यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना शनिवार को मथुरा के वृंदावन पहुंचे। उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में मुलाकात की। दंडवत होकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान दोनों के बीच 1 मिनट 20 सेकेंड तक बातचीत हुई। सतीश महाना ने अपना परिचय देते हुए बताया, आपका गांव मेरी विधानसभा में आता है। इस पर संत प्रेमानंद हंसने लगे। अपने बचपन को याद करते हुए संत प्रेमानंद ने कहा, बालपन वहीं बीता। प्रेमानंद महाराज ने पूछा, भगवान का नाम का जप करते हो? इस पर सतीश महाना ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने कहा-स्वस्थ रहिए। खूब नाम जप करिए। जो पद मिले, बिना किसी लोभ और डर के राष्ट्र और समाज की सेवा करिए। यही भगवान की पूजा है। निरंतर उनके नाम का जाप करते रहिए। मुलाकात की तीन तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए… सतीश महाना और प्रेमानंद महाराज के बीच हुई पूरी बातचीत सतीश महाना: महाराज जी, मैं सतीश महाना हूं। आपकी सेवा में उपस्थित हुआ हूं। मैं महाराजपुर से विधायक हूं। आपका गांव अखरी मेरी विधानसभा क्षेत्र में आता है। प्रेमानंद: अच्छा, वहीं से मेरा बालपन और सबकुछ शुरू हुआ था। वहीं से फिर गंगा किनारे से हरिद्वार और काशी यही में क्षेत्र रहा है। मेरा शुरुआत का जीवन वहीं पर बीता है। सतीश महाना: मेरा सौभाग्य है कि आखरी गांव मेरी विधानसभा में है। प्रेमानंद: हंसते हुए बोले-अच्छा। सतीश महाना: बड़े गर्व से कहता हूं। महाराज जी की जन्मस्थान की सेवा करने का मुझे अवसर मिला है। प्रेमानंद: भगवान के नाम का जप करते हो। सतीश महाना: जी महाराज, उसका बिना तो एक क्षण नहीं बीतता। प्रेमानंद: भगवान के नाम का जप करते रहिए। सतीश महाना: महाराज जी मेरी बहुत दिनों से इच्छा थी आपके दर्शन करुं। आज वो इच्छा पूरी हुई। प्रेमानंद: खूब स्वस्थ रहिए। भगवान का जप करिए। जो पद मिले बिना किसी लोभ और भय के लोगों की सेवा करिए। विराट कोहली पत्नी समेत कर चुके हैं मुलाकात
इससे पहले विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अगले दिन 14 मई, 2025 को मथुरा के वृंदावन पहुंचे थे। पत्नी अनुष्का शर्मा भी उनके साथ थीं। दोनों सुबह प्रेमानंद महाराज के केली कुंज आश्रम पहुंचे। दोनों ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो? इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सबकुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। प्रेमानंद महाराज ने विराट-अनुष्का से करीब 7 मिनट बातचीत की
विराट और अनुष्का मथुरा के होटल रेडिसन में ठहरे हुए थे। दोनों सुबह 7.20 बजे प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक दोनों ने महाराज से करीब 7 मिनट तक अकेले में भी बातचीत की। प्रेमानंद आश्रम की तरफ से इस मुलाकात का पूरा वीडियो भी जारी किया गया है। विराट-अनुष्का की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात का पूरा वीडियो यहां देखें… प्रेमानंद महाराज के आश्रम में विराट-अनुष्का की 3 तस्वीरें… विराट-अनुष्का 2 घंटे 20 मिनट आश्रम में रहे
प्रेमानंद महाराज के आश्रम से जाने के करीब आधे घंटे बाद विराट-अनुष्का लौटे। आश्रम में 2 घंटे 20 मिनट ठहरकर वे सुबह 9.40 बजे वहां से निकले। इस दौरान दोनों ने आश्रम के कामकाज को देखा-समझा। महाराज बोले- भगवान की कृपा से अंदर का चिंतन बदलेगा
प्रेमानंद महाराज ने कहा- वैभव मिलना कृपा नहीं है। यह पुण्य है। भगवान की कृपा अंदर का चिंतन बदलना है। इससे आपके अनंत जन्मों के संस्कार भस्म होते हैं और अगला जन्म बड़ा उत्तम होता है। भगवान जब कृपा करते हैं तो संत समागम देते हैं। दूसरी कृपा जब होती है तो विपरीतता देते हैं और फिर अंदर से एक रास्ता देते हैं। यह शांति का रास्ता नहीं। भगवान वो रास्ता देते हैं और जीव को अपने पास बुला लेते हैं। बिना प्रतिकूलता के संसार का राग नष्ट नहीं होता। जितने बड़े महापुरुष हुए, सबने प्रतिकूलता देखी
महाराज ने कहा- भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला है, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। तो कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग में चलने की प्रेरणा मिल रही है। प्रेमानंद महाराज के बारे में जानिए… प्रेमानंद महाराज के संत बनने की कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से शुरू होती है। यहां एक तहसील है नरवल, जिसके अखरी गांव में प्रेमानंद का जन्म हुआ। उनके पिता शंभू नारायण पांडेय और मां रामा देवी हैं। वह 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था। पिता शंभू पुरोहित का काम करते थे। अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक थे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से देखा-सुना करते थे। आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन 4 महीने में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। ————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- पिता का शव ले जा रहे…बेटे समेत 5 की मौत:अमेठी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एंबुलेंस की टक्कर, लखनऊ से बिहार जा रहे थे अमेठी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर रविवार सुबह साढ़े पांच बजे पिकअप के पीछे से एम्बुलेंस जा टकराई। एम्बुलेंस की रफ्तार 150 किमी प्रति घंटे थी। हादसे में एम्बुलेंस सवार 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। बेटा दो रिश्तेदारों के साथ एम्बुलेंस से पिता का शव लेकर हरियाणा से बिहार जा रहा था। पिता की भी मौत सड़क हादसे में ही हुई थी। पूरी खबर पढ़ें… यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना शनिवार को मथुरा के वृंदावन पहुंचे। उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में मुलाकात की। दंडवत होकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान दोनों के बीच 1 मिनट 20 सेकेंड तक बातचीत हुई। सतीश महाना ने अपना परिचय देते हुए बताया, आपका गांव मेरी विधानसभा में आता है। इस पर संत प्रेमानंद हंसने लगे। अपने बचपन को याद करते हुए संत प्रेमानंद ने कहा, बालपन वहीं बीता। प्रेमानंद महाराज ने पूछा, भगवान का नाम का जप करते हो? इस पर सतीश महाना ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने कहा-स्वस्थ रहिए। खूब नाम जप करिए। जो पद मिले, बिना किसी लोभ और डर के राष्ट्र और समाज की सेवा करिए। यही भगवान की पूजा है। निरंतर उनके नाम का जाप करते रहिए। मुलाकात की तीन तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए… सतीश महाना और प्रेमानंद महाराज के बीच हुई पूरी बातचीत सतीश महाना: महाराज जी, मैं सतीश महाना हूं। आपकी सेवा में उपस्थित हुआ हूं। मैं महाराजपुर से विधायक हूं। आपका गांव अखरी मेरी विधानसभा क्षेत्र में आता है। प्रेमानंद: अच्छा, वहीं से मेरा बालपन और सबकुछ शुरू हुआ था। वहीं से फिर गंगा किनारे से हरिद्वार और काशी यही में क्षेत्र रहा है। मेरा शुरुआत का जीवन वहीं पर बीता है। सतीश महाना: मेरा सौभाग्य है कि आखरी गांव मेरी विधानसभा में है। प्रेमानंद: हंसते हुए बोले-अच्छा। सतीश महाना: बड़े गर्व से कहता हूं। महाराज जी की जन्मस्थान की सेवा करने का मुझे अवसर मिला है। प्रेमानंद: भगवान के नाम का जप करते हो। सतीश महाना: जी महाराज, उसका बिना तो एक क्षण नहीं बीतता। प्रेमानंद: भगवान के नाम का जप करते रहिए। सतीश महाना: महाराज जी मेरी बहुत दिनों से इच्छा थी आपके दर्शन करुं। आज वो इच्छा पूरी हुई। प्रेमानंद: खूब स्वस्थ रहिए। भगवान का जप करिए। जो पद मिले बिना किसी लोभ और भय के लोगों की सेवा करिए। विराट कोहली पत्नी समेत कर चुके हैं मुलाकात
इससे पहले विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अगले दिन 14 मई, 2025 को मथुरा के वृंदावन पहुंचे थे। पत्नी अनुष्का शर्मा भी उनके साथ थीं। दोनों सुबह प्रेमानंद महाराज के केली कुंज आश्रम पहुंचे। दोनों ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो? इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सबकुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। प्रेमानंद महाराज ने विराट-अनुष्का से करीब 7 मिनट बातचीत की
विराट और अनुष्का मथुरा के होटल रेडिसन में ठहरे हुए थे। दोनों सुबह 7.20 बजे प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक दोनों ने महाराज से करीब 7 मिनट तक अकेले में भी बातचीत की। प्रेमानंद आश्रम की तरफ से इस मुलाकात का पूरा वीडियो भी जारी किया गया है। विराट-अनुष्का की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात का पूरा वीडियो यहां देखें… प्रेमानंद महाराज के आश्रम में विराट-अनुष्का की 3 तस्वीरें… विराट-अनुष्का 2 घंटे 20 मिनट आश्रम में रहे
प्रेमानंद महाराज के आश्रम से जाने के करीब आधे घंटे बाद विराट-अनुष्का लौटे। आश्रम में 2 घंटे 20 मिनट ठहरकर वे सुबह 9.40 बजे वहां से निकले। इस दौरान दोनों ने आश्रम के कामकाज को देखा-समझा। महाराज बोले- भगवान की कृपा से अंदर का चिंतन बदलेगा
प्रेमानंद महाराज ने कहा- वैभव मिलना कृपा नहीं है। यह पुण्य है। भगवान की कृपा अंदर का चिंतन बदलना है। इससे आपके अनंत जन्मों के संस्कार भस्म होते हैं और अगला जन्म बड़ा उत्तम होता है। भगवान जब कृपा करते हैं तो संत समागम देते हैं। दूसरी कृपा जब होती है तो विपरीतता देते हैं और फिर अंदर से एक रास्ता देते हैं। यह शांति का रास्ता नहीं। भगवान वो रास्ता देते हैं और जीव को अपने पास बुला लेते हैं। बिना प्रतिकूलता के संसार का राग नष्ट नहीं होता। जितने बड़े महापुरुष हुए, सबने प्रतिकूलता देखी
महाराज ने कहा- भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला है, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। तो कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग में चलने की प्रेरणा मिल रही है। प्रेमानंद महाराज के बारे में जानिए… प्रेमानंद महाराज के संत बनने की कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से शुरू होती है। यहां एक तहसील है नरवल, जिसके अखरी गांव में प्रेमानंद का जन्म हुआ। उनके पिता शंभू नारायण पांडेय और मां रामा देवी हैं। वह 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था। पिता शंभू पुरोहित का काम करते थे। अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक थे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से देखा-सुना करते थे। आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन 4 महीने में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। ————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- पिता का शव ले जा रहे…बेटे समेत 5 की मौत:अमेठी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एंबुलेंस की टक्कर, लखनऊ से बिहार जा रहे थे अमेठी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर रविवार सुबह साढ़े पांच बजे पिकअप के पीछे से एम्बुलेंस जा टकराई। एम्बुलेंस की रफ्तार 150 किमी प्रति घंटे थी। हादसे में एम्बुलेंस सवार 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। बेटा दो रिश्तेदारों के साथ एम्बुलेंस से पिता का शव लेकर हरियाणा से बिहार जा रहा था। पिता की भी मौत सड़क हादसे में ही हुई थी। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
प्रेमानंद महाराज से सतीश महाना बोले-आपका घर मेरी विधानसभा में:संत को याद आया बचपन, कहा- बिना डरे समाज की सेवा करिए
