके से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. उसमें लिखा है, &ldquo;मैंने कॉलेज में फीस जमा की थी, लेकिन सिस्टम में पेंडिंग दिखा रही है. पता नहीं मेरे दोस्त क्या सोचेंगे. सभी लोग मुझे माफ करना, आहत होकर जान दे रहा हूं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर पुलिस उपायुक्त पंकज सिंह ने बताया कि छात्र के सुसाइड नोट की लिखावट कई जगह साफ नहीं है. इसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है. परिजन जो भी शिकायत देंगे, उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि छात्र के कुछ ड्यूज बाकी थे. अकाउंटेंट ने उसे टोका था. परिजन इस बात से आहत हैं कि फीस जमा होने के बावजूद छात्र को प्रैक्टिकल में नहीं बैठने दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि देशभर में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में फीस जमा न होने पर छात्रों को कई बार मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल देशभर में हजारों छात्र आत्महत्या कर लेते हैं. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे मामले होते हैं, जहां फीस, परीक्षा में असफलता या पारिवारिक दबाव वजह बनते हैं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चारधाम यात्रा के 34 दिनों में 8 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए बाबा केदार के दर्शन, अब भी लंबी कतार