हरियाणा सहित तीन राज्यों चंडीगढ़ और पंजाब में कबूतरों की रेस को लेकर पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पेटा ने हरियाणा सहित पंजाब और चंडीगढ़ में ऐसे 33 कबूतरों की रेस पर रोक लगवा दी। तीनों राज्यों के 20 जिलों में पेटा के द्वारा ये कार्रवाई अंजाम दी गई। हाल ही में फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना और संगरूर में तीन कार्यक्रम रोक दिए गए। 2020 को लेटर चुका पेटा अपनी शिकायत में, पेटा इंडिया ने बताया कि पंजाब के मुख्य सचिव को दिसंबर 2020 में भेजे गए पत्र के अनुसार, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने कहा था कि अनिवार्य रूप से सभी पशु दौड़, जिसमें कबूतरबाजी भी शामिल है, पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 के तहत प्रतिबंधित है, और इस तरह के आयोजनों को अवैध घोषित किया है। पत्र में चेतावनी दी गई थी कि इस तरह के तमाशे आयोजित करना अदालत की अवमानना है और कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ऐसी गतिविधियों के लिए किसी भी अनुमति या निर्देश को वापस लेने का आग्रह किया गया था। इस एक्ट के तहत कबूतरबाजी रेस अवैध इसके अतिरिक्त, ऐसे आयोजनों से भारतीय न्याय संहिता, 2023 और पीसीए अधिनियम, 1960 के कई प्रावधानों का उल्लंघन होता है, जो जानवरों को अनावश्यक पीड़ा पहुंचाने पर रोक लगाते हैं। शिकायत में यह भी बताया गया कि पीसीए अधिनियम, 1960, विशेष रूप से धारा 11 (1) (एम) (ii), जानवरों को अन्य जानवरों से लड़ने के लिए उकसाने को अपराध मानता है (कबूतरबाजी में कबूतरों के समूहों को प्रतिस्पर्धा के लिए उकसाना शामिल है)। हरियाणा सहित तीन राज्यों चंडीगढ़ और पंजाब में कबूतरों की रेस को लेकर पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पेटा ने हरियाणा सहित पंजाब और चंडीगढ़ में ऐसे 33 कबूतरों की रेस पर रोक लगवा दी। तीनों राज्यों के 20 जिलों में पेटा के द्वारा ये कार्रवाई अंजाम दी गई। हाल ही में फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना और संगरूर में तीन कार्यक्रम रोक दिए गए। 2020 को लेटर चुका पेटा अपनी शिकायत में, पेटा इंडिया ने बताया कि पंजाब के मुख्य सचिव को दिसंबर 2020 में भेजे गए पत्र के अनुसार, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने कहा था कि अनिवार्य रूप से सभी पशु दौड़, जिसमें कबूतरबाजी भी शामिल है, पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 के तहत प्रतिबंधित है, और इस तरह के आयोजनों को अवैध घोषित किया है। पत्र में चेतावनी दी गई थी कि इस तरह के तमाशे आयोजित करना अदालत की अवमानना है और कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ऐसी गतिविधियों के लिए किसी भी अनुमति या निर्देश को वापस लेने का आग्रह किया गया था। इस एक्ट के तहत कबूतरबाजी रेस अवैध इसके अतिरिक्त, ऐसे आयोजनों से भारतीय न्याय संहिता, 2023 और पीसीए अधिनियम, 1960 के कई प्रावधानों का उल्लंघन होता है, जो जानवरों को अनावश्यक पीड़ा पहुंचाने पर रोक लगाते हैं। शिकायत में यह भी बताया गया कि पीसीए अधिनियम, 1960, विशेष रूप से धारा 11 (1) (एम) (ii), जानवरों को अन्य जानवरों से लड़ने के लिए उकसाने को अपराध मानता है (कबूतरबाजी में कबूतरों के समूहों को प्रतिस्पर्धा के लिए उकसाना शामिल है)। पंजाब | दैनिक भास्कर
