<p style=”text-align: justify;”><strong>Devkinandan Thakur on Banke Bihari Mandir Corridor:</strong> वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर पर बन रहे कॉरिडोर को लेकर प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमारा तिरुपति बालाजी मंदिर में जो कांड हुआ उसके बाद स्पष्ट हो गया कि कोई भी मंदिर सरकार के अधीन नहीं होना चाहिए, किसी भी मंदिर में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मंदिर के बाहर आने वाले यात्रियों की व्यवस्था सरकार और प्रशासन के लोगों को ही सुनिश्चित करनी चाहिए यह उनका दायित्व है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जब भी नमाज पढ़ी जाती है तो प्रशासन सड़क पर नमाज अदा करवाता है. बाकी के ट्रैफिक को इधर-उधर डायवर्ट कर देता है, जब उन्हें नमाज सड़क पर पड़वाने में प्रशासन लग जाता है तो अन्य मंदिरों में दर्शन करने में प्रशासन सहयोग क्यों नहीं करता है. रास्ता चौड़ा हो, गलियारे चौड़े हो, प्रधान रास्ता चौड़ा हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि वृंदावन में हमारे आचार्य गण पैरों में पादुका नहीं पहनते थे. आज VIP की ऐसी लाइन लगी है वह यह चाहते हैं कि बिहारी जी के दरवाजे पर हमारी गाड़ी रुके. आप अगर भगवान के दर्शन करने जा रहे हो तो शास्त्रीय विधान है, आप अपने पैरों से जूते उतार कर गाड़ी छोड़कर पैदल जाना चाहिए . क्योंकि आप भगवान से मिलने जा रहे हो उनके दर्शन करने जा रहे हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत का कोई भी मंदिर सरकार के अधीन ना हो- देवकीनंदन ठाकुर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि सनातन बोर्ड बने और भारत का कोई भी मंदिर सरकार के अधीन ना हो. वहां की परंपरा बची रहे वहां की व्यवस्थाएं बची रहें, वहां का जो कल्चर है वही बना रहे. वृंदावन में जो गलियारा बने वह दीवारों का गलियारा ना हो, वह सुंदर लता पता का गलियारा हो तुलसी का गलियारा हो वह ऐसी व्यवस्थाओं का गलियारा हो कि जब प्रवेश करें तो हमें पता लगे कि हम वृंदावन में प्रवेश कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निर्मल यमुना धारा बहती रहनी चाहिए- देवकीनंदन ठाकुर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वृंदावन की चारों तरफ की एंट्रियों पर ना तो मदिरा मिले ना मांस मिले. वृंदावन का अगर सही मायने में विकास करना है तो निर्मल यमुना धारा बहती रहनी चाहिए जिस यमुना की निर्मल धारा में बांके बिहारी जी स्नान करें यह सही मायने में वृंदावन का विकास होगा. हम अपनी सरकारों से यह आशा करते हैं अपेक्षा करते हैं अगर ऐसा विकास होगा तो हमारी सरकार भी बनी रहेगी और हमारी संस्कृति भी बनी रहेगी यही हम चाहते हैं राधे राधे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Devkinandan Thakur on Banke Bihari Mandir Corridor:</strong> वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर पर बन रहे कॉरिडोर को लेकर प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमारा तिरुपति बालाजी मंदिर में जो कांड हुआ उसके बाद स्पष्ट हो गया कि कोई भी मंदिर सरकार के अधीन नहीं होना चाहिए, किसी भी मंदिर में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मंदिर के बाहर आने वाले यात्रियों की व्यवस्था सरकार और प्रशासन के लोगों को ही सुनिश्चित करनी चाहिए यह उनका दायित्व है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जब भी नमाज पढ़ी जाती है तो प्रशासन सड़क पर नमाज अदा करवाता है. बाकी के ट्रैफिक को इधर-उधर डायवर्ट कर देता है, जब उन्हें नमाज सड़क पर पड़वाने में प्रशासन लग जाता है तो अन्य मंदिरों में दर्शन करने में प्रशासन सहयोग क्यों नहीं करता है. रास्ता चौड़ा हो, गलियारे चौड़े हो, प्रधान रास्ता चौड़ा हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि वृंदावन में हमारे आचार्य गण पैरों में पादुका नहीं पहनते थे. आज VIP की ऐसी लाइन लगी है वह यह चाहते हैं कि बिहारी जी के दरवाजे पर हमारी गाड़ी रुके. आप अगर भगवान के दर्शन करने जा रहे हो तो शास्त्रीय विधान है, आप अपने पैरों से जूते उतार कर गाड़ी छोड़कर पैदल जाना चाहिए . क्योंकि आप भगवान से मिलने जा रहे हो उनके दर्शन करने जा रहे हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत का कोई भी मंदिर सरकार के अधीन ना हो- देवकीनंदन ठाकुर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि सनातन बोर्ड बने और भारत का कोई भी मंदिर सरकार के अधीन ना हो. वहां की परंपरा बची रहे वहां की व्यवस्थाएं बची रहें, वहां का जो कल्चर है वही बना रहे. वृंदावन में जो गलियारा बने वह दीवारों का गलियारा ना हो, वह सुंदर लता पता का गलियारा हो तुलसी का गलियारा हो वह ऐसी व्यवस्थाओं का गलियारा हो कि जब प्रवेश करें तो हमें पता लगे कि हम वृंदावन में प्रवेश कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निर्मल यमुना धारा बहती रहनी चाहिए- देवकीनंदन ठाकुर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वृंदावन की चारों तरफ की एंट्रियों पर ना तो मदिरा मिले ना मांस मिले. वृंदावन का अगर सही मायने में विकास करना है तो निर्मल यमुना धारा बहती रहनी चाहिए जिस यमुना की निर्मल धारा में बांके बिहारी जी स्नान करें यह सही मायने में वृंदावन का विकास होगा. हम अपनी सरकारों से यह आशा करते हैं अपेक्षा करते हैं अगर ऐसा विकास होगा तो हमारी सरकार भी बनी रहेगी और हमारी संस्कृति भी बनी रहेगी यही हम चाहते हैं राधे राधे.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड एयर इंडिया प्लेन क्रैश में गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी की मौत, CR पाटिल ने जताया शोक
‘प्रशासन सड़क पर नमाज अदा…’, बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के विरोध में उतरे देवकीनंदन ठाकुर
