हरियाणा के गुरुग्राम लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती जारी है। उम्मीद की जा रही है कि दोपहर 2 बजे तक लुधियाना सीट पर हार जीत की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल कांग्रेस के राज बब्बर इस सीट पर आगे चल रहे हैं। अब तक 4 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है। कांग्रेस के राज बब्बर को 189726 और राव इंद्रजीत सिंह को 156221 वोट मिले है। राज बब्बर ने अभी भी 33505 वोट की लीड बनाई हुई है। रेवाड़ी जिले के बावल विधानसभा में राज बब्बर फिलहाल बीजेपी के राव इंद्रजीत से पिछड़े हुए है। यहां चार राउंड की काउंटिंग के बाद राव इंद्रजीत सिंह को 20855 वोट और राज बब्बर को कुल 12110 वोट मिले है। राव इंद्रजीत सिंह 8746 वोट की लीड बनाए हुए है। हरियाणा के गुरुग्राम लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती जारी है। उम्मीद की जा रही है कि दोपहर 2 बजे तक लुधियाना सीट पर हार जीत की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल कांग्रेस के राज बब्बर इस सीट पर आगे चल रहे हैं। अब तक 4 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है। कांग्रेस के राज बब्बर को 189726 और राव इंद्रजीत सिंह को 156221 वोट मिले है। राज बब्बर ने अभी भी 33505 वोट की लीड बनाई हुई है। रेवाड़ी जिले के बावल विधानसभा में राज बब्बर फिलहाल बीजेपी के राव इंद्रजीत से पिछड़े हुए है। यहां चार राउंड की काउंटिंग के बाद राव इंद्रजीत सिंह को 20855 वोट और राज बब्बर को कुल 12110 वोट मिले है। राव इंद्रजीत सिंह 8746 वोट की लीड बनाए हुए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में अस्पताल की मंजिल से कूदा युवक:शराब के नशे में था धुत, चाचा का पता लेने के लिए आया था
फरीदाबाद में अस्पताल की मंजिल से कूदा युवक:शराब के नशे में था धुत, चाचा का पता लेने के लिए आया था हरियाणा के फरीदाबाद जिले में शनिवार की शाम बादशाह खान सिविल अस्पताल की पहली मंजिल से एक नशे में धुत युवक ने छलांग लगा दी । गनीमत रही की छलांग लगाने के बाद उसे हल्की फुल्की चोटें आई। जिसे आनन फानन में बादशाह खान सिविल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया। छलांग लगाने वाले युवक की पहचान 30 वर्षीय बदल के रूप में हुई है। पहली मंजिल से कूदा युवक अस्पताल की मंजिल से कूदने वाले युवक के भाई शिवा ने बताया कि उसके चाचा का बीके अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिसके चलते वह बीके अस्पताल में कई दिनों से भर्ती है। शिवा के मुताबिक वह फरीदाबाद के गाजीपुर इलाके में रहते हैं और बादल गुरुग्राम में रहता है। जहां एक निजी कंपनी में काम करता है। उनके चाचा की तबीयत कई दिनों से खराब है, इसके चलते वह बीके अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं। उन्हीं को देखने के लिए आज बादल बादशाह खान सिविल अस्पताल में चाचा से मिलने आया था। लेकिन बादल काफी नशे में था और वह चाचा की हालत को देख कर भावुक होकर पहली मंजिल से छलांग लगा दी। इस हादसे में किसी का कोई दोष नहीं है। मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी घटना की सूचना मिलते ही जांच अधिकारी राजेश मौके पर पहुंच गए। अस्पताल में पहुंचने के बाद डॉक्टर से उसके बारे में बात की तो डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वह काफी नशे की हालत में है। लेकिन गनीमत रही कि छलांग लगाने के दौरान उसके हाथ पांव में कोई फैक्चर नहीं आया, हलकी-फुलकी चोट आई है। इसके चलते उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
नूंह में ब्रजमंडल यात्रा की ड्रोन से होगी वीडियोग्राफी:पहाड़ पर भी तैनात रहेंगे पुलिस जवान; बदला जाएगा यातायात रूट, कड़ी सुरक्षा रहेगी
नूंह में ब्रजमंडल यात्रा की ड्रोन से होगी वीडियोग्राफी:पहाड़ पर भी तैनात रहेंगे पुलिस जवान; बदला जाएगा यातायात रूट, कड़ी सुरक्षा रहेगी हरियाणा के नूंह में 22 जुलाई को होने वाली ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट है। इस बार पूरी यात्रा की वीडियोग्राफी होगी। ड्रोन कैमरे से यात्रा पर पूरी नजर रखी जाएगी। यात्रा वाले दिन यातायात रूट को भी बदलने की पुलिस की योजना है। पिछले वर्ष की तरह कोई अप्रिय घटना न हो, उसके लिए नूंह पुलिस काफी बंदोबस्त करने जा रही है। वहीं यात्रा में आने वाले लोग हथियार व लाठी डंडे व तेज म्यूजिक सिस्टम नहीं बजा सकेंगे। नूंह के एसपी विजय प्रताप ने बताया कि यात्रा के दौरान 22 जुलाई पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था रहेगी। पिछले साल की तुलना में इस बार पुलिस बल अधिक रहेगा। नूंह में केएमपी सहित अन्य मार्गों से आने वाले वाहनों की चेकिंग तक होगी। वहीं पिछले साल जिस नल्हड़ मंदिर के पहाड़ से उपद्रवियों द्वारा फायरिंग की गई थी। इस बार पहाड़ पर भी पुलिस के जवान तैनात होंगे। नूंह जिले के पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप का कहना है कि पुलिस इस बार किसी भी कमी के मूड नहीं है। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है। जिले की सभी सीमाओं को सील करने तथा आने जाने वालों को जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। प्रशासन की तरफ से कई बैठकें भी दोनों समुदाय के लोगों की हुई है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार यात्रा के लिए भी गाइड लाइन जारी की गई है। जहां से जलाभिषेक के यात्री एंट्री करेंगे तो उन पर पूरी निगरानी रहेगी। इस यात्रा के दौरान हरियाणा पुलिस के जवान, आरपीएफ, सीआरपीएफ, कंमाडों व अन्य सुरक्षा कर्मियों को लगाने का प्लान पुलिस विभाग तैयार कर चुका है। जलाभिषेक यात्रा को लेकर आइजी संजय कुमार, सीआइडी चीफ आलोक मित्तल व पुलिस अन्य अधिकारी नूंह का दौरा करके यात्रा को लेकर सुरक्षा का जायजा ले चुके हैं।
एसपी विजय प्रताप का कहना है कि सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर बनाई हुई है। किसी प्रकार के गलत व भड़काऊ पोस्ट डालने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक हरियाणा में करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा सीट पर 3 दशक से कांग्रेस पार्टी अपना विधायक नहीं बना पाई है। विधानसभा-2024 के चुनावी कैंपेन में भी घरौंडा के बड़े चेहरे कांग्रेस प्रत्याशी के मंच पर नजर नहीं आ रहे। टिकट के मजबूत दावेदारों में टिकट कटने की टीस अभी तक नजर आ रही है। सतीश रणा को छोड़कर कोई भी बड़ा कांग्रेस का नेता मंच पर नजर नहीं आ रहा है। टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान और युवा नेता भूपिंद्र सिंह लाठर तो पहले ही घोषणा कर चुके है कि वे राठौर के साथ मंच सांझा नहीं करेंगे। सतपाल कश्यप भी इशारा कर चुके है कि वे कांग्रेस के साथ है। वीरेंद्र राठौर ने अनिल राणा, रघबीर संधू, सतीश राणा से मुलाकात की। नेताओं से गले मिलते हुए तस्वीरें भी सामने आई, लेकिन नेताओं के शायद दिल नहीं मिले। नतीजन, नरेंद्र सांगवान, भूप्पी लाठर, सतपाल कश्यप, वीरेंद्र लामरा, रघबीर संधू जैसे टिकट के प्रबल दावेदार मंच से गायब है। कांग्रेस का भीतर घात राठौर के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस में बीजेपी की सेंधमारी घरौंडा सीट से 40 नेताओं ने टिकट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कांग्रेस ने 3 बार हारे हुए प्रत्याशी को टिकट दे दिया। सूत्रों की माने तो टिकट कटने से खफ़ा कांग्रेस नेताओं को बीजेपी अपने पक्ष में करने की जुगत में लगी है। गुप्त बैठकों का भी दौर जारी है। ऐसे में अगर बीजेपी नाराज कांग्रेसियों को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो जाती है तो वीरेंद्र सिंह राठौर को मोटा नुकसान होगा। 1991 के बाद नहीं आई कांग्रेस 1991 के बाद कांग्रेस घरौंडा विधानसभा में कभी वापसी नहीं कर पाई। 32 साल के सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें की, लेकिन नाकाम रही। 1967 से आज तक कांग्रेस सिर्फ 3 बार ही घरौंडा में अपना विधायक बना पाई है। 1967 में मूलचंद जैन, 1982 में वेदपाल और 1991 में कंवर रामपाल कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 1972 में लाला रूलिया राम इंडियन नेशनल कांग्रेस (ओ) से विधायक बने थे, क्योंकि 12 नवंबर 1969 में कांग्रेस अलग हो गई थी। जिसके मुख्य लीडर के. कामराजा और मोराजी देसाई थे। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस (आर) की मेन लीडर इंदिरा गांधी थी। 2005 से रहा है त्रिकोणीय मुकाबला घरौंडा विधानसभा चुनाव में 2005 से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। 2019 में आमने-सामने की टक्कर देखी गई थी, और 2024 में भी आमने सामने की टक्कर ही नजर आ रही है। आप पार्टी, इनेलो और जेजेपी तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। 2005 में इनेलो से रेखा राणा, आजाद उम्मीदवार जयपाल शर्मा और कांग्रेस से वीरेंद्र राठौर के बीच मुकाबला था, राठौर तीसरे नंबर पर रहे थे। 2009 में नरेंद्र सांगवान इनेलो, वीरेंद्र राठौर कांग्रेस और हरविंद्र कल्याण बीएसपी के बीच टक्कर थी। राठौर दूसरे नंबर पर रहे थे। 2014 में हरविंद्र कल्याण बीजेपी, नरेंद्र सांगवान इनेलो और वीरेंद्र राठौर कांग्रेस के बीच फाइट हुई, और राठौर फिर तीसरे नंबर पर आए। 2019 में बीजेपी को कांग्रेस के अनिल राणा ने टक्कर दी थी और हार गए थे। नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी थे राठौर 2009 में नरेंद सांगवान इनेलो में थे और इन्होंने राठौर को 1660 वोट से हराया था। 2014 में भी सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे और राठौर तीसरे पर, तब भी सांगवान ने राठौर को 468 वोट से पछाड़ा था। विशेषज्ञों की माने तो राठौर, नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी रहे है और उन्होंने राठौर को बार-बार हराया है।
कांग्रेस के बीच अंदरूनी तौर पर छिड़ी इस गहमागहमी के बीच कांग्रेस का घरौंडा में विधायक बनाने का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है। हालांकि नेता डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर कर रहे है, लेकिन डैमेज कंट्रोल होता नजर नहीं आ रहा। वह देखना है कि आने वाले दिनों में बड़े नेताओं की एंट्री से कितना फर्क पड़ेगा। फिलहाल इतना जरूर है कि बीजेपी के प्रति एंटी इनकेंबेंसी जरूर है, लेकिन कांग्रेस इसका कितना फायदा ले सकती है, वह समय के घेरे में है।