लखनऊ में रविवार सुबह मौसम में बदलाव देखने को मिला। हल्के बादल छाने और बूंदाबांदी होने के कारण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार देर रात से तेज पूर्वी हवा चल रही है। लखनऊ में आज दोपहर अधिकतम तापमान 41 डिग्री और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री रहेगा। मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह का कहना है कि जून महीने में पहले दिन से लखनऊ का तापमान कम होना शुरू हो गया है। शनिवार को अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज किया गया था। यह सामान्य अधिकतम तापमान से 2 डिग्री ज्यादा रहा। हालांकि शुक्रवार से करीब 3.5 डिग्री कम है। कम हुआ नौतपा का असर यूपी में नौतपा का असर आज खत्म हो गया। 9 दिन में पहली बार मौसम विभाग ने हीटवेव को लेकर कोई अलर्ट नहीं जारी किया। आज 30 जिलों में आंधी-बारिश की संभावना जताई है। नम हवाओं के चलते उमस ज्यादा होगी, जो परेशान कर सकती है। वहीं, शनिवार को नौतपा के 8वें दिन भी भीषण गर्मी पड़ी। लखनऊ में हीटवेव से ड्यूटी पर तैनात पीएसी के सिपाही आदर्श प्रजापति की मौत हो गई। पूर्वी हवा चलने से बदला है मौसम मौसम विभाग के अनुसार पछुवा के बजाए अब पूर्वी हवा चलने से चढ़ते हुए पारे में गिरावट हो रही है। अगले तीन दिन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। इधर, दक्षिणी-पश्चिमी मानसून मध्य अरब सागर की ओर बढ़ने लगा है। 24 डिग्री पर चलाएं एसी, 16-17 डिग्री पर चलाना ठीक नहीं डॉक्टर हैदर, एमडी केजीएमसी ने बताया कि हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ गए हैं। क्लाइमेट चेंज की वजह से घमोरी और हीट स्ट्रोक की स्थिति बन रही। इससे मस्तिष्क इसमें काम करना बंद कर देता है। इसके लक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में जाएं। जांच के बाद पता चलेगा क्या उपचार करना है। प्रतिदिन 20 मरीज आ रहे हैं। बुजुर्ग और बच्चे अपना ध्यान खुद नहीं रख पाते हैं। यह घर से बाहर ना निकले, ओआरएस घोल और पानी पिए। हरी सब्जी और ताजा खाना खाए। एसी को 24 डिग्री पर इस्तेमाल करें। 16-17 डिग्री पर एसी चलाना ठीक नहीं है। डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे लोग हीट स्ट्रोक और उमस से बच्चे और बड़े अधिक पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। शरीर में पानी की कमी से सोडियम-पोटेशियम कम होने से लोगों के दिल की धड़कन बढ़ने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और बेचैनी की समस्या बढ़ गई है। अस्पतालों की इमरजेंसी और ओपीडी में भारी संख्या में लोग इन लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों को ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही हैं। लखनऊ में रविवार सुबह मौसम में बदलाव देखने को मिला। हल्के बादल छाने और बूंदाबांदी होने के कारण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार देर रात से तेज पूर्वी हवा चल रही है। लखनऊ में आज दोपहर अधिकतम तापमान 41 डिग्री और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री रहेगा। मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह का कहना है कि जून महीने में पहले दिन से लखनऊ का तापमान कम होना शुरू हो गया है। शनिवार को अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज किया गया था। यह सामान्य अधिकतम तापमान से 2 डिग्री ज्यादा रहा। हालांकि शुक्रवार से करीब 3.5 डिग्री कम है। कम हुआ नौतपा का असर यूपी में नौतपा का असर आज खत्म हो गया। 9 दिन में पहली बार मौसम विभाग ने हीटवेव को लेकर कोई अलर्ट नहीं जारी किया। आज 30 जिलों में आंधी-बारिश की संभावना जताई है। नम हवाओं के चलते उमस ज्यादा होगी, जो परेशान कर सकती है। वहीं, शनिवार को नौतपा के 8वें दिन भी भीषण गर्मी पड़ी। लखनऊ में हीटवेव से ड्यूटी पर तैनात पीएसी के सिपाही आदर्श प्रजापति की मौत हो गई। पूर्वी हवा चलने से बदला है मौसम मौसम विभाग के अनुसार पछुवा के बजाए अब पूर्वी हवा चलने से चढ़ते हुए पारे में गिरावट हो रही है। अगले तीन दिन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। इधर, दक्षिणी-पश्चिमी मानसून मध्य अरब सागर की ओर बढ़ने लगा है। 24 डिग्री पर चलाएं एसी, 16-17 डिग्री पर चलाना ठीक नहीं डॉक्टर हैदर, एमडी केजीएमसी ने बताया कि हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ गए हैं। क्लाइमेट चेंज की वजह से घमोरी और हीट स्ट्रोक की स्थिति बन रही। इससे मस्तिष्क इसमें काम करना बंद कर देता है। इसके लक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में जाएं। जांच के बाद पता चलेगा क्या उपचार करना है। प्रतिदिन 20 मरीज आ रहे हैं। बुजुर्ग और बच्चे अपना ध्यान खुद नहीं रख पाते हैं। यह घर से बाहर ना निकले, ओआरएस घोल और पानी पिए। हरी सब्जी और ताजा खाना खाए। एसी को 24 डिग्री पर इस्तेमाल करें। 16-17 डिग्री पर एसी चलाना ठीक नहीं है। डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे लोग हीट स्ट्रोक और उमस से बच्चे और बड़े अधिक पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। शरीर में पानी की कमी से सोडियम-पोटेशियम कम होने से लोगों के दिल की धड़कन बढ़ने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और बेचैनी की समस्या बढ़ गई है। अस्पतालों की इमरजेंसी और ओपीडी में भारी संख्या में लोग इन लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों को ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट की मां बोलीं- बेटी हिम्मत वाली:पिता पर गई, रक्तदान किया तो बेहोश हुई, संन्यास न लेने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट की मां प्रेमलता फोगाट ने बेटी के भारत लौटने पर कहा कि बेटी हिम्मत वाली होती हैं और लड़ सकती हैं। पहले वे पढ़ती नहीं थीं, इसलिए भोली थीं। आज बेटियां भी पढ़ी-लिखी हैं। अगर बच्चा पढ़ा-लिखा है तो उसे देखकर हिम्मत भी बढ़ती है। बेटियां आगे बढ़ रही हैं और किसी को उनकी जरूरत नहीं है। प्रेमलता ने कहा कि देश ने बेटी को गोल्ड मेडलिस्ट की तरह सम्मान दिया है। यह बहुत खुशी की बात है। विनेश फोगट जब फाइनल में गई तो लगा कि गोल्ड मेडल आएगा। लेकिन अयोग्य घोषित होने की खबर मिलने पर सदमा लगा। लेकिन 2 किलो वजन बढ़ने के बाद उन्होंने वजन कम करने के लिए पूरी रात मेहनत की। उन्होंने अपने बाल भी कटवाए और जब रक्तदान किया तो बेहोश हो गईं। उन्होंने कहा कि विनेश फोगट के पिता की मौत के बाद उन्होंने खुद हिम्मत रखी। वहीं बेटियों ने खूब मेहनत की। परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और ताऊ महावीर फोगट ने भी उन्हें कुश्ती में उतारा। विनेश फोगट ने इतिहास रच दिया। बेटी पैदा हो तो उसे ऐसा काम करना चाहिए, चाहे पढ़ाई हो या कोई और क्षेत्र। मनाने की कोशिश करेंगे कि संन्यास न ले विनेश फोगट की मां प्रेमलता ने बताया कि विनेश के पिता कहते थे कि बेटी परिवार का नाम रोशन करेगी। उन्हें पता था कि विनेश के दादा पहलवान थे और ताऊ भी पहलवान थे। विनेश फोगट ने कुश्ती के लिए अपना सबकुछ त्याग दिया था। विनेश का सपना था कि वह हर टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीते, बस ओलंपिक बाकी है। विनेश खूब मेहनत कर रही हैं, ऐसी बेटी सभी को होनी चाहिए। विनेश फोगट के संन्यास पर बेटी कह रही हैं कि वह संन्यास नहीं लेंगी, लेकिन उन्हें मनाने की कोशिश की जाएगी। विनेश कुश्ती के बिना ध्यान नहीं लगा पाती। विनेश में अपने पिता की तरह ही जज्बा है और कड़ी मेहनत करती है। विनेश अपने पिता पर गई है।
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Kota News: इस बार कोटा के कोचिंग्स में स्टूडेंट्स की कमी, अब हॉस्टल लीज होल्डर्स के सामने आई ये बड़ी मुसीबत <p style=”text-align: justify;”><strong>Kota News: </strong>कोटा में इस बार कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए नई परेशानी आई है. हॉस्टल में बच्चे पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से अब हॉस्टल संचालक हाथ खींच रहे हैं. हॉस्टल में बच्चों के नहीं आने से जहां लीज होल्डर हॉस्टल छोडने को तैयार है तो दूसरी ओर हॉस्टल मालिक एक पैसा भी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. अब हॉस्टल लीज होल्डर ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> </strong>कोटा में पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस बार कोचिंग स्टूडेंट्स की संख्या कम है. ऐसे में लीज होल्डर व अन्य लोगों को परेशानी आ रही है. हॉस्टल मालिक व लीज होल्डर के मध्य किराए को लेकर समझौता कराए जाने और प्रति स्टूडेंट किराया लिए जाने की मांग की गई है. न्यू कोटा हॉस्टल एसोसिएशन सोसायटी ने आज कोटा जिला कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लीज पर हॉस्टल ले लिए लेकिन बच्चे कम आए</strong><br />हॉस्टल लीज होल्डर्स ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लीज पर मोटी रकम देकर हॉस्टल तो ले लिए लेकिन इस बार बच्चों की संख्या कम होने से हॉस्टल खाली पड़े हैं और 25 से 30 प्रतिशत तक ही बच्चे हॉस्टल में रह रहे हैं. ऐसे में लीज होल्डर को परेशानी आ रही है कि उनका पूरा हॉस्टल नहीं भरा जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है, साथ ही मानसिक तनाव भी हो रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>लीज होल्डर व हॉस्टल मालिक के मध्य समझौता कराए जाने की मांग की जा रही है, ताकी हॉस्टल संचालक बच्चों के अनुसार ही लीज होल्डर से पैसे लेगा. सोसायटी के अध्यक्ष भगवान माहेश्वरी एवं महासचिव राजीव कुमार राजू भैया ने बताया कि हर वर्ष बच्चे अधिक आते थे, जिस कारण हॉस्टल भर जाते थे, लेकिन इस बार बच्चा कम आने से हॉस्टल खाली पड़े हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>500 हॉस्टल के सामने आई समस्या </strong><br />राजीव कुमार ने बताया कि कहीं 25 तो कहीं 30 प्रतिशत तक ही बच्चे रुके हुए हैं, ऐसे में जब लीज होल्डर को नुकसान होगा तो वह यहां से पलायन कर जाएंगे और बच्चों को अन्य जगह शिफ्ट करना पड़ेगा. कोषाध्यक्ष मनमोहन ने बताया कि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो कोटा में एक और समस्या गहरा जाएगी जो लीज होल्डर के साथ प्रशासन के लिए भी मुसीबत बन जाएगी. अधिकांश लीज होल्डर हॉस्टल छोड़ने को तैयार बैठे हैं.</p>
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