शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा की आज संगरूर के पैतृक गांव में अंतिम अरदास हुई। इसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर नेताओं ने जनता को संबोधित किया और ढींडसा को श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अकाली दल के नेताओं से अहंकार त्याग कर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “आज एक मजबूत पंथक पार्टी ही पंथ, पंजाब और पूरे देश की जरूरत है। सभी अकाली गुटों को आपसी मतभेद और अहंकार त्याग कर पंथ और राष्ट्रीय हितों के लिए एक मंच पर आना चाहिए। यही सुखदेव सिंह ढींडसा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आपसी मतभेद के कारण पंजाब की महान विरासत किसी और के हाथ में न जाए, क्योंकि इसका खामियाजा पंथ, पंजाब और देश को भुगतना पड़ सकता है। इससे पहले प्रधानमंत्री का शोक संदेश भी पढ़ा गया। ढींडसा साहब की इच्छा थी अकाली दल एकजुट हो शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने भी अपने संबोधन में कहा, “ढींडसा साहब की इच्छा थी कि अकाली दल के सभी गुट एकजुट हों। पिछली बैठक में उन्होंने पंथक एकता के संबंध में जो विचार मेरे साथ साझा किए थे, मैं उन्हें लागू कर रहा हूं। और सभी से अपील करता हूं कि पंथ और पंजाब के कल्याण के लिए एकजुट हों। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” इस अवसर पर प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, हंसराज हंस, सुखजिंदर सिंह रंधावा, अमन अरोड़ा, गुरमीत सिंह खुडिया समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। और उन्होंने भी अपने विचार साझा किए। याद रहे सुखदेव सिंह ढींडसा का 89 साल की उम्र में 28 मई को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने मोहाली के अस्पताल में अंतिम सांस ली। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा की आज संगरूर के पैतृक गांव में अंतिम अरदास हुई। इसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर नेताओं ने जनता को संबोधित किया और ढींडसा को श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अकाली दल के नेताओं से अहंकार त्याग कर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “आज एक मजबूत पंथक पार्टी ही पंथ, पंजाब और पूरे देश की जरूरत है। सभी अकाली गुटों को आपसी मतभेद और अहंकार त्याग कर पंथ और राष्ट्रीय हितों के लिए एक मंच पर आना चाहिए। यही सुखदेव सिंह ढींडसा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आपसी मतभेद के कारण पंजाब की महान विरासत किसी और के हाथ में न जाए, क्योंकि इसका खामियाजा पंथ, पंजाब और देश को भुगतना पड़ सकता है। इससे पहले प्रधानमंत्री का शोक संदेश भी पढ़ा गया। ढींडसा साहब की इच्छा थी अकाली दल एकजुट हो शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने भी अपने संबोधन में कहा, “ढींडसा साहब की इच्छा थी कि अकाली दल के सभी गुट एकजुट हों। पिछली बैठक में उन्होंने पंथक एकता के संबंध में जो विचार मेरे साथ साझा किए थे, मैं उन्हें लागू कर रहा हूं। और सभी से अपील करता हूं कि पंथ और पंजाब के कल्याण के लिए एकजुट हों। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” इस अवसर पर प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, हंसराज हंस, सुखजिंदर सिंह रंधावा, अमन अरोड़ा, गुरमीत सिंह खुडिया समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। और उन्होंने भी अपने विचार साझा किए। याद रहे सुखदेव सिंह ढींडसा का 89 साल की उम्र में 28 मई को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने मोहाली के अस्पताल में अंतिम सांस ली। पंजाब | दैनिक भास्कर
