<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Ministers in Narendra Modi 3.0 Cabinet:</strong> देश में कल नई सरकार का शपथ ग्रहण हो जाएगा. तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री के साथ करीब 52 से 55 मंत्री शपथ ले सकते हैं, इनमें 19 से 22 कैबिनेट और करीब 33 से 35 राज्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं. वहीं इस मंत्रिमंडल में हरियाणा से भी तीन सांसदों को शामिल किया जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> कैबिनेट में हरियाणा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर को जगह मिल सकती है. हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई लेकिन ये माना जा रहा है कि इन तीन नेताओं को बीजेपी केंद्र में जगह दे सकती है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Ministers in Narendra Modi 3.0 Cabinet:</strong> देश में कल नई सरकार का शपथ ग्रहण हो जाएगा. तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री के साथ करीब 52 से 55 मंत्री शपथ ले सकते हैं, इनमें 19 से 22 कैबिनेट और करीब 33 से 35 राज्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं. वहीं इस मंत्रिमंडल में हरियाणा से भी तीन सांसदों को शामिल किया जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> कैबिनेट में हरियाणा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर को जगह मिल सकती है. हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई लेकिन ये माना जा रहा है कि इन तीन नेताओं को बीजेपी केंद्र में जगह दे सकती है.</p> पंजाब महाराष्ट्र के ये तीन नेता हो सकते हैं नई मोदी सरकार का हिस्सा, लिस्ट में देखें बीजेपी-शिंदे गुट से किसे मिली जगह
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Bihar Crime: अपनी जमीन पर लगाया मचान तो दबंगों ने कर दी निर्मम हत्या, घर पर ढाया कहर, हैरान कर देगी ये सनसनीखेज घटना
Bihar Crime: अपनी जमीन पर लगाया मचान तो दबंगों ने कर दी निर्मम हत्या, घर पर ढाया कहर, हैरान कर देगी ये सनसनीखेज घटना <p style=”text-align: justify;”><strong>Land Dispute In Motihari:</strong> बिहार सरकार ने भूमि विवाद से निपटने के लिए पूरे राज्य में जमीन सर्वे का काम शुरू किया है, लेकिन भू-माफिया की दबंगई अभी कम नहीं हुई है. दबंग लोग सरेआम जमीन कब्जा करने के लिए हत्या जैसी संगीन घटना को अंजाम दे रहे हैं. मामला पूर्वी चंपारण जिले का है, जहां 50 वर्षीय इकरामुल हक उर्फ मलहा नामक व्यक्ति की दबंगों ने धारदार हथियार से वार करके सरेआम खेत में उसे घायल कर दिया. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए पटना भेजा गया, लेकिन दो दिन इलाज के बाद मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतक के बेटे ने बताई पूरी घटना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए मृतक इकरामुल हक के बेटे आशिक सांई ने बताया कि पूरी घटना 15 दिसंबर की सुबह 9 बजे के करीब की है, जब पूर्वी चंपारण जिले के फेनहरा थाना स्थित फेनहरा गांव के निवासी हमारे पिता इकरामुल हक फसल की देखभाल के लिए खेत में मचान बना रहे थे, लेकिन गांव के ही दबंग तालीम अपने दर्जनों समर्थकों के साथ खेत में पहुंच गया और मचान को उखाड़ कर फेंक दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बेटे ने बताया कि जब हमारे पिता ने विरोध किया तो तालीम के साथ आए तमन्ना नाम के व्यक्ति ने धारदार हथियार (तलवार ) से उन पर वार कर दिया, जब हम लोग पहुंचे तो हम लोगों के साथ भी मारपीट की गई. मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि उस घटना के तुरंत बाद फिर घर पर भी दबंग लोग पहुंचे और खाने पीने सहित घर के पूरे सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया. घर में पड़े 80000 रुपये भी निकाल लिए. साथ ही मोबाइल, जेवरात जो थे, वह सभी लेकर चले गए. .</p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतक के बेटे ने ये भी आरोप लगाया है कि महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए कपड़े तक फाड़ दिए गए. इस घटना में प्रमुख रूप से तालीम और तमन्ना के अलावे तौकीज और तौसीफ भी थे. यह सभी गांव के दबंग के रूप में जाने जाते हैं और गरीबों की जमीन पर कब्जा करते हैं. आशिक सांई ने बताया कि जब हमारे पिताजी गंभीर रूप से घायल हो गए तो आनन-फानन में हम लोग फेनहरा थाना लेकर गए तो थाना अध्यक्ष ने कहा कि पहले इलाज कराओ बाद में कार्रवाई होगी. फिर वो लोग घायल को लेकर मोतिहारी सदर अस्पताल गए, लेकिन मोतिहारी में भी सही ढंग से इलाज नहीं हुआ तो पटना लेकर आए और निजी अस्पताल में इलाज कराने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आईजीआईएमएस में चल रहा था इलाज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बेटे ने बताया कि इसके बाद आईजीआईएमएस में बेड मिला तो सोमवार से यहां इलाज करवा रहे थे, लेकिन मंगलवार को पिताजी ने दम तोड़ दिया. मृतक के बेटे ने कहा कि पहली प्राथमिकी आज पटना के शास्त्री नगर थाना में दर्ज की गई है. यहां पर फर्दबयान लिया गया है और पोस्टमार्टम कराया गया है. पूर्वी चंपारण पुलिस को यहां से फर्दबयान भेजने के बाद कार्रवाई होगी, लेकिन सवाल उठता है कि जब इलाज के लिए पीड़ित पटना चले आए तो लोकल थाना के पुलिस की कार्रवाई क्या हुई? 48 घंटे बीत गए लेकिन अब तक कोई भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया तो ऐसे में भू-माफिया पर लगाम कैसे लगाया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/rjd-spokesperson-mrityunjay-tiwari-targeted-cm-nitish-kumar-pragati-yatra-jdu-leader-neeraj-kumar-reaction-ann-2844334″>Bihar Politics: क्यों बदलना पड़ा सीएम को अपनी यात्रा का नाम? RJD ने बताई वजह तो JDU ने कहा- इनको समझ ही नहीं</a></strong></p>
आतंकी हमलों के बाद वैष्णो देवी में श्रद्धालु घटे:29 से अमरनाथ यात्रा शुरू, लोगों में डर, पठानकोट से हाईलेवल सिक्योरिटी
आतंकी हमलों के बाद वैष्णो देवी में श्रद्धालु घटे:29 से अमरनाथ यात्रा शुरू, लोगों में डर, पठानकोट से हाईलेवल सिक्योरिटी जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों के बाद माहौल बेशक अब शांतिपूर्ण है, लेकिन माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है। श्राइन बोर्ड के अनुसार, पहले माता के दरबार में रोजाना करीब 50 से 55 हजार श्रद्धालु आते थे। अब कुछ दिनों से श्रद्धालुओं की संख्या घटकर 25 से 30 हजार रह गई है। रोजाना करीब 25 हजार श्रद्धालु ही माता के दरबार में पहुंच रहे हैं। अब 29 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था आज कश्मीर पहुंचेगा। ऐसे में यात्रा को लेकर सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पठानकोट में जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हैं। पूरे मार्ग पर इस बार सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा सके। वैष्णो देवी जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाई आतंकी हमलों के बाद सरकार ने माता वैष्णो देवी जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। बावजूद इसके लोगों में अभी भी डर है। हालांकि सरकार और श्राइन बोर्ड बार-बार अपील कर रहा है कि माता के दरबार में आने वाले श्रद्धालु बिना किसी डर के आएं। कटरा में श्रद्धालुओं की संख्या आधी हुई श्रद्धालु वैष्णो देवी जाने से पहले कटरा पहुंचते हैं, जहां से माता के दरबार तक की 14 किलोमीटर लंबी चढ़ाई शुरू होती है। जून के पहले सप्ताह तक कटरा और दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि 2 दिन के लिए श्राइन बोर्ड को यात्रा पर्ची काउंटर बंद करने पड़े। अब स्थिति यह है कि माता के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटकर बिल्कुल आधी रह गई है। मेन बाजार की रौनक भी कम, दुकानदार मायूस कटरा मेन बाजार की बात करें तो श्रद्धालुओं की संख्या में कमी के साथ ही दुकानदारों के चेहरे भी मायूस हैं। दुकानदार विजय कुमार और मनोज ने बताया कि आतंकी हमलों के बाद दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है। खरीदारी के लिए आने वाले लोग भी नहीं आ रहे हैं। जून माह में छुट्टियां होने के कारण हर साल लाखों श्रद्धालु आते थे, लेकिन इस बार जून की शुरुआत में आतंकी हमले होने से लोग डरे हुए हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए हर साल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ आते हैं। सरकार भी अमरनाथ यात्रा और माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील कर रही है कि घाटी में आपकी सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को भी सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। 9 जून को हुआ था पहला आतंकी हमला
हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश
हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार देर रात दो लिस्टों में 45 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इसमें पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वनमैन शो नजर आया। कांग्रेस हाईकमान ने 45 में से 38 टिकटें उनके करीबियों को दे दी। 2019 के मुकाबले जिन 34 सीटों पर चेहरे बदले गए, उनमें भी 33 हुड्डा खेमे के ही हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों में हुड्डा का दबदबा रहेगा, यह बुधवार को ही साफ हो गया था जब हुड्डा ने बिना टिकट मिले पलवल सीट से अपने समधी करण दलाल और हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी के बेटे विकास सहारण का कलायत से नॉमिनेशन फाइल करवा दिया। बुधवार को घोषित 45 सीटों में से सांसद कुमारी सैलजा के खाते सिर्फ 4 सीटें आईं। सैलजा कैंप में शामिल रणदीप सुरजेवाला को भी हाईकमान ने दो सीटें देकर किनारे कर दिया। कैथल से सुरजेवाला के बेटे और नरवाना से उनके करीबी सतबीर दबलेन को टिकट मिला है। 3 उदाहरण से समझिए टिकट बंटवारे में हुड्डा के दबदबा को 1. हुड्डा ने 2019 ही नहीं बल्कि 2005 से खुद से जुड़े नेताओं या उनके रिश्तेदारों को टिकट दिलाई। इनमें बड़खल से 2009 में MLA रहे महेंद्र प्रताप के बेटे विजय प्रताप, पृथला से 2009 में MLA रहे रघुवीर तेवतिया, पलवल से 2005 में MLA रहे करण दलाल, हथीन से 2009 में MLA रहे जलेब खान के बेटे मुहम्मद इजराइल और अटेली से 2009 में MLA रहीं अनीता यादव का नाम शामिल है। यह सभी लोग हुड्डा की अगुवाई वाली दो सरकारों में उनके साथ रहे। 2. कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के पुरजोर विरोध के बावजूद हुड्डा लगातार दो चुनाव हार चुके अपने करीबियों को भी टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इनमें नारनौल से राव नरिंदर, बरवाला से रामनिवास घोड़ेला और पृथला से रघुवीर तेवतिया का नाम शामिल रहा। राव नरिंदर 2009 में हजकां की टिकट पर जीते और उसके बाद हुड्डा से जुड़ गए थे। 3. सिरसा से 9 दिन पहले कांग्रेस में आए गोकुल सेतिया और हांसी से पूर्व JJP नेता राहुल मक्कड़ को टिकट दिलाने में भी हुड्डा खेमा सफल रहा। आदमपुर सीट से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रशेखर को मिली टिकट के पीछे भी हुड्डा का ही रोल रहा। जातीय समीकरण को ऐसे साधा जाट वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश
कांग्रेस ने जाट पॉलिटिक्स पर फिर भरोसा जताया। उसके 45 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 13 चेहरे जाट बिरादरी के हैं। लोकसभा चुनाव में जाट वोटरों ने एकतरफा वोटिंग करते हुए कांग्रेस को सोनीपत, हिसार और रोहतक सीट जिताई थी। नलवा, अंबाला कैंट, कलायत, कैथल, राई, फतेहाबाद और ऐलनाबाद जैसी जाट डोमिनेंट सीटों पर उसने जाट नेताओं को टिकट दी। OBC वर्ग को जोड़ने का प्रयास
कांग्रेस ने 45 में से 10 टिकट OBC वर्ग को दिए। अकेले हिसार जिले में ही ओबीसी वर्ग को 3 सीटें दी गईं। इनमें आदमपुर से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश, हिसार से रामनिवास राडा और बरवाला से रामनिवास घोड़ेला शामिल हैं। भाजपा अभी तक नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी कार्ड खेलती रही है। इसी का तोड़ निकालने की कोशिश कांग्रेस करती हुई नजर आई। 7 SC चेहरे
कांग्रेस ने अपनी तीसरी और चौथी लिस्ट में कुल 7 SC नेताओं को टिकट दिए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 10 में से दोनों रिजर्व सीटें- अंबाला और सिरसा जीती थी। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से जुड़े एससी वोटबैंक को हाईकमान खोना नहीं चाहता। इसलिए उसने SC बिरादरी को प्रॉपर प्रतिनिधित्व दिया है। BJP से जुड़े पंजाबियों को लुभाने के लिए 4 टिकट
कांग्रेस ने 4 पंजाबी चेहरों को टिकट दी है। इनमें सिरसा से गोकुल सेतिया, पानीपत शहरी से वरिंदर कुमार शाह, हांसी से राहुल मक्कड़ और अंबाला कैंट से परविंदर परिमल परी शामिल हैं। सीधे तौर पर इन सीटों पर पंजाबी वोट बैंक का डोमिनेंस है। कांग्रेस ने भाजपा में पंजाबी चेहरों को लेकर पैदा हुए खालीपन को कैश करने की कोशिश की है। भाजपा के 3 बड़े पंजाबी चेहरों में से मनोहर लाल खट्टर केंद्र में जा चुके हैं। अनिल विज अपने क्षेत्र तक सीमित हो चुके हैं। वहीं संजय भाटिया ने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया। 2 ब्राह्मण, 2 मुस्लिम भी उतारे
कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के ‘नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान’ के नारे को कैश करने की भी कोशिश की है। इसके लिए यमुनानगर से रमन त्यागी और बल्लभगढ़ से पराग शर्मा को टिकट दी है। ये दोनों शहरी सीटें हैं। इसके अलावा जगाधरी से अकरम खान और हथीन से मुहम्मद इजराइल को टिकट दी है। हथीन नूंह से सीट सीट है और यहां बड़ा मुस्लिम वोट बैंक है। वहीं जगाधरी में भी मुस्लिम वोट बैंक का असर है। वैश्य, राजपूत और जट्ट सिख को भी टिकट
कांग्रेस ने हर जाति को शामिल करने की कोशिश की है। इनमें 2 वैश्य उम्मीदवार जींद से महाबीर गुप्ता और फरीदाबाद से लखन कुमार सिंगला को टिकट दी है। इन दोनों सीटों पर व्यापारी वोट बैंक ज्यादा है। इसके अलावा घरौंडा से राजपूत वर्ग से वरिंदर सिंह राठौड़ को उतारा है। यहां राजपूत वोट बैंक ज्यादा है। पिहोवा से जट्ट सिख मनदीप सिंह चट्ठा को टिकट दी है। पंजाब से सटी इस सीट पर सिख वोट बैंक ज्यादा है। क्षेत्रीय समीकरण ऐसे साधे जीटी रोड बेल्ट: भाजपा के गढ़ में 13 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के स्ट्रॉन्ग होल्ड वाली जीटी रोड बेल्ट में बड़ी सर्जरी की है। 10 साल से सरकार में बैठी भाजपा के खिलाफ भले ही एंटी इनकंबेंसी बताई जा रही हो लेकिन कांग्रेस ने रिस्क लेना ठीक नहीं समझा। उसने पंचकूला से सोनीपत तक इस बेल्ट की पेंडिंग 13 में से 10 सीटों पर 2019 के मुकाबले चेहरे बदल दिए। इनमें से कुछ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 से 15 साल पुराने साथी रहे हैं। खास बात यह भी है कि कांग्रेस ने इस एरिया की दो सीटों पर पंजाबी चेहरे भी उतारे हैं। बागड़ बेल्ट: 2019 में जहां हारी, वहां कैंडिडेट बदले
कांग्रेस ने भिवानी से हिसार-सिरसा तक की बागड़ बेल्ट में लोकसभा की तरह विधानसभा में भी दबदबा कायम रखने के लिए 9 नए चेहरे उतारे हैं। उसने बाढ़डा, दादरी, नलवा, लोहारू, बवानीखेड़ा, सिरसा, ऐलनाबाद, आदमपुर और हांसी सीट पर चेहरे बदले हैं। 2019 में कांग्रेस यह सारी सीटें हार गई थीं। इस बेल्ट की तीन सीटों- उकलाना (SC), नारनौंद व भिवानी में कैंडिडेट का इंतजार है। बांगर बेल्ट: धुरंधरों पर भरोसा
बांगर बेल्ट के जींद और कैथल जिलों में पार्टी ने दिग्गजों पर भरोसा जताया है। जींद शहर को साधने के लिए उसने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महाबीर गुप्ता पर भरोसा जताया है। कैथल जिले की दो सीटों पर अपने सांसदों जयप्रकाश जेपी और रणदीप सुरजेवाला के बेटों को उतारा है। इस एरिया में कांग्रेस खोई जमीन वापस पाने की तलाश में है। दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल: 7 टिकट रिपीट, 5 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के दूसरे मजबूत गढ़ दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल पर भी खास फोकस किया है। 2014 और 2019 में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहम रोल इसी इलाके का रहा। इस बार कांग्रेस इसे तोड़ने की कोशिश करती नजर आ रही है। अहीरवाल भाजपा नेता राव इंद्रजीत का गढ़ माना जाता है इसलिए कांग्रेस ने उनके भाई राव यादवेंद्र सिंह का टिकट काट दिया। इस इलाके की 7 सीटों पर कांग्रेस ने टिकट रिपीट किए हैं वहीं 5 जगह कैंडिडेट बदले हैं। यहां की सोहना सीट का टिकट अभी पेंडिंग है।