हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) में मंगलवार रात को खूब हंगामा हुआ। सिक्योरिटी गार्ड्स ने स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया गया। इसमें 20 से ज्यादा स्टूडेंट्स को चोटें आई हैं। इनमें से किसी का सिर फुट गया तो किसी को हाथ व पीठ पर चोटें लगी हैं। ज्यादातर छात्रों को सिर पर चोटें लगी हैं। उनको इलाज के लिए रात को ही अस्पताल लाया गया। घायल छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड ने लाठियां भांजी है और उनके साथ अभद्रता भी की। यहां तक कि सिक्योरिटी गार्ड की ओर से स्टूडेंट्स को धमकी तक दी। कुछ छात्रों को सिर पर गहरी चोट लगी है। ऐसे में घायल छात्रों ने पुलिस को भी सूचना दे दी है। यह घटना एचएयू में वीसी आवास की है। खास बात है कि उस समय पुलिस भी मौजूद नहीं थी और न ही कोई सूचना थी। वहां पर इसको लेकर न ही कोई ड्यूटी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई थी। इसके बावजूद एचएयू की सिक्योरिटी गार्ड ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। सूचना मिलने पर घायल छात्रों के परिजन भी रात को अस्पताल में पहुंचे। वही, पुलिस का कहना है कि उनके पास कोई सूचना नहीं थी। सिक्योरिटी गार्ड लाठीचार्ज नहीं सकती। जब एडवोकेट से बात की तो बोले कि सिक्योरिटी गार्डों पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, यूनिवर्सिटी अधिकारी इस मामले से अपने आप को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कोई न फोन उठा रहे तो न जवाब दे रहें। वीसी कार्यालय के बाहर हुई मारपीट यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी वीसी कार्यालय के बाहर छात्रों से सिक्योरिटी गार्ड द्वारा की गई मारपीट में कार्रवाई की मांग को लेकर वीसी आवास गए थे। वहां पर एचएयू के सिक्योरिटी गार्ड भारी संख्या में मौजूद थे। छात्र मारपीट मामले में कार्रवाई की मांग काे लेकर वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठे थे और वीसी से मिलने चाहते थे। मगर उनसे मिलने वीसी नहीं पहुंचे, जबकि यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिलने आए थे। छात्रों की मांग पर सुनवाई के बजाय प्रोफेसर और सिक्योरिटी गार्ड छात्रों पर ही तैश में आ गए। इस पर मामला बिगड़ गया। छात्र पक्ष की ओर से कार्रवाई की मांग की और उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इस बीच सिक्योरिटी गार्ड ने सीधा छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। उस समय पुलिस नहीं थी, सिक्योरिटी नहीं कर सकती लाठीचार्ज सिविल लाइन थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि उस समय पुलिस नहीं थी। पुलिस की ओर से कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया है। सिक्योरिटी गार्ड लाठीचार्ज नहीं कर सकते। स्टूडेंट्स को भी चोटें आई है। घायलों के बयान दर्ज कर रहे हैं। जो उचित कार्रवाई होगी, वो की जाएगी। उपद्रव कर रहे थे तो पुलिस को बुलाते : एडवोकेट सिहाग हिसार से एडवोकेट योगेश सिहाग ने बताया कि यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर सकते हैं। उनको ही नहीं हर किसी को शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने का कानूनी अधिकार है। अगर आउटसाइडर है और उनके साथ यूनिवर्सिटी के छात्र या संगठन के छात्र नेता है तो भी वह प्रदर्शन कर सकते हैं। फिर भी सिक्योरिटी गार्ड की ओर से लाठी चार्ज किया गया है तो वह गलत है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई बनती है। अगर अलोकतांत्रिक या उपद्रव करते हैं तो पुलिस ही लाठीचार्ज कर सकती है। विस्तार से जानिए क्या था पूरा मामला स्कॉलरशिप नीति में बदलाव के विरोध में स्टूडेंट्स मंगलवार दोपहर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के लिए वाइस चांसलर (VC) कार्यालय गए थे। स्टूडेंट्स VC को अपना ज्ञापन सौंपने चाहते थे। इसके लिए वह वीसी कार्यालय में जाने लगे तो सिक्योरिटी गार्ड ने उनको गेट पर बाहर ही रोक लिया। इस दौरान एग्रीकल्चर के सभी स्टूडेंट्स वीसी कार्यालय गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए और मांगों को लेकर रोष जताने लगे। इसका यूनिवर्सिटी के बाकी स्टूडेंट्स और इनसो छात्र संगठन ने समर्थन भी किया। ऐसे में सिक्योरिटी गार्ड ने स्टूडेंट्स को धरने से उठाने के लिए उनको खदेड़ना शुरू कर दिया। इसका छात्रों ने रोष जताया ताे उनके बीच बहस हो गई। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड और स्टूडेंट्स के बीच झगड़े का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। थप्पड़ और मुक्के बरसाए वीडियो में सिक्योरिटी गार्ड स्टूडेंट्स को पकड़ दूर ले जाते और उनके पीछे भागते हुए मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में सिक्योरिटी गार्ड स्टूडेंट्स पर थप्पड़ बरसाते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक छात्र का दो सिक्योरिटी गार्ड कलर पकड़े हुए हैं और दो सिक्योरिटी गार्ड उस पर थप्पड़ और मुक्के बरसाते हुए दिखाई दे रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि सिक्योरिटी गार्ड ने छात्रों को पीटा है। स्कॉलरशिप नीति में बदलाव का विरोध कर रहे छात्र छात्रों के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप नीति में बदलाव कर दिया है। एक तरह से स्कॉलरशिप पर कैप लगा दी है। पहले पीजी और पीएचडी के स्टूडेंट्स को 75 प्रतिशत से अधिक अंक लेने पर स्कॉलरशिप मिलती थी। पीजी के स्टूडेंट्स को 6 हजार और पीएचडी वालों को 10 हजार रुपए स्कॉलरशिप मिलती थी। मगर अब यूनिवर्सिटी ने नया आदेश लागू किया है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक नंबर लेने वाले सभी छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। इसके बजाय कुल स्टूडेंट्स में से 25 प्रतिशत को ही स्कॉलरशिप मिलेगी। ऐसे में बाकी स्टूडेंट्स लाभ से वंचित रह जाएंगे। छात्रों की मांग है कि पहले वाला नियम रहे। 75 प्रतिशत से अधिक अंक वाले सभी को स्कॉलरशिप मिलनी चाहिए। छात्रों को धक्का मारा, पीटा और लात-घूंसे मारे इनसो जिलाध्यक्ष अज्जू घनघस ने मीडिया को बताया कि यूनिवर्सिटी में आज जो घटना हुई है, वो निंदनीय है। अपने हक की मांग कर रहे छात्रों को VC साहब से मिलने की बजाय सिक्योरिटी गार्ड्स से पिटवाया गया। छात्र बस इतना चाहते थे कि VC उनसे मिलकर उनकी बात सुने, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बातचीत करने के बजाय छात्रों पर सिक्योरिटी छोड़ दी। कई छात्रों को धक्का दिया गया, बाल पकड़कर खींचा गया और लात-घूंसे मारे गए। रात को छात्रों पर सिक्योरिटी गार्ड ने लाठीचार्ज तक किया। कई छात्रों के सिर फुट गए। उन्हें शर्म आनी चाहिए। ये यूनिवर्सिटी छात्रों की है, ना कि किसी तानाशाह VC की। अगर प्रशासन ने माफी नहीं मांगी तो आंदोलन और तेज होगा। विवि प्रशासन ने जारी किया अपना पक्ष हालांकि, मंगलवार दोपहर को यह मामला होने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मीडिया को अपना बयान भी जारी किया था। उसके अनुसार, आज कुछ छात्रों ने स्कॉलरशिप की मांग के लिए ने नारे लगाते हुए वीसी ऑफिस में घुसने की कोशिश की। वहां खड़े सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो छात्रों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी वर्दी भी फाड़ दी। सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को खदेड़ने की कोशिश की। पूर्व में इसी मुद्दे पर कुलपति ने छात्रों से मिलने के बाद उनकी मांग पर एक कमेटी का गठन किया था, परंतु छात्रों ने कमेटी से बैठक नहीं की। हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) में मंगलवार रात को खूब हंगामा हुआ। सिक्योरिटी गार्ड्स ने स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया गया। इसमें 20 से ज्यादा स्टूडेंट्स को चोटें आई हैं। इनमें से किसी का सिर फुट गया तो किसी को हाथ व पीठ पर चोटें लगी हैं। ज्यादातर छात्रों को सिर पर चोटें लगी हैं। उनको इलाज के लिए रात को ही अस्पताल लाया गया। घायल छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड ने लाठियां भांजी है और उनके साथ अभद्रता भी की। यहां तक कि सिक्योरिटी गार्ड की ओर से स्टूडेंट्स को धमकी तक दी। कुछ छात्रों को सिर पर गहरी चोट लगी है। ऐसे में घायल छात्रों ने पुलिस को भी सूचना दे दी है। यह घटना एचएयू में वीसी आवास की है। खास बात है कि उस समय पुलिस भी मौजूद नहीं थी और न ही कोई सूचना थी। वहां पर इसको लेकर न ही कोई ड्यूटी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई थी। इसके बावजूद एचएयू की सिक्योरिटी गार्ड ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। सूचना मिलने पर घायल छात्रों के परिजन भी रात को अस्पताल में पहुंचे। वही, पुलिस का कहना है कि उनके पास कोई सूचना नहीं थी। सिक्योरिटी गार्ड लाठीचार्ज नहीं सकती। जब एडवोकेट से बात की तो बोले कि सिक्योरिटी गार्डों पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, यूनिवर्सिटी अधिकारी इस मामले से अपने आप को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कोई न फोन उठा रहे तो न जवाब दे रहें। वीसी कार्यालय के बाहर हुई मारपीट यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी वीसी कार्यालय के बाहर छात्रों से सिक्योरिटी गार्ड द्वारा की गई मारपीट में कार्रवाई की मांग को लेकर वीसी आवास गए थे। वहां पर एचएयू के सिक्योरिटी गार्ड भारी संख्या में मौजूद थे। छात्र मारपीट मामले में कार्रवाई की मांग काे लेकर वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठे थे और वीसी से मिलने चाहते थे। मगर उनसे मिलने वीसी नहीं पहुंचे, जबकि यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिलने आए थे। छात्रों की मांग पर सुनवाई के बजाय प्रोफेसर और सिक्योरिटी गार्ड छात्रों पर ही तैश में आ गए। इस पर मामला बिगड़ गया। छात्र पक्ष की ओर से कार्रवाई की मांग की और उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इस बीच सिक्योरिटी गार्ड ने सीधा छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। उस समय पुलिस नहीं थी, सिक्योरिटी नहीं कर सकती लाठीचार्ज सिविल लाइन थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि उस समय पुलिस नहीं थी। पुलिस की ओर से कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया है। सिक्योरिटी गार्ड लाठीचार्ज नहीं कर सकते। स्टूडेंट्स को भी चोटें आई है। घायलों के बयान दर्ज कर रहे हैं। जो उचित कार्रवाई होगी, वो की जाएगी। उपद्रव कर रहे थे तो पुलिस को बुलाते : एडवोकेट सिहाग हिसार से एडवोकेट योगेश सिहाग ने बताया कि यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर सकते हैं। उनको ही नहीं हर किसी को शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने का कानूनी अधिकार है। अगर आउटसाइडर है और उनके साथ यूनिवर्सिटी के छात्र या संगठन के छात्र नेता है तो भी वह प्रदर्शन कर सकते हैं। फिर भी सिक्योरिटी गार्ड की ओर से लाठी चार्ज किया गया है तो वह गलत है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई बनती है। अगर अलोकतांत्रिक या उपद्रव करते हैं तो पुलिस ही लाठीचार्ज कर सकती है। विस्तार से जानिए क्या था पूरा मामला स्कॉलरशिप नीति में बदलाव के विरोध में स्टूडेंट्स मंगलवार दोपहर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के लिए वाइस चांसलर (VC) कार्यालय गए थे। स्टूडेंट्स VC को अपना ज्ञापन सौंपने चाहते थे। इसके लिए वह वीसी कार्यालय में जाने लगे तो सिक्योरिटी गार्ड ने उनको गेट पर बाहर ही रोक लिया। इस दौरान एग्रीकल्चर के सभी स्टूडेंट्स वीसी कार्यालय गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए और मांगों को लेकर रोष जताने लगे। इसका यूनिवर्सिटी के बाकी स्टूडेंट्स और इनसो छात्र संगठन ने समर्थन भी किया। ऐसे में सिक्योरिटी गार्ड ने स्टूडेंट्स को धरने से उठाने के लिए उनको खदेड़ना शुरू कर दिया। इसका छात्रों ने रोष जताया ताे उनके बीच बहस हो गई। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड और स्टूडेंट्स के बीच झगड़े का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। थप्पड़ और मुक्के बरसाए वीडियो में सिक्योरिटी गार्ड स्टूडेंट्स को पकड़ दूर ले जाते और उनके पीछे भागते हुए मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में सिक्योरिटी गार्ड स्टूडेंट्स पर थप्पड़ बरसाते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक छात्र का दो सिक्योरिटी गार्ड कलर पकड़े हुए हैं और दो सिक्योरिटी गार्ड उस पर थप्पड़ और मुक्के बरसाते हुए दिखाई दे रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि सिक्योरिटी गार्ड ने छात्रों को पीटा है। स्कॉलरशिप नीति में बदलाव का विरोध कर रहे छात्र छात्रों के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप नीति में बदलाव कर दिया है। एक तरह से स्कॉलरशिप पर कैप लगा दी है। पहले पीजी और पीएचडी के स्टूडेंट्स को 75 प्रतिशत से अधिक अंक लेने पर स्कॉलरशिप मिलती थी। पीजी के स्टूडेंट्स को 6 हजार और पीएचडी वालों को 10 हजार रुपए स्कॉलरशिप मिलती थी। मगर अब यूनिवर्सिटी ने नया आदेश लागू किया है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक नंबर लेने वाले सभी छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। इसके बजाय कुल स्टूडेंट्स में से 25 प्रतिशत को ही स्कॉलरशिप मिलेगी। ऐसे में बाकी स्टूडेंट्स लाभ से वंचित रह जाएंगे। छात्रों की मांग है कि पहले वाला नियम रहे। 75 प्रतिशत से अधिक अंक वाले सभी को स्कॉलरशिप मिलनी चाहिए। छात्रों को धक्का मारा, पीटा और लात-घूंसे मारे इनसो जिलाध्यक्ष अज्जू घनघस ने मीडिया को बताया कि यूनिवर्सिटी में आज जो घटना हुई है, वो निंदनीय है। अपने हक की मांग कर रहे छात्रों को VC साहब से मिलने की बजाय सिक्योरिटी गार्ड्स से पिटवाया गया। छात्र बस इतना चाहते थे कि VC उनसे मिलकर उनकी बात सुने, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बातचीत करने के बजाय छात्रों पर सिक्योरिटी छोड़ दी। कई छात्रों को धक्का दिया गया, बाल पकड़कर खींचा गया और लात-घूंसे मारे गए। रात को छात्रों पर सिक्योरिटी गार्ड ने लाठीचार्ज तक किया। कई छात्रों के सिर फुट गए। उन्हें शर्म आनी चाहिए। ये यूनिवर्सिटी छात्रों की है, ना कि किसी तानाशाह VC की। अगर प्रशासन ने माफी नहीं मांगी तो आंदोलन और तेज होगा। विवि प्रशासन ने जारी किया अपना पक्ष हालांकि, मंगलवार दोपहर को यह मामला होने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मीडिया को अपना बयान भी जारी किया था। उसके अनुसार, आज कुछ छात्रों ने स्कॉलरशिप की मांग के लिए ने नारे लगाते हुए वीसी ऑफिस में घुसने की कोशिश की। वहां खड़े सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो छात्रों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी वर्दी भी फाड़ दी। सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को खदेड़ने की कोशिश की। पूर्व में इसी मुद्दे पर कुलपति ने छात्रों से मिलने के बाद उनकी मांग पर एक कमेटी का गठन किया था, परंतु छात्रों ने कमेटी से बैठक नहीं की। हरियाणा | दैनिक भास्कर
