काशी में मोरारी बापू का विरोध:लोग बोले- सूतक काल में आप कथा करने आए; बापू ने कहा- भजन करना, सकून है न कि सूतक

काशी में मोरारी बापू का विरोध:लोग बोले- सूतक काल में आप कथा करने आए; बापू ने कहा- भजन करना, सकून है न कि सूतक

कथावाचक मोरारी बापू का काशी में विरोध हो रहा है। 2 दिन पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था। इस पर वाराणसी के सनातनी लोगों ने कहा- घर के परिवार के सदस्य का निधन होने के बाद सूतक लग जाता है। इस काल में पूजा नहीं होती, दर्शन नहीं होता, कथा नहीं कही जाती। लेकिन, मोरारी बापू काशी में राम कथा करने आए हैं और बाबा विश्वनाथ के मंदिर भी गए। इस विरोध पर मोरारी बापू ने कहा- हम लोग वैष्णव हैं। जो लोग पूजा-पाठ करते हैं, उन पर ये लागू नहीं होता। भगवान भजन करना, इसमें सुकून है, न कि सूतक। इसमें विवाद नहीं करना चाहिए। हालांकि, गुस्साए लोगों ने गोदौलिया चौराहा के पास मोरारी बापू का पुतला जलाकर विरोध जताया। बापू पहुंचे काशी विश्वनाथ, 30 मिनट रहे
बता दें, शनिवार को रामकथा वाचक मोरारी बापू ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन किए। जलाभिषेक के बाद वह मंदिर परिसर में 30 मिनट तक रहे। मंदिर प्रबंधन ने उन्हें पूरे कैंपस के बारे में बताया। उन्हें अंगवस्त्र और प्रसाद दिया गया। इसके बाद मोरारी बापू रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में श्रीराम की कथा सुनाई। वाराणसी में उनकी कथा की थीम ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित है। वह 22 जून तक सिगरा के कन्वेंशन सेंटर में कथा सुनाएंगे। यहां 3 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। यह बापू की 958वीं राम कथा है‌। संत बोले- ये निंदनीय है…वो अर्थ की कामना कर रहे
इस पूरे मामले अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अपनी बात रखी। कहा- सूतक काल में कथा वाचक मोरारी बापू का कथा कहना घोर निंदनीय है। उन्हें इस काल में राम कथा नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने धर्म से ऊपर उठकर अर्थ की कामना से इस तरह का कृत्य करना गलत है। ये समाज के लिए निंदनीय है। इससे पहले उन्होंने यह जानते हुए भी कि 32 प्रकार की अग्नि होती है, उन्होंने चिता की अग्नि के सामने फेरे डलवाए थे। व्यास पीठ पर बैठकर अल्लाह-मौला करना उचित नहीं। मंगल का अमंगल से कनेक्शन जोड़ते हैं। स्वामी जितेंद्रानंद ने सवाल उठाए कि ब्रह्मनिष्ठ, ब्रह्मचारी और राजा को सूरत नहीं लगता, तो मोरारी बापू को बताना चाहिए वो किसमें आते हैं? सिर्फ संन्यास परंपरा में ही जीवित खुद का पिंडदान करता है। मोरारी बापू समाज को धोखा न दें, धर्म को धंधे में न बदलें, यही बेहतर होगा। राम कथा की पल-पल की अपडेशन के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…. कथावाचक मोरारी बापू का काशी में विरोध हो रहा है। 2 दिन पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था। इस पर वाराणसी के सनातनी लोगों ने कहा- घर के परिवार के सदस्य का निधन होने के बाद सूतक लग जाता है। इस काल में पूजा नहीं होती, दर्शन नहीं होता, कथा नहीं कही जाती। लेकिन, मोरारी बापू काशी में राम कथा करने आए हैं और बाबा विश्वनाथ के मंदिर भी गए। इस विरोध पर मोरारी बापू ने कहा- हम लोग वैष्णव हैं। जो लोग पूजा-पाठ करते हैं, उन पर ये लागू नहीं होता। भगवान भजन करना, इसमें सुकून है, न कि सूतक। इसमें विवाद नहीं करना चाहिए। हालांकि, गुस्साए लोगों ने गोदौलिया चौराहा के पास मोरारी बापू का पुतला जलाकर विरोध जताया। बापू पहुंचे काशी विश्वनाथ, 30 मिनट रहे
बता दें, शनिवार को रामकथा वाचक मोरारी बापू ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन किए। जलाभिषेक के बाद वह मंदिर परिसर में 30 मिनट तक रहे। मंदिर प्रबंधन ने उन्हें पूरे कैंपस के बारे में बताया। उन्हें अंगवस्त्र और प्रसाद दिया गया। इसके बाद मोरारी बापू रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में श्रीराम की कथा सुनाई। वाराणसी में उनकी कथा की थीम ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित है। वह 22 जून तक सिगरा के कन्वेंशन सेंटर में कथा सुनाएंगे। यहां 3 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। यह बापू की 958वीं राम कथा है‌। संत बोले- ये निंदनीय है…वो अर्थ की कामना कर रहे
इस पूरे मामले अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अपनी बात रखी। कहा- सूतक काल में कथा वाचक मोरारी बापू का कथा कहना घोर निंदनीय है। उन्हें इस काल में राम कथा नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने धर्म से ऊपर उठकर अर्थ की कामना से इस तरह का कृत्य करना गलत है। ये समाज के लिए निंदनीय है। इससे पहले उन्होंने यह जानते हुए भी कि 32 प्रकार की अग्नि होती है, उन्होंने चिता की अग्नि के सामने फेरे डलवाए थे। व्यास पीठ पर बैठकर अल्लाह-मौला करना उचित नहीं। मंगल का अमंगल से कनेक्शन जोड़ते हैं। स्वामी जितेंद्रानंद ने सवाल उठाए कि ब्रह्मनिष्ठ, ब्रह्मचारी और राजा को सूरत नहीं लगता, तो मोरारी बापू को बताना चाहिए वो किसमें आते हैं? सिर्फ संन्यास परंपरा में ही जीवित खुद का पिंडदान करता है। मोरारी बापू समाज को धोखा न दें, धर्म को धंधे में न बदलें, यही बेहतर होगा। राम कथा की पल-पल की अपडेशन के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए….   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर