अलीगढ़ के नाया में जब एक साथ 11 लोगों की चिताएं चली तो हर किसी के आंसू छलक उठे। आंखों में आंसू लेकर कांपते हुए हाथों से ग्रामीणों ने अपने परिवार के लोगों को मुखाग्नि दी। लोग एक-दूसरे के कंधे में सिर रखकर गम छिपाते नजर आए। इस दौरान शासन और प्रशासन के लोग दिलासा देते रहे। जम्मू से ट्रेन के जरिए प्रशासन की टीम और परिवार के लोग सभी शव लेकर मथुरा पहुंचे। देर शाम 11 लोगों के शव अलीगढ़ लाए गए। अंतिम दर्शन के बाद परिवार के लोगों ने जरा भी देर न करते हुए तत्काल शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। मृतकों को अलग-अलग अग्नि देने के बजाय, एक परिवार के लोगों को एक ही चिता में एक साथ अंतिम विदाई दी गई। इसे देखकर लोगों के आंसू छलक उठे। एक ही चिता में हुई लक्ष्मण के परिवार की विदाई
हादसे में नाया गांव के लक्ष्मण का पूरा परिवार खत्म हो गया। लक्ष्मण अपनी पत्नी अनामिका, बेटे रुद्र और बेटी नैंसी के साथ तीर्थयात्रा पर गए थे। लक्ष्मण के साथ उनके बड़े भाई शास्त्री और भतीजी अनुप्रिया थी। शास्त्री और अनुप्रिया के गंभीर चोटें आई। जबकि लक्ष्मण का पूरा परिवार खत्म हो गया। शनिवार को जब उनके शव अलीगढ़ पहुंचे तो लक्ष्मण के पूरे परिवार को एक साथ एक ही चिता में अंतिम विदाई थी। उनके बड़े भाई ने नम आंखों के साथ मुखाग्नि दी। इस हृदय विदारक घटना को देखकर पूरा गांव रो पड़ा। किसी के लिए भी इस घटना को भुला पाना आसान नहीं था। पति-पत्नी और दादा-पोते को मिली एक ही चिता
लक्ष्मण के परिवार के साथ ही अन्य मृतकों को भी एक ही चिता में अंतिम विदाई दी गई। हादसे में सरबजीत और उनकी पत्नी सीमा की भी मौत हो गई थी। सरबजीत और सीमा को भी एक ही चिता में अंतिम विदाई दी गई। इसके साथ ही गांव के ही दादा-पोते एक साथ विदा हुए। गांव के सुरेश अपने नाती तनुज और अपनी भतीजी अंजलि के साथ यात्रा पर गए थे। हादसे में तीनों की मौत हो गई। इसके बाद सुरेश और तनुज को एक साथ एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। जबकि अंजलि की चिता बिल्कुल उनके बगल में जलाई गई। सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। सुनीता और संजय की भी हुई विदाई
हादसे में गांव के सुनीता पत्नी रवेंद्र और संजय पुत्र सुंदर सिंह की भी मौत हो गई थी। इन दोनों के शव भी शनिवार को ही अलीगढ़ पहुंच गए थे। इसके बाद इन दोनों का भी रात में ही परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया। नाया गांव की ही सुनीता पत्नी भगवान सिंह की भी इस हादसे में मौत हुई है। उनका शव रविवार को अलीगढ़ पहुंचेगा। फिर अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाएगा। परिवार के लोग शव आने का इंतजार कर रहे हैं और लगातार प्रशासन से शव आने की बात पूछ रहे हैं। 125 की आबादी में पांच की मौत
अलीगढ़ का नाया गांव और हाथरस में शामिल नगला उदय सिंह अगल-बगल ही हैं। दोनों गांवों के बीच में सिर्फ एक खेत का ही फर्क है। नगला उदय सिंह में भी 5 लोगों की मौत हुई है। नाया के प्रधान पति अजीत सिंह ने बताया कि नगला उदय सिंह की आबादी सिर्फ 125 लोगों की है। इसमें 5 लोगों की हादसे में मौत हो गई है। यह गांव भले ही हाथरस की सीमा में शामिल है, लेकिन दोनों गांवों के लोगों का सुबह शाम का उठना बैठना था। बस संचालक के खिलाफ हो मुकदमा
हादसे में जान गंवाने वाले सुरेश, तनुज और अंजलि के रिश्तेदार कपिल चौधरी ने बस संचालक के ऊपर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस हादसे में बस संचालक और ड्राइवर की पूरी गलती है। उसने बस में ओवरलोडिंग कर रही थी और क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाई थी। बस में एलपीजी सिलेंडर भी रखे हुए थे। अगर हादसे में यह सिलेंडर फट जाते तो बस में सवार किसी भी व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता। अभी जो लोगों के शव गांव आ गए हैं, वह भी यहां न आ पाते। इसलिए आरोप संचालक पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मृतकों के परिवार को मिलेगा मुआवजा
घटना में जान गंवाने वाले मृतकों के आश्रितों को सरकार 5 लाख रुपए देगी। जिन परिवारों के एक से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, उन्हें 5-5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। वहीं जो व्यक्ति हादसे में घायल हुए हैं, उनके परिवार के लोगों को सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारी और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद
मृतकों के शव शनिवार को अलीगढ़ आने थे। इसके चलते डीएम ने अधिकारियों की एक टीम को मथुरा रवाना किया, जो मथुरा से एंबुलेंस के जरिए शवों को लेकर अलीगढ़ आए। वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ के नाया गांव में सुबह से ही अधिकारी और जनप्रतनिधियों का आना जाना लगा रहा। डीएम विशाख जी. ने बताया कि शनिवार को 11 शव अलीगढ़ पहुंचे हैं। बचे हुए शव भी रविवार तक पहुंच जाएंगे। पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो सीधे उनके खाते में पहुंचेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अलीगढ़ के नाया में जब एक साथ 11 लोगों की चिताएं चली तो हर किसी के आंसू छलक उठे। आंखों में आंसू लेकर कांपते हुए हाथों से ग्रामीणों ने अपने परिवार के लोगों को मुखाग्नि दी। लोग एक-दूसरे के कंधे में सिर रखकर गम छिपाते नजर आए। इस दौरान शासन और प्रशासन के लोग दिलासा देते रहे। जम्मू से ट्रेन के जरिए प्रशासन की टीम और परिवार के लोग सभी शव लेकर मथुरा पहुंचे। देर शाम 11 लोगों के शव अलीगढ़ लाए गए। अंतिम दर्शन के बाद परिवार के लोगों ने जरा भी देर न करते हुए तत्काल शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। मृतकों को अलग-अलग अग्नि देने के बजाय, एक परिवार के लोगों को एक ही चिता में एक साथ अंतिम विदाई दी गई। इसे देखकर लोगों के आंसू छलक उठे। एक ही चिता में हुई लक्ष्मण के परिवार की विदाई
हादसे में नाया गांव के लक्ष्मण का पूरा परिवार खत्म हो गया। लक्ष्मण अपनी पत्नी अनामिका, बेटे रुद्र और बेटी नैंसी के साथ तीर्थयात्रा पर गए थे। लक्ष्मण के साथ उनके बड़े भाई शास्त्री और भतीजी अनुप्रिया थी। शास्त्री और अनुप्रिया के गंभीर चोटें आई। जबकि लक्ष्मण का पूरा परिवार खत्म हो गया। शनिवार को जब उनके शव अलीगढ़ पहुंचे तो लक्ष्मण के पूरे परिवार को एक साथ एक ही चिता में अंतिम विदाई थी। उनके बड़े भाई ने नम आंखों के साथ मुखाग्नि दी। इस हृदय विदारक घटना को देखकर पूरा गांव रो पड़ा। किसी के लिए भी इस घटना को भुला पाना आसान नहीं था। पति-पत्नी और दादा-पोते को मिली एक ही चिता
लक्ष्मण के परिवार के साथ ही अन्य मृतकों को भी एक ही चिता में अंतिम विदाई दी गई। हादसे में सरबजीत और उनकी पत्नी सीमा की भी मौत हो गई थी। सरबजीत और सीमा को भी एक ही चिता में अंतिम विदाई दी गई। इसके साथ ही गांव के ही दादा-पोते एक साथ विदा हुए। गांव के सुरेश अपने नाती तनुज और अपनी भतीजी अंजलि के साथ यात्रा पर गए थे। हादसे में तीनों की मौत हो गई। इसके बाद सुरेश और तनुज को एक साथ एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। जबकि अंजलि की चिता बिल्कुल उनके बगल में जलाई गई। सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। सुनीता और संजय की भी हुई विदाई
हादसे में गांव के सुनीता पत्नी रवेंद्र और संजय पुत्र सुंदर सिंह की भी मौत हो गई थी। इन दोनों के शव भी शनिवार को ही अलीगढ़ पहुंच गए थे। इसके बाद इन दोनों का भी रात में ही परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया। नाया गांव की ही सुनीता पत्नी भगवान सिंह की भी इस हादसे में मौत हुई है। उनका शव रविवार को अलीगढ़ पहुंचेगा। फिर अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाएगा। परिवार के लोग शव आने का इंतजार कर रहे हैं और लगातार प्रशासन से शव आने की बात पूछ रहे हैं। 125 की आबादी में पांच की मौत
अलीगढ़ का नाया गांव और हाथरस में शामिल नगला उदय सिंह अगल-बगल ही हैं। दोनों गांवों के बीच में सिर्फ एक खेत का ही फर्क है। नगला उदय सिंह में भी 5 लोगों की मौत हुई है। नाया के प्रधान पति अजीत सिंह ने बताया कि नगला उदय सिंह की आबादी सिर्फ 125 लोगों की है। इसमें 5 लोगों की हादसे में मौत हो गई है। यह गांव भले ही हाथरस की सीमा में शामिल है, लेकिन दोनों गांवों के लोगों का सुबह शाम का उठना बैठना था। बस संचालक के खिलाफ हो मुकदमा
हादसे में जान गंवाने वाले सुरेश, तनुज और अंजलि के रिश्तेदार कपिल चौधरी ने बस संचालक के ऊपर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस हादसे में बस संचालक और ड्राइवर की पूरी गलती है। उसने बस में ओवरलोडिंग कर रही थी और क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाई थी। बस में एलपीजी सिलेंडर भी रखे हुए थे। अगर हादसे में यह सिलेंडर फट जाते तो बस में सवार किसी भी व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता। अभी जो लोगों के शव गांव आ गए हैं, वह भी यहां न आ पाते। इसलिए आरोप संचालक पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मृतकों के परिवार को मिलेगा मुआवजा
घटना में जान गंवाने वाले मृतकों के आश्रितों को सरकार 5 लाख रुपए देगी। जिन परिवारों के एक से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, उन्हें 5-5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। वहीं जो व्यक्ति हादसे में घायल हुए हैं, उनके परिवार के लोगों को सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारी और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद
मृतकों के शव शनिवार को अलीगढ़ आने थे। इसके चलते डीएम ने अधिकारियों की एक टीम को मथुरा रवाना किया, जो मथुरा से एंबुलेंस के जरिए शवों को लेकर अलीगढ़ आए। वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ के नाया गांव में सुबह से ही अधिकारी और जनप्रतनिधियों का आना जाना लगा रहा। डीएम विशाख जी. ने बताया कि शनिवार को 11 शव अलीगढ़ पहुंचे हैं। बचे हुए शव भी रविवार तक पहुंच जाएंगे। पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो सीधे उनके खाते में पहुंचेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर