काउंटिंग को लेकर हरियाणा कांग्रेस अलर्ट:दिल्ली में प्लानिंग; पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की आशंका, हर काउंटिंग सेंटर पर एडवोकेट खड़ा करेगी

काउंटिंग को लेकर हरियाणा कांग्रेस अलर्ट:दिल्ली में प्लानिंग; पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की आशंका, हर काउंटिंग सेंटर पर एडवोकेट खड़ा करेगी

हरियाणा में 4 जून को होने वाली काउंटिंग को लेकर कांग्रेस अलर्ट हो गई है। दिल्ली में दीपक बाबरिया की अध्यक्षता में हुई लोकसभा प्रत्याशियों के साथ मीटिंग में इसको लेकर विशेष प्लानिंग की गई। पोस्टल बैलेट गणना में कांग्रेस के लोक प्रत्याशियों ने गड़बड़ी की आशंका जताई है। इसके बाद फैसला किया गया कि हर काउंटिंग सेंटर पर कांग्रेस के ARO के साथ एक एडवोकेट को भी खड़ा किया जाएगा। दिल्ली मीटिंग में सभी प्रत्याशियों और नेताओं को काउंटिंग में गड़बड़ी होने पर कैसे शिकायत की जाए, इसको लेकर भी जानकारी दी गई। इस मीटिंग में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, पार्टी अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी मौजूद रहे। प्रत्याशियों से लिया फीडबैक दिल्ली मीटिंग में कांग्रेस नेताओं द्वारा मतदान प्रतिशत और हलकावार के समीकरणों को लेकर चर्चा की गई। यह भी फीडबैक लिया गया कि पार्टी प्रत्याशी उनके लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले कौन-कौन से हलकों में मजबूत रहे और कहां-कहां कमजोरी देखने को मिली। माना जा रहा है कि इस दौरान अंदरखाने विरोध तथा भितरघात को लेकर भी बातचीत हुई। हालांकि कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने मीटिंग में यह दावा किया कि पार्टी ने एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे। विधानसभा चुनावों पर भी हुई चर्चा मीटिंग में लोकसभा चुनाव के संभावित नेतीजों के अलावा सितंबर-अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। मीटिंग में यह किया गया कि विधानसभा चुनावों को लेकर विस्तार से चर्चा के लिए अलग से बैठक बुलाई जाएगी। इधर 3 निर्दलीय विधायकों, सोमबीर सिंह सांगवान, रणधीर सिंह गोलन व धर्मपाल गोंदर द्वारा सरकार से समर्थन लेकर कांग्रेस को समर्थन देने से राजनीतिक हालात बदले हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। सरकार के अल्पमत पर भी चर्चा मीटिंग में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तकनीकी रूप से अल्पमत में होने को लेकर भी चर्चा की। कांग्रेस की मीटिंग में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई और अल्पमत सरकार के खिलाफ रणनीति तय की गई। लोकसभा की दस सीटों में से नौ पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा सिरसा से चुनाव लड़ रही हैं। उनके लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने एक दिन भी प्रचार नहीं किया। बताते हैं कि सैलजा की ओर से उन्हें आमंत्रित भी नहीं किया गया। हुड्डा की पसंद के थे अधिकांश उम्मीदवार हुड्डा व उदयभान ने सिरसा को छोड़कर बाकी नौ लोकसभा सीटों पर प्रचार किया। कांग्रेस ने अपने हिस्से की नौ सीटों में से आठ संसदीय क्षेत्रों में हुड्डा की पसंद के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। 2019 के मुकाबले इस बार इंडिया गठबंधन लोकसभा की सभी दस सीटों पर पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ता नज़र आया। इसी वजह से कई सीटों पर मुकाबला कांटे का बना हुआ नज़र आ रहा है। वास्तविकता का पता तो 4 जून को मतगणना से ही पता लगेगा। लेकिन इससे पहले कांग्रेस ने ग्राउंड रियल्टी जानने के लिए शनिवार को दिल्ली में बैठक बुला ली है। हरियाणा में 4 जून को होने वाली काउंटिंग को लेकर कांग्रेस अलर्ट हो गई है। दिल्ली में दीपक बाबरिया की अध्यक्षता में हुई लोकसभा प्रत्याशियों के साथ मीटिंग में इसको लेकर विशेष प्लानिंग की गई। पोस्टल बैलेट गणना में कांग्रेस के लोक प्रत्याशियों ने गड़बड़ी की आशंका जताई है। इसके बाद फैसला किया गया कि हर काउंटिंग सेंटर पर कांग्रेस के ARO के साथ एक एडवोकेट को भी खड़ा किया जाएगा। दिल्ली मीटिंग में सभी प्रत्याशियों और नेताओं को काउंटिंग में गड़बड़ी होने पर कैसे शिकायत की जाए, इसको लेकर भी जानकारी दी गई। इस मीटिंग में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, पार्टी अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी मौजूद रहे। प्रत्याशियों से लिया फीडबैक दिल्ली मीटिंग में कांग्रेस नेताओं द्वारा मतदान प्रतिशत और हलकावार के समीकरणों को लेकर चर्चा की गई। यह भी फीडबैक लिया गया कि पार्टी प्रत्याशी उनके लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले कौन-कौन से हलकों में मजबूत रहे और कहां-कहां कमजोरी देखने को मिली। माना जा रहा है कि इस दौरान अंदरखाने विरोध तथा भितरघात को लेकर भी बातचीत हुई। हालांकि कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने मीटिंग में यह दावा किया कि पार्टी ने एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे। विधानसभा चुनावों पर भी हुई चर्चा मीटिंग में लोकसभा चुनाव के संभावित नेतीजों के अलावा सितंबर-अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। मीटिंग में यह किया गया कि विधानसभा चुनावों को लेकर विस्तार से चर्चा के लिए अलग से बैठक बुलाई जाएगी। इधर 3 निर्दलीय विधायकों, सोमबीर सिंह सांगवान, रणधीर सिंह गोलन व धर्मपाल गोंदर द्वारा सरकार से समर्थन लेकर कांग्रेस को समर्थन देने से राजनीतिक हालात बदले हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। सरकार के अल्पमत पर भी चर्चा मीटिंग में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तकनीकी रूप से अल्पमत में होने को लेकर भी चर्चा की। कांग्रेस की मीटिंग में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई और अल्पमत सरकार के खिलाफ रणनीति तय की गई। लोकसभा की दस सीटों में से नौ पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा सिरसा से चुनाव लड़ रही हैं। उनके लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने एक दिन भी प्रचार नहीं किया। बताते हैं कि सैलजा की ओर से उन्हें आमंत्रित भी नहीं किया गया। हुड्डा की पसंद के थे अधिकांश उम्मीदवार हुड्डा व उदयभान ने सिरसा को छोड़कर बाकी नौ लोकसभा सीटों पर प्रचार किया। कांग्रेस ने अपने हिस्से की नौ सीटों में से आठ संसदीय क्षेत्रों में हुड्डा की पसंद के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। 2019 के मुकाबले इस बार इंडिया गठबंधन लोकसभा की सभी दस सीटों पर पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ता नज़र आया। इसी वजह से कई सीटों पर मुकाबला कांटे का बना हुआ नज़र आ रहा है। वास्तविकता का पता तो 4 जून को मतगणना से ही पता लगेगा। लेकिन इससे पहले कांग्रेस ने ग्राउंड रियल्टी जानने के लिए शनिवार को दिल्ली में बैठक बुला ली है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर