रायबरेली में 4 महीने बाद राहुल गांधी के 3 घंटे:डीएम से 410 करोड़ के प्रोजेक्ट जांचने को कहा; कांग्रेसी बोले- हालात बदलेंगे

रायबरेली में 4 महीने बाद राहुल गांधी के 3 घंटे:डीएम से 410 करोड़ के प्रोजेक्ट जांचने को कहा; कांग्रेसी बोले- हालात बदलेंगे

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली सांसद राहुल गांधी मंगलवार को अपने लोकसभा क्षेत्र पहुंचे। शुरुआत चुरुआ में हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन से की। शहर में करीब तीन घंटे रहे, शहीद चौक और सड़कों का उद्धाटन किया। राहुल ने अफसरों और विधायकों के साथ बैठक की। डीएम से कहा कि जल जीवन मिशन में बनी 410 करोड़ की टंकियों की क्वालिटी जांचिए। उज्जवला योजना में गैस रिफिलिंग की रिपोर्ट भी मांगी। बीजेपी ने उनके दौरे पर तंज कसा। कहा- राहुल यहां पिकनिक मनाने आते हैं। वहीं, कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि राहुल रायबरेली के साथ पूरे देश के लिए एक उम्मीद हैं। उनके सांसद बनने से यहां की स्थिति बदलेगी। फैक्ट्रियां खुलेंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राहुल के रायबरेली दौरे के सियासी मायने क्या हैं, जनता क्या सोचती है, आइए सबकुछ जानते हैं… सांसद बनने के बाद राहुल का तीसरा दौरा
4 नवंबर को राहुल गांधी तीसरी बार अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली पहुंचे थे। इसके पहले वह 11 जून और 9 जुलाई को यहां आए थे। यह पहला मौका था, जब राहुल गांधी ने किसी योजना का लोकार्पण किया हो। सबसे पहले उन्होंने डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक का लोकार्पण किया। नगर पंचायत निधि से बने इस स्मारक की लागत करीब 12 लाख रुपए है। इस स्मारक में एक चीज जो ध्यान आकर्षित करती है वह श्रीराम, श्रीकृष्ण और गौतम बुद्ध की तस्वीर है। ऊपर शहीदों से जुड़ा प्रतीक चिन्ह बना है। सामने प्रभु श्रीराम की धनुष लिए तस्वीर उकेरी गई है। साइड में श्रीकृष्ण की फोटो है और पीछे साइड गौतम बुद्ध की तस्वीर है। इस उद्धाटन से एक धार्मिक संदेश देने की भी कोशिश की गई। इस उद्धाटन से पहले राहुल ने चुरुआ के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में दर्शन किया था। बीजेपी अक्सर हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर राहुल पर आक्रमक रही है। इसके बाद राहुल गांधी कलेक्ट्रेट के बचत भवन पहुंचे। वहां उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए निर्मित 9 सड़कों का लोकार्पण किया। इसमें 6 सड़कें सरेनी विधानसभा में हैं, दो हरचंदपुर और एक बछरावां में है। राहुल ने जिन 9 सड़कों का उद्धाटन किया, वह कुल 70 किलोमीटर दूरी की हैं। इनका निर्माण 53 करोड़ 67 लाख रुपए लागत से कराया गया है। बीजेपी नेता अजय त्रिपाठी इस उद्धाटन को लेकर कहते हैं, यह सड़कें भी पीएम मोदी की वजह से बनी हैं। चूंकि राहुल गांधी यहां के सांसद हैं, इसलिए वह फीता काट रहे हैं। 410 करोड़ की योजना में क्वॉलिटी जांच के आदेश
राहुल गांधी बचत भवन पहुंचे और जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक (दिशा) में शामिल हुए। राहुल रायबरेली में केंद्रीय योजनाओं को लेकर ज्यादा गंभीर दिखे। उन्होंने जल जीवन मिशन की पूरी हो चुकी 182 परियोजनाओं की क्वॉलिटी की जांच के लिए डीएम हर्षिता माथुर को आदेश दिया। इस योजना में 410 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। राहुल ने कहा कि इस जांच कमेटी में विधायकों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने जिले में उज्जवला योजना के लाभार्थियों की गैस रिफिलिंग की रिपोर्ट भी मांगी। साथ ही ऊंचाहार इलाके में पाइप बिछाने के नाम पर जल निगम ने जो 72 सड़कें खोदी हैं, उसकी कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए। सड़कों के खोदने की शिकायत ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडेय ने ही की थी। उनका कहना था कि पाइप डालने के बाद उस पर मिट्टी डाल दी गई लेकिन सड़कों को सही नहीं करवाया गया। सरेनी विधानसभा के सपा विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने इलाके के बेहटाकला में 5 साल से भी पेयजल परियोजना का काम पूरा नहीं होने की शिकायत की। बैठक में सदर, सरेनी और हरचंदपुर के विधायकों ने जिला पंचायत की 149 सड़कों के गड्ढामुक्त होने के दावे की शिकायत की। जिसमें कहा गया कि 15वें वित्त से बजट मिलने के बाद पहले सड़क की मरम्मत का कार्य है, उसके बाद नई सड़कों का निर्माण है। दैनिक भास्कर ने राहुल के रायबरेली दौरे को लेकर कई लोगों से बात की। यह जाना कि राहुल गांधी को लेकर वह क्या सोचते हैं? इसमें कांग्रेस के समर्थक, बीजेपी के नेता व स्थानीय पॉलिटिकल एक्सपर्ट शामिल हैं। जनता जो भी मांग करेगी, राहुल जी उसे पूरा करेंगे
राहुल गांधी के दौरे के चलते बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता इकट्ठा हुए थे। उसी में शंभू शरण पाल भी थे। हमने पूछा कि राहुल गांधी से रायबरेली को क्या उम्मीद है? वह कहते हैं, रायबरेली ही नहीं पूरे देश की जनता को राहुल गांधी से उम्मीद है। रायबरेली की जरूरत राहुल गांधी हैं। यहां की जनता जो भी मांग करेगी, राहुल उसे पूरा करेंगे। वहीं पास में खड़े हाफिज रियाज कहते हैं कि राहुल जी दिशा की मीटिंग में आए हैं। बहुत सारी योजनाएं उनके एजेंडे में हैं। वह अपनी सांसद निधि से जितना हो सकता है, उतना करेंगे। उसके अलावा भी बहुत सारी चीजें करेंगे। पिछले दिनों उन्होंने तमाम सड़कों के लिए सरकार को पत्र लिखा। बताया कि कई सड़कें टूटी हुई हैं, कुछ तो थोड़े दिन पहले बनी थी लेकिन अब खराब हो गई हैं। भाजपा राज में बंदरबांट हो रहा, इसलिए 6-7 महीने में ही सड़कें खराब हो जा रही हैं। एम्स को लेकर हाफिज ने कहा कि यह अस्पताल शुरुआत में 900 बेड का था। बीजेपी सरकार ने इसे 600 बेड का कर दिया। इसके बाद वह इसे और घटाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस यहां प्रदर्शन पर उतर आई। उसके बाद वह पीछे हो गए। आज 600 बेड अच्छे से चल रहे हैं। राहुल जी अब सांसद बने हैं तो अस्पताल फिर से 900 बेड का किया जाएगा। राहुल जी सांसद हैं, लेकिन पूरा पावर नहीं मिला
हाथों में गुब्बारा लेकर बैठी राजश्री से हमने पूछा कि राहुल जी से क्या मांगने आई हैं? वह कहती हैं कि जब सरकार आएगी तो मिलेगा ही। हमने कहा कि अभी तो सांसद हैं। इसके जवाब में राजश्री कहती हैं, सांसद तो हैं, लेकिन अभी पूरी पावर कहां मिली है। रायबरेली को रोजगार चाहिए। महिलाओं को सम्मान नहीं मिल रहा। भाजपा बोली- रायबरेली में सपा की बैसाखी पर कांग्रेस
राहुल के दौरे को लेकर हमने रायबरेली बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अजय त्रिपाठी से बात की। वह कहते हैं, राहुल गांधी पिकनिक मनाने आए हैं। इधर-उधर घूम-घाम के थक जाते हैं तो इधर चले आते हैं। इनकी मां सोनिया गांधी भी इसी तरह थीं। तीन बार सांसद रहीं, वह भी पिकनिक मनाने यहां आती थीं। उन्हें यहां की जनता से, जनता के दुख से, विकास से कोई मतलब नहीं। वैसे भी रायबरेली में कांग्रेस का कुछ नहीं है, वह तो सपा की बैसाखी पर चुनाव जीतती रही है। अजय कहते हैं, राहुल गांधी के जरिए रायबरेली में विकास नहीं होना है। वह तो केंद्र में मोदी जी की सरकार है, राहुल उन्हीं की योजनाओं का लोकार्पण करने आए हैं। ये राहुल द्वारा प्रस्तावित सड़कें नहीं हैं। एक व्यवस्था है कि जिस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण होगा, वहां का जनप्रतिनिधि उसका उद्धाटन करेगा। एक्सपर्ट व्यू… रायबरेली जैसे अनाथ हो गई हो जिले में लंबे वक्त से पत्रकारिता कर रहे पंकज गुप्ता कहते हैं, रायबरेली को गांधी परिवार से हमेशा उम्मीद रही है। सोनिया गांधी जब यहां से सांसद बनी तो उन्होंने एम्स दिया, रेल कोच फैक्ट्री बनवाई। अब राहुल गांधी से भी यही उम्मीद है कि वह यहां के लोगों के लिए काम करें। लेकिन ऐसा लग रहा कि सरकार नहीं होने के चलते लोग जो उम्मीद करते हैं, वह पूरी नहीं हो पा रहीं। जनता ने वोट किया है तो उसे एक्सक्यूज नहीं सुनना, उसे तो काम करवाना है। पहले इसे वीवीआईपी जिला कहा जाता था, लेकिन आज हकीकत देखिए, हालत खराब है। आईटीआई अंतिम सांस ले रही। 200 कर्मचारी हैं। इसे डिफेंस को हैंडओवर कर देना चाहिए। 4-5 हजार कर्मचारी आएंगे तो रायबरेली का भला होगा। सच्चाई यह भी है कि यहां की जनता अब राजघरानों से ऊब गई है। वोट इसलिए देती है, क्योंकि उसके सामने विकल्प नहीं होता। नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जनता ने उन सबको नकार दिया था, जिनके पीछे बड़े लोग थे। जनता ने जिसे चुना, वह अब खुद को असहाय बताते हैं। ————— राहुल के रायबरेली दौरे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… राहुल डीएम से बोले-मेरा फोन नहीं उठता…ये सुरक्षा है आपकी?, डायल 181 पर किया था कॉल​ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कलेक्ट्रेट में जिले के सभी विधायकों और अफसरों के साथ मीटिंग की। डीएम हर्षिता माथुर महिला सुरक्षा से जुड़ी हेल्पलाइन 181 का बखान कर रही थीं। राहुल ने अपने मोबाइल से 181 पर डायल कर दिया। लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। राहुल बोले- मेरा ही फोन नहीं उठा तो कैसी सुरक्षा है आपकी। पूरी खबर पढ़ें…​​​​​​ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली सांसद राहुल गांधी मंगलवार को अपने लोकसभा क्षेत्र पहुंचे। शुरुआत चुरुआ में हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन से की। शहर में करीब तीन घंटे रहे, शहीद चौक और सड़कों का उद्धाटन किया। राहुल ने अफसरों और विधायकों के साथ बैठक की। डीएम से कहा कि जल जीवन मिशन में बनी 410 करोड़ की टंकियों की क्वालिटी जांचिए। उज्जवला योजना में गैस रिफिलिंग की रिपोर्ट भी मांगी। बीजेपी ने उनके दौरे पर तंज कसा। कहा- राहुल यहां पिकनिक मनाने आते हैं। वहीं, कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि राहुल रायबरेली के साथ पूरे देश के लिए एक उम्मीद हैं। उनके सांसद बनने से यहां की स्थिति बदलेगी। फैक्ट्रियां खुलेंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राहुल के रायबरेली दौरे के सियासी मायने क्या हैं, जनता क्या सोचती है, आइए सबकुछ जानते हैं… सांसद बनने के बाद राहुल का तीसरा दौरा
4 नवंबर को राहुल गांधी तीसरी बार अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली पहुंचे थे। इसके पहले वह 11 जून और 9 जुलाई को यहां आए थे। यह पहला मौका था, जब राहुल गांधी ने किसी योजना का लोकार्पण किया हो। सबसे पहले उन्होंने डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक का लोकार्पण किया। नगर पंचायत निधि से बने इस स्मारक की लागत करीब 12 लाख रुपए है। इस स्मारक में एक चीज जो ध्यान आकर्षित करती है वह श्रीराम, श्रीकृष्ण और गौतम बुद्ध की तस्वीर है। ऊपर शहीदों से जुड़ा प्रतीक चिन्ह बना है। सामने प्रभु श्रीराम की धनुष लिए तस्वीर उकेरी गई है। साइड में श्रीकृष्ण की फोटो है और पीछे साइड गौतम बुद्ध की तस्वीर है। इस उद्धाटन से एक धार्मिक संदेश देने की भी कोशिश की गई। इस उद्धाटन से पहले राहुल ने चुरुआ के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में दर्शन किया था। बीजेपी अक्सर हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर राहुल पर आक्रमक रही है। इसके बाद राहुल गांधी कलेक्ट्रेट के बचत भवन पहुंचे। वहां उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए निर्मित 9 सड़कों का लोकार्पण किया। इसमें 6 सड़कें सरेनी विधानसभा में हैं, दो हरचंदपुर और एक बछरावां में है। राहुल ने जिन 9 सड़कों का उद्धाटन किया, वह कुल 70 किलोमीटर दूरी की हैं। इनका निर्माण 53 करोड़ 67 लाख रुपए लागत से कराया गया है। बीजेपी नेता अजय त्रिपाठी इस उद्धाटन को लेकर कहते हैं, यह सड़कें भी पीएम मोदी की वजह से बनी हैं। चूंकि राहुल गांधी यहां के सांसद हैं, इसलिए वह फीता काट रहे हैं। 410 करोड़ की योजना में क्वॉलिटी जांच के आदेश
राहुल गांधी बचत भवन पहुंचे और जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक (दिशा) में शामिल हुए। राहुल रायबरेली में केंद्रीय योजनाओं को लेकर ज्यादा गंभीर दिखे। उन्होंने जल जीवन मिशन की पूरी हो चुकी 182 परियोजनाओं की क्वॉलिटी की जांच के लिए डीएम हर्षिता माथुर को आदेश दिया। इस योजना में 410 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। राहुल ने कहा कि इस जांच कमेटी में विधायकों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने जिले में उज्जवला योजना के लाभार्थियों की गैस रिफिलिंग की रिपोर्ट भी मांगी। साथ ही ऊंचाहार इलाके में पाइप बिछाने के नाम पर जल निगम ने जो 72 सड़कें खोदी हैं, उसकी कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए। सड़कों के खोदने की शिकायत ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडेय ने ही की थी। उनका कहना था कि पाइप डालने के बाद उस पर मिट्टी डाल दी गई लेकिन सड़कों को सही नहीं करवाया गया। सरेनी विधानसभा के सपा विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने इलाके के बेहटाकला में 5 साल से भी पेयजल परियोजना का काम पूरा नहीं होने की शिकायत की। बैठक में सदर, सरेनी और हरचंदपुर के विधायकों ने जिला पंचायत की 149 सड़कों के गड्ढामुक्त होने के दावे की शिकायत की। जिसमें कहा गया कि 15वें वित्त से बजट मिलने के बाद पहले सड़क की मरम्मत का कार्य है, उसके बाद नई सड़कों का निर्माण है। दैनिक भास्कर ने राहुल के रायबरेली दौरे को लेकर कई लोगों से बात की। यह जाना कि राहुल गांधी को लेकर वह क्या सोचते हैं? इसमें कांग्रेस के समर्थक, बीजेपी के नेता व स्थानीय पॉलिटिकल एक्सपर्ट शामिल हैं। जनता जो भी मांग करेगी, राहुल जी उसे पूरा करेंगे
राहुल गांधी के दौरे के चलते बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता इकट्ठा हुए थे। उसी में शंभू शरण पाल भी थे। हमने पूछा कि राहुल गांधी से रायबरेली को क्या उम्मीद है? वह कहते हैं, रायबरेली ही नहीं पूरे देश की जनता को राहुल गांधी से उम्मीद है। रायबरेली की जरूरत राहुल गांधी हैं। यहां की जनता जो भी मांग करेगी, राहुल उसे पूरा करेंगे। वहीं पास में खड़े हाफिज रियाज कहते हैं कि राहुल जी दिशा की मीटिंग में आए हैं। बहुत सारी योजनाएं उनके एजेंडे में हैं। वह अपनी सांसद निधि से जितना हो सकता है, उतना करेंगे। उसके अलावा भी बहुत सारी चीजें करेंगे। पिछले दिनों उन्होंने तमाम सड़कों के लिए सरकार को पत्र लिखा। बताया कि कई सड़कें टूटी हुई हैं, कुछ तो थोड़े दिन पहले बनी थी लेकिन अब खराब हो गई हैं। भाजपा राज में बंदरबांट हो रहा, इसलिए 6-7 महीने में ही सड़कें खराब हो जा रही हैं। एम्स को लेकर हाफिज ने कहा कि यह अस्पताल शुरुआत में 900 बेड का था। बीजेपी सरकार ने इसे 600 बेड का कर दिया। इसके बाद वह इसे और घटाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस यहां प्रदर्शन पर उतर आई। उसके बाद वह पीछे हो गए। आज 600 बेड अच्छे से चल रहे हैं। राहुल जी अब सांसद बने हैं तो अस्पताल फिर से 900 बेड का किया जाएगा। राहुल जी सांसद हैं, लेकिन पूरा पावर नहीं मिला
हाथों में गुब्बारा लेकर बैठी राजश्री से हमने पूछा कि राहुल जी से क्या मांगने आई हैं? वह कहती हैं कि जब सरकार आएगी तो मिलेगा ही। हमने कहा कि अभी तो सांसद हैं। इसके जवाब में राजश्री कहती हैं, सांसद तो हैं, लेकिन अभी पूरी पावर कहां मिली है। रायबरेली को रोजगार चाहिए। महिलाओं को सम्मान नहीं मिल रहा। भाजपा बोली- रायबरेली में सपा की बैसाखी पर कांग्रेस
राहुल के दौरे को लेकर हमने रायबरेली बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अजय त्रिपाठी से बात की। वह कहते हैं, राहुल गांधी पिकनिक मनाने आए हैं। इधर-उधर घूम-घाम के थक जाते हैं तो इधर चले आते हैं। इनकी मां सोनिया गांधी भी इसी तरह थीं। तीन बार सांसद रहीं, वह भी पिकनिक मनाने यहां आती थीं। उन्हें यहां की जनता से, जनता के दुख से, विकास से कोई मतलब नहीं। वैसे भी रायबरेली में कांग्रेस का कुछ नहीं है, वह तो सपा की बैसाखी पर चुनाव जीतती रही है। अजय कहते हैं, राहुल गांधी के जरिए रायबरेली में विकास नहीं होना है। वह तो केंद्र में मोदी जी की सरकार है, राहुल उन्हीं की योजनाओं का लोकार्पण करने आए हैं। ये राहुल द्वारा प्रस्तावित सड़कें नहीं हैं। एक व्यवस्था है कि जिस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण होगा, वहां का जनप्रतिनिधि उसका उद्धाटन करेगा। एक्सपर्ट व्यू… रायबरेली जैसे अनाथ हो गई हो जिले में लंबे वक्त से पत्रकारिता कर रहे पंकज गुप्ता कहते हैं, रायबरेली को गांधी परिवार से हमेशा उम्मीद रही है। सोनिया गांधी जब यहां से सांसद बनी तो उन्होंने एम्स दिया, रेल कोच फैक्ट्री बनवाई। अब राहुल गांधी से भी यही उम्मीद है कि वह यहां के लोगों के लिए काम करें। लेकिन ऐसा लग रहा कि सरकार नहीं होने के चलते लोग जो उम्मीद करते हैं, वह पूरी नहीं हो पा रहीं। जनता ने वोट किया है तो उसे एक्सक्यूज नहीं सुनना, उसे तो काम करवाना है। पहले इसे वीवीआईपी जिला कहा जाता था, लेकिन आज हकीकत देखिए, हालत खराब है। आईटीआई अंतिम सांस ले रही। 200 कर्मचारी हैं। इसे डिफेंस को हैंडओवर कर देना चाहिए। 4-5 हजार कर्मचारी आएंगे तो रायबरेली का भला होगा। सच्चाई यह भी है कि यहां की जनता अब राजघरानों से ऊब गई है। वोट इसलिए देती है, क्योंकि उसके सामने विकल्प नहीं होता। नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जनता ने उन सबको नकार दिया था, जिनके पीछे बड़े लोग थे। जनता ने जिसे चुना, वह अब खुद को असहाय बताते हैं। ————— राहुल के रायबरेली दौरे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… राहुल डीएम से बोले-मेरा फोन नहीं उठता…ये सुरक्षा है आपकी?, डायल 181 पर किया था कॉल​ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कलेक्ट्रेट में जिले के सभी विधायकों और अफसरों के साथ मीटिंग की। डीएम हर्षिता माथुर महिला सुरक्षा से जुड़ी हेल्पलाइन 181 का बखान कर रही थीं। राहुल ने अपने मोबाइल से 181 पर डायल कर दिया। लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। राहुल बोले- मेरा ही फोन नहीं उठा तो कैसी सुरक्षा है आपकी। पूरी खबर पढ़ें…​​​​​​   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर