UP की चार विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ ही वोटिंग हुई। ये सीटें- लखनऊ पूर्वी, शाहजहांपुर की ददरौल, बलरामपुर की गैंसड़ी और सोनभद्र की दुद्धी हैं। चारों सीटों पर काउंटिंग शुरू जारी है। इन चारों सीटों पर तीन में भाजपा के विधायक थे, जबकि एक सीट सपा के पास थी। क्यों हुए थे बाई इलेक्शन? राजधानी लखनऊ की लखनऊ ईस्ट विधानसभा सीट से भाजपा विधायक आशुतोष टंडन, शाहजहांपुर की ददरौल विधानसभा सीट पर विधायक मानवेंद्र सिंह का निधन हो गया था। इसके चलते यह सीट खाली थी बलरामपुर जिले की गैसड़ी विधानसभा सीट से सपा के विधायक रहे एसपी यादव का निधन इसी साल जनवरी में हो गया था। इसके बाद से यह सीट खाली हो गई। वहीं सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राम दुलार गोंड़ को नाबालिग से रेप के पुराने केस में 25 साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। अब इन सभी सीटों पर बाई इलेक्शन लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे। UP की चार विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ ही वोटिंग हुई। ये सीटें- लखनऊ पूर्वी, शाहजहांपुर की ददरौल, बलरामपुर की गैंसड़ी और सोनभद्र की दुद्धी हैं। चारों सीटों पर काउंटिंग शुरू जारी है। इन चारों सीटों पर तीन में भाजपा के विधायक थे, जबकि एक सीट सपा के पास थी। क्यों हुए थे बाई इलेक्शन? राजधानी लखनऊ की लखनऊ ईस्ट विधानसभा सीट से भाजपा विधायक आशुतोष टंडन, शाहजहांपुर की ददरौल विधानसभा सीट पर विधायक मानवेंद्र सिंह का निधन हो गया था। इसके चलते यह सीट खाली थी बलरामपुर जिले की गैसड़ी विधानसभा सीट से सपा के विधायक रहे एसपी यादव का निधन इसी साल जनवरी में हो गया था। इसके बाद से यह सीट खाली हो गई। वहीं सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राम दुलार गोंड़ को नाबालिग से रेप के पुराने केस में 25 साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। अब इन सभी सीटों पर बाई इलेक्शन लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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फाजिल्का में कार ने बाइक को मारी टक्कर:मां-बेटे गंभीर घायल; बच्चे के लिए दवाई लेने जा रही थी महिला फाजिल्का में कार ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में मां की टांग टूट गई, जबकि बेटे के मुंह पर चोट लगी है। महिला बच्चे की दवाई लेने के लिए अस्पताल जा रही थी। वहीं कार ड्राइवर मौके से फरार हो गया। देस सिंह ने बताया कि वह गांव सलेमशाह के रहने वाले है और अपने बच्चे की दवाई लेने के लिए गांव से फाजिल्का आए थे। इसी दौरान रास्ते में एक कार ड्राइवर ने उन्हें टक्कर मार दी l जिससे बाइक सवार उसकी पत्नी और उसके तीन वर्षीय बच्चा घायल हो गया है। हादसा के बाद आरोपी ड्राइवर फरार देस सिंह का आरोप है कि कार ड्राइवर ने ड्रिंक की हुई थी l जिस वजह से हादसा हुआ। ड्राइवर कार लेकर मौके से फरार हो गया l दोनों घायलों को इलाज के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है l
कानपुर जेल में बंद हैं क्षमता से दोगुने कैदी, अब 750 कैदियों की रिहाई से मिली राहत
कानपुर जेल में बंद हैं क्षमता से दोगुने कैदी, अब 750 कैदियों की रिहाई से मिली राहत <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News Today:</strong> कानपुर जेल में बंदियों की बड़ी संख्या प्रशासन के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. क्षमता से ज्यादा कैदियों का होने से जल प्रबंधन के लिए समस्या बनी हुई है. एक दशक से अधिक समय से जेल में दोगुने से अधिक संख्या में कैदी कैद हैं. हालांकि पिछले दो सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यहां पर कैदियों की संख्या दो हजार के आंकड़ें से नीचे पहुंची है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जेल में कैदियों की संख्या अधिक होने की वजह उनकी पैरवी समय पर ना होना, जुर्माना भरने की स्थिति ना होना, उनकी सजा बरकरार रखने और उसे बढ़ाने की मुख्य कारण है. इसकी वजह से कानपुर जेल कैदियों की संख्या हालिया दशकों में तेजी से बढ़ी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इन सबके बीच सबसे सकारात्मक बात ये रही है कि पिछले दो सालों में 750 बंदी जेल से रिहा हुए हैं. इसमें जिला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रबंधन दोनों ने कैदियों को जेल से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जेल में हैं क्षमता से अधिक कैदी</strong><br />कानपुर जिला कारागार में 1245 कैदियों की व्यवस्था है, लेकिन पिछले एक दशक से अधिक समय से यहां क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. इस दौरान जेल में 2200 से 2700 कैदी लगातार बंद रहे हैं. इसकी वजह से जेल प्रबंधन और कैदियों को कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्षमता से अधिक कैदी कानपुर जेल कारागार में बंद होने से प्रबंधन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिमें कैदियों के भोजन की व्यवस्था, उनके रुकने की जगह में कमी, सोने के स्थान पर दो से अधिक कैदियों की व्यवस्था जैसी कई समस्याएं लगातार बनी रहती है. इसका काफी हद तक असर जेल प्रबंधन और कैदी दोनों पर पड़ रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जेल से रिहाई के लिए विशेष पहल</strong><br />हर व्यक्ति चाहता है कि वह अपनी सजा पूरी कर जेल से जल्द बाहर निकले, लेकिन कई बार कैदियों को सजा और जुर्माने के कारण अतिरिक्त समय जेल में रहना पड़ता है. अधिकांश कैदियों को पैरवी करने के लिए कोई मदद नहीं मिलती और जुर्माना भरने में भी समस्या आती है, जिसकी वजह से भी उनकी सजा बढ़ जाती है और उन्हें अधिक समय जेल में बिताना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस समस्या का समाधान करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रबंधन ने मिलकर कई उपाय किए. इसमें जुर्माना राशि को घटाने और कैदियों की पैरवी कराने के प्रयास किए गए, जिससे उनकी रिहाई संभव हो सके. इस सराहनीय पहल की वजह से पिछले दो साल में कुल 750 कैदी जेल से रिहा हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा इन प्रयासों से जेलों पर पड़ने वाला दबाव भी कम हुआ है. जहां पहले जेलों में क्षमता से दो गुना अधिक कैदी होते थे, वहीं अब कैदियों की संख्या 2000 के नीचे आ गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’रिहाई से दबाव हुआ कम'</strong><br />कानपुर जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि अधिक कैदियों की संख्या की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी, जिससे जेल में कई समस्याएं पैदा हो रही थीं. कैदियों को उचित तरह से लेटने और बैठने की व्यवस्था में समझौता करना, अधिकारियों का अधिक समय जेल निरीक्षण में लगना और सजा पूरी होने के बावजूद पैरवी में देरी, जुर्माना राशि का भुगतान न हो पाना प्रमुख समस्याएं थीं. साल 2008 में जेल में बंदियों की संख्या 1980 थी, जो कि जेल अधीक्षक मेवाती के कार्यभार संभालने के समय 2700 तक पहुंच गई थी. लेकिन पिछले दो सालों में 750 कैदियों की रिहाई के बाद अब जेल पर दबाव कम हुआ है.</p>
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कपूरथला जेल से बंदी ने रची फरार होने की साजिश:शिवसेना नेता पर चलाई थीं गोलियां, देश विरोधी गतिविधियों में रहा शामिल
कपूरथला जेल से बंदी ने रची फरार होने की साजिश:शिवसेना नेता पर चलाई थीं गोलियां, देश विरोधी गतिविधियों में रहा शामिल कपूरथला मामले में सिविल अस्पताल से फरार हुए बंदी के मामले में कपूरथला की एसएसपी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। हालांकि फरार हुए बंदी और उसके साथी को पुलिस ने कुछ ही देर बाद पकड़ लिया। फरार होने की कोशिश करने वाले आरोपी ने जेल ही फरार होने की साजिश रची थी। SSP वत्सला गुप्ता ने बताया कि मंगलवार की दोपहर लगभग पौने दो बजे पुलिस गार्द जेल से UAPA केस के हवालाती जश्नप्रीत सिंह निवासी नूरदी थाना सिटी तरनतारन को दवा दिलाने के लिए सिविल अस्पताल लेकर आई थी। जहां कुछ समय बाद एक युवक बिना नंबर की बाइक पर आया और हवाई फायरिंग करते हुए जश्नप्रीत सिंह को बाइक पर बैठाकर भगा ले गया। गोलियां चलने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना के बाद पुलिस गार्द व PCR टीम ने पीछा करते हुए स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को सब्जी मंडी में दबोच लिया। इस दौरान एक आरोपी ने एक पुलिस कर्मी के सिर पर पिस्टल की बट से हमला कर जख्मी भी कर दिया। लेकिन पुलिस कर्मियों ने बहादुरी दिखाते हुए दोनों को काबू किया। अवैध असलाह के साथ बुलाया था दोस्त को SSP ने बताया कि पिछले वर्ष जून 2023 में जश्नप्रीत सिंह ने बटाला में शिवसेना नेता राजीव महाजन पर गोलियां चलाई थीं। इस समय जश्नप्रीत सिंह माडर्न जेल कपूरथला में बंद था। जश्नप्रीत सिंह को दवा लेने के लिए सिविल अस्पताल कपूरथला लाया गया। आरोपी ने जेल के अंदर से अपने सोर्स के जरिए अपने दोस्त अमृतपाल सिंह निवासी बच्चड़े थाना सिटी तरनतारन को अवैध असलाह के साथ अपने पास सिविल अस्पताल बुलाया। ताकि वह पुलिस हिरासत से भाग सके। जैसे ही अमृतपाल सिंह बाइक पर सवार होकर सिविल अस्पताल आया तो जश्नप्रीत सिंह पुलिस कर्मियों को चकमा देकर बाइक के पीछे बैठ गया और दोनों भाग गए। जिसे PCR व पुलिस गार्द ने बहादुरी से पीछा कर इन्हें दबोच लिया। इस दौरान बाइक गिरने से एक आरोपी की टांग भी टूट गई है। पहले से दर्ज हैं आधा दर्जन केस SSP ने बताया कि जश्नप्रीत सिंह देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। इस पर UAPA के अलावा 5-6 केस पहले भी दर्ज हैं। इसे भगाने आए युवक के बारे में पुलिस जांच कर रही है कि उसका बैकग्राउंड क्या है। फ़िलहाल दोनों के खिलाफ थाना सिटी में FIR दर्ज कर ली है। इनके पास से एक विदेशी ग्लॉक पिस्टल, 12 रौंद और वारदात में इस्तेमाल बाइक बरामद की है। SSP ने बताया कि जेल के अंदर से ही जश्नप्रीत सिंह ने अपनी फरारी की साजिश रची थी। इस मामले में जेल कनेक्शन के तहत भी जांच आगे बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एक पुलिस कर्मी जख्मी जरूर हुआ है, लेकिन वह ठीक है। वहीं SP-D सरबजीत राय ने बताया कि इस बहादुरी के लिए PCR टीम व पुलिस गार्द का नाम डीजी डिस्क के लिए भेजा जाएगा। प्रेसवार्ता में DSP -D परमिंदर सिंह और CIA इंचार्ज इंस्पेक्टर जरनैल सिंह, IT सेल इंचार्ज चरणजीत सिंह भी मौजूद थे।