वर्किंग प्रोफेशनल के लिए MBA करने की राह आसान होगी। लखनऊ विश्वविद्यालय अब एग्जीक्यूटिव MBA शुरू करने जा रहा है। फैकल्टी बोर्ड से इसका प्रस्ताव पास हो चुका है। एकेडमिक काउंसिल और कार्यपरिषद से मुहर लगने के बाद इसकी शुरुआत होगी। फीस 99 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर रहेगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कई स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो नौकरी के साथ आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते। कई लोग ऐसे भी हैं जो नौकरी के साथ अपनी स्किल बढ़ाना चाहते हैं। इसे देखते हुए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने एग्जीक्यूटिव MBA का प्रस्ताव तैयार किया है। इस कोर्स में नौकरी कर रहे लोग एडमिशन ले सकते हैं। इसकी पढ़ाई हाइब्रिड मोड पर होगी। कुछ कक्षाएं ऑनलाइन और कुछ ऑफलाइन रहेंगी। 2 साल का एक्सपीरियंस जरूरी डॉ. दुर्गेश ने बताया कि एडमिशन लेने के लिए 2 साल का अनुभव होना जरूरी है। 10वीं-12वीं के साथ ग्रेजुएशन के नंबर और इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। वर्किंग प्रोफेशनल के लिए MBA करने की राह आसान होगी। लखनऊ विश्वविद्यालय अब एग्जीक्यूटिव MBA शुरू करने जा रहा है। फैकल्टी बोर्ड से इसका प्रस्ताव पास हो चुका है। एकेडमिक काउंसिल और कार्यपरिषद से मुहर लगने के बाद इसकी शुरुआत होगी। फीस 99 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर रहेगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कई स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो नौकरी के साथ आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते। कई लोग ऐसे भी हैं जो नौकरी के साथ अपनी स्किल बढ़ाना चाहते हैं। इसे देखते हुए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने एग्जीक्यूटिव MBA का प्रस्ताव तैयार किया है। इस कोर्स में नौकरी कर रहे लोग एडमिशन ले सकते हैं। इसकी पढ़ाई हाइब्रिड मोड पर होगी। कुछ कक्षाएं ऑनलाइन और कुछ ऑफलाइन रहेंगी। 2 साल का एक्सपीरियंस जरूरी डॉ. दुर्गेश ने बताया कि एडमिशन लेने के लिए 2 साल का अनुभव होना जरूरी है। 10वीं-12वीं के साथ ग्रेजुएशन के नंबर और इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
यूपी में मौत के बाद ‘भूत’ ने FIR दर्ज कराई! इलाहाबाद हाई कोर्ट में आया अजीबोगरीब मामला
यूपी में मौत के बाद ‘भूत’ ने FIR दर्ज कराई! इलाहाबाद हाई कोर्ट में आया अजीबोगरीब मामला <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Ghost Filed FIR:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अजीबो-गरीब मामला आया. कोर्ट में मौत के तीन साल बाद मृत व्यक्ति कुशीनगर के शब्द प्रकाश के कथित भूत ने याची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. वहीं पुलिस विवेचना अधिकारी ने उस कथित भूत का बयान भी दर्ज किया, पुलिस ने बयान दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाखिल की. इतना ही नहीं भूत ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में 19 दिसंबर 2023 को वकालतनामा भी हस्ताक्षर करके दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी भी हैरत में पड़ गए. उन्होंने कहा कि वह केस के तथ्य से अवाक हैं कि किस तरह पुलिस अपराध की विवेचना करती है. पुलिस ने तीन साल पहले मरे आदमी का बयान दर्ज कर लिया, कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को निर्देश दिया कि कथित भूत निर्दोष को परेशान कर रहा है और एफआईआर करा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इतना ही नहीं विवेचना अधिकारी को अपना बयान दर्ज करा रहा है, ऐसे विवेचना अधिकारी की जांच कर रिपोर्ट पेश करें. वहीं कोर्ट ने साथ ही याची पुरूषोत्तम सिंह व चार अन्य के खिलाफ आपराधिक केस कार्यवाही को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा ममता देवी ने अधिवक्ता विमल कुमार पाण्डेय को मृत व्यक्ति का वकालतनामा हस्ताक्षरित करके दिया है. कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा है कि वह वकीलों को भविष्य में सावधानी बरतने की सीख दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि शिकायतकर्ता शब्द प्रकाश की मौत 19 दिसंबर 2011 को हो गई थी, जिसका समर्थन सी जे एम कुशीनगर की रिपोर्ट में भी किया गया है. उन्होंने मृतक की पत्नी के बयान व मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर रिपोर्ट दी. मृत व्यक्ति के भूत ने 2014 में कोतवाली हाता में एफआईआर दर्ज कराई, पुलिस ने 23 नवंबर 2014 को चार्जशीट दाखिल कर दी. इसके साथ ही कथित भूत को अभियोजन गवाह नामित कर दिया, इस याचिका में केस कार्यवाही की वैधता को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-waqf-board-sunni-and-shia-boards-worth-crores-property-including-bara-imambara-and-dharhara-mosque-2756685″>UP में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के पास करोड़ों की संपत्ति, जानें- किस-किस शहर में है प्रॉपर्टी</a></strong></p>
’40/40 success is reins for those in power at the centre’, says DMK chief MK Stalin
’40/40 success is reins for those in power at the centre’, says DMK chief MK Stalin Chennai: Dravida Munnetra Kazhagam (DMK) president and Tamil Nadu Cheif Minister MK Stalin rubbish the criticism from the DMK’s political adversaries on winning 40/40 when there is no chance for becoming a part of the union government. “This is not a question. It is indeed a lamentation out of defeat from the opposition parties.” “40/40
UP Politics: सपा या BSP, एक ही नाव पर दोनों पार्टी, लेकिन अगुवा कौन?
UP Politics: सपा या BSP, एक ही नाव पर दोनों पार्टी, लेकिन अगुवा कौन? <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के फैसले ने सियासत को नया मोड़ दे दिया है. सपा ने अब अपने पीडीए के फॉर्मूले को आगामी चुनाव के लिहाज से अपनी रणनीति को धार देने में लग गई है. पार्टी ने रविवार को विधानसभा में अपने नेता प्रतिपक्ष और मुख्य सचेत के नामों का ऐलान किया तो कई राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, समाजवादी पार्टी विधायक माता प्रसाद पांडेय को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर चुना गया. जबकि यह पद सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की वजह से रिक्त हुआ था. यानी सपा ने माता प्रसाद पांडेय के जरिए यूपी में ब्राह्मणों को साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अखिलेश यादव द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गये पत्र के मुताबिक, माता प्रसाद पांडेय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, महबूब अली-अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्‍तर-मुख्‍य सचेतक और राकेश कुमार उर्फ आर के वर्मा-उप सचेतक होंगे. ऐसे में देखा जाए तो पीडीए के फॉर्मूले के तहत सपा ने हर वर्ग को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/shivpal-yadav-leaving-active-politics-after-akhilesh-yadav-message-but-organization-responsibility-remain-2748242″>UP Politics: चाचा शिवपाल जा रहे सक्रिय राजनीति से दूर? उनके पास रहेगी ये अहम जिम्मेदारी</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दोनों पार्टियों में अहम जिम्मेदारी</strong><br />लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा नेता प्रतिपक्ष के लिए ब्राह्मण चेहरे को चुने जाने की हो रही है. हालांकि देखा जाए तो सपा से पहले बीएसपी इसी नाव की सवारी करते रही है. बीएसपी ने राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्रा को दे रखी है. पार्टी का यह फैसला ब्राह्मण वोटर्स को रिझाने के लिए था, ये बात अलग है कि वह बीते लंबे वक्त से सक्रिय नहीं दिख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्रा के पास लंबे वक्त से है. बीते दो चुनावों की हार के बाद भी उनके पद पर अभी तक कोई आंच नहीं आई है. इसी बड़ी वजह मायावती का ब्राह्मण वोटर्स पर फोकस को माना जाता है. जबकि मनोज पांडे के बागी होकर बीजेपी में जाने के बाद अब सपा ने भी ब्राह्मण चेहरे के तौर पर माता प्रसाद पांडेय पर दांव खेला है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में देखा जाए तो बीएसपी और सपा दोनों ही पार्टियां ब्राह्मण वोटर्स को अपने पाले में जोड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बीते दिनों ऋतिक पांडे हत्याकांड पर सपा की सक्रियता को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. पार्टी के एक डेलिगेशन भी पीड़ित परिजनों से मिलने गया था, ऐसे में सपा अब पीडीए की रणनीति के तहत आगामी चुनाव की तैयारी में जुट गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात यह है कि यूपी में ब्राह्मणों को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है और बीते चुनावों के दौरान यह वोट बीजेपी के पाले में जात नजर आया है. हालांकि ब्राह्मणों को यूपी में नजरअंदाज करने का आरोप बीजेपी पर लगते रहे है. इस वजह से अब सपा और बीएसपी के फैसले काफी अहम माने जा रहे हैं, हालांकि ये तो आने वाले चुनावों में ही स्पष्ट हो पाएगा कि राज्य में ब्राह्मण वोटर्स का अगुवा कौन है.</p>