हिसार जिले के रायपुर-खरड़ अलीपुर गांव के बीच बाइक पर जा रहे एक क्लीनिक डॉक्टर से चाकू दिखाकर लूटपाट और मारपीट करने का मामला सामने आया है। बाइक सवार तीन लड़कों ने पेट्रोल लेने के बहाने डॉक्टर की बाइक रुकवाई और पेट्रोल मांगा। डॉक्टर ने जब पेट्रोल देने से मना किया तो आरोपियों ने चाकू निकाल लिया और ₹5000 की नगदी और एक एंड्रॉयड फोन छीनकर भाग गए। फिलहाल सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। क्लिनिक पर जा रहा था पीड़ित रायपुर गांव के रहने वाले सुभाष ने बताया कि वह खरड़ अलीपुर गांव में बीते 5 सालों से क्लिनिक चल रहे हैं। 5 मई को वह शाम करीब 5 बजे घर से बाइक पर खरड़ अलीपुर अपने क्लीनिक पर जा रहा था। जब गांव से 2 किलोमीटर दूर पहुंचा तो सामने से तीन नौजवान लड़के बाइक पर आए और उसे रोक लिया। उन्होंने कहा कि उनकी बाइक में तेल नहीं है, उन्होंने सबसे पहले पेट्रोल मांगा जब उन्हें मना करने के बाद वहां से जाने लगा तो उन्होंने बाइक को आगे लगा दिया। पास की ढ़ाणी में जाकर बचाई जान इस दौरान उनमें से एक लड़के ने चाकू निकाल लिया और झगड़ा करने लगे। इस दौरान उन्होंने उसकी जेब से ₹5000 और मोबाइल निकाल लिया। अपने आप को बचाने के लिए सुभाष पास बनी ढाणी में भाग गया। इसके बाद तीनों हमलावर वहां से बाइक की चाबी निकाल कर भाग गए। वीरवार को सदर थाना पुलिस ने धारा 341,379A,506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हिसार जिले के रायपुर-खरड़ अलीपुर गांव के बीच बाइक पर जा रहे एक क्लीनिक डॉक्टर से चाकू दिखाकर लूटपाट और मारपीट करने का मामला सामने आया है। बाइक सवार तीन लड़कों ने पेट्रोल लेने के बहाने डॉक्टर की बाइक रुकवाई और पेट्रोल मांगा। डॉक्टर ने जब पेट्रोल देने से मना किया तो आरोपियों ने चाकू निकाल लिया और ₹5000 की नगदी और एक एंड्रॉयड फोन छीनकर भाग गए। फिलहाल सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। क्लिनिक पर जा रहा था पीड़ित रायपुर गांव के रहने वाले सुभाष ने बताया कि वह खरड़ अलीपुर गांव में बीते 5 सालों से क्लिनिक चल रहे हैं। 5 मई को वह शाम करीब 5 बजे घर से बाइक पर खरड़ अलीपुर अपने क्लीनिक पर जा रहा था। जब गांव से 2 किलोमीटर दूर पहुंचा तो सामने से तीन नौजवान लड़के बाइक पर आए और उसे रोक लिया। उन्होंने कहा कि उनकी बाइक में तेल नहीं है, उन्होंने सबसे पहले पेट्रोल मांगा जब उन्हें मना करने के बाद वहां से जाने लगा तो उन्होंने बाइक को आगे लगा दिया। पास की ढ़ाणी में जाकर बचाई जान इस दौरान उनमें से एक लड़के ने चाकू निकाल लिया और झगड़ा करने लगे। इस दौरान उन्होंने उसकी जेब से ₹5000 और मोबाइल निकाल लिया। अपने आप को बचाने के लिए सुभाष पास बनी ढाणी में भाग गया। इसके बाद तीनों हमलावर वहां से बाइक की चाबी निकाल कर भाग गए। वीरवार को सदर थाना पुलिस ने धारा 341,379A,506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दीपेंद्र विनेश फोगाट के भारत लौटने के दौरान दीपेंद्र हुड्डा नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पल-पल उनके साथ रहे। उन्हें रिसीव करने करने के लिए हुड्डा सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर ही नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे। एयरपोर्ट के अंदर से अकेले दीपेंद्र हुड्डा ही वो शख्सियत थे, जो उन्हें बाहर तक लेकर आए। उस वक्त दीपेंद्र और विनेश फोगाट को सुरक्षा कर्मियों ने पूरी तरह घेरा हुआ था। इस दौरान विनेश के पति सोमबीर राठी भी थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही जीजा बजरंज पूनिया, साक्षी मलिक और उनकी मां प्रेमलता मिलीं। उन्हें देखकर विनेश के आंसू छलक गए। इसके बाद विनेश जी-वैगन कार में सवार हुईं। विनेश का काफिला जब दिल्ली एयरपोर्ट से चरखी-दादरी के बलाली गांव के लिए रवाना हुआ तो विनेश के साथ गाड़ी के बोनट पर दीपेंद्र हुड्डा, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया बैठे थे। दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर द्वारका तक दीपेंद्र हर जगह विनेश के साथ मौजूद रहे। इस दौरान 10 जगहों पर विनेश फोगाट का स्वागत किया गया। दीपेंद्र हुड्डा ने कई जगह मीडिया से बात भी की और विनेश फोगाट की जमकर तारीफ भी की। ट्रोल होते ही गाड़ी से उतरे दीपेंद्र विनेश के 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धनकोट में भी टिकट के दावेदारों की लंबी कतार विनेश के स्वागत में दिखाई दी। इनमें ज्यादातर नेता हुड्डा परिवार के खास गिने जाते हैं। गुरुग्राम के बाद विनेश का काफिला झज्जर जिले में दाखिल हुआ, यहां बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स से लेकर 4 अन्य टिकट के दावेदारों ने विनेश का स्वागत किया। बादली में ही मनराज गुलिया ने भी उनका जोरदार स्वागत किया, जो टिकट के प्रबल दावेदार है। जब विनेश का काफिया झज्जर शहर में एंट्री किया तो कोसली रोड स्थित टी-पॉइंट पर झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल खुद मौजूद रहीं। गीता भुक्कल ने दीपेंद्र हुड्डा के खास समर्थक नरेश हसनपुर के ऑफिस पर विनेश फोगाट का स्वागत किया और विनेश के अलावा बजरंग के गले लगकर उनका सम्मान किया। इसी तरह चरखी दादरी में भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान सहित टिकट के अन्य दावेदारों ने देर रात विनेश फोगाट का इंतजार कर उन्हें अपनी पलकों पर बिठाया। सोमबीर भी फिलहाल हुड्डा खेमे से दादरी से कांग्रेस का टिकट मांग रहे है। BJP के नेता रहे दूर दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर बलाली गांव तक पहुंचने के दौरान विनेश का काफिला जिन-जिन इलाकों से गुजरा, उनमें गुरुग्राम के बादशाहपुर एरिया के BJP नेता पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, मनीष यादव, पूर्व सीएम मनोहर लाल के OSD और टिकट के दावेदार जवाहर यादव, बादली में पूर्व विधायक और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के बाद दादरी में मंत्री जेपी दलाल और विनेश की चचेरी बहन व बीजेपी की टिकट की दावेदार बबीता फोगाट का एरिया है। इनमें से एक भी नेता विनेश का स्वागत करने के लिए नहीं पहुंचा। रोड शो के 125 किलोमीटर के एरिया में कहीं भी BJP के झंडे नजर नहीं आए। जबकि विनेश के काफिले में मौजूद गाड़ियों में अधिकांश गाड़ियां दीपेंद्र हुड्डा के समर्थकों की रहीं। विनेश के स्वागत से इसलिए दूर रहे भाजपाई विनेश फोगाट के स्वागत कार्यक्रम से दूर रहने में भाजपाई नेताओं की कई मजबूरियां और परेशानी रहीं, क्योंकि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने जब आंदोलन किया तो उन्हें काफी ट्रोल किया गया था। तीनों रेसलर्स ने तत्कालीन भाजपा सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस वक्त भाजपा का कोई नेता उनके पक्ष में नहीं आया, जिसकी वजह से भाजपा के नेताओं को डर था कि चुनावी मौसम में अगर वो इस स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे तो उन्हें विरोध का सामना न करना पड़ जाए। जिसके चलते भाजपा के नेताओं ने विनेश के कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी। कांग्रेस ब्रजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन से ही रेसलरों के साथ जनवरी 2023 में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने उस वक्त के WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किया था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी की तरफ से इन पहलवानों को पूरा समर्थन दिया गया था। करीब 4 महीनों बाद जब इन पहलवानों ने फिर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला तो कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा खुलकर उनके समर्थन में आ गए थे। पहलवानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। दीपेंद्र हुड्डा के खुलकर मैदान में आने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने उन पर इस पूरे आंदोलन का साजिशकर्ता होने का आरोप तक लगा दिया था। हालांकि दीपेंद्र हुड्डा ने इस आरोपों को सिरे से नकार दिया था। हुड्डा कर विनेश को राज्यसभा भेजने की कर चुके मांग
विनेश फोगाट ने इस बार पेरिस ओलिंपिक में एक ही दिन में दुनिया की 2 नामी महिला पहलवानों को पटखनी देकर फाइनल में जगह बनाई थी। 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने पर विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। जिसकी वजह से विनेश न केवल गोल्ड मेडल से चूकी, बल्कि उन्हें सिल्वर मेडल भी नहीं मिल पाया। इसके बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट को राज्यसभा में निर्विरोध चुने जाने की मांग की थी। हुड्डा का कहना था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अगर बहुमत होता तो वे विनेश को जरूर राज्यसभा भेजते। सभी पार्टियां विनेश का नाम आगे बढ़ाकर उसे राज्यसभा भेजें।
हरियाणा के पूर्व मंत्री मोदी मित्र कैंप में शामिल:13 हजार सदस्य जुड़े, CM ने दी बधाई, ग्रोवर बोले- जीवनभर इसी संगठन में रहूंगा
हरियाणा के पूर्व मंत्री मोदी मित्र कैंप में शामिल:13 हजार सदस्य जुड़े, CM ने दी बधाई, ग्रोवर बोले- जीवनभर इसी संगठन में रहूंगा रोहतक से वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर देशभर व प्रदेश में चलाए जा रहे भाजपा सदस्यता अभियान में 13 हजार से अधिक आम लोगों को सदस्य बनाकर मोदी मित्र कैंप में शामिल हुए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने उन्हें शुभकामनाएं देकर खुशी जताई। प्रदेशभर से करीब एक दर्जन भाजपा नेता ही 10 हजार से अधिक सदस्य बना पाए हैं। मोदी मित्र कैंप में शामिल होने पर पूर्व मंत्री ग्रोवर ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि उनके लिए राष्ट्र व संगठन सर्वोपरि है। बचपन से लेकर आज तक उन्होंने एक ही संगठन भाजपा के लिए काम किया है और जीवनभर इसी संगठन के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपने संगठन को छोड़ने के बारे में नहीं सोचा। राजनीतिक जीवन में लोग निजी स्वार्थों के चलते संगठन बदलते हैं। पार्टी के अभियान धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए किया काम
पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व की ओर से समय-समय पर जो भी अभियान चलाए गए हैं, उन्हें पूरी ईमानदारी से धरातल पर अमलीजामा पहनाने का काम किया गया है। आने वाले समय में भी संगठन जो भी ड्यूटी लगाएगा, उसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं और अन्य पदाधिकारियों की मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी के प्रयासों से रोहतक विधानसभा में 13000 से अधिक लोगों को भाजपा की सदस्यता अभियान से जोड़ा गया है। आज लोगों में भाजपा की सदस्यता से जुड़ने के लिए काफी उत्साह है। हर वर्ग के लोग पार्टी में अपनी आस्था जता रहे हैं। आने वाले समय में पार्टी का संगठन धरातल पर और मजबूत बनेगा। केंद्र और प्रदेश सरकार जनहित में अनेक फैसले ले रही है।
रेवाड़ी के नरेंद्र ने अलास्का की चोटी पर फहराया तिरंगा:29 साल की उम्र में बनाया रिकॉर्ड, 7 महाद्वीपों को फतेह करना सपना
रेवाड़ी के नरेंद्र ने अलास्का की चोटी पर फहराया तिरंगा:29 साल की उम्र में बनाया रिकॉर्ड, 7 महाद्वीपों को फतेह करना सपना हरियाणा के रेवाड़ी जिले के नेहरूगढ़ गांव के पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने उत्तरी अमेरिका के अलास्का की सबसे ऊंची चोटी डेनाली को फतह कर लिया है। पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने 6190 मीटर ऊंची चोटी पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। नरेंद्र यादव इस पर्वत पर चढ़ने वाले पहले युवा भारतीय बन गए हैं। इससे पहले डेनाली को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले युवा की उम्र 31 साल 1 महीना 25 दिन थी। नरेंद्र यादव ने 29 साल 6 महीने 8 दिन की उम्र में यह रिकॉर्ड तोड़कर अपने नाम कर लिया है। इस अभियान में दुनिया भर के पर्वतारोहियों ने हिस्सा लिया था। अभियान को आईपीएल बायोलॉजिकल ने प्रायोजित किया है। दरअसल, 15 जून को नरेंद्र यादव चार्टर फ्लाइट से तालकीतना से बेस कैंप पहुंचे और वहां से पैदल कैंप-1 पहुंचे। 23 जून को रात 10:29 बजे उन्होंने तिरंगा फहराकर विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित कर दिया। ठंड व तेज हवा के कारण घातक हैं पर्वत नरेन्द्र यादव ने बताया कि देनाली को घातक पर्वत भी कहा जाता है। यह पर्वत तकनीकी तौर पर बहुत ही दुर्गम है। अत्यधिक ठंड और तेज हवा से यह पर्वत पर चढ़ाई और खतरनाक बना देता है। जोखिमों से भरा होने के कारण बहुत कम पर्वतारोही इस पर्वत को चढ़ने में कामयाब हुए है। 7 महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना आर्मी जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र यादव का सपना दुनिया के सभी 7 महाद्वीपों पर फतेह कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में छाप छोड़ने का है। नरेन्द्र ने पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह कर अनेकों विश्व रिकॉर्ड बनाए है। 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई, 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स पास किए। जिसमें माउंट एवरेस्ट को 2016 व 2022 में 6 दिन में बिना अनुकूलन के फतेह किया। किलिमंजारो को 3 बार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में 2 बार, कोजास्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों को दो बार फतेह किया है। इसके साथ-साथ दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ को फतेह किया है। अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 12 साल की उम्र में ही नरेन्द्र ने जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरूआत कर दी थी। वर्ष 2008 से इन्होंने नियमित तौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू कर दिया था। उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित हुआ था। अब अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है।